प्राकृतिक आपदा, कालाजार से प्रभावित, वनटांगिया एवं मुसहर वर्ग
के परिवारों को निःशुल्क आवास मिलेगा
लखनऊ 09 फरवरी, 2018
राज्य सरकार ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में दैवीय आपदा एवं विशेष कठिनाई से आच्छादित, बेघर, जीर्ण-शीर्ण आवास और कच्चे घरों में निवास कर रहे गरीब परिवारों को निःशुल्क आवास उपलब्ध कराये जाने हेतु मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण लागू किये जाने के संबंध में विस्तृत शासनादेश जारी करते हुए में इसमें दिये गये बिन्दुओं के अनुसार कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये हैं।
प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री अनुराग श्रीवास्तव की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि प्रदेश में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण संचालित की जा रही है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा, कालाजार से प्रभावित, वनटांगिया एवं मुसहर वर्ग के परिवार, जापानी इन्सेफ्लाइटिस/ए0ई0एस0 से प्रभावित परिवार एवं प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की पात्रता से आच्छादित किन्तु सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना-2011 के आँकड़ों पर आधारित आवासीय सुविधा हेतु तैयार की गयी वर्तमान पात्रता सूची में सम्मिलित न हो पाने वाले अनेक परिवार आश्रय विहीन हैं या कच्चे तथा जर्जर आवासों में निवास कर रहे हैं।
ऐसे परिवारों को निःशुल्क आवास दिये जाने हेतु वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है। जारी शासनादेश में परिवारों की पात्रता का आंकलन करने हेतु मानकोें को निर्धारित किया गया है। इसके तहत सर्वेक्षण के उपरान्त यदि पांच मानकों में से एक से भी कवर होता है तो वह परिवार स्वतः ही पात्रता सूची में शामिल हो जायेगा और सर्वेक्षित परिवार के 13 मानकों में से किसी एक से भी आच्छादित होता है तो पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं होगा।
स्वतः पात्रता सूची में शामिल होने वाले मानकों में ऐसे परिवार हैं जो आश्रय विहीन, बेसहारा, भीख मांगकर जीवनयापन करने वाले परिवार/व्यक्ति, हाथ से मैला ढोने वाले परिवार/व्यक्ति, आदिम जनजाति समूह तथा वैधानिक रूप से मुक्त कराये गये बंधुआ मजदूर शामिल हैं। योजना के तहत मात्राकृत धनराशि के सापेक्ष आवास विहीनों को आवासों के आवंटन हेतु प्राथमिकताएं निर्धारित की गयी हैं।अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों हेतु पात्रता क्रम का निर्धारण किया गया है, जिसके तहत सैन्य कार्यवाही के दौरान मारे गये रक्षा सैनिक, अर्द्धसैनिक बलों के कर्मचारियों की विधवाएं/परिवार, अनुसूचित जाति, जनजाति के ऐसे परिवार जिनकी मुखिया विधवाएं अथवा एकल अविवाहित महिलाएं हों, दिव्यांग (शारीरिक एवं मानसिक) अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्ति, भूकम्प, चक्रवात, आग अथवा अन्य प्राकृतिक आपदाओं तथा मनुष्य द्वारा उत्पन्न आपदाओं जैसे दंगा पीड़ित या भूमिअर्जन के फलस्वरूप आवास विहीन हुए अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवार तथा अनुसूचित जाति/जनजाति के अन्य परिवार शामिल हैं।
शासनादेश के अनुसार सामान्य/अन्य वर्ग (अन्य पिछड़ा वर्ग को सम्मिलित करते हुए) के लाभार्थियों हेतु पात्रता क्रम निर्धारित किया गया है, जिसके तहत-सैन्य कार्यवाही के दौरान मारे गये रक्षा सैनिक/अर्द्धसैनिक बलों के कर्मचारियों की विधवाएं/परिवार, सामन्य जाति (अन्य पिछड़ा वर्ग को सम्मिलित करते हुए) के ऐसे परिवार जिनकी मुखिया विधवाएं अथवा एकल अविवाहित महिलाएं हों, दिव्यांग (शारीरिक एवं मानसिक) सामन्य/अन्य वर्ग के व्यक्ति, भूकम्प, चक्रवात, आग अथवा अन्य प्राकृतिक आपदाओं तथा मनुष्य द्वारा उत्पन्न आपदाओं जैसे दंगा पीड़ित या भूमिअर्जन के फलस्वरूप आवास विहीन हुए सामान्य/अन्य वर्ग के परिवार तथा सामान्य/अन्य वर्ग के अन्य परिवार शामिल हैं।
यह योजना शतप्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित है। आवास का आवंटन प्राथमिकता के आधार पर परिवार के महिला सदस्य अथवा संयुक्त रूप से पति/पत्नी के नाम किया जायेगा। यदि परिवार में महिला उपलब्ध न हो अथवा उसका देहान्त हो गया हो, तो मात्र पुरूष के नाम पर भी आवास आवंटन किया जा सकता है। आवास का क्षेत्रफल 25 वर्ग मीटर होगा, जिसमें रसोई के लिए भी स्थान चिन्हित होगा। आवास की लागत सामान्य क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपये तथा नक्सल प्रभावित जनपदों में 1.30 लाख होगी। लाभार्थिंयों को मनरेगा से 90 दिन का रोजगार दिये जाने की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। आवास के साथ शौचालय का निर्माण भी कराया जायेगा।