Posted on 09 February 2018 by admin
लखनऊ: 09 फरवरी, 2018
उद्योगों एवं वाणिज्यिक कनेक्शन के लिये उपभोक्ताओं को अब अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु, विद्युत सुरक्षा निदेशालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेगे। निदेशालय ने इसके लिये आॅनलाइन आवेदन हेतु पोर्टल चालू किया है। अब 440 वोल्ट के ऊपर के अधिष्ठापन, मीडियम अधिष्ठापन (230.650) उच्चवोल्ट अधिष्ठापन तथा 230 वोल्ट के नीचे के विद्युत अधिष्ठापन के लिये अनापत्ति प्रमाण पत्र की जरूरत होती है। अभी तक इस तरह के अनापत्ति के लिये उपभोक्ता को निदेशालय में निस्तारण हेतु सम्पर्क करना पड़ता था। यह जानकारी ऊर्जा मंत्री श्री कान्त शर्मा ने शक्ति भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में दी है। उन्होंने बताया कि विद्युत सुरक्षा निदेशालय ने इन आवेदनों की सम्पूर्ण प्रक्रिया आनलाइन कर दी है।
समीक्षा बैठक में ऊर्जा मंत्री ने सुरक्षा निदेशालय को 1912 हेल्पलाइन से जोड़ने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अभी तक सुरक्षा निदेशालय की इमेज बहुत खराब है इसे बेहतर बनाने के लिये यह जरूरी है कि हर स्तर पर अधिकारियों की जवाबदेही हो तथा सारी प्रक्रिया आॅन लाइन हो। उन्होंने अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिये समय सीमा को कम करने के भी निर्देश दिये।
समीक्षा के दौरान श्री शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 21 व 22 फरवरी को प्रदेश की राजधानी में आयोजित होने वाली इन्वेस्टर्स समिट के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाये। इसके साथ ही ऐतिहासिक तथा प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों, बाजारों एवं अन्य दर्शनीय स्थलों के आस-पास ट्राॅन्सफार्मर, जर्जर तारों, विद्युत पोलों को इस तरह से सजाया जाय, जो आकर्षक लगे।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आम आदमी को बिजली के कनेक्शन आसानी से सुलभ हो इसके लिए व्यापक प्रबन्ध किये जाये और जटिल प्रक्रियाओं का सरलीकृत करके आम जनता को सुविधा पहुंचायी जाये। इसके साथ ही पूरे लखनऊ में जहां पर तार लूज है उन्हें ठीक किये जाये।
प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री आलोक कुमार ने बताया कि आवेदक को सुरक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर जाकर अपना आवेदन लोड करना होगा। उसके बाद आवेदक को तत्काल एस0एम0एस0 से सूचना प्राप्त हो जायेगी। निरीक्षण की तिथि की सूचना भी एस0एम0एस0 से आवेदक को मिलेगी और सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्णकर 20 दिन में अनापत्ति प्रमाण पत्र भी आॅनलाइन आवेदक के पास पहॅुच जायेगी। यदि किसी भी कारण से उसे 20 दिन में अनापत्ति नहीं मिलेगी तो उच्चाधिकारियों को आॅनलाइन इसकी सूचना प्राप्त हो जायेगी कि निश्चित समयावधि में यह आवेदन पर कार्यवाई पूर्ण नहीं हुयी। इस तरह उच्चाधिकारियों द्वारा विभाग की माॅनीटरिंग आसान होगी। उन्होंने बताया कि सुरक्षा निदेशालय की निदेशक शुभ्रा सक्सेना खुद इस पोर्टल की माॅनीटरिंग कर इसे और प्रभावी बनानें में लगी हुयी है।
प्रमुख सचिव ऊर्जा ने कहा कि सुरक्षा निदेशालय की इस प्रक्रिया से भ्रष्टाचार की सम्भावना पर रोक लगेगी। आवेदक को बिना परेशानी के घर पर ही अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त होगा। सुरक्षा निदेशालय उद्योगों और व्यापारिक संस्थाओं को चार तरह की अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करता है। इस अनापत्ति के लिये आवेदक को बहुत परेशानी उठानी पड़ती थी।
समीक्षा बैठक के दौरान प्रबन्ध निदेशक श्रीमती अपर्णा यू0, सुरक्षा निदेशालय की निदेशक सुश्री शुभ्रा सक्सेना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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लखनऊ: 09 फरवरी, 2018
प्रदेश सरकार आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें सुलभ कराने एवं संक्रामक रोगों की रोकथाम हेतु संकल्पबद्ध है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा डेंगू, चिकनगुनिया एवं स्वाइन फ्लू की रोकथाम हेतु वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिये इक्कीस करोड़ चार लाख पचपन हजार रूपये की वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गयी हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अनुसार डेंगू, चिकनगुनिया एवं स्वाइन फ्लू की रोकथाम हेतु समुचित धनराशि की व्यवस्था की गयी है, जिससे इसका बेहतर उपयोग कर मरीजों को इन बीमारियों के संक्रमण से बचाया जायेगा।
स्वीकृत धनराशि का उपयोग पूर्ण पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित किये जाने के साथ ही धनराशि जिस मद हेतु स्वीकार की गयी है, उसी मद में उसका पूर्ण उपयोग किये जाने के निर्देश महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं को दिये गये हैं।
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163.92 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति जारी
लखनऊ: 09 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार ने खजनी (जनपद गोरखपुर) में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण की लागत को पुनरीक्षित कर दिया है। अब इसकी निर्माण लागत एक करोड़ तिरसठ लाख बानबे हजार रूपये हो गई है, जिसकी प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति निर्गत कर दी गई है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में आवश्यक आदेश जारी कर दिये गये हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण के लिये अब तक कुल इक्यानबे लाख दस हजार रूपये की वित्तीय स्वीकृति निर्गत की जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं को इस केन्द्र के भवन निर्माण हेतु कार्य की गुणवत्ता एवं मानकों की जिम्मेदारी दी गयी है। वह यह सुनिश्चित करेंगे कि भवन निर्माण का कार्य तकनीकी स्वीकृति प्राप्त होने के बाद शुरू किया जाय। भवन का निर्माण कार्य प्रारम्भ करने से पहले मानचित्रों को आवश्यकतानुसार प्रशासकीय विभाग द्वारा स्थानीय विकास प्राधिकरण अथवा सक्षम स्थानीय अथाॅरिटी से स्वीकृत कराने के निर्देश भी दिये गये हैं।
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लखनऊ: 09 फरवरी, 2018
प्रदेश सरकार द्वारा मिलावटी और नकली शराब की रोकथाम के लिए चल रही शराब और बीयर की बोतलों पर होलोग्राम लगाने की व्यवस्था समाप्त कर नवीन तकनीकीयुक्त सुरक्षा प्रणाली लागू की जाएगी।
यह जानकारी प्रमुख सचिव आबकारी श्रीमती कल्पना अवस्थी ने दी। उन्होंने बताया कि नवीन तकनीकीयुक्त सुरक्षा प्रणाली की व्यवस्था करने हेतु ट्रैक एण्ड ट्रेस प्रणाली का साफ्टवेयर एन0आई0सी0 के द्वारा विकसित कर क्रियान्वित किया जाएगा। यह प्रणाली निर्माण इकाइयों से लेकर उपभोग तक मदिरा के संचरण को ट्रैक करेगा। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था का सुचारू संचालन आबकारी आयुक्त द्वारा विनियमित किया जायेगा।
श्रीमती कल्पना अवस्थी ने बताया कि अब तक प्रदेश की आसवनियों को प्रति होलोग्राम 37 पैसे प्रति बोतल दिये जाते थे। नई सुरक्षा प्रणाली में 15 पैसे प्रति बोतल का प्राविधान किया गया है। इस सम्बंध में आसवनियों को एन0आई0सी0 द्वारा विकसित साफ्टेवयर के आधार पर ई0आर0पी0 (इण्टरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) साफ्टवेयर की सूचना प्रस्तुत करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये हैं। इसके साथ ही आसवनियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि वह वर्तमान समय में अपने ई0आर0पी0 साफ्टवेयर की सूचना विभाग को तत्काल प्रेषित करें तथा एन0आई0सी0 द्वारा विकसित किये जा रहे साफ्टवेयर के आधार पर बार कोड आधारित तकनीक अपनाई जाए।
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कार्यालय समय 10 बजे से 05 बजे तक
रविवार अवकाश दिवस
लखनऊ 09 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार ने लोक सेवा आयोग अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग तथा उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में तात्कालिक प्रभाव से छः दिवसीय कार्य दिवस सप्ताह लागू कर दिया है।
इस संबंध में मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त परीक्षाओं के बैकलाग समाप्त करने तथा अन्य कार्यों को त्वरित गति से निस्तारित किये जाने के उद्देश्य से पांच दिवसीय कार्य सप्ताह को समाप्त करते हुए 06 दिवसीय कार्य सप्ताह लागू करने का निर्णय लिया गया है। फलतः सोमवार से शनिवार तक कार्य दिवस एवं कार्यालय समय पूर्वान्ह 10ः00 बजे से अपरान्ह 05ः00 बजे तक रहेगा।
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अब तक आश्रय गृहों में 78658 लोगों ने आश्रय लिया
लखनऊ 09 फरवरी , 2018
निदेशक सूडा श्री देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि 07 फरवरी 2018 को 1659 शहरी गरीबों ने शेल्टर होम की सुविधाओं का लाभ उठाया। इसी प्रकार 18 दिसम्बर, 2017 से 07 फरवरी, 2018 तक कुल 369 शैल्टर होम (आश्रय गृह) में कुल 78658 शहरी गरीबों ने निवास किया।
निदेशक, सूडा-उ0प्र0 श्री देवन्द्र कुमार पाण्डेय बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में समस्त सुविधाओं युक्त शैल्टर होम का संचालन किया जा रहा है, जिससे पूरे प्रदेश में कोई भी शहरी गरीब सड़क पर/फुटपाथ पर या अन्य किसी खुले स्थान पर सोने पर मजबूर न हो।
निदेशक, सूडा-उ0प्र0 ने बताया कि प्रदेश में कुल 169 स्थायी शैल्टर होम तथा 200 अस्थायी शैल्टर होम में शहरी गरीबों के रूकने की समुचित व्यवस्था की गयी है। श्री देवन्द्र कुमार पाण्डेय ने प्रदेश के शहरी गरीबों से यह अनुरोध किया है कि सरकार द्वारा चलाई जा रही शैल्टर होम की योजना लाभ उठायें एवं किसी भी दशा में खुले स्थान पर न सोयें।
प्रदेश सरकार द्वारा शैल्टर होम में रूकने के लिए पलंग, गद्दा, कम्बल, किचन, अलमारी, फस्र्ट ऐड बाक्स, स्नान घर, ठंड से बचाव हेतु अलाव तथा अन्य जरूरी सुविधाये उपलब्ध करायी जा रही है। परिवारों हेतु अलग से रूम उपलब्ध है तथा किचन में खाने-बनाने की भी सुविधा उपलब्ध है।
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प्राकृतिक आपदा, कालाजार से प्रभावित, वनटांगिया एवं मुसहर वर्ग
के परिवारों को निःशुल्क आवास मिलेगा
लखनऊ 09 फरवरी, 2018
राज्य सरकार ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में दैवीय आपदा एवं विशेष कठिनाई से आच्छादित, बेघर, जीर्ण-शीर्ण आवास और कच्चे घरों में निवास कर रहे गरीब परिवारों को निःशुल्क आवास उपलब्ध कराये जाने हेतु मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण लागू किये जाने के संबंध में विस्तृत शासनादेश जारी करते हुए में इसमें दिये गये बिन्दुओं के अनुसार कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये हैं।
प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री अनुराग श्रीवास्तव की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि प्रदेश में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण संचालित की जा रही है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा, कालाजार से प्रभावित, वनटांगिया एवं मुसहर वर्ग के परिवार, जापानी इन्सेफ्लाइटिस/ए0ई0एस0 से प्रभावित परिवार एवं प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की पात्रता से आच्छादित किन्तु सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना-2011 के आँकड़ों पर आधारित आवासीय सुविधा हेतु तैयार की गयी वर्तमान पात्रता सूची में सम्मिलित न हो पाने वाले अनेक परिवार आश्रय विहीन हैं या कच्चे तथा जर्जर आवासों में निवास कर रहे हैं।
ऐसे परिवारों को निःशुल्क आवास दिये जाने हेतु वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है। जारी शासनादेश में परिवारों की पात्रता का आंकलन करने हेतु मानकोें को निर्धारित किया गया है। इसके तहत सर्वेक्षण के उपरान्त यदि पांच मानकों में से एक से भी कवर होता है तो वह परिवार स्वतः ही पात्रता सूची में शामिल हो जायेगा और सर्वेक्षित परिवार के 13 मानकों में से किसी एक से भी आच्छादित होता है तो पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं होगा।
स्वतः पात्रता सूची में शामिल होने वाले मानकों में ऐसे परिवार हैं जो आश्रय विहीन, बेसहारा, भीख मांगकर जीवनयापन करने वाले परिवार/व्यक्ति, हाथ से मैला ढोने वाले परिवार/व्यक्ति, आदिम जनजाति समूह तथा वैधानिक रूप से मुक्त कराये गये बंधुआ मजदूर शामिल हैं। योजना के तहत मात्राकृत धनराशि के सापेक्ष आवास विहीनों को आवासों के आवंटन हेतु प्राथमिकताएं निर्धारित की गयी हैं।अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों हेतु पात्रता क्रम का निर्धारण किया गया है, जिसके तहत सैन्य कार्यवाही के दौरान मारे गये रक्षा सैनिक, अर्द्धसैनिक बलों के कर्मचारियों की विधवाएं/परिवार, अनुसूचित जाति, जनजाति के ऐसे परिवार जिनकी मुखिया विधवाएं अथवा एकल अविवाहित महिलाएं हों, दिव्यांग (शारीरिक एवं मानसिक) अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्ति, भूकम्प, चक्रवात, आग अथवा अन्य प्राकृतिक आपदाओं तथा मनुष्य द्वारा उत्पन्न आपदाओं जैसे दंगा पीड़ित या भूमिअर्जन के फलस्वरूप आवास विहीन हुए अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवार तथा अनुसूचित जाति/जनजाति के अन्य परिवार शामिल हैं।
शासनादेश के अनुसार सामान्य/अन्य वर्ग (अन्य पिछड़ा वर्ग को सम्मिलित करते हुए) के लाभार्थियों हेतु पात्रता क्रम निर्धारित किया गया है, जिसके तहत-सैन्य कार्यवाही के दौरान मारे गये रक्षा सैनिक/अर्द्धसैनिक बलों के कर्मचारियों की विधवाएं/परिवार, सामन्य जाति (अन्य पिछड़ा वर्ग को सम्मिलित करते हुए) के ऐसे परिवार जिनकी मुखिया विधवाएं अथवा एकल अविवाहित महिलाएं हों, दिव्यांग (शारीरिक एवं मानसिक) सामन्य/अन्य वर्ग के व्यक्ति, भूकम्प, चक्रवात, आग अथवा अन्य प्राकृतिक आपदाओं तथा मनुष्य द्वारा उत्पन्न आपदाओं जैसे दंगा पीड़ित या भूमिअर्जन के फलस्वरूप आवास विहीन हुए सामान्य/अन्य वर्ग के परिवार तथा सामान्य/अन्य वर्ग के अन्य परिवार शामिल हैं।
यह योजना शतप्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित है। आवास का आवंटन प्राथमिकता के आधार पर परिवार के महिला सदस्य अथवा संयुक्त रूप से पति/पत्नी के नाम किया जायेगा। यदि परिवार में महिला उपलब्ध न हो अथवा उसका देहान्त हो गया हो, तो मात्र पुरूष के नाम पर भी आवास आवंटन किया जा सकता है। आवास का क्षेत्रफल 25 वर्ग मीटर होगा, जिसमें रसोई के लिए भी स्थान चिन्हित होगा। आवास की लागत सामान्य क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपये तथा नक्सल प्रभावित जनपदों में 1.30 लाख होगी। लाभार्थिंयों को मनरेगा से 90 दिन का रोजगार दिये जाने की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। आवास के साथ शौचालय का निर्माण भी कराया जायेगा।
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लखनऊ 09 फरवरी, 2018
राज्य सरकार ने जनपद कानपुर देहात के सिकन्दरा विधान सभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित विधायक श्री अजीत सिंह पाल को उनके निर्वाचन क्षेत्र के विकास संबंधी कार्यों के लिए विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 की द्वितीय किश्त के रूप में 87.50 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त करने का निर्णय लिया है।
यह जानकारी प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास श्री अनुराग श्रीवास्तव ने आज यहां देते हुए बताया कि मुख्य विकास अधिकारी कानपुर देहात को इस संबंध में अग्रिम कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि सिकन्दरा विधान सभा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक श्री मथुरा पाल के निधन से रिक्त इस विधान सभा क्षेत्र को शून्य धनराशि अवमुक्त की गई थी। वर्तमान में इस विधान सभा क्षेत्र से श्री अजीत सिंह पाल विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। अतः वित्तीय वर्ष 2017-18 की द्वितीय किश्त की धनराशि 87.50 की धनराशि जारी किये जाने की अवश्यकता पायी गयी।
प्रमुख सचिव ने बताया कि श्री अजीत सिंह पाल मा0 विधायक की संस्तुति पर उनके क्षेत्र के विभिन्न विकास कार्यों के लिए यह धनराशि अवमुक्त किये जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि कानपुर देहात के मुख्य विकास अधिकारी द्वारा स्वीकृत की जा रही धनराशि की जानकारी तथा इससे संबंधित शासनादेश की प्रतिलिपि मा0 विधान सभा सदस्य को एक सप्ताह के अन्दर उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
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असहाय, अशक्त, वृद्ध, दिव्यांगजन तथा बीमार अन्त्योदय लाभार्थी को खाद्यान्न घर
तक पहुँचाने के निर्देश
लखनऊ: 09 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार ने खाद्य सब्सिडी को लाभार्थियों के खाते में नकद अन्तरण योजना (डी0बी0टी0) को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किये जाने का निर्णय लिया है। इसके तहत जनपद फैजाबाद स्थित फैजाबाद-अयोध्या नगर निगम क्षेत्र तथा जनपद बागपत की तहसील खेकड़ा में डी0बी0टी0 योजना को शुरू किया गया है।
यह जानकारी खाद्य एवं रसद विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निवेदिता शुक्ला वर्मा ने दी। प्रमुख सचिव ने बताया कि अन्त्योदय योजना के शत-प्रतिशत लाभार्थियों को प्रत्येक माह की 25 तारीख तक खाद्यान्न वितरित कराये जाने के लिए पूर्व में निर्देश जारी किये जा चुके हैं। इसके तहत माह की 25 तारीख तक अन्त्योदय लाभार्थी के शारीरिक तौर पर अक्षम होने असहाय, अशक्त, वृद्ध, दिव्यांगजन तथा बीमार होने की दशा में यदि कार्डधारक लाभार्थी द्वारा खाद्यान्न प्राप्त नहीं किया गया हो, तो उसकेे सम्बन्ध में जिलाधिकारी द्वारा नामित पर्यवेक्षणीय टीम द्वारा कारणों का पता लगाते हुए प्रत्येक दशा में सम्बन्धित लाभार्थी को महीने के अन्त तक खाद्यान्न उचित दर के विक्रेता के माध्यम से उसके घर तक पहुँचाने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में ई-पाॅस मशीन के माध्यम से खाद्यान्न का वितरण कराये जाने की व्यवस्था की गयी है। इसके तहत नगरीय क्षेत्रों में अवस्थित 13,135 उचित दर विक्रेताओं के यहां ई-पाॅस मशीनंे स्थापित की गयी हैं। ई-पाॅस मशीनों के माध्यम से लाभार्थियों को पारदर्शी एवं शुचितापूर्ण ढंग से अंगूठा प्रमाणीकरण के उपरान्त निर्धारित मात्रा/मूल्य पर गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न का वितरण किया जाएगा। नगरीय क्षेत्रों की भांति ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगभग 67,000 दुकानों पर ई-पाॅस मशीन के माध्यम से अंगूठा प्रमाणीकरण के उपरान्त खाद्यान्न वितरित कराये जाने की योजना प्रगतिमान है तथा माह जून, 2018 से ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों में भी ई-पाॅस मशीन स्थापित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि अन्त्योदय अन्न योजना के तहत लाभार्थियों को हर महीने 35 कि0ग्रा0 खाद्यान्न, जिसमें 20 कि0ग्रा0 गेहूँ तथा 15 कि0ग्रा0 चावल का वितरण किये जाने की व्यवस्था की गयी हैै। पात्र गृहस्थी को प्रति यूनिट के हिसाब से 05 कि0ग्रा0 खाद्यान्न, जिसमें 03 कि0ग्रा0 गेहूँ तथा 02 कि0ग्रा0 चावल का वितरण किया जा रहा है।
श्रीमती वर्मा ने बताया कि कार्डधारकों को खाद्यान्न वितरण में शिकायत की स्थिति में विभागीय टोल फ्री नम्बर 1800-1800-150 या 1967 पर शिकायत दर्ज कराये जाने की सुविधा दी गयी है। जनपद स्तर पर जिला शिकायत निवारण अधिकारी के समक्ष हकदारी व खाद्य सुरक्षा भत्ता प्राप्त किये जाने की व्यवस्था की गयी है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के 80 हजार से अधिक विक्रेताओं के माध्यम से निर्धन एवं गरीब परिवारों को सस्ती दरों पर खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। प्रदेश के लगभग 3.37 करोड़ परिवार, जिसमें लगभग 14.90 करोड़ लाभार्थी सम्मिलित हैं, को 7,99,949. मी0टन (4,75,874.984 मी0टन गेहँू व 3,24,074.156 मी0टन चावल) खाद्यान्न का वितरण किया जा चुका है।
Posted on 09 February 2018 by admin
लखनऊ: 09 फरवरी, 2018
प्रदेश सरकार ने तात्कालिक प्रभाव से उप निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण श्री मधुरेन्द्र कुमार पर्वत को डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुर्नवास विश्वविद्यालय के कुल सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। उन्हें कुल सचिव की नियमित नियुक्ति होने तक यह प्रभार सौंपा गया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में श्री अखिलेन्द्र कुमार द्वारा यह कार्य देखा जा रहा था। प्रमुख सचिव, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, श्री महेश कुमार गुप्ता ने इस सबंध में आदेश जारी कर दिया है।