Archive | February 24th, 2014

महामानव परम पूज्य राष्ट्र संत गाडगे जी महाराज के बताये रास्ते पर चलकर ही समाज का कल्याण और देश का विकास सम्भव है।- मा. पार्षद श्रीमती रानी कनौजिया

Posted on 24 February 2014 by admin

शोभा यात्रा के.डी.बाबू स्टेडियम, परिवर्तन चौक, हजरतगंज, संत गाडगे जी महाराज मूर्ति स्थल, मां मरी माता मंदिर, सीतापुर रोड, पक्कापुल, लखनऊ दिनांक 23 फरवरी, 2014 अपरान्ह 12 बजे को राष्ट्र संत गाडगे बाबा क 138वीं जन्मतिथि के शुभ अवसर पर उ.प्र. रजक, सुधार समिति, संत गाडगे एकता समिति उ..प्र. व समाज की अन्य समितियों के तत्वावधान में आज बाबा संत गाडगे की शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। यात्रा की अगुवार्इ पार्षद रानी कनौजिया, संरक्षक रामऔतार कनौजिया, महात्मा संत गाडगे जूनियर हार्इस्कूल के छात्र छात्राओं, विधालय प्रबंधक अतुल कुमार कनौजिया, रीतेश कुमार कनौजिया, शिक्षकगण रेनू कनौजिया, नीलू, अवधेश वर्मा, विनीता सिंह, सोफिया, सुरेश कुमार चौधरी, राम नरेश कनौजिया, परशुराम कनौजिया, प्रहलाद कनौजिया, प्रमोद कुमार, होरी लाल, शिवपल्टन, शीतला प्रसाद चौधरी, लल्लूराम कनौजिया, गनेश कनौजिया, पूर्व पार्षद, शोभा यात्रा में हाथी, घोड़े, ऊँट, बैण्ड बाजो सहित रथों पर झांकियां समिमलित रही, अगुवार्इ करते हुये उपरोक्त लोगों ने कहा कि संत गाडगे बाबा जैसे महान संत कभी-कभी ही पैदा होते है, जिन्होंने सारा जीवन पीडि़त मानवता के उद्धार एवं कल्याण में समर्पित कर दिया हो। महान संत, समाज सुधारक, समतामूलक समाज के पोषक, त्याग एवं ममता की प्रतिमूर्ति गाडगे जी महाराज का जन्म महराष्ट्र के एक किसान परिवार में (परीटरजकधोबी समाज में) 23 फरवरी 1876 दिन बुधवार महाशिवरात्रि को हुआ। गाडगे जी ने 29 वर्ष की आयु मं घर त्याग दिया और अपना पूरा जीवन दबे, कुचले, पीडि़त, शोषित, अशिक्षित व पिछड़े समाज के उत्थान में लगाया। महामानव ने पूरे महाराष्ट्र तथा भारत के अन्य प्रांतो की यात्रा की और लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और एक प्रगतिशील जीवन के लिए लोगों को शिक्षित किया। उन्होंने पीडि़त लोगों के साथ रहकर उनकी पीड़ा को सुना, देखा महसूस किया और उसके खिलाफ बिगुल छेड़ा। महामानव ने लगभग 60-65 शिक्षण संस्थान, वृद्धा आश्रम, छात्रावास, वाचनालय, धर्मशाला, गौशाला आदि का निर्माण कराया। वह स्वयं स्कूल शिक्षा (अनपढ़ थे) नही ग्रहण किये थे। परन्तु फिर भी लोगों को शिक्षा हेतु प्रेरित किया। वह गरीबों, मजलूमों किसानों, की लड़ार्इ लड़ते उनको शिक्षा देते हुये 20 दिसम्बर 1956 को महापर्व निर्वाण को प्राप्त हुये।
आज हम सभी की जिम्मेदारी है कि उनकी शिक्षाओं, उनके त्याग, उनके प्रेमभाव, एकता एवं समरस समाज बनाने के सपने को आगे बढ़ाये, यही बाबा संत गाडगे का सच्चा मिशन होगा।
यात्रा के समारोह को अंत में समिति के पदाधिकारी पार्षद रानी कनौजिया, संरक्षक रामऔतार कनौजिया, महात्मा संत गाडगे जूनियर हार्इ स्कूल के छात्र छात्राओं, विधालय प्रबंधक अतुल कुमार कनौजिया, रीतेश कुमार कनौजिया, शिक्षकगण, रेनू कनौजिया, नीलू, अवधेश वर्मा, विनीता सिंह, सोफिया, सुरेश कुमार चौधरी, राम नरेश कनौजिया, परशुराम कनौजिया, प्रहलाद कनौजिया, प्रमोद कुमार होली लाल, शिवपल्टन, शीतला प्रसाद चौधरी, मल्लूराम कनौजिया, गनेश कनौजिया पूर्व पार्षद, लवलेश चौधरी, विवेक कुमार, रामकुमार, रामशरन चौहान, सुशील चौधरी, मुन्ना लाल, दिलीप कनौजिया, विजय कनौजिया, रमेश कनौजिया, राम सजीवन, सुरेश कनौजिया, दिनेश कनौजिया, सुखलाल, रामतीरथ, शिव कुमार आदि लोगों ने सम्बोधित किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने साइकिल सवार समाजवादी युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा

Posted on 24 February 2014 by admin

समाजवादी पार्टी की नीतियों और उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार की उपलबिधयों को जन-जन, घर-घर तक पहुचाने के लिए आज मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने नर्इ दिल्ली के जंतर-मंतर से पार्टी का झण्डा दिखाकर दिल्ली से लखनऊ तक चलनेवाली साइकिल यात्रा को रवाना किया। यहां से चलकर यह साइकिल यात्रा 6 मार्च को लखनऊ में समाप्त होगी। लालशर्ट, हरी पैंट तथा लाल टोपी वाले हजारो नौजवानों का यह जोशीला रेला जब सड़को पर निकला तो चारों ओर समाजवादी रंगत का समां बंध गया। यहां ऐसा माहौल बना कि जैसे दिल्ली से ही दिल्ली फतह कर ली जाएगी। साइकिल यात्रियों के तीन जत्थो की रवानगी के समय कारागार मंत्री श्री राजेन्द्र चौधरी एवं मत्स्य विकास निगम के अध्यक्ष डा0 राजपाल कश्यप भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने साइकिल सवार समाजवादी युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस साइकिल यात्रा के माध्यम से जनता तक समाजवादी चिंतन और पार्टी के संदेश को पहुचाना है। पार्टी का लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीटें जीतना है ताकि केन्द्र में समाजवादी सोच के तहत काम करनेवाली सरकार बने। केन्द्र में बननेवाली समाजवादी सरकार ही देश को आर्थिक, सामाजिक विकास की नर्इ मंजिलों तक ले जाएगी।
श्री यादव ने कहा कि समाजवादियों की कथनी-करनी में कभी भेद नहीं रहा है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार ने जनहित के ऐतिहासिक काम किए हैं लेकिन इनका यथोचित प्रचार नहीं हो रहा है। समाजवादी पार्टी सरकार की नियत व दृढ़ संकल्प के चलते जन सामान्य में इसके प्रति गहरा विश्वास पैदा हुआ है जिसे बनाए रखना और मजबूत बनाना हम सभी समाजवादियों की जिम्मेदारी है। उन्होने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में किसानों, गरीबों, छात्रों, नौजवानों, अल्पसंख्यको और महिलाओं के शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अनेक योजनाएं चलार्इ गर्इ है। अमीर व गरीब के बीच के फासले को कम करने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को विशेष सहायता दी गर्इ है।
श्री अखिलेश यादव ने याद दिलाया कि वर्ष 2012 के विधान सभा चुनाव में हमने नोएडा से आगरा तक साइकिल चलार्इ और प्रदेश में पूरी बहुमत की सरकार बनी। उन्होने कहा गांव-गरीब सर्वांगीण विकास कर हर प्रकार की सुविधा दिलाना और उनके भविष्य के सपनों को सरकार करना समाजवादियों एवं समाजवादी सरकार की सबसे उच्च प्राथमिकता रही है।
श्री यादव ने समाजवादी सरकार की उपलबिधयों की चर्चा करते हुए कहा कि कृषि, ग्राम्य विकास, उधोग, सूचना प्रौधोगिकी, ऊर्जा, अवस्थापना, शिक्षा, समाज कल्याण आदि ़क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुर्इ है। लैपटाप वितरण, कन्या विधाधन, बेरोजगारी भत्ता, वूमेन पावर लाइन, हमारी बेटी उसका कल, राम मनोहर लोहिया समग्र विकास, जनेश्वर मिश्र ग्राम, लोहिया ग्रामीण आवास, ऋण माफी, मुफत सिंचार्इ, मुफत दवार्इ जैसी योजनाओं के उत्साहवर्धक परिणाम मिले है। उन्होने वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी प्रत्याशियों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में जिताने की अपील की।
समाजवादी साइकिल यात्रा का एक जत्था पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष छात्रसभा श्री सुनील सिंह यादव के नेतृत्व में नर्इ दिल्ली से ग्रेटर नोएडा, टप्पल, वृन्दावन, सिकन्दरा, फिरोजाबाद, सिरसागंज, इटावा, अजीतमल, सिकन्दरा, भौती, नवाबगंज होते हुए लखनऊ पहुचेगा। समाजवादी साइकिल यात्रियों का दूसरा जत्था युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष मो0 एबाद के नेतृत्व में नर्इ दिल्ली से दादरी, बुलन्दशहर, अलीगढ़, सिकन्दरराऊ,एटा, भोगांव, छिबरामऊ, कन्नौज, हरदोर्इ, संण्डीला, मलिहाबाद होते लखनऊ पहुचेगा। समाजवादी साइकिल यात्रियों का तीसरा जत्था छात्रसभा के प्रदेश अध्यक्ष  श्री अतुल प्रधान, मुलायम सिंह यादव यूथ बिग्रेड के प्रदेश अध्यक्ष श्री बृजेश यादव के नेतृत्व में नर्इ दिल्ली से हापुड़, गजरौला, मुरादाबाद, चन्दौसी, बदायू, बरेली, कटरा, शाहजहापुर, मैगलगंज, सीतापुर, इंटौजा होते हुए लोहिया पार्क लखनऊ पहुचेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अराइज एशिया कप 2014′

Posted on 24 February 2014 by admin

बिजली के सामानों के उधोग में अग्रणी और एलर्इडी टेलीविजन के एक अग्रणी निर्माता, अराइज इंडिया लिमिटेड ने एशिया के सबसे बडे क्रिकेट टूर्नामेंट  एशिया कप के टाइटिल स्पांसरशिप अधिकार हासिल कर लिए हैं। इस प्रमुख क्रिकेट टूर्नामेंट का नाम अब अराइज एशिया कप - 2014 होगा।
इस उपमहाद्वीप में क्रिकेट का मुकाबला 25 फरवरी से बांग्लादेश में खेला जाएगा जहां भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान क्षे«ाीय सर्वोच्चता के लिए भिडेंगे। 11 एक दिवसीय अंतरर्राष्ट्रीय मैच वाले इस टूर्नामेंट में एक राउंड रोबिन फामर्ैट होगा जिसमें प्रत्येक टीम एक दूसरे से एक बार खेलगी और दो सर्वश्रेष्ठ टीमें 8 मार्च 2014 को एशिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बनने के लिए प्रतिष्ठा वाली प्रशंसा के लिए मुकाबला करेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पुलिस को जनता में अपनी छवि और बेहतर बनाकर जनता का भरोसा जीतना होगा : मुख्यमंत्री

Posted on 24 February 2014 by admin

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने पुलिस विभाग को समय के साथ जनहित में अपनी कार्यशैली में बदलाव लाए जाने पर जोर देते हुए कहा है कि पुलिस विभाग पर सभी विभागों की अपेक्षा अधिक जिम्मेदारी है। इस विभाग को जनता के बीच में अपना भरोसा बढ़ाने की दिशा में सदैव प्रयत्नशील रहना चाहिए। इस विभाग पर जनता का भरोसा जितना अधिक होगा, प्रदेश उतनी तेजी से तरक्की के रास्ते पर जाएगा।
श्री यादव ने कहा कि पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली का सीधा असर सरकार व शासन की छवि पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जहां बहुत अच्छे-अच्छे कार्य किए हैं, वहीं उनकी एक छोटी सी गलती सारे किए कराए पर पानी फेर देती है। इसके लिए पुलिस को विशेष रूप से सजग रहकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस को कठिन परिसिथतियों में चुनौतीपूर्ण कार्य करने होते हैं तथा उनके कंधे पर प्रदेश की कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा अपराध नियंत्रण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है।
मुख्यमंत्री आज यहां गोमती नगर विस्तार में पुलिस भवन के शिलान्यास अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस भवन निर्माण का होने पर पुलिस विभाग की विभिन्न इकाइयों के प्रमुखों को एक स्थान पर कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि नवनिर्मित होने वाला यह पुलिस भवन एक सिग्नेचर बिलिडंग के रूप में वास्तुकला का एक अनोखा व अनूठा उदाहरण देश में प्रस्तुत करेगा। उन्होंने अत्याधुनिक व नवीनतम तकनीकों का उपयोग करते हुए इस भवन के निर्माण को शीघ्रता से पूरा किए जाने की बात कही।
श्री यादव ने कहा कि आज भवन निर्माण की तकनीक में बहुत बदलाव आया है, जिससे भवनों की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। भवन निर्माण की कारीगरी लोगों की सोच को दर्शाती है। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार इस भवन के निर्माण हेतु धन की कमी आड़े नहीं आने देगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में नवनिर्मित होने वाले लखनऊ उच्च न्यायालय के भवन को भी लखनऊ की वास्तुकला के अनुरूप बनाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि लोग लखनऊ की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहर को महसूस कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से पुलिसकर्मियों की प्रोन्नति की दिशा में जितना कार्य किया गया है, उतना पहले कभी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार पुलिसकर्मियों की व्यावहारिक कठिनाइयों को समझती है तथा उनके निराकरण हेतु हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने पुलिस कर्मियों से अपील की कि वे अपने कर्तव्यों व दायित्वों के निर्वहन के लिए हमेशा सजग व जागरूक रहें तथा पुलिस की छवि और बेहतर बनाने का प्रयास करें।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री रिजवान अहमद ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पुलिस भवन की आवश्यकता लम्बे समय से अनुभव की जा रही थी और यह सपना आज साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह विश्वस्तरीय भवन सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। इस भवन के पूर्ण होने पर पुलिस विभाग में एक अच्छी कार्य संस्कृति विकसित करने में सहायता मिलेगी तथा पुलिस की कार्यशैली व क्षमता में गुणात्मक सुधार होगा।
उल्लेखनीय है कि निर्माणाधीन पुलिस भवन 08 मंजिला होगा, जिसके निर्माण पर लगभग 450 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। प्रथम चरण के रूप में शासन द्वारा 47.50 करोड़ रुपए की धनराशि शासन द्वारा अवमुक्त की जा चुकी है। पुलिस भवन में एक ही स्थान पर पुलिस के विभिन्न विभागों और शाखाओं के स्थापित होने से पुलिस की विभिन्न शाखाओं की सूचनाओं के आदान-प्रदान में तीव्रता आएगी तथा प्रदेश की कानून व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जा सकेगा। इस उच्च स्तरीय पुलिस भवन ‘सिग्नेचर बिलिडंग हेतु मेसर्स स्टुप कन्सलटेंटस प्रा0लि0, नवी मुम्बर्इ को चयनित किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके निर्माण की कार्यदायी संस्था उ0प्र0राजकीय निर्माण निगम होगी। भवन के ऊपर हेलीपैड होगा तथा छत पर लान की व्यवस्था होगी।
इस अवसर पर कारागार मंत्री श्री राजेन्द्र चौधरी, प्रमुख सचिव गृह श्री अनिल कुमार गुप्ता, सचिव गृह श्री संजय प्रसाद एवं श्री वी0पी0सिंह, पुलिस की विभिन्न इकाइयों के महानिदेशक स्तर के अधिकारी श्री अरुण कुमार गुप्ता, श्री ए0एल0बनर्जी, श्री रंजन द्विवेदी, श्री सुब्रत त्रिपाठी, पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा भारी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे।

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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राजभवन में आयोजित दो दिवसीय प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2014 का राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने संयुक्त रूप से उदघाटन किया

Posted on 24 February 2014 by admin

श्री अखिलेश यादव ने राजभवन, लखनऊ के प्रांगण में आयोजित दो दिवसीय प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2014 का संयुक्त रूप से उदघाटन किया। इसके उपरान्त राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने प्रांगण में लगाए गए विभिन्न स्टालों में प्रदर्शित किए गए फल, शाकभाजी, पुष्प तथा उधान उत्पादों का अवलोकन किया। इस अवसर पर राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने स्मारिका ‘प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2014 का विमोचन भी किया।
राज्यपाल ने इस प्रदर्शनी में भाग ले रहे प्रतिभागियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधार्इ दी और आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी वे इसी उत्साह के साथ इस प्रदर्शनी में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि फलोधान उत्पादों की बेहतरी के लिए अभी और प्रयास करने होंगे, ताकि फल, शाकभाजी तथा पुष्प इत्यादि की उत्पादकता में वृद्धि हो, जिससे किसान समृद्ध हो सकें और प्रदेश में इनकी कमी न हो सके।
इस अवसर पर श्री यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में लगभग 90 प्रतिशत किसान लघु एवं सीमान्त कोटि के हैं, जिनके आर्थिक एवं पोषण सुरक्षा हेतु बागवानी फसलें उपयुक्त विकल्प हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने बागवानी विकास को प्रदेश के विकास के एजेण्डे में समिमलित किया है। इसकी उपयोगिता को दृषिटगत रखते हुए राजभवन प्रांगण में प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है, ताकि प्रदेश के बागवान-किसान कठिन परिश्रम से औधानिक फसलों की उत्पादित विभिन्न किस्मों के उत्पादों को प्रदर्शित कर जन-सामान्य को लाभानिवत कर सकें एवं अन्य सभी लोग इस ओर प्रेरित हो सकें। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी फल, शाकभाजी एवं पुष्प उत्पादक कृषकों को अपने उत्पाद दिखाने के साथ-साथ प्रतिभागियों को अपने प्रसंस्कृत उत्पाद प्रदर्शित करने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फल एवं शाकभाजी की फसलें, जहां एक ओर मानव शरीर को सम्पूर्ण पोषण प्रदान करती हैं, वहीं दूसरी ओर पुष्पों की खेती से कृषकों की आय में वृद्धि भी होती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कृषकों के हितार्थ विभिन्न औधानिक योजनाएं संचालित की जा रही हैं, ताकि औधानिक फसलों का उत्पादन क्षेत्र एवं उत्पादकता बढ़ायी जा सके। उन्होंने बताया कि औधानिक फसलों के उत्पादों के पोस्ट हार्वेस्ट प्रबन्धन हेतु सरकार ने खाध प्रसंस्करण उधोग नीति-2012 प्रदेश में लागू की है, जिसके द्वारा औधानिक उत्पादों के प्रसंस्करण हेतु उधमियों को विशेष सुविधाएं प्राप्त होने के साथ-साथ प्रसंस्करण उधोगों की स्थापना होने से न केवल तुड़ार्इ उपरान्त होने वाली हानि से बचा जा सकेगा, अपितु उत्पादक किसानों को उनके उत्पाद का समुचित लाभ भी प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि ग्रीन हाउस में बेमौसमी सब्जी एवं फूलों का उत्पादन कर अधिक लाभ अर्जित किया जा सकता है, इस पर सरकार की ओर से 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के इस कदम से कृषकों एवं उधमियों को लाभ मिलने के साथ ही, प्रदेश के युवा वर्ग के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे तथा जन-साधारण को खाध सुरक्षा उपलब्ध हो सकेगी।
कार्यक्रम को उधान एवं खाध प्रसंस्करण मंत्री श्री पारसनाथ यादव ने भी सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि प्रदेश में समृद्ध बागवानी को बढ़ावा देने के उददेश्य से इस प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। उत्तर प्रदेश की विविधतापूर्ण जलवायु में सभी प्रकार की औधानिक फसलों की खेती की जा सकती है। कार्यक्रम के दौरान कारागार मंत्री श्री राजेन्æ चौधरी, प्रमुख सचिव उधान तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपसिथत थे।
इस प्रदर्शनी में राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, सेना, उच्च न्यायालय लखनऊ, पी0ए0सी0, कारागार, रेलवे, एल0ए0एल0, लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर, एस0जी0पी0जी0आर्इ0, अंसल ए0पी0आर्इ0, एस0आर्इ0सी0सी0एल0, सहारा शहर, आदि संस्थाओं द्वारा मुख्य रूप से प्रतिभाग किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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”मिर्गी का इलाज जादू टोना नही दवार्इया है- डा0 संदीप अग्रवाल

Posted on 24 February 2014 by admin

मिर्गी दुनिया भर में सबसे आम न्यूरोलाजिकल समस्या है यह किसी भी उम्र को प्रभावित करती  है ।यह जानकारी डा0 संदीप अग्रवाल(डी0एम0न्यूरोलाजी) ने देते हुए बताया कि बच्चों व 60-70 वर्ष में अधिक देखी जाती है। दुनिया भर में 50 लाख से अधिक लोग मिर्गी से प्रभावित है व इनमें से 80 प्रतिशत विकासशील देशों में रहते है।
अनुमानत: भारत में 9-10 लाख लोग मिर्गी से प्रभावित है जो वैशिवक बोझ का पाचवा हिस्सा है।
मिर्गी व जब्ती में अन्तर -
मिर्गी व जब्ती में अन्तर है, जब्ती दिमाग में एक क्षणिक, अचानक, असामान्य व अत्यधिक न्यूरोनल गतिविधि के कारण होती है जो व्यकित के व्यवहार को बदलने में सक्षम होती है । जब्ती बचपन व किशोरावस्था में आम है। जबकि मिर्गी, मनुष्य का सामान्य न्यूरोनल नेटवर्क के किसी कारण अति उत्तेजनीय न्यूरोनल नेटवर्क में परिवर्तित होने के कारण होती है जिसमें मनुष्य बार-बार बेसबब (जिसका कोर्इ कारण पहचानने योग्य नही होता है ) जब्ती में परिवर्तित हो जाता है ।
इलेक्ट्रलाइट असंतुलन, नशीली दवाओं के दुपर्योग आदि कारण जिसकी वजह से होने वाले जब्ती को भी मिर्गी नही कहते है । ऐसे रोगियों को लम्बी अवधि तक एन्टीएपिलेपिटक दवाओं की जरूरत नही होती है।
एक अन्य लक्षण को भी हम आमतौर पर मिर्गी मान लेते है- बेहोशी व एैठन या थ्पज (दौरा), यह एक ऐसी सिथति है जिसमें शारीरिक मांस पेशिया तेजी से सिकुड़ती व शिथिल पड़ती हैं जिससे शरीर में अनियंत्रित एैठन उत्पन्न होती है।
एैठन मिर्गी का एक लक्षण हो सकता है । सभी एैठन मिर्गी नही होते व सभी मिर्गी में एैठन नही होती
कारण :-
मिर्गी मसितष्क को प्रभावित करने वाले कर्इ कारणो से होती है ये कभी-कभी अनुवांशिक या अधिग्रहित या दोनो हो सकते है। 60-75 प्रतिशत मिर्गी मामलों में कारण अज्ञात होता है। शेष 25-40 प्रतिशत लोगो में पहचानने योग्य कारण निम्न हो सकते है।
•    अनुवांशिक
•    जन्म के समय चोट या आक्सीजन की कमी
•    गर्भावस्था में मसितष्क को क्षति
•    मसितष्क आघात
•    ब्रेन टयूमर
•    संक्रमण (मैनिंजाइटिस, एडस आदि)
लगभग आधे से अधिक रोगियों में दवार्इ द्वारा दौरे को नियंत्रित किया जा सकता है विभिन्न प्रकार की मिर्गी में लक्षण भिन्न-भिन्न होते हैं।
सामाजिक कलंक :-
एक सामान्य मनुष्य के मुकाबले एक मिर्गी रोगी को समाज मे रहना ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। भय व गलतफहमी की वजह से किशोरोें में सामाजिक भेदभाव का जन्म देता है। इस प्रकार सही जानकारी का अभाव सामाजिक कलंक के स्थायीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
विष्व प्रसिद्ध लोग (मिर्गी के साथ) :-
जुलियस सीजर, सिकन्दर, आगाथा किस्टी, अल्फ्रेड नोबेल, जौन्टी रोडस आदि ने इतिहास में  मिर्गी पर विजयी पार्इ है। तब अन्य क्यों नही ?
मिथक व तथ्य -
मि0: मिर्गी भूत प्रेत के कारण होती है जादू टोना इसका इलाज है।
त0: मिर्गी एक विकार है  इसका इलाज दवाए है।
मि0: मिर्गी एक मानसिक बीमारी है।
त0: नही यह एक मसितष्क की बीमारी है।
मि0: मिर्गी संक्रामक है
त0: मिर्गी निशिचत रूप से संक्रामक नही है।
मि0: मिर्गी वंशानुगत है इसके लिए शादी नही करनी चाहिए ।
त0: केवल 3 प्रतिशत लोगों में वंशानुगत होती है। इसका शादी से कार्इ सम्बन्ध नही है।
मि0: विवाह मिर्गी का इलाज है ।
त0: बिल्कुल नही, केवल दवाएं ।
मि0: मिर्गी में जूता, प्याज सूघांना चाहिए या हाथ में चाभी देनी चाहिए ।
त0: दौरा अपने आप बन्द होता है इन सबके कारण नही।
मि0: मिर्गी में मरीज के मुह में चम्मच देना चाहिए ।
त0: बिल्कुल नही ऐसा करने से मरीज के मुह में चोट लग सकती ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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श्री मोदी से घबराकर सपा कर रही है उल्टे काम - डा0 मनोज मिश्र

Posted on 24 February 2014 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी प्रबुद्ध सभा के सम्मेलन में प्रबुद्ध जनों से शस्त्र उठाने की अपील पर चुटकी ली है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने सपा के प्रबुद्ध सम्मेलन पर चुटकी लेते, हुए कहा कि अपनी आदत के मुताबिक लोकतांत्रिक राह छोड़कर शस्त्र उठाने की प्रबुद्धजनों  से अपील हस्यास्पद है। उन्होंने कहा कि इन दिनों सपा कि कुण्डली ही खराब है। जिसमें वे लोग उल्टी-सीधी बातें और काम कर रहे है। डा0 मिश्र ने सपा सरकार को सलाह दी कि उन्हे प्रबुद्धजनों को बोैद्धिक संघर्ष करने और धरातल तैयार करने का आहवाहन करना चाहिए था न कि शस्त्र उठाने के अपील। सपा के नेता भूल गये है कि इस समय देश में लोकतंत्र  है न कि लाठी तंत्र।
डा0 मिश्र ने कहा कि प्रदेश में चुनाव असफलता की सम्भावना के मददेनजर सपा सरकार गडबड़ा गर्इ है तथा उल्टे पुल्टे काम कर रहे है। सपार्इ साइकिल रैली का दिल्ली की जंतर मंतर से लखनऊ तक की साइकिल रैली पर भी चुटकी ली। उन्होंने व्यंग करते हुए कहा कि सपार्इ घोषणाऐं तो दिल्ली की गददी पाने की कर रहे है और सार्इकिल रैली दिल्ली से लखनऊ की ओर कर रहे है। शायद जनता के रूख को भांपकर दिल्ली का ख्वाब छोड़कर सपार्इ लखनऊ की सपा सरकार को बचाने में जुट गये है।
डा0 मिश्र ने सपा के मुख्यमंत्री के इस बयान की भी धजिजयां उडार्इ की किसी भी सरकार की छवि पुलिस ही बनाती और बिगाड़ती है। मुख्यमंत्री  का कहना कि पुलिस अपनी छवि सुधारे उनकी बेचारगी  का प्रतीक है डा0 मिश्र ने पलटकर पूछा कि क्या छवि के लिए एक मात्र पुलिस ही जिम्मेदार है। या सरकार के कार्यो का भी हिस्सा है। उन्होंने सपा सरकार को बताया कि सरकार की छवि पुलिस न तो बनाती है और न ही बिगाड़ती वलिक सरकार और मुखिया का आचरण और उसके कार्यकलाप अपने आप ही एक मात्र जिम्मेदार होता है। प्रभावी सरकार में पुलिस का आचरण ठीक होता है जैसा कि भाजपा शासित प्रदेशो में देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सपा के नेता अपना आचरण सुधारे और सुशासन कायम करने के लिए उन्हें भाजपा से सीखना होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी, द्वारा आहुत प्रधानमंत्री उम्मीदवार, श्री नरेंæ मोदी जी विजय शंखनाद महारैली 2 मार्च 2014 को लखनऊ में है,

Posted on 24 February 2014 by admin

उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी, द्वारा आहुत प्रधानमंत्री उम्मीदवार, श्री नरेंæ मोदी जी विजय शंखनाद महारैली 2 मार्च 2014 को लखनऊ में है, विजय शंखनाद महारैली के सह-सयोंजक वीरेन्æ तिवारी ने बताया की महारैली की तैयारी हेतु विधानसभा की 23 फरवरी 2014 दिन रविवार को 11रू00 बजे महा रैली समीछा बैठक का आयोजन वृन्दावन पैलस, हिन्दनगर, लखनऊ में किया जा रहा है श्री तिवारी ने बतया भारतीय जनता पार्टी प्रदेश नेतृत्व को सरोजिनीनगर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओ से सबसे जादा आशाये है, क्योकि रैली स्थल रमाबार्इ अम्बेडकर मैदान सरोजिनी नगर क्षेत्र में होने के कारण यहाँ के कार्यकर्ताओ पर इस महा रैली की सबसे अधिक जिम्मेदारी है, रैली सह-सयोंजक ने बतया की रैली में समाज के सभी वर्गो को आमंत्रित किया जा रहा है इस के लिए आमंत्रण पत्र भी बाटे जा रहे है इस महारैली की तैयारी समिच्छा बैठक में सरोजिनिनगर विधानसभा के सभी महानगर, जिला, मंडल, वार्ड और बूथ अध्यक्षओ, पदाधिकारियो को आमंत्रित किया गया है

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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आर्इपीसी की धारा 498 की तरह ही आर्इपीसी की धारा 376 का गलत इस्तेमाल

Posted on 24 February 2014 by admin

केन्द्र सरकार के मन्त्री कपिल सिब्बल द्वारा तहलका के एडीटर तरूण तेजपाल के पक्ष में दिया गया बयान कि महिलाओं की अस्मत से सम्बनिधत आर्इपीसी की धारा 376 का दहेज उत्पीडन से सम्बनिधत आर्इपीसी की  धारा 498 की तरह ही गलत इस्तेमाल हो रहा है पर खासा बवाल हुआ है। इसमें कोर्इ दो राय नही कि कपिल सिब्बल का बयान अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है। जिन लोगों ने न्याय की गरिमा को बनाये रखा तथा जिनकी वजह से न्यायपालिका आज भी स्वतन्त्र एवं विश्वसनीय स्तम्भ के रूप में पूरे विश्व में लोहे के सतून की मानिन्द नजर आ रही है। भारत की उस न्यायपालिका के पूर्व मुख्य न्यायधीश सर्वोच्च न्यायालय (नर्इ दिल्ली)  जसिटस अलतमश कबीर ने भी जसिटस ए. के. गांगुली के खिलाफ एक युवती द्वारा लगाये गये आरोप को गम्भीरता से लेते हुए प्रेस को निर्भिकता पूर्वक यह बयान दे डाला कि मुझे यह विश्वास नही होता कि एके गांगुली जैसा काबिले एहतराम जसिटस ऐसा कुकृत्य करने का साहस भी कर सकता है। न्यायपालिका में अल्तमश कबीर का नाम एक ऐसा नाम है कि जो वास्तव में न्याय से जुडा है। आपने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद को सुशोभित करते हुए जो निर्णय दिये उनका एक महत्व है। अल्तमश कबीर ने दिग्गज राजनेताओं तथा केन्द्र सरकार के दबाव को न मानकर संविधान में उल्लेखित धाराओं का शत प्रतिशत पालन किया तथा अपने आदेश ठीक उसी प्रकार जारी किये कि जो आर्इपीसी और सिविल धाराओं के अन्तर्गत किया जाना अत्यन्त जरूरी था। हम जब कपिल सिब्बल की बात करते हैं तो हमे जसिटस अल्तमश कबीर के विचारों को भी सामने रखना होगा।केन्द्र सरकार ने महिलाओं तथा सामाजिक संगठनों के दबाव में आकर एक दशक पूर्व दहेज से सम्बनिधत वादों के सख्ती से निपटारे हेतु आर्इपीसी में एमेन्डमेन्ट करके जिस तरह से दहेज की धाराओं को सख्त किया उसका नतीजा यह हुआ कि 12 साल से लेकर 90 साल का बूढा भी जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिये गये। छोटे-छोटे घरेलू झगड़ों पर भी 498 का प्रयोग होने लगा तथा समाज में सम्बन्ध विच्छेद एवं परिवार बंटवारे के मामलों में तेजी से बढोतरी हुर्इ और आपसी समझौतों में कमी महसूस की गयी। लगातार दहेज से सम्बनिधत उक्त धारा का दुरूपयोग होने का अहसास जब केन्द्र सरकार, राज्य सरकार एवं नेताओंं को होने लगा और जनता में हाहाकार मचा तब माननीय सुप्रीेम कोर्ट को पुन: एक आदेश जारी करना पडा जिसके अनुसार दहेज से सम्बनिधत मामालों पर कार्यवाही जांच के बाद ही सुनिशिचत की गयी। पुलिस को निर्देशित किया गया कि बिना छानबीन के एवं ठोस शहादतों के बाद ही दहेज की धाराओं में गिरफ्तारी की जाये। तब जाकर मनगढन्त दहेज की घटनाओं में बेतहाशा कमी आयी। उक्त कथन से साबित हुआ कि जिस प्रकार दहेज प्रकरण के मामलों में आर्इपीसी की धाराओं का दुरूपयोग किया गया उसी प्रकार महिलाओं की अस्मत से जुडे मामलों में भी किसी हद तक नही बलिक दामिनी काण्ड 2012 के बाद से बहुत हद तक दुरूपयोग होना आम बात हो गया है। जब तहलका के चीफ एडीटर तरूण तेजपाल के साथ कार्य करने वाली सहकर्मी जो लगातार दो साल से तरूण तेजपाल के साथ काम कर रही थी, यह इल्जाम लगाती है कि काफी समय पूर्व उसके साथ तथा उसकी अस्मत के साथ खेला गया उसी बात से यह साबित हो गया है कि यह केवल षडयन्त्र है। यदि किसी महिला के साथ छेडछाड अथवा कुकृत्य किया जाता है तो उसकी रिपोर्ट पीडिता द्वारा एक सप्ताह के भीतर सम्बनिधत थाने को की जानी जरूरी है। यही चलन अंग्रेजों के कार्यकाल से चला आ रहा है परन्तु आर्इपीसी की धाराओं में लचक होने के कारण तथा अधिवक्ताओं को न्यायालयों द्वारा छूट दिये जाने के परिणामस्वरूप कोर्इ भी व्यकितमहिला अपने साथ किये गये दुव्र्यवहार एवं अत्याचार से सम्बनिधत शिकायत सम्बनिधत थाने अथवा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में तीन माह पश्चात भी प्रस्तुत करके प्रतिवादी को प्रताडित करने का कार्य करती है तो उससे यह झलकने लगता है कि इस शिकायत में कहीं न कहीं झोल अवश्य है। जिस व्यकित कोमहिला को किसी से शिकायत है तो वह एक सप्ताह के भीतर अपनी शिकायत क्यूं दर्ज नही करा रही है? और   यदि एक सप्ताह के पश्चात शिकायत की जा रही है तो उससे साबित होता है कि यह किसी षडयन्त्र का हिस्सा है। तरूण तेजपाल जैसे व्यकित को जो कि धन, सैलिब्रेटी और शकित में देश के 50 लोगों की लिस्ट में शामिल हैं वह ऐसा करेगा यह हर बुद्विजीवी की समझ से बाहर की बात है। अभी मामला अखबारों की सुर्खियों में ही है कि तरूण तेजपाल के बाद एक और अधिवक्ता इन्टर्न ने सम्बनिधत काबिले एहतराम और अपने आप में व्यवहार कुशल होने के साथ साथ न्याय प्रिय जसिटस एके गांगुली पर यह आरोप मढ दिया कि जब वें इन्टर्न का कार्य गत वर्ष दिसम्बर 2012 में दामिनी काण्ड के दौरान दिल्ली में कर रही थी तो उस समय जसिटस एके गांगुली ने उसको भी अपनी बाहों में भर लिया था और अब उसको इस बात का अहसास हुआ कि उसके साथउसकी अस्मत के साथ खिलवाड किया गया। जिसकी बाबत उसने एक ब्लाग पर अपनी शिकायत प्रस्तुत की तथा टवीटर पर जनता को अपनी बाबत परिचित कराया। सवाल यह पैदा होता है कि जब एके गांगुली जैसा व्यकित कि जिसकी बाबत पूर्व मुख्य न्यायाधीश जसिटस अल्तमश कबीर यह कह चुके हैं कि इस शिकायत पर मैं किसी भी सूरत में यकीन नही कर सकता उसके अतिरिक्त एके गांगुली स्वयं सख्ती से इन आरोपों का खण्डन कर चुके हैं। स्वयं इस मामले को हार्इप्रोफार्इल परिसिथतियों में मुख्य न्यायाधीश जसिटस सदाशिवम ने तीन जजों की एक कमेटी गठित कर पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिये हैं उसके बावजूद भी चन्द राजनेताओं द्वारा और सामाजिक संगठनों द्वारा एके गांगुली के विरूद्व माहौल तैयार करना इस तथ्य को उजागर करता है कि एके गांगुली भी उसी तरह साजिश का शिकार हुए हैं कि जिस तरह से पिछले माह तरूण तेजपाल को शिकार बनाया गया है। यहां यह बात भी महत्वपूर्ण है कि देश के महत्वपूर्ण पदों पर आसीन तथा समाज में सम्मानित कहे जाने वाले उधोगपतियों तथा राजनेताओं को कठघरे में खडा करके जो तहलका तरूण तेजपाल ने पूरे विश्व में मचाया। जिसके विरूद्व वें प्रमाण जनता के सामने लाये गये वें व्यकित हर हाल में तरूण तेजपाल से बदला लेने की फिराक में था। तरूण तेजपाल के यहां जिस सहकर्मी को पच्चीस हजार रूपये मासिक तनख्वाह मिलती हो यदि देश का कोर्इ राजनेताउधोगपति उस महिला को पांच करोड का लालच दे दे तो वह अपने भविष्य की चिंता को देखते हुए चिन्तामुक्त होकर किसी के भी विरूद्व कोर्इ भी शिकायत दर्ज कराने से नही हिचकिचायेगी? ठीक इसी प्रकार जसिटस एके गांगुली ने भी  दर्जनों ऐसे मुकदमात में आदेश दिये हैं कि जो उधोगपतियोंराजनेताओं से सम्बनिधत थे भला ये कैसे भूल सकते हैं कि जिनके खिलाफ जसिटस एके गांगुली ने निर्णय सुनाया हो वह जसिटस गांगुली को भूल जाये। परिणामस्वरूप इस तरह की जितनी भी घटनाएं सेलिब्रेटियों के साथ घट रही हैं उनके पीछे एक घिनौनी साजि़श काम कर रही है। हमारी माननीय सर्वोच्च न्यायालय से विनती है कि जिस प्रकार दहेज के मामलों में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकारराज्य सरकारों तथा पुलिस को निर्देशित किया है और जिस प्रकार माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सख्त निर्देशोें के बाद दहेज प्रकरणों के मामलों में कमी आयी है उसी तरह महिलाओं की अस्मतछेडछाड से सम्बनिधत प्रकरणों के बाबत भी माननीय सुप्रीम कोर्ट को केन्द्र सरकारराज्य सरकार और सम्बनिधत पुलिस को सख्त दिशा निर्देश जारी करने चाहियें ताकि बिना जांच किये तथा बिना ठोस सबूत जुटाये मात्र शिकायत कर्ता की शिकायत पर किसी की भी गिरफ्तारी को प्रतिबनिधत किया जाये। दिसम्बर 2012 दामिनी काण्ड के बाद सामाजिक संस्थाओं नेराजनेताओं ने वाबेला मचाकर केन्द्र सरकार को महिलाओं की अस्मत से सम्बनिधत शिकायतों पर जिस ठोस कानून बनाने पर विवश किया है आज वही कानून भारत के सम्मानित नागरिकों के लिये और सम्मानित नागरिकों की आनबान के लिये भारी आफत बना हुआ है। कल को केन्द्र सरकार में ऊंचे पदों पर आसीन किसी भी व्यकित के विरूद्व कोर्इ भी स्वार्थी तत्व इसी तरह का आरोप किसी भी महिला द्वारा लगवा सकता है। उल्लेखनीय है कि दो दशक पूर्व एक केन्द्रीय मंत्री पर भी एक महिला ने भी इसी प्रकार आरोप लगाकर उन्हे अपमानित करने का काम अन्जाम दिया था। कठिन छानबीन के उपरान्त यह मालूम पडा कि यह सब षडयन्त्र माफियाओं ने केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ रचा था। इतना सबकुछ होने के बावजूद यदि अभी भी केन्द्र सरकार और सर्वोच्च न्यायालय के सम्मानित न्यायाधीश इस ओर से सचेत नही हुए तो जिस तरह से दहेज की धाराओं का दुरूपयोग होता रहा है ठीक उसी तर्ज पर बलिक उससे भी खतरनाक परिसिथतियों में धारा 376 का प्रयोग जारी रहेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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राष्ट्रीय लोक अदालत से अधिक से अधिक लाभ उठायें :

Posted on 24 February 2014 by admin

जिला जज श्रीेण् चण्ेपदहीण्एचजेएस ने विशेष भेंट में बताया कि आगामी 12.4.14को जनपद के सभी न्यायालयों, क्लैक्ट्रेट न्यायालयों, तहसील न्यायालयों तथा अन्य अधीनस्थ न्यायालयों में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोकअदालत में बडे पैमाने पर सरकार की ओर से पूरे भारतवर्ष में एक दिन के कार्यकाल मेें आपसी सुलह समझौते के आधार पर लाखों मामले निपटाये जाने की वृहद योजना है। हमारे योग्य जनपद न्यायाधीशेण् चण्ेपदहीण्एचजेएस ने बताया कि यदि जनता चाहे तो इस राष्ट्रीय लोकअदालत से लाभ अर्जित करते हुए अपने वादों का निपटारा आगामी 12.4.14को राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटाने के लिये प्रार्थना पत्र सम्बनिधत न्यायालय में प्रस्तुत करे ताकि प्रार्थी के वाद का निपटारा उक्त अदालत में सम्मानपूर्वक किया जा सके। हमारे योग्य जनपद न्यायाधीश ने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालयों तथा केन्द्र एवं राज्य सरकारों की हमेशा यह मंशा रहती है कि न्यायालयों से वादों का बोझ लगातार कम होता रहे और आम व्यकित को बिना पैसा खर्च किये सुलभ और समुचित न्याय समय से प्राप्त हो। इसी को मददेनजर रखते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय और केन्द्र सरकार ने संयुक्त रूप से राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक करने का निर्णय लिया है। पक्षकारों से जनपद न्यायाधीश महोदय ने आशा जतार्इ है कि समय ये अपने वादों को राष्ट्रीय लोक अदालत में रखने की दरख्वास्त प्रस्तुत कर सरलता पूर्वक अपने वादों का निपटारा उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में कराकर लाभ अर्जित करें। उल्लेखनीय है कि उक्त वृहद स्तर पर आयोजित की जाने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को जिला स्तर पर सफल बनाने हेतु जिला जज महोदय के साथ साथ लघुवाद न्यायाधीशसचिव लोक अदालत भी लगातार भरकस प्रयास कर रहे हैं। पक्षकारों के लिये यह सुनहरा अवसर है, यदि पक्षकार चाहते हैं तो वें इस अवसर पर लाभ उठायें और वर्षों से लमिबत पडे अपने वादों को निपटवाने की कार्यवाही पूरी करें। जनपद न्यायाधीशेण् चण्ेपदहीण् ने सभी अधिवक्ताओं एवं जनता के गणमान्य व्यकितयों से अनुरोध किया है कि वें अपने स्तर से 12.4.14को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत का अपने स्तर से प्रचार एवं प्रसार करें ताकि जनता इस लोक अदालत से अधिक से अधिक लाभ अर्जित कर सके।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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