Posted on 02 August 2013 by admin
- आसरा योजना के तहत आवास निर्माण की लागत 2.50 लाख रुपए को बढ़ाकर 2.96 लाख रुपए करने का फैसला।
- नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग द्वारा संचालित राजीव आवास योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में मानक निर्धारित।
- आगरा से लखनऊ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे (ग्रीन फील्ड) परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण की धारा-4 (1) की अधिसूचना निर्गत करने से पूर्व अर्जन व्यय एवं प्रतिकर के रूप में 20 प्रतिशत धनराशि जमा कराए जाने के प्रतिबंध से छूट देने का फैसला।
- प्रदेश में वायु सेवा का संचालन प्रारम्भ किए जाने की सैद्धान्तिक स्वीकृति।
- गन्ना संघ प्रेस के कर्मचारियों को उ0प्र0 सहकारी गन्ना समितियों में समायोजित किए जाने हेतु उ0प्र0 सहकारी गन्ना सेवा नियमावली 1975 में संशोधन।
- उ0प्र0 राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 में संशोधन का फैसला।
- जनपद आगरा एवं बरेली की घटनाओं में शहीद आरक्षियों के आश्रितों को अनुमन्य अनुग्रह धनराशि 10 लाख रुपए की सीमा से अधिक 15 लाख रुपए अतिरिक्त आर्थिक सहायता दिए जाने का फैसला।
- विधान मण्डल क्षेत्र विकास के मार्गदर्शी सिद्धान्त में संशोधन का फैसला।
- विकास प्राधिकरण एवं आवास विकास परिषद से परिवहन निगम के बस स्टेशनों एवं डिपो के लिए प्राप्त होने वाली भूमि के हस्तान्तरण को निबन्धन एवं स्टाम्प शुल्क से मुक्त करने का फैसला।
- भारत सरकार द्वारा स्वीकृत विद्युत वितरण कम्पनियों की वित्तीय पुनर्गठन योजना (एफ.आर.पी.) के अन्र्तगत बैंकों से लिए जाने वाले ऋण एवं उनके पक्ष में जारी किए जाने वाले बाॅण्ड के विरुद्ध राज्य सरकार द्वारा शासकीय गारण्टी देने का फैसला।
- उ0प्र0 पावर ट्रांसमिशन काॅरपोरेशन लिमिटेड द्वारा पी.पी.पी. प्रणाली में टैरिफ बेस्ड काॅम्पटिटिव बिडिंग के माध्यम से पारेषण से परियोजनाओं के निष्पादन की मंजूरी।
- लखनऊ में पी.पी.पी. माॅडल के आधार पर हृदय रोग से संबंधित सभी सुपर स्पेशियलिटी (कार्डियोलाॅजी/कार्डियक सर्जरी/सी.टी.वी.एस. आदि) तथा कैंसर को छोड़कर कम से कम एक अन्य मेजर सुपर स्पेशियलिटी में उत्कृष्ट केन्द्र के रूप सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना का फैसला।
- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एन.आर.एच.एम.) के द्वितीय चरण हेतु भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा राज्य सरकार के बीच मेमोरेण्डम आॅफ अंडरस्टैंडिंग (एम.ओ.यू.) हस्ताक्षरित किए जाने का फैसला।
- पशुपालन विभाग के चकगंजरिया फार्म लखनऊ की भूमि के वैकल्पिक उपयोग एवं फार्म के पुनस्र्थापन हेतु प्रस्तुत कार्य योजना को मंजूरी।
- गन्ना विभाग के 3767 पदों के मृत गन्ना पर्यवेक्षक संवर्ग को पुनर्जीवित करने का फैसला।
- उ0प्र0 गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय अधिनियम 2002 (यथासंशोधित 2008) में कतिपय संशोधन को मंजूरी।
- बाल फिल्म ”टू लिटिल इण्डियंस“ को 3 माह की अवधि हेतु राज्य में मनोरंजन कर से छूट प्रदान करने का फैसला।
- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत संचालित 108 ई.एम.टी.एस. समाजवादी स्वास्थ्य सेवा का नाम न बदलने तथा इस सेवा के द्वितीय एवं तृतीय वर्ष में पूर्ण रूप से राज्य सरकार द्वारा संचालन के फलस्वरूप आने वाले अतिरिक्त अनुमानित व्यय 87.44 करोड़ रुपए को राज्य बजट से वहन करने का निर्णय।
- हिन्दी फीचर फिल्म भाग मिल्खा भाग को एक-एक माह की 2 किश्तों अधिकतम दो माह के लिए उ0प्र0 में मनोरंजन कर से छूट प्रदान करने का निर्णय।
- प्रदेश के विभिन्न विभागों के अंतर्गत संचालित स्वशासी संस्थाओं के कर्मचारियों/अधिकारियों की अधिवर्षता आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किए जाने की सामान्य नीति निर्धारित। इस निर्णय से स्वशासी संस्थाओं के 50 हजार अधिकारी/कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 02 August 2013 by admin
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने तेलगांना राज्य के गठन के फैसले का स्वागत किया है और तेलगांना के बलिदान करने वाले युवाआंे को नमन किया है काश यह बलिदान न हुआ होता। भारतीय जनता पार्टी हमेशा से छोटेे राज्यों का समर्थन करती रही है और एनडीए सरकार में ही छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, झारखण्ड आदि राज्यों का गठन हुआ था। उस समय तेलगांना का भी गठन हो जाता है लेकिन हमारे गठबंधन में एक सहयोगी तैयार नहीं थे वरना एनडीए की सरकार में ही तेलगांना पृथक राज्य बन गया होता भारतीय जनता पार्टी की हमेशा एक मांग रही है कि राज्यांे के गठन के लिए राज्य पुर्नगठन आयोग की स्थापना होनी चाहिए, क्योंकि छोटे राज्यों में राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक, विकास होता है और संतुलित एवं स्वावलंबी राज्यों का सर्वागीण विकास होता है। छोटे राज्यों के साथ देश की भी तरक्की होती है और बेरोजगारी भी दूर होती है। प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी जी ने कहा कि कांग्रेस ने तेलगांना के मुद्दे को बहुत लम्बे समय तक टाले रहा और चुनाव से पहले वोट हासिंल करने के लिए इसको मंजूरी दे दी। भारतीय जनता पार्टी जो कि हमेशा से छोटे राज्यों की समर्थक हैं इसलिए इस फैसले का हम स्वागत करते है लेकिन अनावश्यक रूप से अन्य दलों द्वारा उत्तर प्रदेश के विभाजन को आधारहीन और बेवजह बताया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 02 August 2013 by admin
आई0 ए0 एस0 दुर्गा नागपाल एस0 डी0 एम0 नोएडा के सस्पेंन्शन पर कैबिनेट मीटिंग के बाद अखिलेश यादव के बयान से तानाशाही ही प्रगट होती है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 चन्द्र मोहन ने कहा कि जब जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर ने अपनी रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दी है, फिर भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान में निलंबन को उचित ठहराना जनभावना के विरूद्ध है। कुछ दिन पूर्व बीटा सेक्टर में भी एक मंदिर तोड़ा गया तो उसको तोड़ने वालों के खिलाफ चुप्पी क्यों ? स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार मुस्लिम तुष्टीकरण कर रही है और सरकार माफियाओं की गिरफ्त में है।
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 चन्द्र मोहन पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर की रिपोर्ट के साथ निलम्बन तत्काल समाप्त होना चाहिए और भारत सरकार हस्तक्षेप कर अपने कैडर की रक्षा करे साथ ही श्रीमती नागपाल द्वारा खनन माफियाओं के जो ट्रक्टर, ट्राली, डम्पर, जेसीबी मशीन जब्त की उनकी जांच करके मालिकों के नाम और राजनैतिक सम्बन्धों को जगजाहिर किया जाये।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार पूर्ण रूपेण संवेदनहीन हो गयी है इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को तबादला नीति का पालन करने के लिए बाध्य किया है। प्रशासनिक अधिकारी लगातार तबादला किये जाने से खासे नाराज है। आगरा मंे कर्तव्यनिष्ठ दारोगा शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने सपा नेताओं द्वारा प्रताडि़त किये जाने पर इस्तीफा दिया जाना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि अखिलेश सरकार बनने के बाद प्रदेश में अनेकांे स्थानों पर साम्प्रदायिक तनाव व दंगे हुए। सरकार बताये कितनी जगह नोएडा की तरह कार्यवाही की गयी ? प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी जब कल फसाद हुआ तो क्या कार्यवाही की गयी ? सरकार दोहरा मापदण्ड क्यों अपना रही है ?
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा नौकरशाही का राजनीतिकरण किया जा रहा है। उसे हस्तोत्साहित किया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश में अराजकता का माहौल पैदा हो गया। सपा के नेता एवं गौतमबुद्धनगर के लोकसभा प्रत्याशी नरेन्द्र भाटी द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों के विरूद्ध अमृयादित आचरण किया जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 02 August 2013 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि कुतर्क करना पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती का स्वभाव बन गया है। उन्हें न तो अपने पूर्व पद की गरिमा का ख्याल है और नहीं उनका अपनी भाषा पर संयम है। बुधवार को अपनी प्रेस वार्ता में उन्होने श्री मुलायम सिंह यादव के संबंध में जो असंगत और अभद्र टिप्पणी की है, वह उनके मानसिक स्तर को भी दर्शाती है। श्री मुलायम सिंह यादव राष्ट्रीय स्तर के वरिष्ठ नेता है जिनका सभी सम्मान करते हैं। बसपा की पूर्व मुख्यमंत्री की अशिष्ट टिप्पणी से उनके शिष्टाचार शून्य होने का पता चलता है। उनका यह कहना कि श्री यादव उत्तर प्रदेश में न आए निहायत बचकाना बयान है। बसपा अध्यक्ष को कुछ भी बोलने से पहले अपनी मर्यादाओं में रहना सीखना चाहिए। जितनी उनकी उम्र है उतना श्री मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक जीवन है।
बसपा अध्यक्ष का उत्तर प्रदेश की सरकार के खिलाफ जहर उगलना भी उनकी रोज की आदत है। कानून व्यवस्था का हौवा खड़ाकर वे क्या जताना चाहती है, वहीं जानें। प्रदेश में कानून का राज कायम रखने की दिषा में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव पहले दिन से ही सचेष्ट रहे है। किसी भी घटना पर त्वरित कार्यवाही करने में वे चूकते नहीं है। श्री मुलायम सिंह यादव ने राज्य सरकार की उपलब्धियों की कई बार प्रशंसा की है। उन्होने इंगित किया है कि प्रदेश में जो निर्णय हुए है, किसी अन्य सूबे में नहीं हुए है। दूसरे राज्य अब उनका अनुसरण करने को बाध्य है। सुश्री मायावती अगर अपने रिकार्ड पर ध्यान दें तो उन्हें समाजवादी पार्टी सरकार और अपनी सरकार का फर्क समझ में आ जाएगा। उनकी सरकार के समय उनके कई मंत्री-विधायक ही हत्या, अपहरण और बलात्कार जैसे संगीन मामलों में जेल पहुॅचे है।
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति राज की असंगत बात करके पूर्व मुख्यमंत्री वस्तुतः 20 करोड़ प्रदेशवासियों का ही अपमान कर रही है। यह जनादेश की भी अवमानना है। महामहिम राज्यपाल महोदय से ऐसी मांग करने से पहले उन्हें भारत के संविधान का अध्ययन कर लेना चाहिए था। ऐसा लगता है कि अब बसपा में अपनी पहली जैसी हैसियत न देखकर उनके खिन्न अधिवक्ता महासचिव ने अपनी अध्यक्षा को राष्ट्रपति राज संबंधी प्रारम्भिक जानकारी भी न देकर उन्हें अंधेरे में रखा है।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार ने विकास को नई मंजिलें तय की है। किसानों, मुस्लिमों, महिलाओं और नौजवानों के हित में तमाम योजनाएं शुरू की गई है। प्रदेश में पूंजीनिवेश में बाहरी उद्यमियों की दिलचस्पी बढ़ी है। अपराधियों पर नकेल कसी गई है। स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में बसपाराज में भयंकर घोटाले हुए थे, अब वहां भ्रष्टाचार पर रोक लगी है। प्रशासनतंत्र को जहां पूरी तरह पंगु और भ्रष्ट बना दिया गया था वहीं अब पादर्शिता और राजनीतिक शुचिता के साथ सरकारी कामकाज हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में अथक प्रयास कर रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 02 August 2013 by admin
- आरा मिल के लाइसेन्स की वैधता तीन वर्ष से बढ़ाकर 05 वर्ष की गई
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आज निर्णय लिया गया है कि पाॅपलर एवं यूकेलिप्टस के प्रकाष्ठ से बनाये गये विनियर को प्रदेश के 42 जनपदों में उत्तर प्रदेश इमारती लकड़ी और अन्य वन उपज को अभिवहन नियमावली, 1978 के अन्तर्गत अभिवहन पास की आवश्यकता नहीं होगी। यह छूट प्रदान किये जाने से कृषक अधिक से अधिक संख्या में यूकेलिप्टस व पाॅपलर का रोपण कृषि वानिकी के रूप में करेंगे तथा विनियर आधारित प्रकाष्ठ उद्योग की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा एवं रोजगार भी सृजन होगा। इससे अधिक से अधिक क्षेत्र में यूकेलिप्टस व पाॅपलर रोपित करेंगे। वृक्षावरण में वृद्धि से विनियर उत्पादन को बढ़ावा देकर वृक्षों के संरक्षण को प्रोत्साहन प्राप्त होगा। विनियर को अभिवहन पास से मुक्त होने से व्यापारियों को इस उद्योग के संचालन में सुविधा होगी तथा उनके द्वारा कृषकों को अधिक से अधिक पाॅपलर का उत्पादन किये जाने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। इस उद्योग के प्रोत्साहन से यूकेलिप्टस एवं पाॅपलर की खपत प्रदेश में हो सकेगी।
इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश आरा मिल की स्थापना और विनियमन नियमाली, 1978 के अन्तर्गत आरा मिल के लाईसेन्स की वैद्यता की अवधि 03 वर्ष से बढ़ाकर 05 वर्ष कर दी गयी है। इससे लाईसेन्स धारी प्रत्येक वर्ष लाईसेन्स का नवीनीकरण कराने की अनावश्यक परेशानी से बचेंगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 02 August 2013 by admin
- इंडियन जस्टिस पार्टी उ0प्र0 की प्रान्तीय कार्यकारिणी की बैठक 16 अगस्त 2013 को प्रदेश कार्यालय में बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति पर विचार विमर्श किया जायेगा।
इंडियन जस्टिस पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में पहले तो सभी सीटो पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। जिसमें उ0प्र0 में एक दर्जन सीटों पर मजबूत प्रत्याशी उतारने की तैयारी है। 16 अगस्त 2013 को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक प्रदेश कार्यालय लखनऊ में बुलाई गई है। बैठक में कुछ पार्टी प्रत्याशियों के नाम का भी फैसला किया जायेगा।
एस0सी0/एस0टी0 परिसंघ उ0प्र0 के प्रदेश अध्यक्ष भवननाथ पासवान इंडियन जस्टिस पार्टी के टिकट पर पहली बार लोकसभा चुनाव में भाग्य अजमायेंगे।
इंजपा ने लोकसभा क्षेत्रों के जातीय समीकरण व पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में उतरे दल के प्रत्याशियों को मिले वोट और संगठन की तैयारी के लिहाज से करीब एक दर्जन सीटे चिन्हित की है। इन सीटों में बाराबंकी, बिजनौर, मिर्जापुर , फतेहपुर, इलाहाबाद, जौनपुर, सोनभद्र, भदोही, मोहनलालगंज, बांदा, रामपुर, और मेरठ शामिल है। इंजपा इन सीटों पर अच्छे अवसर देख रही है। फौरी तौर पर इंजपा में इस बात पर आम राय है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ0 उदित राज, प्रदेश अध्यक्ष कालीचरन सोनकर पूर्व विधायक व एस0सी0/एस0टी0 परिसंघ प्रदेश अध्यक्ष भवननाथ पासवान को चिन्हित लोकसभा सीटों में से लोकसभा चुनाव में जरूर उतारा जाये इससे इंजपा को चुनाव में गंभीरता से लिया जायेगा पूर्व में लोकसभा व विधानसभा चुनाव में इंजपा प्रत्याशियों को चिन्हित सीटों पर 20 से 50 हजार वोट मिले थे।
इंजपा के प्रदेश प्रवक्ता इसरार उल्ला सिद्दीकी ने बतलाया कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों से आवेदन पत्र प्राप्त करने का काम चल रहा है। यह जल्द पूरा हो जायेगा अभी तक विभिन्न लोकसभाओं से 40 आवेदन पत्र प्राप्त हो चुके है। 16 अगस्त को प्रान्तीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रत्याशियों के नाम पर विचार विमर्श करके राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ0 उदित राज को सूची भेज दी जायेगी पार्टी का संसदीय बोर्ड दिल्ली में बैठक बुलाकर तय करेगा कौन कहां से चुनाव लड़ेगा इंजपा सितम्बर माह में प्रत्याशियों की घोषणा करेगी।
श्री सिद्दीकी ने अन्त में कहा कि समान विचार धारा के कई दल सम्पर्क मे है और चाहते है कि एक मोर्चे का गठन करके डाॅ0 उदित राज के नेतृत्व में लोकसभा का चुनाव लड़ा जाये पार्टी 16 अगस्त बैठक में विचार करके निर्णय करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 02 August 2013 by admin
- चयनित बिडर को परिभाषित मानकों के आधार पर बस स्टेशन को विकसित करना होगा
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक रंजन की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक में उ0प्र0 राज्य सड़क परिवहन द्वारा प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर स्थित 10 बस स्टेशनों जैसे-आगरा फोर्ट (आगरा), ईदगाह (आगरा), ट्रांस्पोर्ट नगर (आगरा), कौशाम्बी (गाजियाबाद), रसूलाबाद (अलीगढ़), आलमबाग (लखनऊ), झकरकट्टी (कानपुर), सिविल लाइन्स (इलाहाबाद), वाराणसी कैण्ट (वाराणसी) तथा सोहराबगेट (मेरठ) को आधुनिकीकरण किए जाने सम्बन्धी परियोजना के निर्णय पर अपनी सहमति प्रकट की ।
आर0एफ0क्यू0 ड्राफ्ट अभिलेख, जो बी0ई0सी0 के सदस्यों को परिचालित पत्र के सम्बन्ध में विचार-विमर्श एवं अनुमोदन हेतु आयोजित बैठक में बिडिंग शिड्यूल के आधार पर बिडर्स को आमंत्रित करने एवं तदुपरांत चयनित बिडर द्वारा यू0पी0एस0आर0टी0सी0 के प्रावधानों एवं पब्लिक, प्राइवेट, पार्टनरशिप (पी0पी0पी0) माडल में वर्णित स्पेसिफिकेशन्स के आधार पर प्रस्तावित बस स्टेशनों को विकसित किये जाने के प्रस्ताव पर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त ने अपनी सहमति प्रकट की।
संयोजक के रूप में परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा ने निविदा मूल्यांकन समिति में परिचालित किए जाने वाला आर0एफ0क्यू0 ड्राफ्ट अभिलेख पर समिति के सदस्यों द्वारा प्रस्तुत किए गये सुझावों एवं पृच्छा के संदर्भ में चर्चा की ।
औद्योगिक विकास आयुक्त द्वारा यह निर्देशित किया गया कि आर0एफ0क्यू0 अभिलेख (रिक्वेस्ट फार क्वालीफिकेशन ) में अनिवार्य रूप से यह स्पष्ट किया जाय कि प्रचलित नियमों के आधार पर अगले चरण में आर0एफ0पी0 (रिक्वेस्ट फाॅर प्रपोजल) में ई0एम0डी0 (अर्नेस्ट मनी डिपाजिट) प्रावधानों को पृथक रूप से वर्णित किया जाय तथा आर0एफ0पी0 अभिलेख में इसका वर्णन क्वान्टम वैल्यूज के आलोक में किया जाय। उन्होंने कहा कि अनुबन्ध के समय वार्षिक रियायत शुल्क प्रचलित सर्किल रेट की दर से मान्य होगा।
बैठक में विशेष सचिव अवस्थापना विकास विभाग श्री सुमन्त सिंह, विशेष सचिव, परिवहन श्री राकेश कुमार, विशेष सचिव, वित्त श्री राजीव श्रीवास्तव, विश्ेाष सचिव, लाॅ डा0 ए0के0 विश्वेश एवं प्रबन्ध निदेशक परिवहन निगम श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा के अलावा सम्बन्धित अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 02 August 2013 by admin
- उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री श्री राम गोबिन्द चैधरी की प्रदेशवासियों से की गयी इस अपील को जनहित में यथावत् प्रकाशित करने का आग्रह।
उत्तर प्रदेश राज्य के बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास तथा पुष्टाहार मंत्री के रूप में मैं आपसे कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा कर रहा हूॅं, जिनका संबंध हमारे उन बच्चों से है, जिनकी शिक्षा और उत्थान के लिए भारत सरकार से लेकर राज्य सरकार ने ऐसे कई कल्याणकारी कार्यक्रम प्रायोजित किये हैं, जिनका लाभ उठाकर उनके जीवन को शैक्षिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाया जा सकता है। यह अत्यंत संवेदनशील विषय है जिसमें आपके सकारात्मक सहयोग की बड़ी आवश्यकता है चूॅंकि आप बच्चों के शैक्षणिक और सामाजिक उत्थान की कड़ी में पहली सीढ़ी हैं।
दार्शनिकों का अभिमत है कि यदि किसी व्यक्ति की बुराई के स्थान पर उसकी अच्छाईयों को ज्यादा प्रोत्साहित किया जाय, तो बुराई स्वतः ही समाप्त हो जायेगी। संवेदनशील एवं सार्वजनिक मामलों में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। दोष एवं कमियों को उछालने, समस्याओं को गिनाने के स्थान पर यदि समाधान भी साथ-ही-साथ प्रस्तुत किया जाय, तो किसी भी बुराई को समूल नष्ट किया जा सकता है। वर्तमान में मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत बच्चों को खराब भोजन परोसने, गुणवत्ता युक्त भोजन नहीं मिलने आदि की शिकायतें प्रकाशित की जा रही हैं तथा इलेक्ट्राॅनिक मीडिया में भी समाचार चलायी जा रही हैं। बच्चों को परोसे जा रहे खाने में मेंढक, कीड़े, चूहे और अन्य अखाद्य पदार्थ निकलने आदि की खबरें भी प्रकाशित हुईं। यद्यपि सभी खबरें निराधार नहीं है परन्तु जनपद-मुरादाबाद और चित्रकूट के बारे में छपी खबरों की विस्तृत जांच कराने में यह तथ्य सामने आया है कि कतिपय असामाजिक तत्व इस प्रकार के समाचार प्रकाशित कराकर समाज में भ्रम पैदा कर निर्धन एवं गरीब बच्चों को शिक्षा और मिड-डे-मील से विमुख करने का षडयंत्र कर रहे हैं। यहां यह भी विचारणीय है कि समस्या के समाधान हेतु कोई उपाय भी नहीं बताये जा रहे हैं परन्तु एक ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जिससे अभिभावक भ्रमित हों और अपने बच्चों को विद्यालयों में न भेजें।
मध्याह्न भोजन योजना के क्रियान्वयन में सरकार हर संभव ऐहतियात बरत रही है। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां आई0वी0आर0एस0 प्रणाली के माध्यम से मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत लाभान्वित किये जा रहे छात्रों का दैनिक ब्यौरा रखा जाता है और उसके आधार पर विकास खण्ड, तहसील एवं जनपद स्तर पर गठित टास्क फोर्स द्वारा निरीक्षण भी किया जाता है। इसके अलावा प्रत्येक माह में जनपद के रैण्डम आधार पर चयनित कम-से-कम 10 विद्यालयों के भोजन पकाने में प्रयुक्त होने वाली सामग्री के सैम्पल को निर्धारित प्रक्रियानुसार इकट्ठा कर खाद्य सुरक्षा प्रयोगशाला में जांच कराने के भी निर्देश दे दिये गये हैं। परन्तु केवल सरकार के स्तर से बरती जाने वाली ऐहतियात व निगरानी व्यवस्था पर्याप्त नहीं हो सकती। इसके लिए जागरूक समाज को भी आगे आना होगा और जिम्मेदारी के साथ अपनी भूमिका निभानी होगी। इनमें प्रत्येक स्तर के जनप्रतिनिधिगण तथा प्रेस/मीडियाकर्मी भी शामिल हैं।
मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत प्रदेश के लगभग 1.70 लाख विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब 1.25 करोड़ बच्चे प्रतिदिन भोजन ग्रहण करते हैं। ऐसी स्थिति में कुछ विद्यालयों में मानवीय चूक की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। यदि पंचायती राज संस्था के जनप्रतिनिधिगण, ग्राम सभा के सदस्य, अभिभावकगण, जिनके बच्चे इन विद्यालयों में पढ़ रहे हैं, लोक हित के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के क्रियान्वयन के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी लें तो सरकार द्वारा किये जा रहे उपायों को और प्रभावी तरीके से कारगर बनाया जा सकेगा। आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषाहार वितरण, मध्याह्न भोजन जैसे कार्यक्रम सामाजिक जागरूकता से ही सफल हो सकते हैं। इन योजनाओं का सीधा लाभ समाज के सबसे पिछड़े एवं गरीब वर्ग के बच्चों से है और इनके माध्यम से कुपोषण तथा भूख की समस्या का एक सीमा तक निराकरण हो रहा है। इन कार्यक्रमों के और प्रभावी और सुचारू संचालन के लिए यह आवश्यक है कि अभिभावकगण, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण एवं मीडियाबन्धु कमियों के साथ-साथ जहां अच्छे कार्य हो रहे हैं उनके बारे में भी बतायें ताकि अच्छे कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित किया जा सके और जनहित के इन कार्यक्रमों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को चिन्हित कर दंडित किया जा सके।
हमारी सरकार ने व्यवस्था में सुधार हेतु कई कदम उठाये हैं। विद्यालयों में सभी बच्चों को समय से पाठ्य-पुस्तक उपलब्ध करायी गयी है और गुणवत्तायुक्त 02 सेट यूनीफार्म उपलब्ध कराने के लिए ठोस कार्यवाही की जा रही है। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत् शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण किया जा रहा है। यह सुनिश्चित किया गया है कि अध्यापकों को समय से वेतन का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में कर दिया जाय। इसी के साथ-साथ लगभग 1.80 लाख सेवानिवृत्त अध्यापकों के पेंशन का भुगतान सीधे कोषागार से उनके बैंक खाते में करने की व्यवस्था भी प्रभावी की गयी है। गत वर्ष लगभग 18,500 अध्यापकों तथा इस वर्ष लगभग 15,000 अध्यापकों का अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण किया जा चुका है और यह प्रयास है कि ज्यों-ज्यों नये अध्यापकों की नियुक्ति हो जाती है, अवशेष अध्यापकांे को भी उनके इच्छित जनपद में स्थानांतरित कर दिया जाय। पिछले 01 वर्ष में लगभग 11,000 सहायक अध्यापक, लगभग 30,000 अनुदेशक की नियुक्ति की जा चुकी है और 72,825 प्रशिक्षु अध्यापक की नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ की गयी थी, जो मा0 उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। शीघ्र ही 29,334 गणित एवं विज्ञान के सहायक अध्यापकों की उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। बड़ी संख्या में वर्षों से अवरूद्ध अध्यापकों की प्रोन्नति प्रक्रिया को भी प्रारंभ कर पूरी करायी गयी है। इससे अध्यापकों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी। यह प्रयास है कि हर विद्यालय में आवश्यकतानुसार अध्यापक शीघ्र उपलब्ध करा दिये जायें। प्रत्येक स्तर पर अधिकारियों को जन समस्याओं के निस्तारण हेतु संवेदनशील होने एवं पारदर्शी तरीके से कार्य करने हेतु निर्देश दिये गये हैं और इन मामलों में कोताही पाये जाने पर अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध निलंबन, स्थानांतरण एवं विभागीय कार्यवाही भी की जा रही है।
पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के दौरान जिस प्रकार प्रत्येक स्तर पर कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार का माहौल था, उस बिगड़ी हुई व्यवस्था को ठीक करने हेतु काफी प्रयास पिछले दिनों में किये गये हैं। प्रत्येक स्तर पर भ्रष्टाचार को मिटाने का प्रयास किया गया और भ्रष्ट अधिकारियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही भी प्रारंभ की गयी है। किसी भी कार्यक्रम के संचालन में अगर भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त होती हैं तो उन पर तत्परता से कठोर एवं प्रभावी कार्यवाही की गयी है तथा आगे भी की जायेगी। सभी अभिभावकों, जनप्रतिनिधिगण एवं मीडियाबन्धु से मेरा यह अनुरोध है कि मध्याह्न भोजन योजना के प्रदेश में सफल क्रियान्वयन में अपना रचनात्मक सहयोग दें, बगैर भ्रमित हुए अपने दायित्वों, कर्तव्यों एवं अधिकारों का समाज के दुर्बल, अल्प शिक्षित एवं वंचित लोगों के उत्थान के लिए प्रयोग कर उनके जीवन को मुख्य धारा से जोड़ने में अपना सहयोग प्रदान करें।
आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन से संबंधित किसी भी शिकायत को दर्ज करने के लिए आप 18001805599 टोल-फ्री नंबर पर फोन कर सकते हैं। इसी प्रकार मध्याह्न भोजन से संबधित शिकायतों को 18004190102 टोल-फ्री नंबर पर दर्ज कराया जा सकता है। हम आपको यकीन दिलाना चाहते हैं कि दर्ज शिकायतों पर तत्परता से कार्यवाही की जायेगी क्योंकि हमारा यह मानना है कि हर बच्चा-हमारा बच्चा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 02 August 2013 by admin
प्रदेश के पंचायतीराज राज्य मंत्री एवं जनपद अमेठी के प्रभारी मंत्री श्री कमाल अख्तर द्वारा 5 अगस्त 2013 को गौरीगंज, अमेठी में लैपटाप का वितरण किया जायेगा।
विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार पात्र छात्र/छात्राओं को लगभग 5 हजार लैपटाप वितरित किया जायेगा। लैपटाप वितरण कार्यक्रम नवोदय विद्यालय गौरीगंज, अमेठी के प्रांगण में पूर्वाह्न 11 बजे से शुरू होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 02 August 2013 by admin
- ग्रामीणों ने कटाव कार्य बंद कराया
उत्तर प्रदेश के जनपद संतकबीर नगर में घाघरा नदी के बायें तट पर स्थित मदरहवा-बेहरा डांडी तटबंध पर तुकौलिया/भिखारीपुर ग्राम के निकट नदी में कटान के कारण बंधे के 125 मीटर लम्बाई में 5.5 मी0 टाप की जगह मात्र 2.0 मी0 टाप रह गया है। तटबंध की गम्भीर स्थिति को देखते हुए सभी सुरक्षात्मक कदम उठाने के लिए मुख्य अभियन्ता (गण्डक), अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता तथा उपजिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गये थे।
केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा जारी सूचना के अनुसार तटबंध के कटान को रोकने के लिए कार्य कर रहे अधिकारियों एवं कर्मचारियों को लगभग 10 से 15 हजार ग्रामीणों ने जबरन कार्य को रोकते हुए मौके से हटा दिया है और सभी कटाव निरोधक सामग्री को नदी में फैंक दिया है। ग्रामीणों ने जबरन कटाव निरोधक कार्य को पूरी तरह से बंद करा दिया है। ग्रामीणों के इस कार्य से लुकौलिया, भिखारीपुर, जगदीशपुर एवं मिस्त्रीपुरवा आदि गांवों में गम्भीर खतरा उत्पन्न हो गया है।
प्रदेश के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने मदरहवा-बेहरा डांडी तटबंध के आस-पास रहने वाले गांवों के लोगों का आहवान किया है कि वे संयम से काम लें। अधिकारी तटबंध के कटाव रोकने के लिए पूरी तरह सक्रिय है। उन्होंने ग्रामीणों से यह भी आहवान किया कि वे अधिकारियों को कटाव निरोधक कार्य करने दें, जिससे किसी भी गम्भीर समस्या से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से बाढ़ प्रभावित लोगों के हितों के लिए सजग है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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