भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की आर्इ.ए.एस. एशोसिएशन की चर्चा पर प्रतिक्रिया व्यकित की है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने अपने बयान मे कहा कि ये सच है कि आर्इ.ए.एस. की तैनाती की समय सीमा तय होनी है तथा इन राजनैतिक हितों के लाभ के लिए दुरूपयोग बंद होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश मे सपा-बसपा की सरकारों ने प्रदेश की नौकरशाही का अपने हितो मे जबर्दश्त दुरूपयोग किया है। ये राजनैतिक दुरूपयोग बन्द होना चाहिए । अधिकारी यदि बाबू के शब्द से छूटकारा चाहते है तो उन्हे प्रदेश के हित में सपा सरकार के अनैतिक दबाव में आये बगैर र्इमानदार और कर्तव्यनिष्ठ बनना होगा।
प्रवक्ता डा. मिश्र ने कहा कि र्इमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों का उत्पीड़न उनका मनोबल तोड़ने के लिए सपा-बसपा द्वारा किये जाने के कर्इ प्रमाण मौजूद है। उन्होंने आर्इ.ए.एस. दुर्गानाग पाल का ताजा उदाहरण देकर बताया कि उनका उत्पीड़न सपा सरकार ने इसलिए जोरदार तरीके से किया था कि अन्य अधिकारियों में भय पैदा हो और सरकार के अनैतिक कामों में बाधा उत्पन्न करने की हिम्मत न कर सकें। डा0 मिश्र ने सपा महासचिव राम गोपाल यादव के उस बयान की भी याद दिलार्इ जिसमें उन्होंने कहा था कि सपा बिना आर्इ.ए.एस. के भी प्रदेश सरकार चला लेगी। इस बात का प्रमाण है कि इस चुनावी फेर बदल में ज्यादातर स्वामिभक्त पदोन्नत अधिकारियों की महत्व पूर्ण जगहो पर पोसिटग की है।
प्रदेश प्रवक्ता ने सपा सरकार द्वारा बिना उपयोगिता के सैकड़ो तबादलों को सरकार की मनमानी बताया तथा कहा कि इस तैनातियाँ पर चुनाव आयोग को सज्ञान लेना चाहिए।
डा0 मिश्र ने प्रदेश के अधिकारियों का सलाह दी की वे सपा सरकार की गलत नीतियों के क्रियान्वयन का हिसा न बने। अधिकारियों को भी रीढ़ सीधी खड़ी करके सही गलत कामो का निर्धारण बिना दबाव में आये करना चाहिए । कर्इ अधिकारी अपने निजी स्वार्थ के लिए सपार्इ नेताओं के सर्वाजनिक स्थानों पर पैर छूते दिखार्इ देते है। पिछली बहन जी की सरकार में भी एक अधिकारी का चप्पल पहनाना मीडिया में चर्चा का विषय बना था। उन्होंने कहा कि यदि अधिकारी न्याय और सम्मान चाहते है तो सत्य के साथ रहें अन्यथा इस सपा सरकार में उन्हे और बुरे दिन देखने होगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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