Posted on 24 August 2013 by admin
www.pheku.in भारत के लोकतांत्रिक स्थान के नवीन संघर्ष के साथ आगे बढ़ने वाला नया जुड़ाव हैण् पिछले पांच वर्षों से यह देखा जा रहा है कि राज्य की अराजकता और सर्वाधिकारवादी कार्यवाहियों के विरुद्ध महत्वपूर्ण किन्तु नाराज नागरिक समाज बार.बार एकत्रित हो रहा हैण् यू पी ए सरकार के एक दशक तक लम्बे शासन काल में न केवल युवा असंतोष को अनियमित रूप से चिंगारी दी जा रही है बल्कि फासिस्ट राजनीतिक नरेंद्र मोदी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक वातावरण भी तैयार हो रहा है सभी फासीवादियों की भांति मोदी ने भी एक कार्यकुशल और प्रभावी शासन का प्रारूप प्रस्तुत किया है और अधिकतर फासीवादियों की तरह कार्यकुशलता और वृद्धि का यह शासन प्रारूप झूठए अर्ध.सत्य और करोड़ों रुपयों के व्यक्तिगत सम्बन्ध उद्योग पर आधारित हैण्
किन्तु जिस क्षण फासिस्ट विकल्प के रूप में नागरिक समाज का चुनाव होता है वह क्षण एक रचनात्मक चुनौती उत्पन्न करता हैण् www.pheku.in मोदी के व्यक्तिगत संबंधों की मशीनरी की हर निर्मिति की पड़ताल करके इस प्रकार की चुनौती प्रस्तुत करता हैण् हमने गुजरात के विकास मॉडल पर आँकड़ों की एक लम्बी सूची तैयार की है और कई दावों की नए सिरे से जांच की है जो मोदी ने सार्वजनिक रूप से किए हैंण् इस प्रकार www.pheku.in एक साथ सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचनाओं के लिए पारदर्शी केन्द्र है और चुनाव के समय ब्रेकिंग न्यूज के साईट भी है www.pheku.in के साथ हमारा उद्देश्य दुहरा है आज के सबसे अधिक अधिकारवादी नेताओं के रिकार्ड को सबके सामने लाकर एक नवीन लोकतांत्रिक चिंतन का निर्माण करना इसके साथ ही भारतीय राजनीति में युवाओं के जुड़ाव के एक नवीन स्तर का निर्माण करनाण् www.pheku.in की टीम देश भर के १५ राज्यों और देश के बाहर के ४ शहरों में स्थित है ण्
मोदी का गहरा साम्प्रदायिक रिकार्ड और सहजता के साथ झूठ बोलने की उनकी योग्यता यह दोनों मोदी के सर्वाधिकारवाद के विलक्षण जोड़े हैंण् उनकी इसी उत्पादक भूमि को www.pheku.in उजागर करेगा मोदी के कई सहज झूठ पहले से ही उजागर हो चुकें हैं जैसे उनका हिमालय का चमत्कार उजागर हो चुका हैण् हमारे परीक्षकों ने १०० से अधिक ऐसे रहस्यों को पहचाना है जिन्हें प्रकट करने की आवश्यकता बनी हुई हैण् इन झूठों के साथ कई आयाम जुड़े हैं दृ गुजरात के लोकतांत्रिक संस्थानों का उनके द्वारा किया गया विनाशए बड़ी मात्रा में घोटाले जिनके बारे में कहने की जरूरत नहीं है उनकी श्फेंकश् जिससे हमने अपना नाम लिया हैण् कोई राजनीतिज्ञ २००० अल्पसंख्यकों की निर्ममतापूर्वक हत्या और कई एनकाउंटर किलिंग का जिम्मेदार है प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उसका चेहेरा निश्चित रूप से फीका पड़ जाना चाहिएण् www.pheku.in हमें उम्मीद है कि हम भारत की नवीन लोकतांत्रिक लहर के भाग होंगेण्
www.pheku.in आज प्रस्तुत हो रहा हैण् २३ अगस्त २०१३ को भारत के २० शहरों मेंण् निम्नलिखित व्यक्ति वेबसाईट को प्रस्तुत करेंगेण्
तथ्य.सूची.
ऽ दस साल में ६०ए००० छोटे स्तर के उद्योग बंद हो गएण्
ऽ गुजरात प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में पांचवे स्थान पर हैण्
ऽ जब भारतीय जनता पार्टी १९९५ में पहली बार सत्ता में आई तब राज्य सरकार का कुल ऋण १०००० करोड़ रूपए से कम थाण् गुजरात का वास्तविक ऋण २००१.२ में ४५३०१ करोड़ से बढ़कर मोदी के शासन काल में ३०ए दिसम्बर २०१२ तक १३८९७८ करोड़ तक पहुँच गया हैण् राज्य.सरकार के अनुमानित बजट के अनुसार यह ऋण २०१५.१६ तक २०७६९५ करोड़ रूपए तक पहुँच जाएगाण्
ऽ कृषि.वृद्धि में गुजरात आठवें स्थान पर हैण् कृषि क्षेत्र में गुजरात ने कभी भी १०ः की वृद्धि.दर नहीं प्राप्त कीण् गुजरात सरकार के स्वयं के आँकड़ों के अनुसार २००५.२००६ से २०१०.११ तक कृषि और संगठित क्षेत्र में वृद्धि.दर मात्र ३ण्४४: ही रही न कि दहाई अंकों में अथवा १०ः
ऽ गुजरात में उर्वरक पर वैट ;मूल्य संवर्धित करद्ध ५ः हैण् जो भारत में अधिकतम हैण्
ऽ गुजरात में २६ जिले हैं जिनमें २२५ ब्लॉक हैं जिसमें से ५७ अँधेरे में हैंण्
ऽ मार्च २००१ से ४५५८८५ कृषि.विद्युत कनेक्शन के आवेदन लंबित हैंण्
ऽ राज्य के पांच वर्ष से कम उम्र के लगभग आधे बच्चे ;४४ण्६ःद्ध कुपोषण से पीड़ित हैंण् ७०ः बच्चों में खून की कमी हैं और ४०ः सामान्य से कम वजन के हैंण्
ऽ गुजरात के आठ शहरों और तीन तालुका में २४९४ शिक्षकों के पद खाली हैंण्
ऽ गुजरात के चार जिलों में लगभग ९७८ स्कूल एक या दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैंण्
ऽ गुजरात का स्वास्थ्य व्यय वर्ष १९९०.९५ के ४ण्२५ः के स्तर से गिर कर २००५.२०१० की अवधि में ०ण् ७७ः के स्तर पर पहुँच गया हैण् राज्य स्तरीय बजट में स्वास्थ्य सम्बन्धी मद में आवंटन के सन्दर्भ में गुजरात का स्थान नीचे से दूसरा है
ऽ एनीमिया से प्रभावित महिलाओं के मामले में २० बड़े राज्यों में गुजरात का स्थान नीचे से २० वां है
ऽ कुपोषित बच्चों के मामले में गुजरात का स्थान १५वां है
ऽ एनीमिया से प्रभावित बच्चों के मामले गुजरात का स्थान १६ वां है
ऽ ग्रामीण शिशु मृत्यु दर में गुजरात का स्थान १४ वां तथा शहरी शिशु मृत्यु दर में १० वां है
ऽ वैश्विक भूख पर रिपोर्ट ;२००९द्ध के अनुसार भारत के १७ बड़े राज्यों में से २३ण्३ के भूख सूचकांक के साथ गुजरात का स्थान १३ वां हैण् मध्यप्रदेशए बिहार और झारखण्ड के साथ गुजरात भी खतरे की सूची वाले राज्यों में शामिल हो चुका है
ऽ आंकड़े दिखाते हैं कि ६६: ग्रामीण घरेलू व्यक्तियों द्वारा शौचालय के प्रयोग के मामले में राज्य का स्थान १०वां हैण्
ऽ राष्ट्रीय जनगणना २०११ के अंतर्गत एकत्रित किये गया आंकड़े यह प्रकट करते हैं कि गुजरात की कुल जनसँख्या २९ः निवासी गैर उपचारित पेयजल प्राप्त करते हैंण् लगभग १ण्७५ करोड़ लोगों को शुद्ध पेयजल प्राप्त नहीं होता हैण् गुजरात में २००१ में गरीबी ३२ः थी जो २०११ में ३९ण्५ः तक पहुँच गयी हैण् प्रत्येक १०० व्यक्तियों में ४० व्यक्ति गरीब हैं राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन ;एनण् एसण् एसण् ओण्द्ध के आंकड़े दिखाते हैं कि २००४ और २०१० के बीच गरीबी घटने का प्रतिशत गुजरात में निम्नतम था जो ८ण्६ः था
ऽ गरीब परिवारों के छात्रों को स्कूली शिक्षा पूरी करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु केन्द्र द्वारा अल्प.संख्यकों के लिए छात्र.वृत्ति योजना शुरू की गई जिसमें केन्द्र और राज्य सरकार का हिस्सा ७५रू२५ के अनुपात में थाण् इस योजना के अंतर्गत ५२ए२६० अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए थी किन्तु जब से यह योजना प्रारम्भ हुई है तब से गुजरात ने इन छात्रवृत्तियों के संदर्भ में एक भी प्रस्ताव केन्द्र को नहीं भेजा है जिसके कारण यह कोष बेकार जा रहा है
ऽ गुजरात में कुल बैंक खातों का १२ः मुस्लिम धारण करते हैं किन्तु उनके ऋण की राशि २ण्६ः ही है जो यह प्रमाणित करता है कि उन्हें बैंक ऋण प्राप्त नहीं होता
ऽ संयुक्त राष्ट्र के यूण्एनण्डीण्पीण् ने यह पाया है कि मुस्लिमों के संदर्भ में गरीबी का श्हेड काउंटश् अनुपात असमए उत्तर प्रदेशए पश्चिम बंगाल और गुजरात में अधिकतम है
ऽ उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद १९५८ दंगों के मामले दुबारा खोले गए हैंण् गुजरात पुलिस ने मात्र ११७ मामलों में गिरफ्तारियां की हैं यानी कुल मामलों का मात्र ५ःण्
ऽ गुजरात श्वन अधिकार आधिनियम २००६श् लागू करने वाला ११ वां राज्य है
ऽ गुजरात में प्रत्येक तीन दिन में एक बलात्कार होता है
ऽ एक दशक से गुजरात सरकार में डिप्टी स्पीकर का पद खाली है ; भारतीय सविधान के अनुच्छेद १७८ के अनुसार यह पद अनिवार्य हैद्ध
ऽ सदन एक वर्ष में लगभग ३०.३२ दिन ही चलता है
ऽ पिछले दस वर्षों से लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हुई है
ऽ गुजरात ने ३७१६ रोजगार मेले आयोजित किएण् किन्तु गुजरात सरकार के स्वयं के आँकड़ों के अनुसार १० लाख पढ़े लिखे युवा बेरोजगार हैं और कुल ३० लाख लोग बेरोजगार हैं
ऽ राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन ;एनण् एसण् एसण् ओण्द्ध के आंकड़े प्रदर्शित करते हैं कि पिछले १२ वर्षों से रोजगार वृद्धि की दर लगभग शून्य है
ऽ राज्य के खातों के संदर्भ में कैग की हाल की समीक्षा आँख खोलने वाली साबित हुई है आरोप है कि वहाँ १६७०६ण्९९ करोड़ रूपए की वित्तीय अनियमितता और भूमि आबंटन में अनियमितता पाई गई हैण् जिसका वित्तीय और विकास के मोर्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 24 August 2013 by admin
- चैनल पूरे भारत के 10 बच्चों के लिए बेहद खास बर्थडे पार्टियों का आयोजन कर रहा है
अगस्त माह में डिस्कवरी किड्स भारत में अपनी पहली वर्षगांठ मना रहा है और अपने सभी युवा दर्शकों को अपने पसंदीदा किरदारों के साथ अपना जन्मदिन मनाने के लिए आमंत्रित करता है। चैनल ने 12 अगस्त को हरदोई के शुभंग की जन्मदिन पार्टी का आयोजन किया जिसकी उम्र 4 साल है।
शुभंग उन 10 सौभाग्यशाली बच्चों में से एक है जिनकी जन्मदिन की पार्टी का पूरा आयोजन डिस्कवरी किड्स कर रहा है। चैनल ने 4 से 11 साल के ऐसे बच्चों को डिस्कवरी किड्स बर्थडे कांटैस्ट में हिस्सा लेने के लिए न्यौता दिया था जिनका जन्म अगस्त महीने में हुआ हो, और इसके लिए उन्हें अपने विवरण चैनल के पास भेजने थे। इसके बाद इन प्रतिभागियों को डिस्कवरी किड्स की तरफ से एक अनोखा कोड मिला जिसे उन्होंने अपने मित्रों के साथ शेयर किया। जिन सौभाग्यशाली बच्चों ने अधिकतम वोट हासिल किए, उन्होंने डिस्कवरी किड्स द्वारा आयोजित अपनी बर्थडे पार्टी का ईनाम जीता।
डिस्कवरी किड्स ऐसी बर्थडे पार्टियों को कई शहरों में आयोजित करेगा जिनमें दिल्ली, मुम्बई, आगरा और मदुरई शामिल हैं। डिस्कवरी किड्स के टिनटिन, सैली और ट्रांसफाॅरमर्स प्राइम जैसे लोकप्रिय चरित्र इस आयोजन को बच्चों के लिए एक बेहद यादगार जश्न का रूप देंगे।
राहुल जौहरी, सीनियर वाइस प्रैजि़डैंट और जनरल मैनेजर - साउथ एशिया एंड हैड आॅफ़ रेवेन्यु, पैन-रीजनल एड सेल्स एंड साउथईस्ट एशिया, डिस्कवरी नैटवक्र्स एशिया-पैसिफि़क ने कहा, ‘हमें पूरे भारत से डिस्कवरी किड्स बर्थडे कांटैस्ट को लेकर जो जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली है वह पूरे देश में इस चैनल की लोकप्रियता का एक सबूत है। हम बच्चों के साथ डिस्कवरी किड्स का पहला जन्मदिन मनाने को लेकर, और हमारे युवा दर्शकों के साथ और ज्यादा मजबूत रिश्ता बनाने के सिलसिले में बहुत रोमांचित हैं।’
अपने पहले साल में डिस्कवरी किड्स ने रोमांचक अनुभव प्रस्तुत किए हैं, उत्सुकता को बढ़ावा दिया है और भारत के लाखों बच्चों की कल्पनाओं को उड़ान दी है। चैनल ने मनोरंजन और समझ को बढ़ाने वाली विषय-वस्तु के साथ एक कमाल का प्रदर्शन किया है। डिस्कवरी किड्स ने एक सुरक्षित मंच मुहैया करा कर बच्चों के साथ एक खास रिश्ता बनाया है और माता-पिताओं का विश्वास भी हासिल किया है कि वे इस मंच पर भरोसा कर सकते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 24 August 2013 by admin
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री वीरेन्द्र सिंह ने जिला फोरमों के सभी अध्यक्षों को यह निर्देशित किया कि उपभोक्ता हित में वे नियमानुसार ऐसे उपाय करें कि उपभोक्ताओं द्वारा दाखिल किये गये परिवादों का निस्तारण शीघ्रातिशीघ्र किया जा सके, जिससे अधिक से अधिक उपभोक्तागण उक्त अधिनियम का लाभ उठाकर लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 विशेषकर उपभोक्ताओं का हित संरक्षित करने के लिए पारित किया गया अधिनियम है। इसमंे उपभोक्ताआंे के अधिकारों को संरक्षित किया गया है।
जिला फोरमों उपभोक्ताओं द्वारा दाखिल किये जा रहे परिवादों एवं उनके शीघ्र निस्तारण हेतु आ रही कठिनाईयों के सम्बन्ध में आज राज्य उपभोक्ता विवाद परितोष आयोग गोमती नगर मंे विचार-विमर्श किया गया। जिला फोरमों में कर्मचारियों की कमी, टी0एस0पी0 की तैनाती तथा दैनिक खर्चों एवं उपभोक्ताओं द्वारा दाखिल किये गये परिवादों के शीघ्र निस्तारण के सम्बन्ध में अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री वीरेन्द्र सिंह के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उन्होंने जिला फोरम के अध्यक्षगण से यह अपेक्षा की कि उन्हें आहरण वितरण अधिकारी के साथ-साथ कार्यालय अध्यक्ष की शक्तियाँ प्रदान की गयी हैं जिसके नाते वे नियमानुसार नियमों के अन्तर्गत जिला फोरमों में उत्पन्न हो रही समस्याओं का निराकरण करें तथा यह प्रयास करें कि जिला फोरमों में उपभोक्ताआंे द्वारा दिन-प्रतिदिन दाखिल किये गये परिवादों का निस्तारण शीघ्रातिशीघ्र करें।
न्यायमूर्ति श्री वीरेन्द्र सिंह ने जिला फोरम के अध्यक्षगणों से कहा कि उपभोक्ताओं द्वारा दाखिल किये गये परिवादों का शीघ्र निस्तारण किया जाना तथा जिला फोरमों में महसूस की जाने वाली कठिनाइयों का निराकरण करना है। विचार-विमर्श से विभिन्न समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है। उन्हांेने अध्यक्षगणों से आशा व्यक्त की कि जिला फोरमों में दाखिल किये गये परिवादों का निस्तारण तीव्र गति से हो सकेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 24 August 2013 by admin
सिटी मान्टेसरी स्कूल, महानगर द्वितीय शाखा द्वारा पांच दिवसीय ‘‘नेशनल फुटबाल टूर्नामेंट’’ के उद्घाटन समारोह का आयोजन शनिवार दिनांक 24 अगस्त, 2013 को सायं 5ः00 बजे सी0एम0एस0 कानपुर रोड के वल्र्ड यूनिटी कन्वेन्शन सेण्टर में किया जा रहा है। प्रदेश के खेल-कूद एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री श्री रामकरन आर्य ‘‘नेशनल फुटबाल टूर्नामेंट’’ का उद्घाटन करेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 24 August 2013 by admin
- बागवानी फसलों में कैनाॅपी प्रबन्धन एवं सघन बागवानी तकनीक को अपनाये किसान- डाॅ0 गोरख सिंह
- गुणवत्तायुक्त पौध सामग्री की आपूर्ति किसानों को की जाये - ओ0एन0 सिंह
प्रदेश की बढ़ती जनसंख्या तथा कम होती जमीन के लिए सघन बागवानी एवं कैनाॅपी प्रबन्धन तकनीक को बागवानी फसलों में अपनाना अति आवश्यक है। नये एवं पुराने बागों में कैनाॅपी प्रबन्धन तकनीक को अपनाकर किसान फलों के उत्पादन, उत्पादकता एवं गुणवत्ता को बढ़ाकर अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं।
यह बात बागवानी आयुक्त, भारत सरकार डाॅ0 गोरख सिंह ने आज यहां उद्यान निदेशालय स्थित प्रेक्षागृह में सघन बागवानी और कैनापी प्रबन्धन विषय पर आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर कही। उन्होंने विदेशों में तथा देश के कई राज्यों में किसानों द्वारा अपनाई जा रही इस तकनीक को उपस्थित लोगों को दिखाया तथा इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि परम्परागत विधि की अपेक्षा सघन बागवानी तथा कैनाॅपी प्रबन्धन तकनीक को अपनाकर फलों के उत्पादन में तीन से चार गुना वृद्धि प्राप्त की जा सकती है। नये एवं पुराने बागों का कैनापी प्रबन्धन करना बहुत आवश्यक है, जिससे लम्बे समय तक अधिक फल प्राप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि कैनाॅपी प्रबन्धन से पौधों की ऊँचाई तथा फैलाव का नियंत्रण होता है जिससे अधिक उत्पादन तथा गुणवत्तायुक्त फल प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से फल के आकार को बढ़ाने, बागवानी कार्यों को सरल बनाने, पौधों की आयु बढ़ाने तथा रोग और नाशीजीव नियंत्रण करने में काफी सहायता मिलती है।
निदेशक, केन्द्रीय उपोष्ण एवं बागवानी संस्थान डा0 एच0रविशंकर ने संस्थान द्वारा कैनाॅपी प्रबन्धन एवं पुराने बागों के जीर्णोंद्धार पर किये जा रहे शोध एवं उपलब्धियों को बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों को नयी तकनीक का ज्ञान नहीं है। वैज्ञानिक विधि से फल उत्पादन कर प्रदेश को आर्थिक रूप से समृद्ध़ बनाया जा सकता है। प्रधान वैज्ञानिक डा0 वी0के0सिंह ने कार्यशाला में कैनाॅपी प्रबन्धन तथा सघन बागवानी पर किसानों एवं प्रशिक्षणार्थियों को विस्तृत जानकारी दी।
कार्यशाला में निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री ओम नारायण सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत आम, अमरूद तथा आॅवला के पुराने अनुत्पादक बागों के जीर्णोंद्धार एवं कैनाॅपी प्रबन्धन के लिए व्यय लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 15,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तथा आम की सघन बागवानी के लिए इकाई लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 40,000 रुपये तथा अमरूद की सघन बागवानी के लिए इकाई लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 31,388 रुपये का अनुदान लाभार्थी को उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को गुणवत्तायुक्त पौध सामग्री की आपूर्ति किसानों को किये जाने के निर्देश दिये।
कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों द्वारा कृषकों एवं प्रसार कार्यकर्ताओं को इस तकनीक की जानकारी दी गयी तथा उनके जिज्ञासांेओं का समाधान किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ विभागीय अधिकारी, प्रमुख फलोत्पादक 50 जनपदों के उद्यान अधिकारी, रिसोर्स पर्सन के रूप में वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक तथा इन जिलों के दो-दो प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 24 August 2013 by admin
उ0प्र0 राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती (डा0) सुरभि शुक्ला द्वारा आयोग में प्रचलित प्रकरणों की सुनवाई आगामी 30 अगस्त को जनपद सुल्तानपुर की तहसील सदर में की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 24 August 2013 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के विकास पर अपना ध्यान केंन्द्रित कर रखा हैं। सड़क, अस्पताल, पुल, बिजली और षिक्षा की तमाम योजनाओं को अमली जामा पहनाया जा रहा है। चुनावी घोषणा पत्र में जो वायदे किए गए थे उनको पूरा करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। पिछली बसपा सरकार में सरकारी खजाना की लूट हुई। जबकि समाजवादी पार्टी की सरकार विकास के एजेण्डा पर चल रही है। जनता की गाढ़ी कमाई की लूट बंद हो गई है और अब अनुत्पादक मदों पर व्यय पर भी रोक लगी हुई है। लोकतंत्र में जनादेश और जनाकांक्षाओं का सम्मान होता हैं। जनता ने भारी बहुमत के साथ सत्ता पर समाजवादी पार्टी को बिठाया है। ऐसे में विपक्ष को रचनात्मक विरोध का सहारा लेना चाहिए। परन्तु उत्तर प्रदेश में विपक्ष उलटी हवा बहा रहा हैं। वह विरोध के लिए विरोध की राजनीति कर रहा है। इससे प्रदेश की विकास प्रक्रिया प्रभावित होनेवाली नहीं है। कैसी बिडम्बना है कि प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल ने समस्त लोकतांत्रिक मर्यादाओं एवं परम्पराओं को तोड़ते हुए समाजवादी पार्टी सरकार के सत्ता में आने के पहले दिन से ही प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ने का हल्ला मचाने और राश्ट्रपति राज लगाने की गुहार लगानी शुरू कर दी है। भाजपा और कांग्रेस ने भी प्रदेश में विकास विरोधी गतिविधियां शुरू कर दी है। अशांति भड़काने की साजिशें शुरू हो गई है।
समाजवादी पार्टी के विकास रथ की प्रगति में बाधा डालने के लिए एक ओर आरएसएस, भाजपा, और विहिप जहाॅ सांप्रदायिकता का उन्माद फैला रहे है वही कांग्रेस अनर्गल और निराधार आरोपों के साथ बसपा-भाजपा के सुर में ही सुर मिला रही है। कांग्रेस-भाजपा की मिलीभगत से ही 6 दिसम्बर,1992 को बाबरी मस्जिद गिरी थी। आज भी वही उन्मादकारी स्थिति देखने को मिल रही है।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव समाज के सर्वांगीण विकास पर ध्यान केन्द्रित किए हुए है। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि मुस्लिमों की दशा दलितों से बदतर है। वे सामाजिक, शैक्षिक तथा शासकीय सभी क्षेत्रों में पिछड़े हैं। मुख्यमंत्री जी ने मुस्लिमों को विभिन्न योजनाओं में 20 प्रतिशत भागीदारी देकर सामाजिक असंतुलन को दूर करने की दिशा में सराहनीय कदम उठाया है। यह सामाजिक न्याय का सिंद्धात है। समाजवादी पार्टी की सरकार ने कानून व्यवस्था बनाए रखने और सभी विषमताओं के खिलाफ संघर्ष का संकल्प कर रखा है। धर्मनिरपेक्षता के लिए उसकी प्रतिबद्धता स्वयंसिद्ध है। जो अराजक तत्व कानून से खिलवाड़ करने की कोशिश करेगें, ऐसी स्थिति में सरकार कानून-व्यवस्था कायम के लिए कदम उठायेगी ही। प्रदेश की शांति व्यवस्था में खलल बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। मुख्यमंत्री जी कानून का राज स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तर प्रदेश में अब विकास विरोधी, सांप्रदायिक तत्वों एवं भ्रष्टाचारियों के लिए कोई जगह नहीं है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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