मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के उददेश्य से लखनऊ-इलाहाबाद, लखनऊ-आगरा, लखनऊ-वाराणसी, लखनऊ-मेरठ तथा लखनऊ-गोरखपुर मार्गों पर वायु सेवा संचालन की अनुमति शर्तों के साथ प्रदान करने का निर्णय लिया है। इन मार्गों पर वायु सेवा संचालन हेतु शिडयूल्ड अथवा नान शिडयूल्ड एयरलाइंस के वायु सेवा प्रदाताओं को कर्इ सुविधाएं एवं अनुदान उपलब्ध कराने का फैसला भी लिया गया है।
वायु सेवा संचालन हेतु उ0प्र0 राज्य पर्यटन विकास निगम लि0 को नोडल विभाग नामित किया गया है। प्रस्तावित वायुमार्गों पर 15 रुपए प्रति किलोमीटर प्रति सीट की दर पर सीट अण्डरराइट सुनिशिचत किया गया है। संचालन हेतु कुल सीटों का अधिकतम 30 प्रतिशत अथवा 6 सीटें (जो भी कम हो) हेतु अण्डरराइट की सुविधा प्रदान की जाएगी। परन्तु अण्डरराइट सीटों की संख्या के बराबर यात्रियों द्वारा यात्रा किए जाने पर अण्डरराइट की सुविधा अनुमन्य नहीं होगी। उड़ान के समय अधिकतम 40,000 किलो भार तक के शिडयूल्ड अथवा नान शिडयूल्ड वायु सेवा के यात्री वायुयानों को ही र्इंधन पर लगने वाले वैट पर छूट प्रदान की जाएगी, जो 21 प्रतिशत के स्थान पर 4 प्रतिशत की दर से देय होगी।
राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन वायु पटिटयों पर वायुसेवा प्रदाता को लैणिडंग एवं पार्किंग सुविधा नि:शुल्क प्राप्त होगी। वायु सेवा प्रदाता द्वारा न्यूनतम दो इंजनों से युक्त वायुयान का उपयोग किया जाएगा। वायु सेवा संचालन के कार्यों में पारदर्शिता हेतु वायु सेवा प्रदाता द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले वेब पोर्टल का संचालन सेवा प्रदाता एवं अपटुअर्स (उ0प्र0 राज्य पर्यटन विकास निगम का ट्रेवल डिवीजन) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। वायु सेवा संचालन में सेवा प्रदाता द्वारा डी0जी0सी0ए0 द्वारा गठित समस्त नियमों का पालन किया जाएगा। प्रदेश में यह नीति प्रथमत: तीन वर्ष के लिए लागू की जाएगी। वायु सेवा संचालन हेतु इस नीति के प्राविधानों में आवश्यकतानुसार संशोधन एवं अन्य समस्त अग्रेतर निर्णय लेने के लिए मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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