उत्तर प्रदेष चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ का 32 सूत्रीय मांग पत्र पर चल रहा क्रमिक आन्दोलन एक फरवरी से 15 तक प्रदेष के समस्त चली गेट मीटिंग और विरोध सभाओं के उपरान्त अब 20 फरवरी को राजधानी के लक्ष्मण मेला मैदान में ” करो या मरो रैली के माध्यम से सरकार को मांगों की पूर्ति के लिए बाध्य किया जाएगा। उत्तर प्रदेष चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने कहा कि प्रदेष सरकार हर संवर्ग विसंगतियों पर ध्यान दे रही है लेकिन वर्तमान सरकार में प्रदेष का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पूरी तरह से उपेक्षित है। उन्होंने कहा कि लगातार मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव स्तर पर पत्राचार, ज्ञापन के बावजूद मांगों पर ध्यान न देकर प्रदेष की समाजवादी सरकार ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को कुण्ठाग्रस्त कर दिया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को 32 सूत्रीय मांग पत्र प्रेषित कर आन्दोलन का नोटिस दे दिया गया था। नोटिस के अनुसार प्रदेष का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 29 जनवरी को प्रदेष के सभी जनपदों में एक दिवसीय धरना देकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया । इसके उपरान्त एक फरवरी से 15 फरवरी तक विभागों को कार्यालयों के समक्ष मीटिंग, गेट सभा कर विरोध दर्ज कराया गया। इसके बाद भी सरकार की तरफ से कोर्इ सकारात्मक निर्णय न लिये जाने से नाराज चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 20 फरवरी को राजधानी में प्रान्त व्यापी रैली कर रहे है जिसमें तीन लाख से अधिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भागीदारी करेंगें।
श्री दुबे ने जारी बयान में कहा कि अगर सरकार ने समय रहते प्रदेष के राजकीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की समस्याओं पर ध्यान न दिया तो प्रदेष के लाखों लाख कर्मचारी प्रदेष सरकार को आगामी लोकसभा चुनाव में इसका जबाब देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव के आदेष के बावजूद विभागाध्यक्ष, कार्यालयों को प्रमुख कर्मचारी संगठनो से बात नही कर रहे है। जब वे बात नही कर रहे तो प्रमुख सचिवों की कौन कहे जिसके चलते छोटी छोटी समस्याओं का निराकरण नही हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेष के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की तमाम ऐसी समस्याएं है जिनका निराकरण विभागीय स्तर पर हो सकता है लेकिन कोर्इ ध्यान नही दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेष के चतुर्थ श्रेणी संवर्ग की मुख्य समस्याओं में प्रदेष में अधिकाधिक संख्या में रिक्त चतुर्थ श्रेणी के पदों पर सीधी भर्ती शुरू की जाए। चतुर्थ श्रेणी के स्थान पर चल रही आऊट सोर्सिग व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म किया जाए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को एक जनवरी 06 से ग्रेड वेतन रुपये 1800 अनुमन्य होने पर दिनांक 30 नवम्बर 08 से पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत शासनादेष सं. वे.आ.-2-62710-2007-442001टी.सी. दिनांक 21 जून 2007 में दी गर्इ समयमान वेतनमान की व्यवस्था में दी गयी अगले वेतनमान से अगला वेतनमान देने की व्यवस्था के अन्तर्गत 1 जनवरी 08 को मूल ग्रेड वेतन रुपये 2000 एवं द्वितीय प्रोन्नतिग्रेड वेतन 2400 (इग्नोर कर) को छोड़कर 2800 वेतनमान ग्रेड वेतन दिया जाए तथा एक दिसम्बर 08 से लागू सुनिषिचत कैरियर प्रोन्नयन (ए.सी.पी.) का तृतीय लाभ ग्रेड वेतन रुपये 4200 दिया जाए। इसके साथ ही एक जनवरी 06 से पे बैण्ड एक एस रुपये 4440-7440 ग्रेड वेतन 1300, पे बैण्ड 1 एस रुपये 4440-7440 ग्रेड वेतन रुपये 1400, पे बैण्ड 1एस रुपये 4440-7440 ग्रेड वेतन रुपये 1650 के कार्मिकों को पे बैण्ड रुपये 5200-20200 ग्रेड वेतन 1800 वेतन संषोधन उच्चीकरण के अन्तर्गत कर दिया गयाहै। ऐसे कर्मचारियों को काल्पनिक लाभ देते हुए एक जनवरी 06 से वेतन निर्धारण करते हुए वास्तविक लाभ सितम्बर 10 से दिया गया है लेकिन जो पूर्व में 16 वर्ष एवं 24 वर्ष की सेवा पूर्ण कर पे बैण्ड रुपये 1800 में आ गये थे उनको इग्नोर कर दिया गया है जिससे व्यापक विसंगती 16 वर्ष व 24 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले कार्मिकों के साथ हुर्इ है। जो 24 वर्शो की सेवा पूर्ण कर चुके है उनको एक जनवरी 06 से रूपये 2000 का ग्रेड वेतन देकर वेतन निर्धारण कर विसंगति समाप्त की जाए। दिनांक 29 जून 91 तक के नियमित समस्त विभागों के कर्मचारियों को पूर्व में दी गर्इ सेवाओं यथा दैनिक वेतनवर्कचार्जतदर्थ नियम वेतन की अवधि जोड़कर पेंषन गे्रच्युटी आदि का लाभ प्रदान किया जाये तथा पेंषन जिस विभाग का कर्मचारी हो उसी विभाग से स्वीकृत की जाए। चतुर्थ श्रेणी समूह ”घ से समूह ”ग कनिष्ठ सहायक के पद पर पदोन्नति का कोटा 20 प्रतिषत से बढ़ाकर 50 प्रतिषत किया जाए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को तृतीय श्रेणी कनिष्ठ सहायक के पद पर पदोन्नति के टंकण परीक्षा हेतु कम से कम एक वर्ष का समय प्रदान किया जाए। चतुर्थ श्रेणी समूह ”घ से कनिष्ठ लिपिक समूह ”ग के पदों पर शासनादेष के अनुसार 20 प्रतिषत पदोन्नति के पदों को आरक्षित रखा जाये उस पर केवल चतुर्थ श्रेणी कर्मिकों की पदोन्नति की जाए। मृतक आश्रित को लिपिक के पद पर सेवायोजित करने के लिए पृथक से पदों का सृजन किया जाए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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