श्री अखिलेश यादव ने राजभवन, लखनऊ के प्रांगण में आयोजित दो दिवसीय प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2014 का संयुक्त रूप से उदघाटन किया। इसके उपरान्त राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने प्रांगण में लगाए गए विभिन्न स्टालों में प्रदर्शित किए गए फल, शाकभाजी, पुष्प तथा उधान उत्पादों का अवलोकन किया। इस अवसर पर राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने स्मारिका ‘प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2014 का विमोचन भी किया।
राज्यपाल ने इस प्रदर्शनी में भाग ले रहे प्रतिभागियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधार्इ दी और आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी वे इसी उत्साह के साथ इस प्रदर्शनी में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि फलोधान उत्पादों की बेहतरी के लिए अभी और प्रयास करने होंगे, ताकि फल, शाकभाजी तथा पुष्प इत्यादि की उत्पादकता में वृद्धि हो, जिससे किसान समृद्ध हो सकें और प्रदेश में इनकी कमी न हो सके।
इस अवसर पर श्री यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में लगभग 90 प्रतिशत किसान लघु एवं सीमान्त कोटि के हैं, जिनके आर्थिक एवं पोषण सुरक्षा हेतु बागवानी फसलें उपयुक्त विकल्प हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने बागवानी विकास को प्रदेश के विकास के एजेण्डे में समिमलित किया है। इसकी उपयोगिता को दृषिटगत रखते हुए राजभवन प्रांगण में प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है, ताकि प्रदेश के बागवान-किसान कठिन परिश्रम से औधानिक फसलों की उत्पादित विभिन्न किस्मों के उत्पादों को प्रदर्शित कर जन-सामान्य को लाभानिवत कर सकें एवं अन्य सभी लोग इस ओर प्रेरित हो सकें। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी फल, शाकभाजी एवं पुष्प उत्पादक कृषकों को अपने उत्पाद दिखाने के साथ-साथ प्रतिभागियों को अपने प्रसंस्कृत उत्पाद प्रदर्शित करने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फल एवं शाकभाजी की फसलें, जहां एक ओर मानव शरीर को सम्पूर्ण पोषण प्रदान करती हैं, वहीं दूसरी ओर पुष्पों की खेती से कृषकों की आय में वृद्धि भी होती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कृषकों के हितार्थ विभिन्न औधानिक योजनाएं संचालित की जा रही हैं, ताकि औधानिक फसलों का उत्पादन क्षेत्र एवं उत्पादकता बढ़ायी जा सके। उन्होंने बताया कि औधानिक फसलों के उत्पादों के पोस्ट हार्वेस्ट प्रबन्धन हेतु सरकार ने खाध प्रसंस्करण उधोग नीति-2012 प्रदेश में लागू की है, जिसके द्वारा औधानिक उत्पादों के प्रसंस्करण हेतु उधमियों को विशेष सुविधाएं प्राप्त होने के साथ-साथ प्रसंस्करण उधोगों की स्थापना होने से न केवल तुड़ार्इ उपरान्त होने वाली हानि से बचा जा सकेगा, अपितु उत्पादक किसानों को उनके उत्पाद का समुचित लाभ भी प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि ग्रीन हाउस में बेमौसमी सब्जी एवं फूलों का उत्पादन कर अधिक लाभ अर्जित किया जा सकता है, इस पर सरकार की ओर से 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के इस कदम से कृषकों एवं उधमियों को लाभ मिलने के साथ ही, प्रदेश के युवा वर्ग के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे तथा जन-साधारण को खाध सुरक्षा उपलब्ध हो सकेगी।
कार्यक्रम को उधान एवं खाध प्रसंस्करण मंत्री श्री पारसनाथ यादव ने भी सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि प्रदेश में समृद्ध बागवानी को बढ़ावा देने के उददेश्य से इस प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। उत्तर प्रदेश की विविधतापूर्ण जलवायु में सभी प्रकार की औधानिक फसलों की खेती की जा सकती है। कार्यक्रम के दौरान कारागार मंत्री श्री राजेन्æ चौधरी, प्रमुख सचिव उधान तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपसिथत थे।
इस प्रदर्शनी में राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, सेना, उच्च न्यायालय लखनऊ, पी0ए0सी0, कारागार, रेलवे, एल0ए0एल0, लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर, एस0जी0पी0जी0आर्इ0, अंसल ए0पी0आर्इ0, एस0आर्इ0सी0सी0एल0, सहारा शहर, आदि संस्थाओं द्वारा मुख्य रूप से प्रतिभाग किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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