Posted on 17 February 2014 by admin
मध्यान्ह भोजन रसोइया मजदूर संघ उ0प्र0 की प्रदेश अध्यक्ष कन्यावती वर्मा की अध्यक्षता में दिनांक 12 फरवरी से लगातार 24 घण्टे का अनिशिचत कालीन धरना प्रदर्शन जारी है। रसोइया मजदूरों के हो रहे शोषण के विरूद्ध यह धरना प्रदर्शन तबतक चलता रहेगा जबतक की सरकार द्वारा लिखित रूप से मांगे नही मानी जाएंगी। इस धरना प्रदर्शन से उत्साहित होकर रसोइया मजदूरों के अन्य संगठन भी लगातार आकर धरना देने का प्रयास कर रहे हैं एवं मध्यान्ह भोजन रसोइया मजदूर संघ उ0प्र0 के कार्यकर्ता एवं सदस्य अन्य मण्डल एवं जिलों से जल्द ही धरना में शामिल होंगे और अपनी मांगो को सरकार से मनवाने तक धरना प्रदर्शन करेंगे।
मध्यान्ह भोजन रसोइया मजदूर संघ उ0प्र0 का एक प्रतिनिधि मण्डल आज प्रदेश अध्यक्ष कन्यावती वर्मा की अध्यक्षता में निदेशक मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण से मिलेगा और अपने विकल्पसुझावमांगो को देगा।
चूंकि मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की बैठक दिनांक 18 फरवरी को होनी है और उसी में उपरोक्त सुझावों, विकल्पों पर विचार किया जाएगा इसलिए जबतक रसोइया मजदूरों के सुझावो, विकल्पो को माना नही जाएगा तबतक रसोइया मजदूर (24 घण्टे) अनिशिचत कालीन धरना प्रदर्शन करता रहेगा और दिनांक 19.02.2014 को धरना स्थल पर ही अपनी आगे की रणनीति बनाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 17 February 2014 by admin
उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार जहा आम आदमी की सुविधाओं को विस्तार देने में जुटी है वही एलडीए आम आदमी की जगह खास आदमी को तव्वजों देकर सरकार के खिलाफ जनाक्रोश तैयार कर रहा है। लखनऊ विकास प्राधिकरण के चंद अधिकारियों की मनमानी और निजी स्वार्थ के चलते एक बिल्डर को मदद पहुचाने की गरज के चलते गोकुल बिहार सोसायटी के एक दो नही बलिक चालीस से अधिक परिवार बेघर होने वाले है। मास्टर प्लान की सीधी सड़क को तिरछी करके एलडीए के अधिकारी सीधे बिल्डर को लाभ पहुचा रहे है ताकि बिल्डर की 12 से 15 बीघा जमीन का अहित न हो और बने बनाए गरीबों के मकान ढह जाए। पीडि़त लोगों के निवेदन पर जिले के प्रभारी मंत्री जन्तु उधान मंत्री डा. एस.पी. यादव ने 21 जनवरी और मुख्यमंत्री कार्यालय से इस मामले में नियमानुसार कार्रवार्इ के निर्देश दिये गए लेकिन एलडीए अधिकारियों के कान में जू नही रेगी। जबकि इस मामले में जिलाधिकारी कार्यालय से जारी नोटिफिकेशन का जबाब देते हुए सभी परिवारों ने लिखा कि जब लखनऊ की महायोजना के स्वीकृत नक्शे में सड़क सीधी बनार्इ जानी है तो उसे तिरछा क्यो किया जा रहा है। गोकुल बिहार सोसायटी के लोगों ने एलडीए की इस मनमानी पर रोष जाहिर करते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री से उन्हें न्याय नही मिला तो वे न्यायालय की शरण लेगें।
गोकुल बिहार सोसायटी की तरफ से श्रीमती चनिद्रका देवी, पवन तिवारी,लवलेश गिरि, सुनील कुमार प्रजापति और वेद प्रकाश यादव सहित दर्जन भर से अधिक लोगों ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री को पे्रषित अपनी शिकायत में कहा है कि गोकुल बिहार कालोनी को तबाह करने के लिए तीन जनवरी 14 को प्रकाशित अधिसूचना में लखनऊ महायोजना 2021 में सुलतानपुर रोड पर ग्राम अहमामऊ में 45 मीटर रोड बनाने के लिए प्रस्तावित भूमि का विवरण दिया गया है। जब इसकी जानकारी गोकुल बिहार सोसायटी के लोगों को हुर्इ तो उन्होंने इसकी जानकारी ली तो पता चला कि महायोजना के लिए बनाए गए नक्शे और उसमें दशार्इ गर्इ सड़क के विपरीत एलडीए ने बिल्डर विशेष को लाभ पहुचाने की गरज से सीधी जाने वाली 45 मीटर सड़क को तिरछा करके उसकी अधिसूचना जारी कर दी है। जबकि महायोजना के मुताबिक इस सड़क को सीधा बनाए जाए तो अंसल सिटी से आ रही इस सीधी सड़क को सीधा बनाया जाए तो एक चौराहा बनेगा और महायोजना के नक्शे के मुताबिक यह ठीक भी रहेगा। यही नही सीधे बनाए जाने पर चकरोड़ होने के कारण सरकार को राजस्व का लाभ होगा। इसके अलावा केवल बिल्डर को लाभ पहुचाने के लिए इसे तिरछा किया गया तो मात्र 100 मीटर के अन्तराल में एक चौराहा और एक तिराहा बन जाएगा जिसके चलते मार्ग सुरक्षा भी प्रभावित होगी। पीडि़त लोगों ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में यह भी कहा कि एलडीए की इस मनमानी से क्षेत्र के चालीस से अधिक परिवार बेघर ही नही हो जाएगें बलिक भवन निर्माण के लिए गए कर्ज के चलते उनकी जिन्दगी नरक हो जाएगी। मुख्यमंत्री की सबको आवास योजना और मुफत चिकित्सा शिक्षा योजना को बेहतर और जनहितकारी बताते हुए गोकुल बिहार सोसायटी के लोगों ने आग्रह किया है कि अगर सरकार इस मामले को संज्ञान में ले ले तो पता चल जाएगा कि एलडीए के कुछ अधिकारियों और बिल्डर की मिली भगत के चलते चालीस से अधिक परिवारों को बेघर किया जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 17 February 2014 by admin
उत्तर प्रदेष चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ का 32 सूत्रीय मांग पत्र पर चल रहा क्रमिक आन्दोलन एक फरवरी से 15 तक प्रदेष के समस्त चली गेट मीटिंग और विरोध सभाओं के उपरान्त अब 20 फरवरी को राजधानी के लक्ष्मण मेला मैदान में ” करो या मरो रैली के माध्यम से सरकार को मांगों की पूर्ति के लिए बाध्य किया जाएगा। उत्तर प्रदेष चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने कहा कि प्रदेष सरकार हर संवर्ग विसंगतियों पर ध्यान दे रही है लेकिन वर्तमान सरकार में प्रदेष का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पूरी तरह से उपेक्षित है। उन्होंने कहा कि लगातार मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव स्तर पर पत्राचार, ज्ञापन के बावजूद मांगों पर ध्यान न देकर प्रदेष की समाजवादी सरकार ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को कुण्ठाग्रस्त कर दिया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को 32 सूत्रीय मांग पत्र प्रेषित कर आन्दोलन का नोटिस दे दिया गया था। नोटिस के अनुसार प्रदेष का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 29 जनवरी को प्रदेष के सभी जनपदों में एक दिवसीय धरना देकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया । इसके उपरान्त एक फरवरी से 15 फरवरी तक विभागों को कार्यालयों के समक्ष मीटिंग, गेट सभा कर विरोध दर्ज कराया गया। इसके बाद भी सरकार की तरफ से कोर्इ सकारात्मक निर्णय न लिये जाने से नाराज चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 20 फरवरी को राजधानी में प्रान्त व्यापी रैली कर रहे है जिसमें तीन लाख से अधिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भागीदारी करेंगें।
श्री दुबे ने जारी बयान में कहा कि अगर सरकार ने समय रहते प्रदेष के राजकीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की समस्याओं पर ध्यान न दिया तो प्रदेष के लाखों लाख कर्मचारी प्रदेष सरकार को आगामी लोकसभा चुनाव में इसका जबाब देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव के आदेष के बावजूद विभागाध्यक्ष, कार्यालयों को प्रमुख कर्मचारी संगठनो से बात नही कर रहे है। जब वे बात नही कर रहे तो प्रमुख सचिवों की कौन कहे जिसके चलते छोटी छोटी समस्याओं का निराकरण नही हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेष के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की तमाम ऐसी समस्याएं है जिनका निराकरण विभागीय स्तर पर हो सकता है लेकिन कोर्इ ध्यान नही दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेष के चतुर्थ श्रेणी संवर्ग की मुख्य समस्याओं में प्रदेष में अधिकाधिक संख्या में रिक्त चतुर्थ श्रेणी के पदों पर सीधी भर्ती शुरू की जाए। चतुर्थ श्रेणी के स्थान पर चल रही आऊट सोर्सिग व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म किया जाए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को एक जनवरी 06 से ग्रेड वेतन रुपये 1800 अनुमन्य होने पर दिनांक 30 नवम्बर 08 से पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत शासनादेष सं. वे.आ.-2-62710-2007-442001टी.सी. दिनांक 21 जून 2007 में दी गर्इ समयमान वेतनमान की व्यवस्था में दी गयी अगले वेतनमान से अगला वेतनमान देने की व्यवस्था के अन्तर्गत 1 जनवरी 08 को मूल ग्रेड वेतन रुपये 2000 एवं द्वितीय प्रोन्नतिग्रेड वेतन 2400 (इग्नोर कर) को छोड़कर 2800 वेतनमान ग्रेड वेतन दिया जाए तथा एक दिसम्बर 08 से लागू सुनिषिचत कैरियर प्रोन्नयन (ए.सी.पी.) का तृतीय लाभ ग्रेड वेतन रुपये 4200 दिया जाए। इसके साथ ही एक जनवरी 06 से पे बैण्ड एक एस रुपये 4440-7440 ग्रेड वेतन 1300, पे बैण्ड 1 एस रुपये 4440-7440 ग्रेड वेतन रुपये 1400, पे बैण्ड 1एस रुपये 4440-7440 ग्रेड वेतन रुपये 1650 के कार्मिकों को पे बैण्ड रुपये 5200-20200 ग्रेड वेतन 1800 वेतन संषोधन उच्चीकरण के अन्तर्गत कर दिया गयाहै। ऐसे कर्मचारियों को काल्पनिक लाभ देते हुए एक जनवरी 06 से वेतन निर्धारण करते हुए वास्तविक लाभ सितम्बर 10 से दिया गया है लेकिन जो पूर्व में 16 वर्ष एवं 24 वर्ष की सेवा पूर्ण कर पे बैण्ड रुपये 1800 में आ गये थे उनको इग्नोर कर दिया गया है जिससे व्यापक विसंगती 16 वर्ष व 24 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले कार्मिकों के साथ हुर्इ है। जो 24 वर्शो की सेवा पूर्ण कर चुके है उनको एक जनवरी 06 से रूपये 2000 का ग्रेड वेतन देकर वेतन निर्धारण कर विसंगति समाप्त की जाए। दिनांक 29 जून 91 तक के नियमित समस्त विभागों के कर्मचारियों को पूर्व में दी गर्इ सेवाओं यथा दैनिक वेतनवर्कचार्जतदर्थ नियम वेतन की अवधि जोड़कर पेंषन गे्रच्युटी आदि का लाभ प्रदान किया जाये तथा पेंषन जिस विभाग का कर्मचारी हो उसी विभाग से स्वीकृत की जाए। चतुर्थ श्रेणी समूह ”घ से समूह ”ग कनिष्ठ सहायक के पद पर पदोन्नति का कोटा 20 प्रतिषत से बढ़ाकर 50 प्रतिषत किया जाए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को तृतीय श्रेणी कनिष्ठ सहायक के पद पर पदोन्नति के टंकण परीक्षा हेतु कम से कम एक वर्ष का समय प्रदान किया जाए। चतुर्थ श्रेणी समूह ”घ से कनिष्ठ लिपिक समूह ”ग के पदों पर शासनादेष के अनुसार 20 प्रतिषत पदोन्नति के पदों को आरक्षित रखा जाये उस पर केवल चतुर्थ श्रेणी कर्मिकों की पदोन्नति की जाए। मृतक आश्रित को लिपिक के पद पर सेवायोजित करने के लिए पृथक से पदों का सृजन किया जाए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 17 February 2014 by admin
परमश्रद्वेय पू0भन्ते प्रज्ञानन्द के आशीर्वाद से ‘मानव कल्याण सेवा धर्म के विचार ध्वजवाहक ‘मन्डे व्यू हिन्दी साप्ताहिक के ‘बौद्ध धर्म और मानव कल्याण विशेषांक का लोकार्पण पू0भन्ते सुमन रत्न जी, पू0भन्ते नागाजर्ुन, विपस्सना साधक एम0एल0आर्या, समन्वय सेवा संस्थान के अध्यक्ष इं0राजेश चन्द्रा, मीडिया फोटोग्राफर्स क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस0एम0पारी, राष्ट्रीय पत्रकार परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष वैश्य रामकुमार गुप्ता, सरस्वती प्रसाद रावत महामंत्री पासी शिरोमणि महाराजा बिजली पासी बहुउददेशीय कल्याण ट्रस्ट, नरेन्द्र सिंह मोगा सम्पादक पंजाबी सुमन पत्रिका, एस0के0गोपाल, हाजी जर्रार खाँ के करकमलों से कामन हाल-ए ब्लाक दारूल शफा में बौद्ध धर्म के अनुयायियों की भारी भीड़ के बीच सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम में बौद्ध धर्म और मानव कल्याण विषय पर लेख लिखने व कार्यक्रम में सहयोग करने के लिए इं0श्री राजेश चन्द्रा, श्री जगजीवन प्रसाद, ओम प्रकाश उपाध्यक्ष बौद्ध महासभा, दयासागर बौद्ध संयोजक संयुक्त बौद्ध उपासक संघ लखनऊ, राम प्रसाद गौतम, रणविजय सिंह, राम सजीवन जिलाध्यक्ष अनुसूचित जाति जनजाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ, श्रीमती विभा त्रिवेदी, बी0एल0 किशोर, रामवीर सिंह इंडियन बुद्विस्सट डेवलपमेंट कमेटी, सरस्वती प्रसाद रावत, अमृत प्रकाश जी पूर्व निदेशक माध्यमिक शिक्षा एवं पूर्व सदस्य लोक सेवा आयोग, राम विरज जी अध्यक्ष अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ सचिवालय उ0प्र0, राजेश त्रिवेदी एडवोकेट हार्इकोर्ट, संत कुमार गुप्ता पत्रकार, श्रीमती राजेश्वरी देवी उत्तर प्रदेशीय पासी जागृति मण्डल, मंजू श्रीवास्तव पत्रकार, हरीश चन्द्रा, रिजवान चंचल पत्रकार, राजकुमार अध्यक्ष पासी शोध संस्थान, राकेश कुमार को प्रशसित पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर पू0भन्ते सुमन रत्न जी, पू0भन्ते नागाजर्ुन जी को पुष्प गुच्छ भेंटकर तथा गणमान्य व्यकितयों का माल्यार्पण कर सम्मान किया गया। कार्यक्रम में पू0भन्ते प्रज्ञानन्द जी का आशीर्वाद संदेश पू0भन्ते सुमन रत्न जी ने पढ़कर सुनाया तथा पू0भन्ते नागाजर्ुन जी ने आशीर्वाद दिया। विपस्सना साधक एम0एल0आर्या ने भगवान बुद्ध के मैत्री भावना ध्यान पर प्रकाश डाला। समन्वय सेवा संस्थान के अध्यक्ष एवं प्रख्यात लेखक इं0राजेश चन्द्रा ने भगवान बुद्ध के मध्यम मार्ग में समस्त मानव कल्याण एवं विश्व में मैत्री पूर्ण व्यवहार के लिए बुद्ध धम्म और संघ की महत्ता को सार्वभौम बताते हुए कहा कि भगवान बुद्व ने प्राणीमात्र के दुख निवारण हेतु मध्यम मार्ग की खोज की, मीडिया फोटोग्राफर्स क्लब के अध्यक्ष एस0एम0पारी ने बौद्ध धर्म के मानव कल्याण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि धर्मो को जोड़ने के ऐसे कार्यक्रम अत्यंत सराहनीय है। राष्ट्रीय पत्रकार परिषद के अध्यक्ष वैश्य राम कुमार गुप्ता ने कहा कि 30 साल की उम्र में बुद्धत्व की प्रापित के बाद सारनाथ में दिया गया प्रथम संदेश मानव कल्याण के क्षेत्र में आज भी मील का पत्थर है। दया सागर बौद्ध ने लोगों में धम्म ज्ञान के अभाव को भारत वर्ष में आम जन के नैतिक पतन कारण बताया। जगजीवन प्रसाद, हरीश चन्द्रा, सरस्वती प्रसाद रावत, अजय शास्त्री, राज बहादुर ने बौद्ध धर्म और मानव कल्याण पर अपने विचार व्यक्त किये तथा बौद्ध धर्म के मानव कल्याण के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने को समय की आवश्यकता बताया। कार्यक्रम का संचालन अपने विशिष्ट अंदाज में बौद्ध धर्म के मानव कल्याण के संदेश को आधार बनाते हुए डाक्टर अजय गुप्ता ने किया अंत में मानव कल्याण सेवा धर्म के संस्थापकअध्यक्ष मो0 इकबाल ने âदय से सभी का आभार व्यक्त किया तथा कार्यक्रम के समापन पर श्रमिक कल्याण एसोसिएशन के अध्यक्ष हाजी जर्रार खाँ ने आगन्तुकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि मानव कल्याण सेवा धर्म की ओर से इस प्रकार के कार्यक्रम जनहित में निरन्तर चलते रहेंगे। ऐसे कार्यक्रम देश की एकता अखण्डता, प्रभुसत्ता को मजबूती प्रदान करते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 17 February 2014 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की आर्इ.ए.एस. एशोसिएशन की चर्चा पर प्रतिक्रिया व्यकित की है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने अपने बयान मे कहा कि ये सच है कि आर्इ.ए.एस. की तैनाती की समय सीमा तय होनी है तथा इन राजनैतिक हितों के लाभ के लिए दुरूपयोग बंद होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश मे सपा-बसपा की सरकारों ने प्रदेश की नौकरशाही का अपने हितो मे जबर्दश्त दुरूपयोग किया है। ये राजनैतिक दुरूपयोग बन्द होना चाहिए । अधिकारी यदि बाबू के शब्द से छूटकारा चाहते है तो उन्हे प्रदेश के हित में सपा सरकार के अनैतिक दबाव में आये बगैर र्इमानदार और कर्तव्यनिष्ठ बनना होगा।
प्रवक्ता डा. मिश्र ने कहा कि र्इमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों का उत्पीड़न उनका मनोबल तोड़ने के लिए सपा-बसपा द्वारा किये जाने के कर्इ प्रमाण मौजूद है। उन्होंने आर्इ.ए.एस. दुर्गानाग पाल का ताजा उदाहरण देकर बताया कि उनका उत्पीड़न सपा सरकार ने इसलिए जोरदार तरीके से किया था कि अन्य अधिकारियों में भय पैदा हो और सरकार के अनैतिक कामों में बाधा उत्पन्न करने की हिम्मत न कर सकें। डा0 मिश्र ने सपा महासचिव राम गोपाल यादव के उस बयान की भी याद दिलार्इ जिसमें उन्होंने कहा था कि सपा बिना आर्इ.ए.एस. के भी प्रदेश सरकार चला लेगी। इस बात का प्रमाण है कि इस चुनावी फेर बदल में ज्यादातर स्वामिभक्त पदोन्नत अधिकारियों की महत्व पूर्ण जगहो पर पोसिटग की है।
प्रदेश प्रवक्ता ने सपा सरकार द्वारा बिना उपयोगिता के सैकड़ो तबादलों को सरकार की मनमानी बताया तथा कहा कि इस तैनातियाँ पर चुनाव आयोग को सज्ञान लेना चाहिए।
डा0 मिश्र ने प्रदेश के अधिकारियों का सलाह दी की वे सपा सरकार की गलत नीतियों के क्रियान्वयन का हिसा न बने। अधिकारियों को भी रीढ़ सीधी खड़ी करके सही गलत कामो का निर्धारण बिना दबाव में आये करना चाहिए । कर्इ अधिकारी अपने निजी स्वार्थ के लिए सपार्इ नेताओं के सर्वाजनिक स्थानों पर पैर छूते दिखार्इ देते है। पिछली बहन जी की सरकार में भी एक अधिकारी का चप्पल पहनाना मीडिया में चर्चा का विषय बना था। उन्होंने कहा कि यदि अधिकारी न्याय और सम्मान चाहते है तो सत्य के साथ रहें अन्यथा इस सपा सरकार में उन्हे और बुरे दिन देखने होगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 17 February 2014 by admin
समाज का कोर्इ भी गरीब व्यकित आत्मविश्वास एवं दृढ़ इच्छाशकित से विकास के शिखर तक पहुंच सकता है। प्रदेश की वर्तमान सरकार किसानों, गरीबों एवं मजदूरों के विकास के लिए कृत संकल्प है। बिना किसी भेदभाव के समाज का हर वर्ग प्रदेश में संचालित लोककल्याणकारी योजनाओं से लाभानिवत हो रहा है।
यह बात वर्तमान सरकार के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने आज यहां चारबाग, लखनऊ सिथत बाल विधा मनिदर में शिल्पकार, दस्तकार विकास सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुये कहीं। उन्होंने कहा कि शिल्पकार, दस्तकार एवं बुनकर समाज हमारे देश के विकास में भागीदार रहे हैं। इस समाज के लोगों ने छोटी-बड़ी सभी वस्तुओं से लेकर देश की रक्षा के लिए मिशाइल बनाने का भी कार्य किया है। फिर भी इस समाज में गरीबी व्याप्त है जिसकों दूर करने के लिए वर्तमान सरकार प्रयासरत है।
श्री यादव ने कहा कि शिल्पकार, दस्तकार एवं बुनकर समाज सिर्फ अपने कार्य में व्यस्त रहता है लेकिन अब इस समाज में भी जागरूकता बढ़ी है। किसानों को भी खेत-खलिहानों से निकल कर राजनीतिक भागीदारी बढ़ानी होगी। उन्होंने नसीहत दी कि एक आंख अपने कार्यों पर लगाये तथा दूसरी आंख लखनऊ, दिल्ली की ओर। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार ने गरीबों के लिए शिक्षा, चिकित्सा, सिंचार्इ एवं बिजली की मुफ्त व्यवस्था की है।
उ0प्र0 राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री राम आसरे विश्वकर्मा ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुये कहा कि प्रदेश की 26 पिछड़ी जातियां शिल्पकारी,
दस्तकारी तथा बुनार्इ का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि इस समाज का सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक एवं राजनैतिक विकास हो इसके लिए एकजुट होकर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने समाज में व्याप्त गैर बराबरी, शोषण, उपेक्षा और अन्याय के प्रति लोगों को संगठित होने का आहवान किया। उन्हाेंंने कहा कि इस समाज के कुटीर उधोग और परम्परागत कारीगरी को बढ़ाना आवश्यक है जिसके लिए प्रदेश में शिल्पकार विकास निगम की स्थापना की जानी चाहिए जिससे इनके रोजगार को सुरक्षित एवं संरक्षित किया जा सके।
उत्तर प्रदेश विश्वकर्मा महासभा के वार्षिक अधिवेशन के तत्वाधान में आयोजित शिल्पकार, दस्तकार विकास सम्मेलन में महासभा द्वारा निम्न मांगे भी की गयी जिसमें भगवान विश्वकर्मा के पूजा अवसर पर 17 सितम्बर को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करना, पाकिस्तान की जेल में बन्द श्री दिनेश विश्वकर्मा की रिहार्इ के लिए केन्द्र से पहल करना, सन 1957 के शासनादेश के तहत शिल्पकार वर्ग को अनुसूचित जाति में समिमलित करना, इस समाज को रोजगार बढ़ाने हेतु कच्चा माल रियायती दर पर उपलब्ध कराना तथा इनकेे पुस्तैनी एवं परम्परागत पेशें के आधार पर आरा मशीनों का लाइसेंस दिलाना आदि समिमलित है।
इस अवसर पर सम्मेलन को विश्वकर्मा महासभा के उपाध्यक्ष श्री अशोक विश्वकर्मा, श्री अच्छेलाल विश्वकर्मा, इ0 श्री बि्रजेश विश्वकर्मा, महामंत्री श्री राजवीर विश्वकर्मा तथा विश्वकर्मा महासभा के युवा प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश विश्वकर्मा ने दस्तकार, शिल्पकार एवं बुनकर समाज को सम्बोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश भर से भारी संख्या में आये हुये समाज के लोग उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 17 February 2014 by admin
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, उ0प्र0 लखनऊ में पंजीकृत 323 सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक दलों के विभिन्न विधाओं में पारंगत कलाकारों द्वारा पूरे प्रदेश में जनसामान्य को उ0प्र0 सरकार द्वारा संचालित समाजवादी पेंशन योजना की जानकारी देने हेेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इस पेश्ांन योजना के प्रचार-प्रसार हेतु कलाकारों को प्रशिक्षण देने हेतु तीन दिवसीय 16 से 18 फरवरी तक कार्यशाला आयोजित की गयी है। इस पेंशन योजना का लाभ 40 लाख लोगों को दिलाने का लक्ष्य है।
उ0प्र0 समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव श्री सुनील कुमार ने होमगार्डस निदेशालय लखनऊ के सभागार में सांस्कृतिक टीमों के प्रशिक्षण की कार्यशाला का पूर्वान्ह 11:00 बजे दीप प्रज्ज्वलित करके उदघाटन किया। प्रमुख सचिव श्री सुनील कुमार ने सांस्कृतिक दलों के उपसिथत कलाकारों को बताया कि उ0प्र0 सरकार ने समाज के सभी वर्गों के गरीबों के उत्थान, हेतु आर्थिक सहायता देने के लिए समाजवादी पेंशन योजना वित्तीय वर्ष 2014-15 में शासन द्वारा निर्धारित तिथि से शुरू किये जाने का जन कल्याणकारी निर्णय लिया है। योजना के लाभार्थियों का चयन कार्य तत्काल प्रभाव से शुरू किया जायेगा।
प्रमुख सचिव श्री सुनील कुमार ने बताया कि आवेदन पत्रों को भरकर जमा करने की अनितम तिथि 31 मार्च 2014 निर्धारित की गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में आवेदन पत्र ग्राम प्रधानग्राम पंचायत सेक्रेटरी, ब्लाक तथा तहसील मुख्यालयेां, जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय से प्राप्त करके वहीं जमा करने होंगे। शहरी क्षेत्रों में नगर निकाय स्तर पर पार्षदसदस्य और अधिशासी अधिकारी कार्यालय नगर आयुक्त कार्यालय से प्राप्त एवं उन्हें भर कर वहीं जमा करना होगा। आवेदन पत्रों को जमा करने पर उसकी प्रापित संबंधित लाभार्थी को अनिवार्य रूप से दी जायेगी।
प्रमुख सचिव समाज कल्याण ने बताया कि समाजवादी पेंशन योजना के अन्तर्गत चयनित परिवार के मुखिया को प्रथम वर्ष में 500 रुपये प्रतिमाह र्इ-पेमेण्ट के जरिये किया जायेगा। इस योजना के लिए निर्धारित शर्तों को भी पूर्ण करना होगा। यदि लाभार्थी उक्त योजना की शर्तों पर खरा उतरेगा तो उसे 50 रुपये प्रतिवर्ष की दर से अतिरिक्त राशि अर्थात 550 रुपये प्रतिमाह की दर से दूसरे साल तक दी जायेगी। पुन: यदि लाभार्थी शर्तों पर सही पाया जायेगा तो 50 रुपये वार्षिक वृद्धि की दर से पांच साल तक पेंशन बढ़ती जायेगी। समाजवादी पेंशन योजना के अन्तर्गत लाभानिवत परिवार के मुखिया को अधिकतम 750 रुपये की धनराशि प्रतिमाह पेंशन दी जायेगी।
प्रमुख सचिव ने बताया कि लाभानिवत परिवारों के मुखिया के खाते भारतीय स्टेट बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंकों अथवा भारतीय रिजर्व बैंक आफ इणिडया द्वारा अधिकृत ऐसे बैंकों में खाते खोले जा सकते हैं जो कोर बैंकिंग सिस्टम के अधीन हो जिन्हें आर्इ0एफ0एस0 कोड प्रदत्त हो ताकि र्इ-पेमेण्ट के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में सीधे पेंशन की धनराशि भेजी जा सके। योजना के लाभार्थी परिवार के मुखिया का खाता शून्य बैलेंस पर खाता खुलवाने की जिम्मेदारी जिलाधिकारीमुख्य विकास अधिकारी को सौपी गयी है। कोर्इ भी लाभार्थी योजना का लाभ लेने से वंचित न रहे अत: खाता खुलवाने में जिला प्रशासन द्वारा सक्रिय सहयोग करने के स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं।
प्रमुख सचिव ने बताया कि ”समाजवादी पेंशन योजना के माध्यम से प्रदेश के चिनिहत गरीब परिवारों के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान हेतु निर्धारित मासिक आर्थिक सहायता निम्न शर्तों के अधीन प्रदत्त की जायेगी। लाभानिवत परिवार के मुखिया को भी शिक्षा साक्षरता तथा स्वास्थ्य से संबंधित कुछ शर्तों को स्वीकार करना होगा। लाभार्थी के परिवार में 6 से 14 वर्ष के बालकबालिका यदि हो तो उनके पढ़ने के लिए स्कूलों में नामांकन कराना और पढ़ने भेजना होगा। पढ़ रहे बच्चों को प्रतिदिन विधालय में 70 प्रतिशत उपसिथत रहना होगा। पेंशन प्राप्त करने के बाद लाभानिवत परिवार में 15 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक सदस्य जो साक्षर नहीं है उनकों साक्षर बनाने के लिए साक्षरता मिशन के कार्यक्रम यदि उस गांव या नगर में संचालित है में नियमित रूप से शामिल होकर पढ़ना अनिवार्य है। लाभार्थी परिवार के 5 साल से कम आयु के सभी बच्चों का नियमित टीकाकरण कराना होगा ताकि बच्चे बीमारियों से सुरक्षित रहे और स्वस्थ रहे जिससे परिवार में खुशी बनी रहे। 6 से 14 वर्ष के प्रत्येक बच्चे को स्कूलों में आयोजित होने स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रमों के स्वास्थ्य परीक्षण कराना अनिवार्य रहेगा। लाभार्थी परिवारों की गर्भवती महिलाओं का संस्थागत प्रसव कराना अनिवार्य होगा। उक्त शर्तों का मूल्यांकनजांच पड़ताल पेंशन की प्रथम मासिक किश्त मिलने के बाद की जायेगी।
श्री सुनील कुमार, प्रमुख सचिव समाज कल्याण ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग समाजवादी पेश्ांन योजना के लाभार्थी परिवारों को अनिवार्यत: सुविधाओं को उपलब्ध करायेंगे। लाभार्थी परिवार मे ंयदि कोर्इ व्यकित 14 से 35 वर्ष का है और कौशल संबर्धन कराने हेतु इच्छुक है तो कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत उसका चयन करके कौशल संवर्धन कराने की सुविधा रहेगी। लाभानिवत परिवार का स्वास्थ्य बीमा कार्ड भी प्राथमिकता के आधार पर बनाया जायेगा। कुल लक्षित 40 लाख लाभार्थियों में से अनुसूचित जाति केअनुसूचित जनजाति के 12 लाख लाभार्थी, अल्पसंख्यक वर्ग के 10 लाख तथा सामान्य एवं पिछड़े वर्गों के 18 लाख लाभार्थियों का चयन किया जायेगा। समाजवादी पेंशन योजना के अन्तर्गत लाभार्थी परिवार में मुखिया स्वयं स्त्री अविवाहित पुत्री, माता-पिता, भार्इ या अन्य कोर्इ सदस्य जो साथ में रहता हो तथा एक ही चूल्हे का बना हुआ खाना खाता हो और मिलजुल कर रहते हों शामिल हंै।
प्रमुख सचिव श्री सुनील कुमार ने बताया कि योजना के व्यापक प्रचार हेतु सूचना विभाग उ0प्र0 ने सराहनीय पहल की है। उन्होंने सूचना विभाग के सभी कलाकारों को युद्धस्तर पर गांव-गांव शहर-शहर में तथा सुदूरवर्ती क्षेत्रों में पूरे प्रदेश में योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए उत्साहवर्धन किया। उप सूचना निदेशक अशोक कुमार बनर्जी ने कहा कि सूचना विभाग के पंजीकृत 323 सांस्कृतिक दलों के सभी कलाकार 20 फरवरी से 24 फरवरी तक वृहद स्तर पर प्रचार अभियान शुरू करेंगे। उप निदेशक समाज कल्याण सर्व श्री आर0 के0 सिंह तथा आर0के0 सोनकर ने भी योजना के प्रचार-प्रसार हेतु हैण्डबिल, पोस्टर, प्रचार सामग्री आदि के वितरण पर जोर दिया। सूचना अधिकारी बी0एल0मौर्य ने भी पेंशन योजना के प्रचार हेतु कलाकारों को क्षेत्रीय लोक भाषा में आम जनता को जानकारी देने का सुझाव दिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 17 February 2014 by admin
प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव के कुशल मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश की शीर्ष सहकारी संस्था उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर है। उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक के सभापित फतेह बहाुदर सिंह एवं उप सभापति धीरेन्द्र कुमार वर्मा ने संयुक्त रूप से बताया कि उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक लि0 द्वारा निक्षेप संचय में 322.86 करोड़ रुपये व्यवसाय विविधीकरण योजनान्तर्गत ऋण वितरण में 2.72 करोड़, कृषकों को फसली ऋण के अन्तर्गत वितरित किये जा चुके हैं। गन्ना कृषकों को भुगतान हेतु चीनी मिलों को 2811.27 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया। बैंक द्वारा व्यवसाय में वृद्धि किये जाने तथा जन-जन तक विभिन्न ऋण योजनाओं का लाभ पहुंचाने हेतु अचल सम्पतित के विरूद्ध 30.00 लाख रुपये के ऋण एवं व्यवसायिक वाहनों हेतु निर्धारित ऋण सीमा 10.00 लाख रुपये तक तथा गृह ऋण सीमा को 30.00 लाख रुपये से बढ़ाकर 50.00 लाख रुपये की गयी।
बैंक के सभापति ने बताया कि उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक की सभी शाखायें सी0बी0एस0 प्रणाली के अन्तर्गत आन लाइन कम्प्यूटरीकृत की जा चुकी है। बैंक का एटीएम प्रारम्भ किये जाने के साथ-साथ ग्राहकों का आर.टी.जी.एस.एन.र्इ.एफ.टी. की सुविधा उपलब्ध करायी जा चुकी है। बैंक कर्मचारियों की वर्षों से लमिबत टाइम स्केल की मांग को पूर्ण किया गया। कर्मचारियोंअधिकारियों में अनुशासन बनाये रखने हेतु बायामेटि्रक पद्धति से उपसिथति दर्ज कराने के साथ-साथ उन्हें पहचान पत्र उपलब्ध कराये गये। मार्च, 1997 के पूर्व वितरित बकाया ऋणों के लिये एकमुश्त समझौता योजना लागू की गयी।
बैंक के सभापति श्री फतेह बहादुर सिंह ने बताया कि उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक लि0 द्वारा काफी समय से लमिबत एन0सी0डी0सी0 के बकाया ऋण को उत्तर प्रदेश शासन से 23.54 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त करते हुये बैंक द्वारा कुल 47.08 करोड़ रुपये का भुगतान कर ऋण का समायोजन किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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