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आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के लिए वरदान बनी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, शादी से लेकर उपहार तक के इंतजाम करा रही है सरकार - शलभ मणि त्रिपाठी

Posted on 10 February 2018 by admin

लखनऊ 10 फरवरी 2018, भारतीय जनता के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना वरदान साबित हो रही है। इस योजना के जरिए अलग-अलग जिलों में सरकारी खर्चे पर गरीब बेटियों की न सिर्फ धूमधाम से शादी कराई जा रही है बल्कि मुख्यमंत्री जी के आशीर्वाद के तौर पर उन्हें उपहार भी दिया जा रहा है। आनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए कोई भी अपने विवाह के लिए इस योजना में रजिस्ट्रेशन करा सकता है। सरकार अपने खर्चे पर ऐसे जोड़ों की शादी कराएगी। मानवीय संवेदनाओं से भरी इस योजना के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी साधुवाद के पात्र हैं। हर जिले में इस योजना को लेकर जरूरतमंद लोगों का रूझान देखने को मिल रहा है। समाज के लोगों को भी सरकार की इस शानदार योजना में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए और ऐसे परिवारों को चिन्हित कराने में अपना योगदान देना चाहिए जिनको इसकी जरूरत है।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के लिए बेटियों की शादियां हमेशा से एक चिंता का कारण रहती थीं। कई बार पैसे की कमी के चलते युवाओं की शादियां तक नहीं हो पाती थीं। इसे ही देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने सामूहिक विवाह योजना शुरू की है। इस योजना के तहत कोई भी आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर सामूहिक विवाह के इस अभियान का लाभ ले सकता है। अधिकारियों को भी निर्देश हैं कि वे सर्वे के आधार पर ऐसे परिवारों का चयन करें जो आर्थिक तौर पर कमजोर हैं और पैसों की कमी के चलते बच्चों का विवाह नहीं कर पा रहे हैं। खासतौर पर समाज कल्याण विभाग, जिलों के जिलाधिकारियों और नगर निगम व नगर पंचायतों के अधिशाषी अधिकारियों को ऐसे परिवारों को चिन्हित कर उनकी मदद करने का निर्देश दिया गया है।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि इस योजना के तहत हर जोड़े पर 35 हजार रूपए खर्च किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं उपहार के तौर पर घरेलू सामान और एक मोबाइल फोन भी दिया जा रहा है। शादी के लिए बेटियों को कपड़े और गहने भी सरकार की तरफ से दिए जा रहे हैं। सामूहिक विवाह के इस आयोजन में टेंट से लेकर भोजन और पेयजल तक का इंतजाम सरकार की तरफ से किया जा रहा है। इस विवाह योजना के जरिए विवाह कर रहे जोड़ों को आशीर्वाद देने के लिए अलग अलग जगहों पर जनप्रतिनिधियों के साथ ही साथ समाज के सम्मानित लोग भी आ रहे हैं। विवाह करने वाले जोड़े को बीस हजार रूपए का अनुदान भी दिया जा रहा है। प्रथम चरण में 71 हजार चार सौ बेटियों का विवाह कराने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें तीस प्रतिशत अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के, 35 फीसदी अन्य पिछड़े वर्ग के, 20 प्रतिशत सामान्य वर्ग के और 15 प्रतिशत अल्पसंख्यक वर्ग के शामिल होंगे। एक परिवार की कम से कम दो बेटियों का विवाह इस योजना के तहत हो सकता है।

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