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महामानव परम पूज्य राष्ट्र संत गाडगे जी महाराज के बताये रास्ते पर चलकर ही समाज का कल्याण और देश का विकास सम्भव है।- मा. पार्षद श्रीमती रानी कनौजिया

Posted on 24 February 2014 by admin

शोभा यात्रा के.डी.बाबू स्टेडियम, परिवर्तन चौक, हजरतगंज, संत गाडगे जी महाराज मूर्ति स्थल, मां मरी माता मंदिर, सीतापुर रोड, पक्कापुल, लखनऊ दिनांक 23 फरवरी, 2014 अपरान्ह 12 बजे को राष्ट्र संत गाडगे बाबा क 138वीं जन्मतिथि के शुभ अवसर पर उ.प्र. रजक, सुधार समिति, संत गाडगे एकता समिति उ..प्र. व समाज की अन्य समितियों के तत्वावधान में आज बाबा संत गाडगे की शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। यात्रा की अगुवार्इ पार्षद रानी कनौजिया, संरक्षक रामऔतार कनौजिया, महात्मा संत गाडगे जूनियर हार्इस्कूल के छात्र छात्राओं, विधालय प्रबंधक अतुल कुमार कनौजिया, रीतेश कुमार कनौजिया, शिक्षकगण रेनू कनौजिया, नीलू, अवधेश वर्मा, विनीता सिंह, सोफिया, सुरेश कुमार चौधरी, राम नरेश कनौजिया, परशुराम कनौजिया, प्रहलाद कनौजिया, प्रमोद कुमार, होरी लाल, शिवपल्टन, शीतला प्रसाद चौधरी, लल्लूराम कनौजिया, गनेश कनौजिया, पूर्व पार्षद, शोभा यात्रा में हाथी, घोड़े, ऊँट, बैण्ड बाजो सहित रथों पर झांकियां समिमलित रही, अगुवार्इ करते हुये उपरोक्त लोगों ने कहा कि संत गाडगे बाबा जैसे महान संत कभी-कभी ही पैदा होते है, जिन्होंने सारा जीवन पीडि़त मानवता के उद्धार एवं कल्याण में समर्पित कर दिया हो। महान संत, समाज सुधारक, समतामूलक समाज के पोषक, त्याग एवं ममता की प्रतिमूर्ति गाडगे जी महाराज का जन्म महराष्ट्र के एक किसान परिवार में (परीटरजकधोबी समाज में) 23 फरवरी 1876 दिन बुधवार महाशिवरात्रि को हुआ। गाडगे जी ने 29 वर्ष की आयु मं घर त्याग दिया और अपना पूरा जीवन दबे, कुचले, पीडि़त, शोषित, अशिक्षित व पिछड़े समाज के उत्थान में लगाया। महामानव ने पूरे महाराष्ट्र तथा भारत के अन्य प्रांतो की यात्रा की और लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और एक प्रगतिशील जीवन के लिए लोगों को शिक्षित किया। उन्होंने पीडि़त लोगों के साथ रहकर उनकी पीड़ा को सुना, देखा महसूस किया और उसके खिलाफ बिगुल छेड़ा। महामानव ने लगभग 60-65 शिक्षण संस्थान, वृद्धा आश्रम, छात्रावास, वाचनालय, धर्मशाला, गौशाला आदि का निर्माण कराया। वह स्वयं स्कूल शिक्षा (अनपढ़ थे) नही ग्रहण किये थे। परन्तु फिर भी लोगों को शिक्षा हेतु प्रेरित किया। वह गरीबों, मजलूमों किसानों, की लड़ार्इ लड़ते उनको शिक्षा देते हुये 20 दिसम्बर 1956 को महापर्व निर्वाण को प्राप्त हुये।
आज हम सभी की जिम्मेदारी है कि उनकी शिक्षाओं, उनके त्याग, उनके प्रेमभाव, एकता एवं समरस समाज बनाने के सपने को आगे बढ़ाये, यही बाबा संत गाडगे का सच्चा मिशन होगा।
यात्रा के समारोह को अंत में समिति के पदाधिकारी पार्षद रानी कनौजिया, संरक्षक रामऔतार कनौजिया, महात्मा संत गाडगे जूनियर हार्इ स्कूल के छात्र छात्राओं, विधालय प्रबंधक अतुल कुमार कनौजिया, रीतेश कुमार कनौजिया, शिक्षकगण, रेनू कनौजिया, नीलू, अवधेश वर्मा, विनीता सिंह, सोफिया, सुरेश कुमार चौधरी, राम नरेश कनौजिया, परशुराम कनौजिया, प्रहलाद कनौजिया, प्रमोद कुमार होली लाल, शिवपल्टन, शीतला प्रसाद चौधरी, मल्लूराम कनौजिया, गनेश कनौजिया पूर्व पार्षद, लवलेश चौधरी, विवेक कुमार, रामकुमार, रामशरन चौहान, सुशील चौधरी, मुन्ना लाल, दिलीप कनौजिया, विजय कनौजिया, रमेश कनौजिया, राम सजीवन, सुरेश कनौजिया, दिनेश कनौजिया, सुखलाल, रामतीरथ, शिव कुमार आदि लोगों ने सम्बोधित किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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