प्रदेश की राजधानी से सटे हुए जनपद उन्नाव के बांगरमऊ में जिन लोगों की पहचान एचआईवी पाजीटिव के रूप में हुई है उनको घृणा एवं तिरस्कार भरी नजरों से देखा जा रहा है और वह समाज के सवालों से आजिज होकर शर्म व संकोच से गांव छोड़कर पलायन करने पर विवश हो रहे हैं और तो और बच्चों ने भी स्कूल, कालेज जाना छोड़ दिया है और अशिक्षित लोग उनसे दूरियां बना रहे हैं आखिरकार इन मासूम बेगुनाह परिवारों ने क्या गलती थी जिसकी इतनी बड़ी सजा इन लोगों को प्रदेश सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते चुकानी पड़ रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना प्रदेश की योगी सरकार के स्वास्थ्य विभाग के बड़े-बड़े दावों की पोल खोलती है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जीशान हैदर ने आज जारी बयान मंे कहा कि एक झोला छाप डाक्टर बांगरमऊ में साइकिल पर घूम-घूमकर लोगों को मौत का इंजेक्शन लगाता फिर रहा था और वहां के सम्बन्धित स्वास्थ्य अधिकारी आंख मूंदे मौत का तमाशा देख रहे थे। क्या स्वास्थ्य विभाग किसी अनहोनी घटना का इंतजार कर रहा था। आज जिस प्रकार झोला छाप डाक्टरों के मकड़जाल में पूरा प्रदेश जकड़ा हुआ है। योगी सरकार बताये कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद प्रदेश में उन्होने झोला छाप डाक्टरों के खिलाफ क्या कार्यवाही की? अथवा आगे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो उसके लिए प्रदेश भर में क्या कदम उठाये गये?
श्री हैदर ने सरकार से सवाल किया है कि कि स्वास्थ्य विभाग एवं झोला छाप डाक्टरों व निजी अस्पतालों के इस सिण्डीकेट को तोड़ने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने कोई कार्ययोजना बनायी है अथवा प्रदेश की जनता को इस मुद्दे पर भी सिर्फ जुमले पर संतोष करना पड़ेगा।
प्रवक्ता ने कहा कि सरकार की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह उन्नाव में एचआईवी पीडि़त परिवारों का किसी भी तरह का सामाजिक बहिस्कार व अपमान न होने पाये और सरकार की गलतियों की सजा उन्नाव की भोलीभाली जनता को न उठाना पड़े, इसके लिए सरकार अपने दायित्व का निर्वहन करे।
प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद में बीआरडी मेडिकल कालेज सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में हजारों मौतों के सदमें से प्रदेश की जनता अभी उबर नहीं पायी है कि जनपद उन्नाव में इस तरह की घटना ने पूरे स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली और सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।