Posted on 27 February 2014 by admin
मंत्रिपरिषद द्वारा मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद के विस्तार के लिए नजूल प्लाट संख्या-1614 बंगला नं0-10 थार्नहिल रोड नसीबपुर बखितयारा को अन्तरित करने का निर्णय लिया गया है। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग इस भूमि को न्याय विभाग को उपलब्ध कराते हुए सिंचार्इ विभाग के कार्यालय भवन का कब्जा न्याय विभाग को हस्तांतरित कराएगा।
इस भूमि पर मा0 उच्च न्यायालय के रिकार्ड रूम तथा आफिस का निर्माण कराया जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया है कि बेलन नहर प्रखण्ड, सिंचार्इ विभाग, इलाहाबाद के कार्यालय एवं अन्य भवनों हेतु ग्राम बघाड़ा जहूर उददीन परगना व तहसील सदर सिथत
0.815 हेक्टेयर भूमि जो राजकीय आस्थान की है, राजस्व विभाग द्वारा सिंचार्इ विभाग को नि:शुल्क दी जाएगी। साथ ही, बेलन नहर प्रखण्ड के नवीन कार्यालय एवं आवासीय भवनों के निर्माण हेतु 952.71 लाख रुपए की आवश्यकता होगी, जिसकी व्यवस्था सिंचार्इ विभाग द्वारा आगामी वर्षों के बजट में आवश्यकतानुसार करायी जाएगी। वैकलिपक व्यवस्था के तौर पर तीन वर्ष तक एक लाख रुपए प्रतिमाह की दर से किराए के भवन में प्रखण्ड को स्थापित किया जाएगा। ध्वस्तीकरण का इंतजार किए बिना भूमि हस्तान्तरण की प्रक्रिया तत्काल पूर्ण की जाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 February 2014 by admin
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के उददेश्य से लखनऊ-इलाहाबाद, लखनऊ-आगरा, लखनऊ-वाराणसी, लखनऊ-मेरठ तथा लखनऊ-गोरखपुर मार्गों पर वायु सेवा संचालन की अनुमति शर्तों के साथ प्रदान करने का निर्णय लिया है। इन मार्गों पर वायु सेवा संचालन हेतु शिडयूल्ड अथवा नान शिडयूल्ड एयरलाइंस के वायु सेवा प्रदाताओं को कर्इ सुविधाएं एवं अनुदान उपलब्ध कराने का फैसला भी लिया गया है।
वायु सेवा संचालन हेतु उ0प्र0 राज्य पर्यटन विकास निगम लि0 को नोडल विभाग नामित किया गया है। प्रस्तावित वायुमार्गों पर 15 रुपए प्रति किलोमीटर प्रति सीट की दर पर सीट अण्डरराइट सुनिशिचत किया गया है। संचालन हेतु कुल सीटों का अधिकतम 30 प्रतिशत अथवा 6 सीटें (जो भी कम हो) हेतु अण्डरराइट की सुविधा प्रदान की जाएगी। परन्तु अण्डरराइट सीटों की संख्या के बराबर यात्रियों द्वारा यात्रा किए जाने पर अण्डरराइट की सुविधा अनुमन्य नहीं होगी। उड़ान के समय अधिकतम 40,000 किलो भार तक के शिडयूल्ड अथवा नान शिडयूल्ड वायु सेवा के यात्री वायुयानों को ही र्इंधन पर लगने वाले वैट पर छूट प्रदान की जाएगी, जो 21 प्रतिशत के स्थान पर 4 प्रतिशत की दर से देय होगी।
राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन वायु पटिटयों पर वायुसेवा प्रदाता को लैणिडंग एवं पार्किंग सुविधा नि:शुल्क प्राप्त होगी। वायु सेवा प्रदाता द्वारा न्यूनतम दो इंजनों से युक्त वायुयान का उपयोग किया जाएगा। वायु सेवा संचालन के कार्यों में पारदर्शिता हेतु वायु सेवा प्रदाता द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले वेब पोर्टल का संचालन सेवा प्रदाता एवं अपटुअर्स (उ0प्र0 राज्य पर्यटन विकास निगम का ट्रेवल डिवीजन) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। वायु सेवा संचालन में सेवा प्रदाता द्वारा डी0जी0सी0ए0 द्वारा गठित समस्त नियमों का पालन किया जाएगा। प्रदेश में यह नीति प्रथमत: तीन वर्ष के लिए लागू की जाएगी। वायु सेवा संचालन हेतु इस नीति के प्राविधानों में आवश्यकतानुसार संशोधन एवं अन्य समस्त अग्रेतर निर्णय लेने के लिए मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 February 2014 by admin
मंत्रिपरिषद ने वक्फ सम्पतित को उ0प्र0 सार्वजनिक भू-गृहादि (अप्राधिकृत अध्यासियों के बेदखली) अधिनियम, 1972 के अधीन लाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान करते हुए इस अधिनियम में वक्फ की स्थावर सम्पतित को शामिल करने हेतु उ0प्र0 सार्वजनिक भू-गृहादि (अप्राधिकृत अध्यासियों के बेदखली) (संशोधन) विधेयक-2013 को विधान मण्डल में पुर:स्थापित किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि वक्फ एक्ट, 1995 केन्द्रीय अधिनियम है, जो उत्तर प्रदेश में भी लागू है। धारा-54 वक्फ सम्पतितयों पर अतिक्रमण के रोकने का प्राविधान है, इसके अन्तर्गत निर्धारित प्रक्रिया इतनी जटिल एवं लम्बी है कि वक्फ भूमि पर से अवैध कब्जा हटवाने में प्रभावकारी साबित नहीं हो पा रही है। इसलिए यह निर्णय लिया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 February 2014 by admin
मंत्रिपरिषद ने आर्इ0टी0 पार्क के विकास, संचालन तथा अनुरक्षण हेतु गाइडलाइन्सदिशा-निर्देश को अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि राज्य में सूचना प्रौधोगिकी को बढ़ावा देने, निजी क्षेत्र से पूंजी निवेश आकर्षित करने रोजगार सृजन तथा राज्य के समग्र सामाजिक, आर्थिक विकास हेतु सूचना एवं संचार प्रौधोगिकी क्षेत्र को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उ0प्र0 सूचना प्रौधोगिकी नीति-2012 प्रख्यापित की गर्इ है। इस नीति के तहत राज्य के प्रमुख टियर-2 एवं टियर-3 शहरों को उभरते आर्इ0टी0 डेस्टीनेशन के रूप में बढ़ावा देने हेतु अत्याधुनिक तकनीक से युक्त अवस्थापना ‘आर्इ0टी0 पार्क के निर्माणस्थापना हेतु सहायता प्रदान की जानी है। आर्इ0टी0 पार्क का निर्माण न्यूनतम लगभग 15,000 वर्ग मीटर फ्लोर एरिया में किया जाएगा। आर्इ0टी0 पार्क के विकास, संचालन एवं अनुरक्षण हेतु दिशा-निर्देश तय करने के सम्बन्ध में जुलार्इ, 2013 में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समस्त स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक सम्पन्न हुर्इ थी, जिसके क्रम में दिशा-निर्देश तैयार किए गए थे, जिसे मंत्रिपरिषद ने आज मंजूरी प्रदान कर दी है। परियोजना के तहत राज्य के प्रत्येक विकास प्राधिकरण में यथासंभव 01 आर्इ0टी0 पार्क विकसित किया जाना प्रस्तावित है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 February 2014 by admin
मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का विस्तार करने का निर्णय लिया है। इस फैसले से मनरेगा श्रमिक, रिक्शा चालक, स्वच्छकार, शहरी क्षेत्र के आवासीय
बी.पी.एल. परिवार एवं शहरी क्षेत्र के अन्त्योदय राशन कार्ड धारकों को भी योजना का लाभ मिलेगा। वर्तमान में योजना के तहत मात्र सूचीबद्ध बी.पी.एल. परिवारों को ही लाभानिवत किया जा रहा था।
मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ प्रदान करने के लिए विभिन्न श्रेणी के श्रमिकों की पात्रता भी निर्धारित कर दी है। मनरेगा श्रमिक जिन्हाेंने योजनान्तर्गत पिछले वित्तीय वर्ष में 15 दिन या उससे अधिक कार्य किया हो तथा रिक्शा चालक के रूप में ऐसे पंजीकृत रिक्शा चालक जिन्हें वर्ष 2011 की जनगणना में समिमलित किया गया हो एवं वह स्वयं अथवा किराए पर ली गर्इ रिक्शा चलाते हो, को पात्र माना जाएगा। इसी प्रकार स्वच्छकार व ऐसे व्यकित जो मैनुअल स्कवैनिजंग के अतिरिक्त स्वच्छकार का कार्य करता हो भी योजना के तहत लाभानिवत होने हेतु पात्र होंगे। इनमें सीवेज श्रमिक एवं नगरीय निकायों में कार्यरत सफार्इ कर्मचारी भी समिमलित होंगे।
शहरी क्षेत्र के आवासित बी.पी.एल. परिवार जिनके पास बी.पी.एल. राशन कार्ड हो तथा शहरी क्षेत्र के अन्त्योदय राशन कार्ड धारक को भी योजना का लाभ मिलेगा। यदि कोर्इ लाभार्थी एक से अधिक श्रेणी के तहत पात्र है तो उसे किसी एक श्रेणी के अन्तर्गत पात्रता का लाभ अनुमन्य होगा। लाभार्थियों हेतु देय वार्षिक प्रीमियम का व्ययभार केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा 75 : 25 के अनुपात में किया जाएगा। योजना का लाभ सामान्य वर्ग के अन्य व्यकितयों को भी इस शर्त के साथ अनुमन्य हो सकेगा कि उक्त सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को स्मार्ट कार्ड की धनराशि 60 रुपये प्रति कार्ड व योजनान्तर्गत देय वार्षिक प्रीमियम की पूर्ण धनराशि का भुगतान स्वयं करना होगा। सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों हेतु योजना की अन्य शर्ते यथावत लागू रहेंगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सूचीबद्ध बी0पी0एल0 108 लाख कार्ड धारकों के अतिरिक्त, नवीन श्रेणियों के पात्र लाभार्थियों की 42.36 लाख अनुमानित संख्या को समिमलित करते हुए कुल 150.36 लाख लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल सकेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 27 February 2014 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार ने कौशल विकास मिशन के तहत विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से संचालित करने के लिए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियोें को आवश्यक निर्देश दिये हंै। जिलाधिकारियों से प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उच्च गुणवत्तायुक्त ढंग से संचालित कराने को कहा गया है, ताकि निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति सुनिशिचत की जा सके। आगामी वित्तीय वर्ष 2014-15 में 1446 करोड़ रूपये की राशि से 5.92 लाख प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी द्वारा समस्त जिलाधिकारियों को भेजे गये पत्र के माध्यम से निर्देशित किया गया है कि प्रशिक्षण कार्यक्रमाेंं का बेहतर ढंग से संचालन सुनिशिचत हो। पत्र में यह भी निर्देश दिये गए हैं कि प्रत्येक जनपद हेतु अनुबनिधत बड़े निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं को हर सम्भव सहयोग नियमानुसार प्रदान किया जाये, जिससे राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम 01 अप्रैल, 2014 से विधिवत शुरू हो सकें। मिशन द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रमों को कि्रयानिवत करने हेतु 80 बड़े निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं का चयन का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसमें से 52 प्रशिक्षण प्रदाताओं के साथ अनुबन्ध की कार्यवाही भी पूरी की जा चुकी है। शेष के साथ अनुबन्ध पूर्ण करने की प्रकि्रया प्रगति के विभिन्न चरणों में है। अनुबनिधत प्रशिक्षण प्रदाताओं को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए जनपदों का आवंटन कर दिया गया है। जो जनपदोंतहसीलों में अपने प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित कर प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ करेगें।
पत्र में कहा गया है कि कौशल विकास मिशन द्वारा अभ्यर्थियों द्वारा कराये गये पंजीकरण में निर्धारित अनुपात में श्रेणीवार लक्ष्यों की पूर्ति सुनिशिचत करते हुये प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन कराया जाये। ग्रामीण क्षेत्र के लाभर्थियों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था नजदीकी प्रशिक्षण केन्द्र पर ही उपलब्ध कराया जाना सुनिशिचत किया जाये। हर हुनरमंद को काम के अन्तर्गत 14 से 35 वर्ष के कम से कम 8वीं पास लोगों को कौशल विकास प्रशिक्षण के जरिये जीवन स्तर में सुधार व आय क्षमता में वृद्धि करना सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। कमजोर और पिछड़े वर्ग के लोगों को रोजगारपरक प्रशिक्षण देने में प्राथमिकता दी जाए, ताकि प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण के माध्यम से किसी भी क्षेत्र में शुरूवाती स्तर का रोजगार प्राप्त कर स्वावलम्बी बन सकें। प्रशिक्षण कार्यक्रमों में महिलाओं, अल्पसंख्यक, अनुसूचित जातिजनजाति तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को विशेष रूप से लक्षित करने का कहा गया है।
पत्र के अनुसार मिशन के वेबपोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले सभी अभ्यर्थियों को उनका पंजीकरण संख्या तथा पासवर्ड उपलब्ध कराया जा चुका है। इसका उपयोग कर अभ्यर्थी मिशन के वेबपोर्टल पर अपने विवरण में कतिपय फील्ड-जैसे की ट्रेनिंग सेन्टर का विकल्प, प्रशिक्षण पाटर्नर का विकल्प बदल सकते है तथा कर्इ अन्य फील्डों में हुर्इ त्रुटि को भी ठीक कर सकते हैं।
पत्र में कहा गया है कि मिशन के स्तर पर निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं को जनपदों का आवंटन किया जा चुका है और उन्हें अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग करने के लिए भी निर्देशित किया जा चुका है। पूर्व में जिन फील्ड में अधूरी अथवा त्रुटिपूर्ण सूचना अभ्यर्थियों द्वारा भरी गयी थी, उसको त्रुटिरहित किया जा सकता है। निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं द्वारा काउंसिलिंग की प्रकि्रया में पहले पंजीकरण कराने वाले अभ्यर्थियों को पहले मौका दिया जायेगा। इस प्रकार काउंसिलिंग की प्रकि्रया के उपरान्त माह मार्च में आगामी वित्तीय वर्ष से प्रारम्भ होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों हेतु कम से कम पचास हजार अभ्यर्थियाें के बैच बनाये जायगेें। इस प्रकार यह प्रकि्रया प्रत्येक माह की जाये, जिससे अभ्यर्थियों को यह जानकारी रहे कि उन्हें प्रशिक्षण कब प्राप्त होगा।
जिलाधिकारियों से कहा गया है कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं के नाम तथा विभिन्न सेक्टरों की जानकारी लाभर्थियों को प्रदान की जाये। इस कार्य में जनपद स्तर पर तैनात कौशल विकास मिशन योजना के नोडल अधिकारी अथवा जिला समन्वयक अधिकारी (डी0पी0एम0यू0) का भी पूर्ण सहयोग प्राप्त किया जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 February 2014 by admin
उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री राजन शुक्ला के नेतृत्व में पुरातत्व निदेशालय, आवास विकास परिषद, ग्लोबल सेल, इण्टैक दिल्ली तथा अन्य विभिन्न अभियांत्रिक विभागों, लोक निर्माण विभाग, उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम उ0प्र0 प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, सी0 एण्ड डी0 एस0 (जल निगम), समाज कल्याण विभागों के वरिष्ठ अधिकारियोंअभियंताओं ने राज्य सरकार द्वारा चन्दर नगर आलमबाग लखनऊ सिथत संरक्षित स्मारक आलमबाग भवन का आज सुबह निरीक्षण किया।
प्रमुख सचिव संस्कृति विभाग श्री राजन शुक्ला तथा अभियंताओं एवं पुरातत्व विशेषज्ञों ने आलमबाग चन्दर नगर सिथत ऐतिहासिक आलमबाग भवन के मरम्मत कायोर्ं का निरीक्षण किया। उक्त भवन के जीर्णोद्धार तथा उसके स्वरूप को निखारने के लिये एस0एन0 एण्ड कम्पनी निर्माण एजेंसी के कारीगर मिस़्त्री सक्रियता से उ0प्र0 आवास विकास परिषद की देखरेख मरम्मत में कार्य कर रहे हैं। भवन मरम्मत करने वाले प्रमुख मिस्त्री को 1000 रुपये प्रतिदिन तथा अन्य सभी कारीगरों को 800 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है।
प्रमुख सचिव श्री राजन शुक्ला तथा विभिन्न निर्माण एजेंसियों के अभियंताओं ने उक्त संरक्षित स्मारक के निर्माणजीर्णोद्धार कार्यों में प्रयुक्त होने वाली सुर्खी, चूना, मौरंग तथा अन्य गुणवत्तापरक सामग्री का निरीक्षण किया। दीवारों पर किये जा रहे प्लास्टर कायोर्ं, उक्त स्मारक में बने हुए स्वरूप को हूबहू वैसा ही संवारे जा रहे निर्माण कार्य का भी निरीक्षण किया।
प्रमुख सचिव श्री राजन शुक्ला ने राज्य संरक्षित स्मारक आलमबाग चन्दर नगर सिथत आलमबाग भवन एवं प्रवेश द्वार के बारे में उ0प्र0 राज्य पुरातत्व विभाग के अधिकारी श्री गिरीश चन्द्र सिंह द्वारा लिखित पुसितका की सराहना की।
प्रमुख सचिव श्री राजन शुक्ला ने बताया कि आलमबाग भवन और उससे सम्बद्ध शाही दरवाजा जो चन्दर नगर गेट के नाम से मशहूर है उ0प्र0 शासन के संस्कृति विभाग द्वारा अधिसूचित एक राज्य संरक्षित स्मारक है। उन्होंने बताया कि नवाब बागों के बहुत शौकीन थे और उन्होंने कर्इ मोहल्लों के नाम बागों के नाम पर रखे जैसे, चारबाग, ऐशबाग, लालबाग, खुर्शेदबाग तथा आलमबाग। अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह ने अपनी बेगम आलम आरा के लिये जिस हरे-भरे बड़े भू-भाग और खुशनुमा बाग में भवनकोठी का निर्माण कराया था, उन्हीं के नाम पर इसका नाम आलमबाग पड़ा। बेगम आलम आरा एक विद्वान, शिक्षित और साहितियक अभिरुचि की महिला थीं। वह एक अच्छी शामरा होने के साथ-साथ आलम नाम से सुंदर गजलें और नज्में भी लिखा करती थीं।
प्रमुख सचिव राजन शुक्ला ने आलमबाग कोठी के बारे में बताया कि भवन के मध्य में एक बहुत बड़े हाल का प्राविधान है। हाल के उभय पाश्र्वो में इन कक्षों की संख्या कुल -6 है। भवन के चारों ओर अष्टकोणीय मीनारों का प्राविधान है। इनका निर्माण भवन की सुरक्षा की दुषिट से किया गया था। पूरा भवन दो मंजिला है। भूतल के वाहय मध्य भाग में 7-7 द्वार बनाये गये हैं। प्रत्येक द्वार के उत्तरंग लिण्टर के ऊपर शीर्ष मेहराबें बनी हैं। उनके शीर्ष भाग में सुंदर पुष्पगुच्छ का प्रदर्शन है। अद्र्धसूर्य और उससे प्रस्फुटित रशिमयाँकिरणें बनायी गयीं हैं। प्रवेश द्वार में उभय पाश्र्वों में दो-दो कुल आठ अलंकृत स्तम्भ बने हैं। सामने से दोनों मीनारों के वाहय भाग की दीवार में प्लास्टर से दरवाजों की अनुकृतियाँ दर्शायी गयी हैं। दरवाजों को खूबशूरत प्लास्टर पल्लों से सुशोभित किया गया है। भवन अपने आप में भव्य, अलंकृत बना है। भवन के चारों ओर अष्टकोणीय मीनारें हैं। आलमबाग कोठी के ठीक सामने शाही द्वार निर्मित हैं। यह भी भव्य एवं आकर्षक हैं। इस आलमबाग कोठी का संरक्षण एवं मरम्मत कार्य चल रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 February 2014 by admin
विधान सभा सदस्य श्रीमती ज्योत्सना श्रीवास्तव द्वारा प्रश्न प्रहर में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अहमद हसन की ओर से राज्य मंत्री चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री शंखलाल माँझी द्वारा लिखित उत्तर में बताया गया कि प्रदेश में डेंगू रोग से बचाव एवं नियंत्रण हेतु राज्य मुख्यालय द्वारा प्रभावी कार्य योजना बनाकर जनपदों को निर्देश दिये जाते हैं, जिसके अनुसार जनपदों द्वारा आवश्यकतानुसार कार्य योजना बनाकर इस रोग पर प्रभावी नियंत्रण किया जाता है। एक पूरक प्रश्न के उत्तर में श्री शंखलाल माँझी ने बताया कि यह रोग साफ पानी में पनपने वाले (एडिस एजिप्टार्इ) टाइगर मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है। प्रदेश में रोगियों की जांच एवं उपचार की सुविधायें सभी जिला चिकित्सालयों में नि:शुल्क उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि इस रोग से वर्ष 2008 में 51 मरीज पाये गये, जिनमें 2 की मृत्यु हुर्इ, 2009 में 161 मरीजों में 2, 2010 में 960 में से 8, 2011 में 155 में 5, 2012 में 369 में 4, तथा 2013 में 1414 मरीजों में 5 व्यकितयों की मौत हुर्इ। उन्होंने बताया कि घरों के अन्दर एवं आस-पास मच्छरों के पनपने के स्थान को नष्ट करना ही इसका बेहतर उपाय है। आवश्यकतानुसार पायरेथ्रम स्पेस स्प्रे घरों के अंदर तथा मैलाथियान फागिंग घरों के बाहर की जाती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 27 February 2014 by admin
उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ के प्रबन्ध निदेशक डा0 बी0के0 यादव ने 24 व 25 फरवरी को बेलराया एवं सम्पूर्णानगर सहकारी चीनी मिलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय उन्होंने चीनी मिलों की रिकवरी और कुल पेरार्इ तथा किसानों के बकाये गन्ना मूल्य भुगतान की जांच किया। उन्होंने मिल के प्रधान प्रबन्धकों सहित अन्य कार्मिकों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिये जिससे चीनी मिलों की आर्थिक सिथति में सुधार हो सके। उन्होंने मुख्यालय के निर्देशों के अनुरूप मैच्योरिटीवाइज हारवेसिटंग करने पर विशेष बल दिया। यह भी निर्देश दिये कि सम्बनिधत किसान के समक्ष खेत में बि्रक्स सर्वे किया जाये, जिससे क्षेत्र के किसान इसका महत्व समझें तथा योजना को अपने हित में मानते हुए इसे अपनाने हेतु स्वप्रेरित हों। प्रबन्ध निदेशक के निरीक्षण के समय सम्पूर्णानगर चीनी मिल में यह तथ्य प्रकाश में आया कि मुख्य गन्ना अधिकारी द्वारा बीज बदलाव के कार्यक्रम में रूचि नहीं ली जा रही है तथा जांच में उसकी अन्य अनियमिततायें भी प्रकाश में आयी। उन्होने इस सम्बन्ध में तत्काल उसके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवार्इ करने के निर्देश दिये। बेलराया सहकारी चीनी मिल में निम्न गुणवत्ता के गन्ने की आपूर्ति के सम्बन्ध में उन्होंने मौके पर सम्बनिधत क्रय केन्द्र प्रभारी को निलमिबत करने के निर्देश दिया। बेलराया एवं सम्पूर्णानगर मिल के निकटवर्ती निजी क्षेत्र की पलिया चीनी मिल, जिसमें चीनी परता अधिक प्राप्त हो रहा है, का भी उन्होंने निरीक्षण किया तथा उनसे आपसी तकनीकी पर विचार-विमर्श हुआ, जिससे बेलराया एवं सम्पूर्णानगर चीनी मिलों में भी बेहतर चीनी परता प्राप्त हो सके।
प्रबन्ध निदेशक ने गन्ना कृषकों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए दोनों सहकारी चीनी मिलों के प्रधान प्रबन्धकों को गन्ना यार्ड में शौचालय एवं पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। सहकारी चीनी मिलों में उच्च चीनी परता एवं उच्च उपजदायी प्रजातियों के विकास हेतु संघन कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विकास कार्यक्रम हेतु आवश्यक बजट की व्यवस्था सहकारी चीनी मिल संघ द्वारा कृषकों को विभिन्न प्रकार के अनुदान यथा अनुपयुक्त प्रजातीय विस्थापन हेतु बीज प्रीमियम, यातायात अनुदान एवं कीटनाशक पर अनुदान दिया जा रहा है। इसका लाभ किसानों को मिले। यह सुनिशिचत करने हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया, जिससे आगामी पेरार्इ सत्र में चीनी रिकवरी में बढ़ोत्तरी हो। इसके फलस्वरूप आगामी पेरार्इ सत्रों में चीनी परता में उल्लेखनीय वृद्धि प्राप्त होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 27 February 2014 by admin
प्रदेश के परिवहन मंत्री श्री दुर्गा प्रसाद यादव ने कहा है कि प्रदेश के चार बड़े नगरों में ”पायलट प्रोजेक्ट के रूप में वाहनों के वी0आर्इ0पी0 नम्बरों की आन लाइन बुकिंग शीघ्र ही शुरू की जायेगी ताकि वाहन नम्बरों के आवंटन में पारदर्शिता बनी रहे और किसी को शिकायत का कोर्इ मौका न मिले।
परिवहन मंत्री ने बताया कि शुरूआत में जिन जनपदों में यह योजना शुरू की जायेगी, उसमें कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी तथा गौतमबुद्धनगर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यदि यह योजना सफल रहती है तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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