सुरेन्द्र अग्निहोत्री, लखनऊ , 10 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित जी की अध्यक्षता में आज यहां बख्शी का तालाब स्थित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों को गृह प्रवेश की कुंजी तथा विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूहों को चेक एवं प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी ने मनुष्य को केन्द्र में रखकर लोकमंगल और लोककल्याण की अवधारणा दी तथा इस दिशा में कार्य प्रारम्भ किया। उन्होंने कहा कि आज का भारत गतिशील भारत है। केन्द्र एवं राज्य की वर्तमान सरकारें पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के सपनों को साकार करने के लिए कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की कर्मठता की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वे जनकल्याण और प्रदेशवासियों के जीवन को मधुमय बनाने हेतु सतत प्रयासरत है।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 11 फरवरी, 2018 को पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि है। वर्ष 1991 में इस संस्थान का नाम पण्डित जी के नाम पर रखा गया था। विगत 27 वर्षों में यहां पर उनकी मूर्ति अथवा किसी अन्य स्मारक की स्थापना नहीं हो सकी। पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर इस संस्थान में उनकी मूर्ति की स्थापना सराहनीय है।
योगी जी ने कहा कि पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी भारत माता के महान सपूत थे। प्रदेशवासियों का सौभाग्य है कि उनकी जन्मभूमि और परिनिर्वाण भूमि दोनों ही उत्तर प्रदेश में हैं। पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी एकात्म मानववाद के प्रणेता थे। उन्होंने अन्त्योदय की परिकल्पना को साकार करने वाली विचारधारा दी। राजनीति में शुचिता और पारदर्शिता का महत्व समझाने के साथ ही उन्होंने इसे मूल्यों और आदर्शों से जोड़ने का काम किया। पण्डित जी की विचारधारा पर चलकर प्रधानमंत्री जी ने दुनिया में भारतवर्ष की धमक कायम की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का संकल्प है कि वर्ष 2022 में जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा हो, तब देश गन्दगी और भ्रष्टाचार से मुक्त हो, सबके पास आवास हो, व्यक्तिगत शौचालय हो। समाज में परिवारवाद, जातिवाद, अलगाववाद, आतंकवाद के लिए स्थान न हो और एक ऐसे भारत का निर्माण हो, जो स्वस्थ, सशक्त, समर्थ, एक और श्रेष्ठ हो। उन्हांेंने कहा कि ऐसे भारत का निर्माण वस्तुतः पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के भारत की संकल्पना को साकार करना होगा।
योगी जी ने कहा कि राजनीति पर लोकनीति का नियंत्रण होना चाहिए। राजनीति लोक लुभावन नहीं, बल्कि लोककल्याणकारी होनी चाहिए। वर्तमान केन्द्र और प्रदेश सरकार इसी मंशा से गरीबों को उनका हक दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। प्रधानमंत्री जी ने 30 करोड़ जन-धन खाते खुलवाकर गरीबांे को मुख्यधारा में भागीदारी सुनिश्चित की है। साथ ही, डिजिटल ट्रांजेक्शन के माध्यम से भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और पारदर्शिता लाकर गरीबों के हितों का संरक्षण किया गया है।
कार्यक्रम में महिला स्वयंसेवी समूहों को चेक प्रदान किए जाने को महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के बिना समाज का सशक्तिकरण नहीं हो सकता। यदि प्रदेश के सभी 60 हजार गांवों में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित कर स्वरोजगार से जोड़ दिया जाए, तो यह देश और दुनिया के सामने महिला सशक्तिकरण का अद्भुत उदाहरण होगा। राज्य सरकार ने एक वर्ष से भी कम समय में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 8.85 लाख आवास गरीब परिवारों को मुहैया कराए हैं। देश और दुनिया में किसी योजना के तहत एक वर्ष के अन्दर सर्वाधिक आवास बनाए गए हैं।
योगी जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश संसाधनों के मामले में सौभाग्यशाली राज्य है। यहां ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र होने के साथ ही, यह राज्य पशुपालन, डेयरी, गन्ना आदि क्षेत्रों में अग्रणी है। प्रदेशवासी पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के सिद्धान्तों से प्रेरणा प्राप्त कर अपने संसाधनों का समुचित सदुपयोग करें, तो प्रदेश में विकास की क्रान्ति हो सकती है।
कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री जी ने पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम को ग्रामीण विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह, सांसद श्री महेन्द्रनाथ पाण्डेय, श्री विनय सहस्त्रबुद्धे ने भी सम्बोधित किया। प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री अनुराग श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया। सचिव ग्राम्य विकास श्री सुधेश ओझा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर सांसद श्री कौशल किशोर सहित जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।