Posted on 12 February 2018 by admin
लखनऊ 12 फरवरी 2018, देश में सत्तर साल के बाद सरकार की आर्थिक नीतियां आम आदमी के लिए खुशियों की सौगात लेकर आयी है। केन्द्र की भाजपा सरकार और देश के उन्नीस राज्यों में चल रही भाजपा की सरकारों की आर्थिक योजनाएं समाज के अंतिम व्यक्ति से आरंभ हो रही हैं। किसान युवा महिला और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के आधार पर देश की वित्तीय नीतियां तय हो रही है। पं. दीनदयाल जी ने अपने चिन्तन में आम मानव से जुड़ी जिन चिंताओं और समाधानों को समझाने का प्रयास आज से दशकों पहले किया था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश की आदित्य कर रही हैं। भारत और भारतीयता के संवाहक एवं संचारक के रूप दीन दयाल उपाध्याय के विचार किसी आदर्शलोक का दर्शन होने की बजाय व्यवहारिकता के धरातल पर बेहद मजबूती से टिकते नजर आते हैं। यह उदगार भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पं. दीनदयाल उपाध्याय की 50वीं पुण्यतिथि पर आयोजित व्याख्यांन माला में इटवा के विधायक एवं अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डा सतीश चंद्र द्विवेदी ने व्य्क्त किया।
डा. द्विवेदी ने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय द्वारा एकात्म मानववाद का विकल्प उस कालखंड में दिया गया जब देश में समाजवाद, साम्यवाद जैसी आयातित विचारधाराओं का बोलबाला था। भारत में भारतीयता को पुनर्जीवित करने वाली विचारधारा की बजाय समाजवाद एवं साम्यवाद जैसी आयातित विचारधाराओं का बोलबाला होना भारतीयता के लिए अनुकूल नहीं था। पंडित जी ने भारत की समस्या को भारत के सन्दर्भों में समझकर उसका भारतीयता के अनुकूल समाधान देने की दिशा में एक युगानुकुल प्रयास किया। पंडित जी मानते थे कि राष्ट्र के निर्माण और उसकी मजबूती में उसकी विरासत के मूल्यों का बड़ा योगदान होता है। देश के आम जन जीवन की बेहतरी, आम जन-जीवन की सुरक्षा, आम जनता को न्याय आदि के संबंध में एक समग्र चिन्तन अगर किसी एक विचारधारा में मिलता है तो वो एकात्म मानववाद का विराट दर्शन है। पंडित जी द्वारा प्रदिपादित इस विचार दर्शन में ‘एकात्म’ का आशय अविभाज्य अथवा एकीकृत अवधारणा से है। वहीं मानववाद से आशय यह है कि सबकुछ मानव मात्र के कल्याण हेतु संचालित हो।
उन्होंने कहा कि समय की जरूरत थी कि, पंडित दीन दयाल जी द्वारा देश के राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक विकास की दिशा में दिए गये विचार दर्शन को सरकार की नीतियों में प्रमुखता से शामिल किया जाय। जब पंडित जी स्व की बात कर रहे थे तो उनका स्पष्ट दृष्टिकोण राष्ट्र की बहुमुखी आत्मनिर्भरता को स्थापित करना था। तत्कालीन दौर बेशक तकनीक के दौर वाले आधुनिक भारत से बेहद अलग था, मगर उनके स्व की अवधारणा का अगर मूल्यांकन करें तो उनकी दृष्टि में एक सक्षम भारत का भावी था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम कर रही भारत सरकार उसीदृष्टि को अपनी नीतियों में प्रमुखता से लागू कर रही है। आत्मनिर्भरता से अन्त्योदय की राह निकालने की दृष्टि के साथ काम कर रही भाजपा-नीत केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं में अंतिम कतार के व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प और प्रतिबद्धता साफ दिखती है।
अगर हम केंद्र सरकार के एक कार्यक्रम मेक इन इण्डिया को ही उदाहरण के तौर पर लें तो यह कार्यक्रम वैश्वीकरण के इस दौर में भारत को निर्माण एवं रोजगार के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होने वाला कार्यक्रम है। सरकार उज्व् आतला योजना हर गरीब आदमी के घर को विकास की राह पर लाने वाली योजना है। हर गांव में बिजली देने की बात करना सरकार द्वारा पंडित जी के विचारों को जाग्रत करना ही माना जा रहा है। वर्तमान में जब केंद्र में उसी दल की सरकार है जिसकी नींव की पहली ईंट रखने में दीन दयाल उपाध्याय जी का महती योगदान था तो उनके विचारों का सरकार की नीतियों में व्यापक प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। स्टार्ट-अप, स्टैंड-अप जैसी योजनाओं के माध्यम से सरकार ने अंतिम व्यक्ति को सबल, सक्षम और स्वालम्बी बनाने की दिशा में कार्य को आगे बढ़ाया है।
व्याअख्यान माला के विशिष्ट अतिथि डा अभय मणि त्रिपाठी ने कहा कि, पंडित जी का स्पष्ट मानना था कि जो व्यक्ति आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं होता है वह राजनीतिक रूप से भी स्वतंत्र नहीं होता है। आज सरकार आम जन को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और स्वालम्बी बनाने की दिशा में जिन प्रयासों पर सतत काम कर रही है, वो वाकई इन्हीं विचारों से ओत-प्रोत नजर आते हैं। चूँकि भारत की अर्थव्यवस्था के मूल में कृषि है लिहाजा पंडित दीन दयाल उपाध्याय कृषि सुधारों पर खास जोर देने की बात करते थे। वे कृषि में भारतीय कृषि के अनुरूप आधुनिकता का प्रवेश भी चाहते थे। वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा कृषि सुधारों की दिशा में सॉयल हेल्थ कार्ड जैसी योजना को लाना यह प्रमाणित करता है कि सरकार कृषि सुधार को आधुनिक तकनीक के माध्यम से करने की दिशा में लगातार नवाचार कर रही है। पंडित जी ने सनातन भारतीय अर्थ चिंतन को एक युगानुकूल नाम दिया और उसे सहजता एवं सरलता के साथ लोगों को समझाने का प्रयास किया।
व्याख्यानमाला की अध्यक्षता करते हुए पार्टी के प्रवक्ता डा चंद्र भूषण पांडेय ने कहा कि पुनर्जागरण के बाद भारत में तीन स्वदेशी राजनीतिक चिंतन का जो विकास हुआ है उसका आधार कही न कही भारत की पुरातन परम्परा को अवशेष हैं। इन तीनों में संस्कृति और धर्म का व्यापक स्थान है। उन तीन राजनीतिक आर्थिक चिंतन में गांधी, लोहिया और दीनदयाल का नाम आता है। इन तीनों चिंतन में भौतिक समृद्धि के साथ ही साथ आध्यात्मिक उन्नयन का भी समावेश है। यह तीनों चिंतन व्यक्ति को पूर्ण रूप से विकसित करने का चिंतन है। मैं तीनों ही चिंतन को समान मानता हूं लेकिन दीनदयाल जी का कालखंड बाद तक रहा और उनको अपने चिंतन को विकसित करने का थोड़ा समय भी ज्यादा मिला इसलिए इसे अन्य दो की अपेक्षा दीनदयाल जी को आधुनिक कहा जा सकता है।
भाजपा के मुखपत्र कमल ज्योति द्वारा आयोजित तीन दिन के इस व्याख्यान माला का संचालन कमल ज्योति के प्रबंध संपादक राजकुमार ने किया। व्याख्यान माला में धर्मेन्द्र त्रिपाठी, शैलेन्द्र पांडेय, एडवोकेट परमिंदर सिंह, समीर तिवारी, इन्द्जीत आर्य,राजेश पांडेय, संजय गौड, श्रीकृष्ण दीक्षित, अर्पित पांडेय आशुतोष मिश्रा आदि मौजूद रहे।
Posted on 12 February 2018 by admin
(1) इलाहाबाद में की गई एक होनहार दलित एल.एल.बी. के छात्र की निर्मम हत्या यह गहरे दुःख व चिन्ता का विषय। पीड़ित परिवार के लोगांे से मिलने हेतु उत्तर प्रदेश बी.एस.पी. स्टेट यूनिट के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री श्री रामअचल राजभर को इलाहाबाद भेजा।
(2) सदियों से शोषित-पीड़ित दलित समाज जिसमें आज़ादी के लगभग 70 वर्षों के बाद भी उच्च शिक्षा नाम मात्र की ही है एक होनहार एल.एल.बी. छात्र की हत्या पूरे समाज के लिये ही बड़े दुःख व चिन्ता की बात है। इससे पूरा समाज आहत हुआ है।
(3) बीजेपी की संकीर्ण, जातिवादी व नफरत की राजनीति के कारण उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश का माहौल काफी ज़्यादा दूषित व हिंसक है। सर्वसमाज के ख़ासकर लिखे-पढ़े युवक रोजगार आदि नहीं मिल पाने के कारण कुण्ठा का शिकार हैं: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।
नई दिल्ली, 12 फरवरी 2018: इलाहाबाद में दलित लाॅ छात्र की निर्मम हत्या पर गहरा दुःख व्यक्त व संवेदना व्यक्त करते हुये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने कहा कि ऐसे सदियों से शोषित-पीड़ित दलित समाज, जिसमें आज़ादी के लगभग 70 वर्षों के बाद भी उच्च शिक्षा नाम मात्र की ही है, के एक होनहार एल.एल.बी. छात्र की हत्या पूरे समाज के लिये ही बड़े दुःख व चिन्ता की बात है। इस घटना से पूरा समाज आहत हुआ है।
वास्तव में इलाहाबाद में दलित छात्र की इस प्रकार की नृशंस हत्या उत्तर प्रदेश बीजेपी शासन में कोई यह अकेली नई घटना नहीं है बल्कि ऐसी दर्दनाक घटनायें लगातार ही घटित हो रही हैं और उसके लिये कोई और नहीं बल्कि बीजेपी की संकीर्ण, जातिवादी व नफरत की राजनीति पूरी तरह से दोषी है जिस कारण ही उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में ही माहौल काफी ज़्यादा दूषित व हिंसक है। सर्वसमाज के ख़ासकर लिखे-पढ़े युवक रोजगार आदि नहीं मिल पाने के कारण कुण्ठा का शिकार हैं और जिस कारण विभिन्न प्रकार के अपराध हर स्तर पर लगातार बढ़ रहे हैं तथा समाज का तानाबाना भी बिखऱ रहा है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि दिलीप सरोज नामक जिस छात्र की हत्या अकारण ही खुलेआम कर दी गयी है उस परिवार की भरपाई किसी रूप में भी नहीं हो सकती है, फिर भी परिवार को सान्तवना की सख़्त जरूरत है जिसके लिये उन्होंने बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश यूनिट के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री श्री रामअचल राजभर को स्थानीय बी.एस.पी. पार्टी यूनिट के लोगों के साथ जाकर परिवार से मिलने का निर्देश दिया है ताकि उनकी यथासम्भव मदद की जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को भी दोषियों को सख़्त सज़ा देने के साथ-साथ पीड़ित परिवार की भी जरूर मदद करनी चाहिये।
Posted on 12 February 2018 by admin
आगरा : आरोही संस्था के मिस्टर आगरा 2018 के सीजन-6 के ऑडिशन C-9 रेस्टोरेंट के ऑडिटोरियम में आयोजित हुए। ऑडिशन का शुभारंभ सेल्स टैक्स एडिशनल कमिशनर पुनीत अग्निहोत्री, जॉन पॉल व व्यवसायी मनोज अग्रवाल ने सरस्वती माँ के समक्ष दीप प्रज्वलन कर ऑडिशन कर शुरुवात की। ऑडिशन में निर्णायक मण्डल में अभिनेता अमित सिंह, आईआईएफटी के निर्देशक विनीत बवनिया, मोनिका अग्रवाल, रुपिंदर कौर शामिल रही|
संस्था निर्देशक अमित तिवारी ने बताया की मिस्टर आगरा सीजन-6,के लिए 6 प्रतिभागियों का चयन किया गया। ऑडिशन में लगभग 40 से 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस आयोजन के स्पेशल सीक्वेंस के लिए फबीबी, बिग बाजार का समर स्प्रिंग कलैक्शन को दर्शाया जाएगा। जिसमे 2 मेल मॉडल्स के राउंड होंगे, 2 फीमेल्स मॉडल्स के राउंड होंगे और किड्स के भी 2 राउंड होंगे।
मिस्टर आगरा कॉन्टेस्ट का ग्रैंड फिनाले 15 फरवरी को अशोक कॉसमॉस मॉल में आयोजित किया जाएगा| जिसमे बतौर मुख्यातिथि मिस रशिया एना जूलिया शामिल होंगी। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शैलेन्द्र सिंह, डॉ ललितेश यादव, लखन सिंह कुशवाह, शेर सिंह, धनंजय सिंह, विक्रम जैन आदि मौजूद रहे।
Posted on 12 February 2018 by admin
लखनऊ। गोमती नगर स्थित कार्यालय में सोमवार को एक प्रेसवार्ता का आयोजन हुआ। जिसमें वरिष्ठ शायर व
पुलिस अधिकारी मो. अली साहिल की गजलों की डीवीडी लांच होने के सन्दर्•ा में अवगत कराया गया।
इस अवसर पर रफत इंटरटेनमेंट पिक्चर्स के निदेशक व अ•िानेता शारिक शकील और वरिष्ठ शायर मो. अली
साहिल ने संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए बताया कि गुलशन कुमार सुपर कैसेट्स लि. टी सीरिज ने
उनकी 6 गजलों को चुना है, जिसका विजुअल •ाी तैयार किया गया है। इसकी लॉचिंग 15 फरवरी 2018 को संत
गाडगे प्रेक्षागृह, गोमती नगर लखनऊ में करेंगे। मो. साहिल ने बताया कि इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के उप
मुख्यमंत्री और कई मा. कबीना मंत्रियों को •ाी आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा टी सीरिज के सीनियर
डायरेक्टर/महाप्रबंधक श्री वेद चनाना, वरिष्ठ फिल्म निदेशक श्री मुज्जफर अली, प्रदेश के डीजीपी श्री ओपी सिंह,
आईजी श्री नवनीत सिकेरा, आईजी श्री आरके चतुर्वेदी, प्रो. शारिक रूदौलवी, आईएएस श्री डॉ. हरिओम, पूर्व डीजी श्री
एके जैन, पूर्व डीजी श्री रिजवान अहमद, रिटायर आईएएस श्री अनीस अंसारी और गणमान्य अतिथि मौजूद रहेंगे।
इस अवसर पर रफत इंटरटेनमेंट पिक्चर्स के निदेशक शारिक शकील व अ•िानेत्री अर्चना सिंह ने बताया कि इस
कार्यक्रम का शु•ाारम्•ा शाम को छह बजे से किया जाएगा, जिसमें गजलों की फिल्मों का प्रदर्शन व सांस्कृतिक
कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ-साथ गजल गायन का कम •ाी होगा। इस सम्बन्ध में वरिष्ठ शायर मो. अली साहिल
ने बताया कि 6 गजलों की डीवीडी की लॉच की जाएगी, जिसमें तेरी सूरत मुो बताती है टाइटिल सांग को स्वयं
उन्होंने ही आवाज दी है। इसके साथ ही मुाको ऐसा इश्क, दिल तुो रोक रहा है, ऐसा नही सलाम किया और गुजर
गए इन तीन गजलों को आवाज प्रदीप अली ने दी। साथ ही काश ऐसा कमाल हो जाए को गायक कमाल खान व क्या
कहे किससे कहे को सचिन चौहान ने आवाज दी है। मो. साहिल ने बताया कि इन गजलों की शूटिंग मेें नैनीताल,
अल्मोड़ा, रानीखेत की खूबसूरत वादियों के साथ-साथ, गोवा, मुम्बई और लखनऊ की नजाकत को •ाी दिखाया गया
है। इस गजल एलबम को प्रोडूयस किया है जुनैद सिद्दकी ने, एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर रफत इंटरप्राइजेज, गायन मो.
अली साहिल, संगीत सचिन चौहान, वीडियो प्रोडेक्शन जेवी विजन। इस कार्यक्रम का संयोजक रफत इंटरटेनमेंट
पिक्चर व एमजे एडवरजाइजर व इवेंट गोल्डेन फ्रेड्स और मीडिया पार्टनर मीडिया फोटो ग्राफर क्लब है।
Posted on 11 February 2018 by admin
(1) बहुजन समाज पार्टी मध्य प्रदेश यूनिट के पदाधिकारियों व ज़िम्मेदार कार्यकर्ताओं की लम्बी बैठक में सुश्री मायावती जी द्वारा एम.पी. में पार्टी संगठन की तैयारियों व सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को मज़बूत बनाने के साथ-साथ इसी वर्ष वहाँ होने वाले विधानसभा आमचुनाव को पूरी तैयारी के साथ लड़ने के सम्बन्ध में गहन चर्चा तथा इनको और ज़्यादा मुस्तैदी से कार्य करने के लिये ख़ास दिशा-निर्देंश।
(2) मध्य प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार द्वारा खासकर दलितों, पिछड़ों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों आदि के साथ-साथ किसान वर्ग के साथ भी बर्बर व्यवहार।
(3) कानून-व्यवस्था की भी हालत मध्य प्रदेश में काफी ज्यादा ख़राब व भ्रष्टाचार का बोलबाला। माफिया तत्व सरकारी अधिकारियों पर भी हमले कर रहे हैं जो वहाँ व्याप्त जंगलराज को साबित करता है।
(4) व्यापम खूनी घोटाला काण्ड में लिप्त बीजेपी के शक्तिशाली लोगों को हर प्रकार से बचाने का प्रयास अभी भी लगातार जारी है।
(5) चुनाव में वी.वी.पी.ए.टी. अर्थात फोटोयुक्त पर्ची पहचान की व्यवस्था को लागू करने का स्वागत परन्तु काफी सचेत रहने की जरूरत क्योंकि सत्ता खोने से आशंकित बीजेपी व केन्द्र में इस पार्टी की सरकार चुनावी धांधलियों के लिये किसी भी स्तर तक जा सकती है: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।
लखनऊ, 11 फरवरी 2018: बहुजन समाज पार्टी मध्य प्रदेश स्टेट यूनिट के समस्त वरिष्ठ पदाधिकारियों व ज़िम्मेदार कार्यकर्ताओं की आज यहाँ हुई लम्बी बैठक में बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने वहाँ एम.पी. में पार्टी संगठन की तैयारियों व सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को मज़बूत बनाने के साथ-साथ इसी वर्ष वहाँ होने वाले विधानसभा आमचुनाव को पूरी तैयारी के साथ लड़ने के सम्बन्ध में गहन चर्चा की तथा इन कार्यों को और ज़्यादा तेज़ी व मुस्तैदी से करने के लिये ख़ास दिशा-निर्देंश दिये।
इस बैठक में ज़मीनी स्तर की पार्टी गतिविधियों का ज़रुरी फीडबैक प्राप्त करने के बाद पार्टी प्रमुख सुश्री मायावती जी ने कुछ आवश्यक निर्णयों की घोषणा की और कहा कि मध्य प्रदेश कृषि प्रधान राज्य है और राज्य सरकार की प्राथमिकता किसान व मजदूर हितैषी होना चाहिये परन्तु वहाँ बीजेपी के शासनकाल में ख़ासकर किसान व खेतिहर मजदूर वर्ग के लोग सबसे ज़्यादा दुःखी व परेशान हैं तथा वे लोग जब अपनी माँगों के समर्थन में आन्दोलन हेतु सड़क पर उतरते हैं तो तब उन्हें सरकार अपनी निरंकुशता व जुल्म-ज्यादती का शिकार बनाती है, जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।
मध्य प्रदेश राज्य में भी बीजेपी की सरकार खासकर यहाँ दलितों, पिछड़ों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों आदि के साथ-साथ किसान वर्ग के साथ भी बर्बर व्यवहार कर रही है। इतना ही नहीं बल्कि आर.एस.एस. की संकीर्ण, नफरत व विघटनकारी सोच को सर्वसमाज के लोगों पर जबर्दस्ती थोपने के लिये संविधान व कानून को पूरी तरह से ताक पर रख दिया गया है और इस प्रकार सरकारी मशीनरी का घोर दुरूपयोग करके हर गलत व घृणित मामले में गुजरात बीजेपी सरकार की नकल करने की कोशिश की जाती रही है ताकि वहाँ के मुख्यमंत्री की अपनी कुर्सी हर हालत में बची रहे।
इसके साथ ही मध्य प्रदेश में कानून-व्यवस्था की भी हालत अच्छी नहीं है। माफियाओं की हिम्मत इतनी ज्यादा बढ़ गयी हैं कि वे अधिकारियों पर भी हमले कर रहे है जो वहाँ व्याप्त जंगलराज को साबित करता है। इसके अलावा भ्रष्टाचार का काफी ज़्यादा बोलबाला है। व्यापम खूनी घोटाला इसका ख़ास उदाहरण है जिसमें सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के शक्तिशाली लोगों को हर प्रकार से बचाने का प्रयास अभी भी लगातार जारी है। भ्रष्टाचार को सरकारी कामकाज की एक सामान्य गतिविधि मानकर चला जा रहा है जिस कारण आमजनता का शोषण व उत्पीड़न आम बात हो गई है। सर्वसमाज के लोग बीजेपी की वर्तमान सरकार से काफी ज्यादा दुःखी है और इसी कारण वहाँ मध्य प्रदेश में विभिन्न स्तर पर होने वाले चुनाव व उपचुनावों में उन्होंने बीजेपी को बुरी तरह से हराया भी है जो आने वाले समय के लिये शुभ संकेत है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार के ख़िलाफ ऐसे माहौल में आगामी विधानसभा आमचुनाव में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ई.वी.एम.) के माध्यम से बीजेपी द्वारा चुनावी धांधली कराने की आशंका और ज्यादा बढ़ गई है। लेकिन इस सम्बन्ध में एक अच्छी बात यह हुई है कि बी.एस.पी. की सुनवाई के दौरान माननीय सुप्रीम कोर्ट ने वी.वी.पी.ए.टी. अर्थात फोटोयुक्त पर्ची पहचान की व्यवस्था को लागू करने का आदेश दिया है। इससे बीजेपी द्वारा धांधलियों पर थोड़ा अंकुश लगने की उम्मीद की जा सकती है। फिर भी इस पर पैनी नजर रखने की ज़रूरत है क्योंकि पूरा देश आशंकित है कि बीजेपी व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार चुनावी धांधलियों के लिये किसी भी स्तर तक जा सकती है। वैसे भी सरकारी मशीनरी का हर स्तर पर घोर दुरूपयोग तो बीजेपी के लिये अपराध ना होकर एक आम बात होकर रह गई है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान की तरह ही दूसरे पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में भी बीजेपी की जनविरोधी सरकार जाने वाली है। वहाँ होने वाले इस सुखद परिवर्तन में बी.एस.पी. को अपनी ख़ास भूमिका निभानी है। बी.एस.पी. की स्थिति उन राज्यों में इतनी मजबूत रही है कि वह बैलेन्स आफ पावर बन सके। इसको थोड़ी और गति प्रदान करने ज़मीनी हकीकत में बदलने की जरूरत है। आगामी चुनाव में बी.एस.पी. को मिशनरी लोगों को ही आगे बढ़ाना होगा ताकि वे लोग जीतने के बाद अपने निजी स्वार्थ के कारण बिकने वाले ना बन जायें।
Posted on 11 February 2018 by admin
एकात्म मानववाद के प्रणेता, दरिद्रनारायण के उपासक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की 50वीं पुण्यतिथि पर गत वर्षों की भाँति लखनऊ में रायबरेली रोड पर पी०जी०आईo के निकट स्थित दीनदयाल पार्क में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री वीरेन्द्र तिवारी ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की
लखनऊ 11 फरवरी 2018, जनसंघ से भाजपा तक के पुरोधा एकात्म मानववाद के प्रणेता, दरिद्रनारायण के उपासक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की 50वीं पुण्यतिथि पर गत वर्षों की भाँति लखनऊ में रायबरेली रोड पर पी०जी०आईo के निकट स्थित दीनदयाल पार्क में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री वीरेन्द्र तिवारी ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि, विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की । भाजपा नेता श्री तिवारी ने कहा कि हम सबके पंडित दीनदयाल जी अंत्योदय के सिद्धांत पर चलने राष्ट्र और समाज के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले त्यागी सन्यासी युग पुरुष थे जिनकी परिकल्पना जातिवाद मुक्त, एक भारत-श्रेष्ठ भारत, अखण्ड भारत की स्थापना था, जिसको साकार करने में उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी । उन्होंने कहा कि वर्तमान में केंद्र की श्री मोदी जी एवं प्रदेश की भाजपा सरकार उनके बताये हुए रास्ते पर चलते हुए समाज के सबसे पिछड़े, निर्धनों, दलितों, शोषितो, महिलाओं, युवाओं के विकास के लिए कार्य कर रही है । इस अवसर पर लखनऊ, गोसाई नगर पंचायत अध्यक्ष निखिल मिश्रा”टोटी”, भाजपा मंडल प्रभारी संजय तिवारी”बबलू”, जिला प्रतनिधि अरविन्द दीक्षित, सूर्यकान्त अवस्थी, विनय मिश्रा, संजीव तिवारी, धीरज सिंह, रंजीत सिंह, रामेन्द्र श्रीवास्तव”रामू” राजेश शर्मा, दुर्गेश सिंह, नवनीत सिंह, पवन दीक्षित, सूरज रावत, सुनील रावत, करुणा शंकर सहित काफी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता-पदाधिकारी उपस्थित थे |
Posted on 11 February 2018 by admin
लखनऊ 11 फरवरी 2018, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय 12 फरवरी को लखनऊ रहेंगे। प्रदेश अध्यक्ष वाराणसी से सुबह 5ः50 बजे चारबाग रेलवे स्टेशन लखनऊ पहुॅचेगें तथा 6ः15 बजे दिलकुशा कालोनी आवास पहुॅचेगे। प्रदेश अध्यक्ष कल दोहपर 11 बजे से 2 बजे तक प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं से भेंट तथा सायं 3 बजे प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
Posted on 11 February 2018 by admin
लखनऊ 11 फरवरी 2018, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक कल 12 फरवरी को 3 बजे प्रदेश मुख्यालय पर होगी। यह जानकारी देते हुए प्रदेश मीडिया प्रभारी हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय जी तथा प्रदेश महामंत्री (संगठन) मा0 सुनील बंसल कल 12 फरवरी को प्रदेश पदाधिकारियों की नई टीम को सम्बोधित करेंगे। बैठक 3 बजे आह्त की गई है जिसमें संगठनात्मक विषयों पर चर्चा होगी।
Posted on 10 February 2018 by admin
राज्यपाल की अध्यक्षता में सभी कुलपतियों ने शिरकत की
शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिये नकलविहीन परीक्षा कराने के लिये प्रभावी व्यवस्था की जाये- राज्यपाल
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लखनऊ: 10 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री राम नाईक की अध्यक्षता में आज छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के सीनेट हाल में उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय के कुलपतियों का सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में राज्य के सभी 28 विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव शिक्षा श्री संजय अग्रवाल, प्रमुख सचिव राज्यपाल सुश्री जूथिका पाटणकर, सचिव राज्यपाल श्री चन्द्र प्रकाश, सचिव तकनीकी शिक्षा श्री भुवनेश कुमार सहित, कृषि शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे। कुलपति सम्मेलन से पूर्व राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में नवनिर्मित स्वर्ण जयन्ती द्वार का लोकार्पण किया तथा प्रांगण में स्थित छत्रपति शाहूजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी।
राज्यपाल ने कुलपति सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि परीक्षाओं को सम्पन्न कराने में नकल एक बड़ी चुनौती है। शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिये नकलविहीन परीक्षा कराने के लिये प्रभावी व्यवस्था भी की जाये। सीसीटीवी के माध्यम से परीक्षा की माॅनिटरिंग की जाये। ससमय परीक्षा का संचालन हो तथा 30 जून, 2018 तक सभी विश्वविद्यालय अपना परीक्षाफल घोषित करें। उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन कार्य में अधिकाधिक पारदर्शिता लाने का प्रयास किया जाये। पूर्व में दीक्षान्त समारोह समय एवं नियमित रूप से न होने पर विद्यार्थियों को उपाधि मिलने में विलम्ब होता था। उन्होंने ने कहा कि परिणाम घोषित होने के बाद ई-गवनर्स के माध्यम से विश्वविद्यालय यह सुनिश्चित करें कि छात्रों को अंकतालिकाएं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर शीघ्रताशीघ्र उपलब्ध हों।
श्री नाईक ने कहा कि दीक्षान्त समारोह की वर्ष 2018-19 की समयसारिणी घोषित कर दी गई है। सत्र 2018-19 में सम्पन्न होने वाले सभी दीक्षान्त समारोह 15 नवम्बर, 2018 तक प्राथमिकता के आधार पर सम्पन्न हों। दीक्षान्त समारोह की सम्भावित तिथि 21 अगस्त, 2018 से 12 नवम्बर 2018 तक की समयसारणी सभी कुलपतियों को उपलब्ध करा दी गई है। दिसम्बर-जनवरी माह में खराब मौसम के कारण कई बार दीक्षान्त समारोह में उपस्थित होने में कठिनाई होती थी। विश्वविद्यालय शिक्षकों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने के लिये समीक्षा करते हुए प्रभावी कदम उठायें। उन्होंने कहा कि अध्यापकों के रिक्त पद भरने में लगने वाले समय को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा सेवानिवृत्त शिक्षकों को मानदेय के रूप में रखने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि छात्र संघ चुनाव लिंगदोह समिति के निर्देर्शों के अनुसार प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद शीघ्रातिशीघ्र करा लिये जाये।
राज्यपाल ने कहा कि स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने से पूर्व उसके औचित्य, शुल्क निर्धारण एवं भविष्य में उपयोगिता को देखते हुए शासन से अनुमति प्राप्त की जाये। स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के संचालन के संबंध में अनेक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं शासन द्वारा इनके निराकरण के लिये समय-समय पर अनेक कदम उठाये गये हैं। विभिन्न विश्वविद्यालयों में चल रहे स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों की औचित्यता की गहन समीक्षा किये जाने की आवश्यकता है। फीस निर्धारण की प्रक्रिया एवं स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के संचालन हेतु नियुक्त शिक्षकों की सेवा शर्तों आदि के संबंध में अभी भी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कुलपतिगण इस संबंध में शासन के अधिकारियों से विचार-विमर्श करके ठोस निष्कर्ष पर पहुंचे जिससे शासन स्तर से यथानुसार शासनादेश जारी किये जा सकें।
श्री नाईक ने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिनियम 1973 के कतिपय प्रावधानों के विरोधाभासी होने तथा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संशोधन किये जाने की आवश्यकता को देखते हुए कुलाधिपति के विधिक सलाहकार की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है जो विधिवत् अपना काम कर रही है, अब तक समिति की कई रिपोर्टें शासन को सन्दर्भित की जा चुकी हैं। उच्च शिक्षा की प्रबन्धन प्रणाली के अध्ययन हेतु प्रमुख सचिव राज्यपाल के मार्ग दर्शन में महाराष्ट्र, पं0 बंगाल, तमिलनाडु आदि राज्यों के विश्वविद्यालयों का अध्ययन किया जा रहा है। महाराष्ट्र के अध्ययन के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट को प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री तथा विधिक परामर्शदाता की अध्यक्षता में गठित समिति के अध्यक्ष को विचारार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की गयी है। उन्होंने कहा कि शेष राज्यों के भ्रमण के उपरान्त तैयार होने वाली रिपोर्ट की संस्तुतियां विश्वविद्यालय के बेहतर प्रबन्धन एवं कार्य-प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाने में सहायक सिद्ध होंगी।
राज्यपाल ने कहा कि दीक्षान्त समारोह में एकरूपता लाने की दृष्टि से कुलपति महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है जो विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करके अपनी संस्तृति कुलाधिपति को प्रस्तुत करेगी। कुलाधिपति अपने स्तर से संस्तुति का अध्ययन करने के उपरान्त आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करेंगे।
बैठक में पूर्व में सम्पन्न कुलपति सम्मेलन में लिये गये निर्णयों पर की गई कार्यवाही, अधिनियम में संशोधन, ई-गवर्नेस के संबंध में गठित समिति द्वारा कृत्त कार्यवाही, विश्वविद्यालय वेबसाइट की अद्यतन स्थिति, विश्वविद्यालय कार्य परिषद की बैठक की रिकार्डिंग, विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों को भरे जाने के संबंध में की कार्यवाही की जानकारी, शोध कार्यों को प्रभावी बनाने की दिशा में किये गये प्रयास, कृषि, चिकित्सा एवं प्रौविधिक शिक्षा के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
कुलपति सम्मेलन में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर, डाॅ0 जे0 वैशम्पायन ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा सचिव राज्यपाल श्री चन्द्र प्रकाश ने धन्यवाद ज्ञापित किया। बैठक में अपर मुख्य सचिव, श्री संजय अग्रवाल ने आश्वास्त किया कि विश्वविद्यालयों की समस्याओं के निराकरण को लेकर राज्य सरकार गम्भीर है, सरकार का प्रयास है कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हों। उन्होंने अपने स्तर से हर सम्भव सहयोग का आश्वासन भी दिया।
उल्लेखनीय है कि कुलपतियों की पूर्व बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि वर्ष में दो बार आयोजित होने वाले कुलपति सम्मेलन की एक बैठक लखनऊ में होगी तथा दूसरी बैठक प्रदेश के किसी विश्वविद्यालय में होगी। इसी क्रम में आज कानपुर में आयोजित की गई जबकि इससे पूर्व झांसी और जौनपुर में बैठक आयोजित की जा चुकी है।
Posted on 10 February 2018 by admin
प्रदेश की राजधानी से सटे हुए जनपद उन्नाव के बांगरमऊ में जिन लोगों की पहचान एचआईवी पाजीटिव के रूप में हुई है उनको घृणा एवं तिरस्कार भरी नजरों से देखा जा रहा है और वह समाज के सवालों से आजिज होकर शर्म व संकोच से गांव छोड़कर पलायन करने पर विवश हो रहे हैं और तो और बच्चों ने भी स्कूल, कालेज जाना छोड़ दिया है और अशिक्षित लोग उनसे दूरियां बना रहे हैं आखिरकार इन मासूम बेगुनाह परिवारों ने क्या गलती थी जिसकी इतनी बड़ी सजा इन लोगों को प्रदेश सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते चुकानी पड़ रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना प्रदेश की योगी सरकार के स्वास्थ्य विभाग के बड़े-बड़े दावों की पोल खोलती है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जीशान हैदर ने आज जारी बयान मंे कहा कि एक झोला छाप डाक्टर बांगरमऊ में साइकिल पर घूम-घूमकर लोगों को मौत का इंजेक्शन लगाता फिर रहा था और वहां के सम्बन्धित स्वास्थ्य अधिकारी आंख मूंदे मौत का तमाशा देख रहे थे। क्या स्वास्थ्य विभाग किसी अनहोनी घटना का इंतजार कर रहा था। आज जिस प्रकार झोला छाप डाक्टरों के मकड़जाल में पूरा प्रदेश जकड़ा हुआ है। योगी सरकार बताये कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद प्रदेश में उन्होने झोला छाप डाक्टरों के खिलाफ क्या कार्यवाही की? अथवा आगे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो उसके लिए प्रदेश भर में क्या कदम उठाये गये?
श्री हैदर ने सरकार से सवाल किया है कि कि स्वास्थ्य विभाग एवं झोला छाप डाक्टरों व निजी अस्पतालों के इस सिण्डीकेट को तोड़ने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने कोई कार्ययोजना बनायी है अथवा प्रदेश की जनता को इस मुद्दे पर भी सिर्फ जुमले पर संतोष करना पड़ेगा।
प्रवक्ता ने कहा कि सरकार की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह उन्नाव में एचआईवी पीडि़त परिवारों का किसी भी तरह का सामाजिक बहिस्कार व अपमान न होने पाये और सरकार की गलतियों की सजा उन्नाव की भोलीभाली जनता को न उठाना पड़े, इसके लिए सरकार अपने दायित्व का निर्वहन करे।
प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद में बीआरडी मेडिकल कालेज सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में हजारों मौतों के सदमें से प्रदेश की जनता अभी उबर नहीं पायी है कि जनपद उन्नाव में इस तरह की घटना ने पूरे स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली और सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।