उत्तर प्रदेश सरकार ने कौशल विकास मिशन के तहत विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से संचालित करने के लिए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियोें को आवश्यक निर्देश दिये हंै। जिलाधिकारियों से प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उच्च गुणवत्तायुक्त ढंग से संचालित कराने को कहा गया है, ताकि निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति सुनिशिचत की जा सके। आगामी वित्तीय वर्ष 2014-15 में 1446 करोड़ रूपये की राशि से 5.92 लाख प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी द्वारा समस्त जिलाधिकारियों को भेजे गये पत्र के माध्यम से निर्देशित किया गया है कि प्रशिक्षण कार्यक्रमाेंं का बेहतर ढंग से संचालन सुनिशिचत हो। पत्र में यह भी निर्देश दिये गए हैं कि प्रत्येक जनपद हेतु अनुबनिधत बड़े निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं को हर सम्भव सहयोग नियमानुसार प्रदान किया जाये, जिससे राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम 01 अप्रैल, 2014 से विधिवत शुरू हो सकें। मिशन द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रमों को कि्रयानिवत करने हेतु 80 बड़े निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं का चयन का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसमें से 52 प्रशिक्षण प्रदाताओं के साथ अनुबन्ध की कार्यवाही भी पूरी की जा चुकी है। शेष के साथ अनुबन्ध पूर्ण करने की प्रकि्रया प्रगति के विभिन्न चरणों में है। अनुबनिधत प्रशिक्षण प्रदाताओं को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए जनपदों का आवंटन कर दिया गया है। जो जनपदोंतहसीलों में अपने प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित कर प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ करेगें।
पत्र में कहा गया है कि कौशल विकास मिशन द्वारा अभ्यर्थियों द्वारा कराये गये पंजीकरण में निर्धारित अनुपात में श्रेणीवार लक्ष्यों की पूर्ति सुनिशिचत करते हुये प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन कराया जाये। ग्रामीण क्षेत्र के लाभर्थियों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था नजदीकी प्रशिक्षण केन्द्र पर ही उपलब्ध कराया जाना सुनिशिचत किया जाये। हर हुनरमंद को काम के अन्तर्गत 14 से 35 वर्ष के कम से कम 8वीं पास लोगों को कौशल विकास प्रशिक्षण के जरिये जीवन स्तर में सुधार व आय क्षमता में वृद्धि करना सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। कमजोर और पिछड़े वर्ग के लोगों को रोजगारपरक प्रशिक्षण देने में प्राथमिकता दी जाए, ताकि प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण के माध्यम से किसी भी क्षेत्र में शुरूवाती स्तर का रोजगार प्राप्त कर स्वावलम्बी बन सकें। प्रशिक्षण कार्यक्रमों में महिलाओं, अल्पसंख्यक, अनुसूचित जातिजनजाति तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को विशेष रूप से लक्षित करने का कहा गया है।
पत्र के अनुसार मिशन के वेबपोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले सभी अभ्यर्थियों को उनका पंजीकरण संख्या तथा पासवर्ड उपलब्ध कराया जा चुका है। इसका उपयोग कर अभ्यर्थी मिशन के वेबपोर्टल पर अपने विवरण में कतिपय फील्ड-जैसे की ट्रेनिंग सेन्टर का विकल्प, प्रशिक्षण पाटर्नर का विकल्प बदल सकते है तथा कर्इ अन्य फील्डों में हुर्इ त्रुटि को भी ठीक कर सकते हैं।
पत्र में कहा गया है कि मिशन के स्तर पर निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं को जनपदों का आवंटन किया जा चुका है और उन्हें अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग करने के लिए भी निर्देशित किया जा चुका है। पूर्व में जिन फील्ड में अधूरी अथवा त्रुटिपूर्ण सूचना अभ्यर्थियों द्वारा भरी गयी थी, उसको त्रुटिरहित किया जा सकता है। निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं द्वारा काउंसिलिंग की प्रकि्रया में पहले पंजीकरण कराने वाले अभ्यर्थियों को पहले मौका दिया जायेगा। इस प्रकार काउंसिलिंग की प्रकि्रया के उपरान्त माह मार्च में आगामी वित्तीय वर्ष से प्रारम्भ होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों हेतु कम से कम पचास हजार अभ्यर्थियाें के बैच बनाये जायगेें। इस प्रकार यह प्रकि्रया प्रत्येक माह की जाये, जिससे अभ्यर्थियों को यह जानकारी रहे कि उन्हें प्रशिक्षण कब प्राप्त होगा।
जिलाधिकारियों से कहा गया है कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं के नाम तथा विभिन्न सेक्टरों की जानकारी लाभर्थियों को प्रदान की जाये। इस कार्य में जनपद स्तर पर तैनात कौशल विकास मिशन योजना के नोडल अधिकारी अथवा जिला समन्वयक अधिकारी (डी0पी0एम0यू0) का भी पूर्ण सहयोग प्राप्त किया जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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