Archive | August 28th, 2013

प्रदेश में पत्रकारों की हत्याओं एवं जानलेवा हमलों के प्रति पुलिस की लगातार लापरवाही के सम्बन्ध में.

Posted on 28 August 2013 by admin

सेवा में,
श्री अखिलेश यादव जी
मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश.

महोदय,
प्रदेश में पत्रकारों की हत्या, जानलेवा हमलों और उत्पीड़न के विषय में आप को और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को हम लगातार अवगत कराते रहे हैं। मीडिया से जुड़े लोगों के साथ हो रही इस तरह की घटनाओं के बारे में आप स्वयं अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के लिए निर्देशित कर चुके हैं लेकिन अत्यन्त खेद का विषय है कि सैकड़ों पत्रकारों की मौजूदगी में आप द्वारा दिये गये निर्देशों का पुलिस पर कोई असर नहीं पड़ा है। बांदा, इटावा, लखीमपुरखीरी और बुलंदशहर में डेढ़ माह केे भीतर चार पत्रकारों की सरेआम हत्या की गयी है, और इन सभी घटनाओं में पुलिस का रवैया शुद्धशः शिथिल रहा है। विगत सत्रह अगस्त को आपके सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति की ओर से हमने एक ज्ञापन सौंपकर पत्रकारों के सुरक्षा सम्बन्धी प्रकरणों के निदान हेतु प्रदेश एवं जिला स्तरों पर स्थायी समितियों को पुनर्गठित करने की मांग की थी। आप द्वारा मुख्य सचिव को इस विषय में त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिये गये थ,े लेकिन नितांत कष्ट का विषय है कि अभी तक प्रगति शून्य है। आपको याद दिलाना चाहेंगे कि विगत वर्ष अगस्त महीने में आपने उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को स्थायी समितियों के गठन के निर्देश दिये थे।
मुख्यमंत्री जी आपको आश्चर्य होगा कि लखनऊ में वरिष्ठ पत्रकार सुरेश बहादुर सिंह पर हुए जानलेवा हमले के मामले में बारह दिन बाद भी पुलिस द्वारा एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। जबकि इस विषय में समिति का प्रतिनिधि मंडल डीजीपी तथा अन्य अधीनस्थ अधिकारियों से दर्जनों बार सम्पर्क कर चुका है।
आप से मांग है कि लखीमपुरखीरी, इटावा, बांदा और बुलंदशहर में हुई पत्रकारों की हत्याओं के अभियुक्तों को तुरन्त गिरफ्तार किया जाय और इनके पीडि़त परिवारों को दस-दस लाख रुपये का मुआवजा दिया जाय। वरिष्ठ पत्रकार के हमलावरों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाय वरना हम पत्रकार आन्दोलन करने को मजबूर होंगे।

भवदीय,

सिद्धार्थ कलहंस                            हेमंत तिवारी
सचिव                                      अध्यक्ष

प्रतिलिपिः- 1. श्री जावेद उस्मानी
मुख्य सचिव
2.श्री सदाकांत
प्रमुख सचिव, सूचना
3.श्री प्रभात मित्तल
निदेशक सूचना

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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संतों की गिरफ्तारी के विरोध में विहिप का प्रदेशभर में जोरदार प्रदर्शन

Posted on 28 August 2013 by admin

  • चोरासी कोसी परिक्रमा के अन्दर कोई भी इस्लामिक सेंटर मंजूर नहीं- विहिप

विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने संतों की गिरफ्तारी और चैरासी कोसी परिक्रमा पर पाबंदी के विरोध में सोमवार को प्रदेशभर में जोरदार प्रदर्शन किया।
उप्र में मेरठ, कानपुर, वाराणसी, लखनऊ, इलाहाबाद और गोरखपुर सहित सूबे के सभी जिला केन्द्रों पर विहिप कार्यकर्ताओं ने संतों की गिरफतारी के विरेाध में जमकर नारेबाजी की और मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंका। इस दौरान लोगों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और गिरफ्तार किए गए संतों और विहिप नेताओं की रिहाई की मांग की।
राजधानी लखनऊ स्थित कलेक्ट्रेट पर आयोजित धरने में पहुँचे विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय संगठन महामंत्री दिनेश ने कहा कि अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा चोरासी कोसी परिक्रमा के अन्दर कोई भी इस्लामिक सेंटर नहीं बनने दिया जायेगा।
उन्होंने केन्द्र और प्रदेश सरकार को आगाह करते हुए कहा कि अभी भी समय है कि संसद के अन्दर मानसून सत्र में बिल लाकर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे।
चैरासी कोसी परिक्रमा के बारे में उन्होंने कहा कि यह केवल पूज्य संतों की ही परिक्रमा थी। इस परिक्रमा में देश के 40 प्रान्तों के संतों का एक-एक दिन का कार्यक्रम था। जिसमें 150 से 200 संतों को शामिल होना था।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इस परिक्रमा का उद्देश्य इस चैरासी कोस क्षेत्र में यात्रा के माध्यम से समाज में जागरण करना था। सरकार द्वारा परिक्रमा पर प्रतिबंध लगाये जाने से देशव्यापी समाज जागरण का कार्य हुआ है।  इसमें शामिल होने के लिए जनता का आहवान नहीं किया गया था। इसलिए इसमें लोगों के भाग लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक राजेश पाण्डेय ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार देश द्रोहियों के संरक्षण में चल रही है। सरकार को राष्ट्रभक्तों एवं राष्ट्रद्रोहियों की पहचान नहीं है। उन्होंने बताया कि संतों और धर्माचार्यों को पुलिस जगह-जगह गिरफ्तार कर रही है। इसके विरोध में विहिप पूरे देश में धरना प्रदर्शन कर रही है।
लखनऊ में आयोजित धरने में प्रमुख रूप से विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री रास बिहारी, प्रान्त मंत्री राम सेवक शर्मा, लोक भारती के क्षेत्र संगठन मंत्री बृजेन्द्रपाल सिंह, संघ के प्रान्त प्रचारक संजय, विभाग प्रचारक अमरनाथ सहित भारी संख्या में विहिप कार्यकर्ता उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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माध्यमिक विद्यालयों में अद्यतन नियुक्त तदर्थ शिक्षकों के लिये करो या मरो की स्थिति उत्पन्न

Posted on 28 August 2013 by admin

प्रदेश भर के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में आज लगभग पन्द्रह हजार से अधिक की संख्या में विगत 20 वर्षों से तदर्थ शिक्षक अद्यतन नियुक्त होकर कार्यरत हैं। सभी शिक्षक मौलिक रिक्तियों के सापेक्ष ,अर्हताधारी एवं राजकोश से वेतन आहरित कर रहें हैं। इन तदर्थ शिक्षकों के विनियमितिकरण की मांग को लेकर आज सैकडों की संख्या में तदर्थ शिक्षकों ने उ0प्र0मा0 तदर्थ शिक्षक एसोसिएशन के नेतृत्व में धरना दिया।
एसोसिएशनके प्रदेश संयोजक डा0 श्याम शंकर उपाध्याय ने बताया कि ये नियुक्तियां प्रबन्धकीय चयन समिति द्वारा, मण्डलीय चयन समितियों द्वारा नियत समय पर शिक्षकों की व्यवस्था न कर पाने के फलस्वरूप प्रबन्ध तन्त्रों द्वारा की गयी हैं।
प्रबन्धकीय नियुक्तियों के विरूद्ध माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की नियमावली की धारा -18(विभिन्न कठिनाई निवारण अध्यादेश )के वयपगत होने विषयक परिथितियों में प्रश्नगत नियुक्तियों के प्रति धारा -18 अपने प्रवर्तन काल में जिन वैकल्पिक प्रबन्धों की व्यवस्था कर दी थी , उसे समाप्त किये जाने से शून्यता की स्थिति उत्पन्न हो गयी। शैक्षिक हितों में विद्यालयीय प्रबन्धन के सामने बहुत बडी समस्या उत्पन्न होने की स्थितियां आ जाती हैंैंै। ऐसे में जाहिर सी बात है कि कोई भी विद्यालय प्रशासन / प्रबन्धन “शिक्षक उपलब्धता नहीं” की तख्ती नहीं टांग सकता।
ऐसी नियुक्तियों के प्रति यह भी दृष्टव्य होगा कि न्यायमूर्ति प्रदीपकान्त ने राकेशचन्द्र बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य के वाद में 16 सितम्बर 2004 के अपने निर्णय में राज्य सरकार को सलाह दी थी कि या तो माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड नियमावली में संशोधन कर या कठिनाई निवारण अध्यादेश लाकर यर चयनित अभ्यर्थी उपलब्ध होने तक तदर्थ नियुक्तियों से सम्बन्धित कोई व्यवस्था की जाये ।   न्यायालय ने आशाइ और विश्वाश व्यक्त किया था कि बिना किसी विलम्ब के अति शीघ्र कोई व्यवस्था कर ली जायेगी । (संदर्भ राकेशचन्द्रमिश्र बनाम उ0प्र0 राज्य एवं अन्य 2004 3यू0पी0एल0 बी0इ0सी02671)।
राज्य सरकार ने न्यायालय की सलाह पर गौर नहीं किया और सेवा निवृत्ति ,मृत्यु, पदत्याग ,पदोन्नति आदि से बडी मात्रा में रिक्त पदों के सापेक्ष स्थाई शिक्षक भी उपलब्ध नहीं हो सके। यहां यह भी स्मरण कराना उचित होेेगा कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अपनी स्थापना काल से ही राजनीतिक उठा पटक , अराजकता  लेट लतीफी आदि के कारण उन उद्देश्यों पर खरा नहीं उतर सका जो बडी मात्रा में खाली पदों के साथशिक्षा व्यवस्था को पटरी पर ला सके। इसका ताजा उदाहरण भी सामने है कि वर्तमान सरकार बनते ही दिनांक 16 मार्च 2012 को चयन बोर्ड की समस्त कार्यवाहियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी एवं चयन बोर्ड भी जांच के दायरे में है। ऐसे में 20 वर्षों  से आज तक नियुक्ति पाकर सेवा प्रदान कर तदर्थ शिक्षक ही माध्यमिक ंिशक्षा में अशासकीय विद्यालयों में शिक्षा की नैया पार लगा रहें हैं।
डा0 उपाध्याय ने सम्बोधित करते हुए कहा किः-
1-चूंकि माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 के अध्याय -2, विनियमय-9 धारा 16 ई (11) के तहत एवं पूर्ण न्यायिक समीक्षोपरान्त वेतन प्राप्त कर रहे अद्यतन नियुक्त तदर्थ शिक्षक योग्य , अर्हताधारी , एवं मौलिक रिक्तियों के सापेक्ष कार्य सम्पादित कर रहें हैं।
2-विनियमितिकरण पहली बार नहीं होगा अपितु इससे पहले भी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम में धारा 33क,33ख, 33ग, 33घ तथा 33च के द्वारा अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में तदर्थ नियुक्तियों को विनियमित किया जा चुका है।
3-माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम की धारा 35 के अनुसार “राज्य सरकार अधिृसूचना द्वारा इस अधिनियम के प्रायोजनों को कार्यान्वित करने के लिये नियम बना सकती हैैै।”ऐसा अधिकार है।
4-विनियमित करने से सरकार के राजकोष पर अतिरिक्त वित्तीय व्ययभार नहीं पडेगा ।
5-माध्यमिक शिक्षा के हजारों मुकदमें स्वतः समाप्त हो जायेंगे ।
6-सरकार के न्यायालयी खर्चे में कमी आयेगी    ।
7-राज्य सरकार के वरिष्ठ शिक्षाधिकारियों को न्यायालय की व्यस्तता से निजात मिलेगी ।
8-अन्य सेवायोजन की उम्र सीमा पार कर चुके तदर्थ शिक्षकों को समाज की मुख्य धारा से जोडा जा सकेगा।
9-शिक्षक मनोयोग एवं बिना किसी दुश्चिन्ता के अपनें शिक्षण कार्य का निर्वाहन कर सकेगें।
तदर्थ शिक्षक संघर्ष की राह पर डा0 श्याम शंकर उपाध्यायतदर्थ शिक्षक एसोसिएशन के प्रदेश संयोजक डा0 श्याम शंकर उपाध्याय का मानना है कि माननीय न्यायालय द्वारा वैधनिकता की जांच करने के उपरान्त वेतन प्राप्त कर रहे ये तदर्थ शिक्षक , शिक्षक विहीनता की उत्पन्न स्थितियों में अपने शिक्षण दायित्व का निर्वहन करते हुये आज माध्यमिक शिक्षा की रीढ साबित हो रहें है। ऐसी परिस्थिति में इन तदर्थ शिक्षकों को विनियमित न करना अन्याय है।
डा0 उपाध्याय का मानना है कि शिक्षक संघ के विभिन्न गुटों ने तदर्थ शिक्षकों के लिये कभी गम्भीर संघर्ष नहीे किया। यदि संगठनों ने केवल एक तिथि , एक संघर्ष का एक तरीका ही अपना लिया होता तो अधिकांश शिक्षक समस्याओं का समाधान हो गया होता। अफसोस जाहिर करते हुये कहते हैं कि शिक्षक संघ के विभिन्न गुट अपनी-अपनी ढपली और अपना-अपना राग ही अलापते रहें हैं।
ऐसी विकट एवं विषम परिस्थितियाॅं भी उत्पन्न हुयी कि विगत तीन वर्षोें में वेतन प्राप्त कर रहे सैकडों तदर्थ शिक्षक बाहर का रास्ता देख चुके हैं। जिन शिक्षकों के बच्चे अच्छी पढाई कर रहे थे , वे बच्चों की पढाई तक छुडवा चुके हैं। अपने नाती-पोतों के लिये टाफी चॅाकलेट का भी प्रबन्ध करने में अपने को असहज पाते हैं। इसी प्रकार आज भी हजारों शिक्षक नित्य प्रति न्यायलय का चक्कर लगाते रहतेहैं। जहां पर शिक्षा एवं शिक्षक के प्रति सरकार संवेदनशून्य है। वहीं गुटबाजी की राजनीति में ंिशक्षक संघ में तदर्थ शिक्षको के साथ हो रहे तमाशों को देख रहा है। इस विपरीत परिस्थियों में अपने अस्तित्व की रक्षा हेतु प्रदेश भर के संवेदनशील तदर्थ शिक्षको ने उ0प्र0मा0 तदर्थ शिक्षक एसोसिएशन का गठन कर अपने विनियमितिकरण के लिये बिगुल फूॅक दिया।संघर्षोें व प्रयासों को याद करते हुये एसोसिएशन के प्रदेश संयोजक डाॅ0 श्याम शंकर उपाध्याय बताते हैं कि फरवरी 2007 से एसोसिएशन ने अपनी शैशवावस्था में होते हुये तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा मंत्री/मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से अपने विनियमितिकरण की मांग पर सार्थक प्रयास किया था, लेकिन कतिपय शिक्षक संघों की गलत मंशा के अवरोध के चलते मामला टल गया एवं प्रदेश में नया चुनाव आ गया। उसके पश्चात अपने आन्दोलनो के प्रभाव से बसपा शासन काल में भी तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा मंत्री से वर्ष 2011 में यह कहलाने में सफल रहा कि तदर्थ शिक्षक नहींे हटेंगे। किन्तु उच्चाधिकारियों के गलत प्रस्तुतीकरण से मामला फिर अटक गया। पुनः चुनाव की स्थितियां उत्पन्न हुयीं तो समाजवादी पार्टी के मुखिया से मुलाकात कर आश्वासन पाया कि आप लोग चुनाव में सपा की मदद कीजिए, सरकार बनते ही विनियमित कर दिया जायेगा। यह संदेश पूरे प्रदेश में जंगल की आग की तरह फैला चुनाव प्रचार के समय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी कहा था कि सरकार बनते ही प्राथमिकता पर विनियमितिकरण की कार्यवाही कर दी जायेगी।
चुनाव के पश्चात 9 अप्रैल 2012 को समाजवादी पार्टी कार्यालय माननीय शिवपाल यादव, जनता दर्शन कार्यक्रम 18 अप्रैल 2012 को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, 04 मई 2012 को एक निजी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से सहित लगभग दर्जन भर मंत्रियों अहमद हसन, दुर्गा प्रसाद यादव , शंखलाल मांझी, पारस नाथ यादव , रघुराज प्रताप सिंह , कुवॅर आनन्द सिंह सहित कई विधायकों से भी मुलाकात की गयी। लेकिन नतीजा शून्य रहा।
एसोसिएशन फरवरी 2011 से आज तक आन्दोलन की राह पर कई धरने-प्रर्दशन, घेरा डालो डेरा डालो कार्यक्रम करते हुये 29 अगस्त 2012 को विधान सभा गेट नं0 9 व 3 के मध्य हजारों की संख्या तदर्थ शिक्षकों ने रोड जाम कर दिया। जिसमें तदर्थ शिक्षकों को लाठियां भी खानी पडी हैं।
डाॅ0 उपाध्याय ने बताया कि अगर विनियमितिकरण न हुआ तो 21 अक्टूबर 2013 से अनिश्चितकालीन अनशन प्रारम्भ कर दी जायेगी। चाहे जितने कष्ट उठाने पडे विनियमितिकरण तो लेकर रहेंगे। तदर्थ शिक्षकों को एक जुट करने का एसोसिएशन ने नारा दिया है।
यत्र तत्र सर्वत्र हो ।
आओ हम एकत्र हों ।।
धरने को सम्बोधित करते हुए पंचानन राय फैंस एसोसिएशन के संयोजक डाॅ0 महेन्द्र नाथ राय ने कहा कितदर्थ शिक्षकों के खून का हर कतरा समर्पित विनियमितिकरण तक रहेगा संघर्ष जारी - पंचानन राय फैन्स एसोसिएशन के प्रदेश संयोजक डाॅ महेन्द्र नाथ राय ने तदर्थ शिक्षकों के स्थायीकरण के लिये चयन बोर्ड नियमावली में संशोधन की आवश्यकता महसूस करते हुये कैबिनेट की मंजूरी या विधेयक लाकर तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने के लिये संघर्ष का मोर्चा खोल दिया है।
डाॅ राय कहते हैं कि 6 अगस्त 1993 से आज तक नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को सरकार ने विनियमित नहीं किया है। यदि सरकार का यही रवैया रहा तो शिक्षकों के हितों के लिये भारी संधर्ष करने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होने कहा कि इतिहास गवाह है कि शिक्षकों ने उपलब्धियां संघर्ष के बल पर ही अर्जित की है। शिक्षक नेता मान्धाता सिंह , महेश्वर पाण्डेय , आर0 एन0 ठकुराई, पंचानन राय के द्वारा किये गये संघर्षों को याद करते हुये कहा कि आज के शिक्षकों में पुनः संघर्ष का जज्बा पैदा करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि कुछ दरबारी शिक्षक नेता यह भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहें है कि सरकार की खुशामद करके ही उपलब्धियां प्राप्त कर ली जायेंगी। सभी शिक्षको को आगाह करते हुये कहा कि ”बिन हवा न पत्ता हिलता है, बिन लडे न हिस्सा मिलता है“ को आज दोहराने का वक्त है।
डाॅ राय का मानना है कि शिक्षक संघर्ष के रास्ते से न विचलित हो , क्योंकि संघर्ष के रास्ते पर चलकर ही उपलब्धियां ली जायेंगी । उन्होने कहा कि स्व0 पंचानन राय ने संघर्ष के रास्ते पर चलते हुये शिक्षक हितों के लिये ही अपने प्राण की आहुती दे दी , शेष शिक्षक नेता सदन की शोभा बढा रहे हैं। स्व0 पंचानन राय को शिक्षक हितों के संघर्ष का इतिहास भुलाया नहीें जा सकता। उनका अनुयायी होने के कारण संघर्ष की बात करते हुये कहा कि यदि शिक्षक हितों के लिये हमें अपनी जान भी देनी पडे तो कम है। क्योंकि पंचानन राय के रास्ते पर चलने का समय आ गया है। तदर्थ शिक्षकों के लिये अब विश्राम का समय नहीे , अपितु संग्राम का समयहै।इनके लिये वे अपने खून का हर कतरा समर्पित करते हुये संग्राम का बिगुल ंफूॅक दिया है।
डाॅ0 राय ने कहा कि जब शिक्षामित्रों को पूर्ण शिक्षक बनाया जा रहा है,विषय विशेषज्ञों को आमेलित कर लिया है तो तदर्थ शिक्षकों को विनियमित क्यों नहीं किया जा रहा है। इसके लिये सरकार शिक्षकोे को संघर्ष के लिये बाध्य कर रही है। और ताबूत में आखिरी कील स्थापित कराने हेतु बाध्य कर रही

एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेन्द्र प्रताप सिंह गौतम ने कहा कि वर्तमान में सरकार द्वारा तदर्थ  शिक्षको के समक्ष विनियमितिकरण का संकट खडा है। शासन ने केवल धारा 18 के तहत नियुक्त शिक्षकों की सूचना ही संग्रहित कर रहा है , जबकि कठिनाई निवारण अध्यादेश 1981 एवं इण्टरमीडिएट अधिनियम के अध्याय-2विनियम-9 (क) के अन्र्तगत नियुक्त तदर्थ शिक्षकों के बारे में सरकार विचार न करके समाजवादी सोंच के विपरीत कार्य कर रही है। 30 दिसम्बर 2000 के पश्चात इण्टरमीडिएट अधिनियम के तहत कार्यरत तदर्थ शिक्षकों को उतना ही विधिसम्मत करार देते है, जितना कि धारा-18 के अधीन तदर्थ शिक्षकों को।                                                       उन्होने बताया कि जिस समय शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों की भर्ती के लिये माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग का गठन किया गया ,उस समय वेतन पाने वाले सृजित पदों की संख्या लगभग एक लाख पैतीस हजार थी। सन 1986 मे कुल शिक्षकों की संख्या 96789 थी।वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों की संख्या लगभग 50-60 हजार ही रह गयी है। लगभग 25 प्रतिशत विद्यालय शिक्षक रहित हैं।ऐसे मंे लगभग 15 हजार तदर्थ शिक्षकों के सहारे ही शिक्षा व्यवस्था चल रही है। ये तदर्थ शिक्षक अपने जीवन का अमूल्य समय गवां चुके हैं।
श्रीगौतम ने बताया कि सन 1981 में कठिनाई निवारण आदेश (प्रथम) 31-7-1981, कठिनाई निवारण आदेश (द्वितीय) 11-9-1981 में , उ0प्र0मा0शिक्षा सेवा आयोग -1982 की धारा-18 से समय-समय पर जिला विद्यालय निरीक्षकों एवं प्रबन्ध समितियों को नियुक्तियों का अधिकार दिया था। 30 दिसम्बर 2002 को सरकार ने कठिनाई निवारण आदेशों को 25 जनवरी 1999 से वापस (लिया ।ऐसे में चयन बोर्ड अधिनियम की धारा-32 के प्राविधानों के अनुसार प्रबन्ध समितियों ने इण्टरमीडिएट अधिनियम -1921 के अध्याय-2 विनियम 9(क) के अनुसार विद्यालयों में तदर्थ नियुक्तियां प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि जब सरकार चयन बोर्ड की नियमावली में धारा-33(क)13 मई 1989 , 33(ख) 14 मई1991 ,33 (ग) 6अगस्त 1993, 33(घ) 01/01/1986, 21(ड) द्वारा विशेष विशेषज्ञ आमेलन , 33(च) 6 अगस्त 1993 तक के अल्पकालीन शिक्षकों को आमेलित किया है।
तो धारा-18 ही पर क्यों विचार किया जा रहा है, यह सरकार के लिये प्रश्न होना चाहिये।
इण्टरमीडिएट अधिनियम -1921 अध्याय -2 विनियम -9 धारा 16ई (11) के तहत तथा माननीय न्यायालय के आदेश से वेतन प्राप्त शिक्षकों को विनियमित न करना समझ से परे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को समझाने की जरूरत है।
धरने को वी. के भरद्वाज, सुशील त्रिपाठी के. पी. सिंह बृजेश शुक्ला, सुशील शुक्ला एवं राम सिंह यादव, ओमकार गुप्ता ने सम्बोधित किया धरने का संचालन महामंत्री योगेश सिंह ने किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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उत्तर प्रदेश स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सेवासदन का जीर्णोद्धार कराया जाएगा: मुख्यमंत्री

Posted on 28 August 2013 by admin

  • मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सेवासदन पहुंचकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से मुलाकात की

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां रिवर बैंक कालोनी स्थित उत्तर प्रदेश स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सेवासदन पहुंच कर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से मुलाकात की एवं उनकी समस्याओं को सुना। इस मौके पर उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की तथा परिसर में वृक्षारोपण भी किया। edited-press6
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सेवासदन के जीर्णोद्धार की घोषणा करते हुए कहा कि संस्था ने इस भवन के जीर्णोद्धार पर लगभग 50 लाख रुपए खर्च होने का आंकलन उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए यह भवन बनाया गया है। इसलिए इसकी मरम्मत का कार्य तत्परता से राज्य सरकार कराएगी। उन्होंने मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए कहा कि जन्माष्टमी को मिल-जुल कर मनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि त्यौहार समाज में सद्भावना तथा भाईचारा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस अवसर पर कारागार मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, पूर्व सांसद श्री भगौती सिंह, श्री राम नरेश कुशवाहा सहित संस्था के पदाधिकारी एवं अन्य जनप्रतिनिधि तथा सचिव नागरिक सुरक्षा एवं राजनैतिक पेंशन श्री चंद्रभानु आदि उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रदेश की समाजवादी सरकार गरीबों के साथ-साथ प्रदेश के सभी लोगों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध: मुख्यमंत्री

Posted on 28 August 2013 by admin

  • मुख्यमंत्री द्वारा डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय में स्थापित बाल रोग विभाग के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण

मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार गरीबों के साथ-साथ प्रदेश के सभी लोगों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के प्रति सरकार के सरोकार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मात्र 16 माह के अपने छोटे से कार्यकाल में सरकार ने एक तरफ बंद पड़े मेडिकल काॅलेजों को पुनर्संचालित करवाया है, वहीं दूसरी तरफ नए मेडिकल काॅलेजों की स्थापना की कार्रवाई भी की है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि मेडिकल की पढ़ाई में प्रवेश लेने के लिए 500 सीटें एक साथ बढ़ी हों। साथ ही, झांसी, गोरखपुर और सैफई में 500 बेड के अस्पताल स्थापित करने की योजना है।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) चिकित्सालय के बाल रोग विभाग के नवनिर्मित भवन के लोकार्पण के अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में डाॅक्टरों तथा अन्य कर्मचारियों की कमी को दूर करने की दिशा में भी सरकार कार्य कर रही है, ताकि लोगों को सुचारु रूप से स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। इस अस्पताल में स्थापित बाल रोग विभाग द्वारा बच्चों को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधाएं मुफ्त उपलब्ध कराई जाएंगी।
श्री यादव ने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं एकदम ध्वस्त हो गईं थीं, जिन्हें प्रदेश के चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अहमद हसन के कुशल नेतृत्व में पुनः पटरी पर लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं में अब सुधार परिलक्षित भी हो रहा है। लोगों को मुफ्त गुणवत्तापरक इलाज तथा दवाएं मिल रही हैं। ओ0पी0डी0 में मरीजों की संख्या बढ़ी है। सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या भी पहले से बढ़ी है, जिससे पता लगता है कि लोगों को अब स्वास्थ्य सेवाओं पर पूरा भरोसा है।
इस अवसर पर विकास की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के सारे प्रयास कर रही है। किसानों को मुफ्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई है और उनकी फसल का वाजिब मूल्य भी दिया जा रहा है। अपने वादे को पूरा करते हुए सरकार ने बड़े पैमाने पर लैपटाॅप बँटवाए हैं, जिससे नौजवान छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा भी होगी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को तकनीकी के भय से भी निजात मिलेगी। सरकार के इस फैसले के दूरगामी प्रभाव होंगे। यही नहीं प्रदेश सरकार सड़क, अवस्थापना सुविधाओं तथा बिजली व्यवस्था को सुधारने के लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि शहरों वाली सुविधाएं गांवों में उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की जा रही है। श्री यादव ने कहा कि अगर शहरों में फ्लाईओवरों का निर्माण करवाया जा रहा है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में नदियों पर पुलों का भी निर्माण कराया जा रहा है।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने बाल रोग विभाग भवन का लोकार्पण फीता काटकर एवं बटन दबाकर किया। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने नवनिर्मित भवन का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम को चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अहमद हसन ने भी सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि 50 शैय्याओं वाले बाल रोग विभाग के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री ने बहुत सहायता उपलब्ध कराई, जिससे इसकी स्थापना में कोई दिक्कत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने गरीबों के दर्द को समझा और अपने को उनकी कठिनाइयों से जोड़ा, जिससे इस बाल रोग विभाग की स्थापना की प्रेरणा मिली। अतः इस वातानुकूलित बाल रोग विभाग में बच्चों का मुफ्त इलाज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां मरीजों को मुफ्त एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।
इस अवसर पर प्रदेश मंत्रिमण्डल के सदस्य श्री बलराम यादव, श्री अम्बिका चैधरी, श्री अवधेश प्रसाद, श्री राजेन्द्र चैधरी, श्री शंखलाल मांझी, श्री नितिन अग्रवाल, शासन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, प्रमुख सचिव चिकित्सा श्री प्रवीर कुमार, डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय के सी0एम0एस0, चिकित्सकगण, पैरामेडिकल स्टाफ तथा बड़ी संख्या में अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय विवेकानन्दनगर मे श्री राधा कृष्ण की मनोहारी झांकी

Posted on 28 August 2013 by admin

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय विवेकानन्दनगर मे श्री राधा कृष्ण की मनोहारी झांकी सजायी गयी तथा सांस्कृतिक कार्यव्रहृम आयोजित किया गया ।  edited-dsc07553
कार्यव्रहृम के मुख्य अतिथि बाल रोग विशेषज्ञ डा० सुधाकर सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए भगवान कृष्ण का कर्मयोग बडा महत्वपूर्ण और अनुकरणीय है । जिसमें वह कहते है कि तुम अपना कर्म करों । कर्म का मतलब शत प्रतिशत कमेंटमेट जिस भी क्षेत्र मे आप काम कर रहे हो उसमें सौ प्रतिशत कर्म करें, फल की चिंता न करें । यदि आप अपना कर्म शत प्रतिशत सही दिशा में लगाते है तो निश्चित रुप से आप को सबसे ज्यादा उर्र्जा और आत्मबल प्राप्त होगा ।
जो विद्यार्थी अपने कर्म के प्रति निष्ठावान सशक्त तैयारी करते है । वह स्वमूल्यांकन करें तो उन्हे स्वयं यह दिखेगा कि उनका प्रदर्शन कर जगह सबसे बेहतर है । यह भगवान कृष्ण के कर्मयोग पर आधारित है । जिसनें  हमें प्रेरणा देने के लिए एक ग्रंथ को भी रचा है । उन्होने कहा कि भगवान कृष्ण ने अपने उन सारे चरित्रो का बखूबी समाज के सामने प्रस्तुत किया है । जिस पर हमें चलना है । जिन परिस्थितियों मे भी उनका जीवन कितना कष्टमय था । उन्होने कहा कि हम आज हजारो वर्ष बाद भी भगवान कृष्ण का जन्मदिन क्यो मनाते है । उसके पीछे उनका कर्मयोग ही है ।
आभार ज्ञापित करते हुए प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष कृपाशंकर द्विवेदी ने कहा कि विपत्त्ति के पहाड वाली परिस्थतियों मे भगवान कृष्ण ने खेला । जन्म के समय माता पिता कैद मे रहे । इतना बडा साम्र्राज्य होने के बाद भी वह राजा नही बनें । गीता लिखते है और हम सब साधको को पढाते है श्रम करों स्वाध्याय करों । भैया तरुण पाण्डेय आदि छात्रो ने भक्ति गीत प्रस्तुत किये तथा कार्यव्रहृम  का संचालन छात्र संसद के प्रधानमंत्री अंकित सिंह ने किया ।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पूर्व दिवस पर आज छात्र छात्राओं ने कक्षाओं में आकर्षक और मनोहरी झांकियां सजाई जिसका मूल्यांकन भी विद्यालय की ओर से किया गया । इसमें सबसे अच्छी झांकी सजाने वाली कक्षाओं को पुरस्कृत किया गया ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सरकार को यदि रोकना ही है तो वह चोरी, डकैती, राहजनी, बलात्कार व प्रदेश भर में हो रही गो हत्याओं को रोके - बाबा भरतदास

Posted on 28 August 2013 by admin

समाजसेवी पं० राम अवध मिश्रा गोरक्षा एवं जन कल्याण समिति की एक बैठक बाबा भरतदास की अध्यक्षता मे रामलीला मैदान के सभागार में सम्पन्न हुई । जिसमें ८५ कोसी परिव्रहृमा यात्रा रोके जाने की कड़े शब्दो मे निन्दा की गई तथा समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश मिश्रा ने कहा कि सरकार को यदि रोकना ही है तो वह चोरी, डकैती, राहजनी, बलात्कार व प्रदेश भर में हो रही गो हत्याओं को रोके तो बेहतर होता ।
लोकसभा और विधानसभा में अपराधियों के पहुंचने पर रोंक लगाते तो आज निन्दा की जगह सरकार की प्रशंसा होती । उपस्थित लोगो ने आव्रहृोश व्यक्त करते हुए कहा कि परिव्रहृमा यात्रा, हज यात्रा अथवा अन्य धार्मिक यात्राओं पर रोक लगाना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है । सरकार को इस तरीके की नई परिपाटी से बचना चाहिए ।
बैठक में अध्यक्ष ओमप्रकाश मिश्र, सचिव अयोध्या लाल शर्मा, सन्तोष पाण्डेय, दिलीप मिश्र, जगदीश कसौधन, दीपचन्द्र नेता, अनूप जायसवाल, दीपक मिश्र, घनश्याम त्रिपाठी, सुभाष श्रीवास्तव, विनोद शर्मा आदि लोग उपस्थित रहे ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सरकारी महिला चिकित्सालय मे डी.एम. व सी.एम.ओ. को जांच व नियत्रण की फुर्सत नही ।

Posted on 28 August 2013 by admin

जनपद के सरकारी महिला चिकित्सालय मे गरीबो का ईलाज दुरुह होता जा रहा है सरकारी डाक्टर मरीजो को नर्सिग होम में ईलाज की सलाह व मजबूर करते है । डी.एम. व सी.एम.ओ. को जांच व नियत्रण की फुर्सत नही है ।
गौरतलब हो कि जिला महिला चिकित्सालय मे तैनाम सर्जन मरीजो को अपने कमीशन सेट नर्सिग होमो पर मजबूर करते है चूंकि सरकारी अस्पताल में मरीजो से मनमानी धन नही वसूल पाते है कहीं वेड न होने का बहाना, कहीं, एनेस्थीसिया के डाक्टर का न होना, वाही रोस्टर में डयूटी का न होना, वही दूसरी ओर मरीजो परिजनो को मृत्यु का भय दिखाकर, बच्चा उल्टा है, सेप्टिक हो जायेगा आदि बताकर मनचाहे नर्सिग होम मे दलालो के माध्यम से भेज दिया जाता है और स्वयं वहां पहुंचकर मरीज का आप्रेसन कर दिया जाता है । या वही तैनात डाक्टरो द्वारा आप्रेसन कर दिया जाता है और मरीज के साथ अप्रिय घटना होने पर पूरे मामले मे पल्ला झाड लिया जाता है ।
ऐसा ही एक मामला बीती १४ अगस्त को धम्मौर निवासी विद्याधर शुक्ल जो कि अमेठी मे अध्यापक है अपनी पुत्री को प्रसव पीडा के चलते जिला अस्पताल लाये जहां उसे भती कर लिया गया । मगर चिकित्सालय के एक सर्जन ने रात आठ बजे मरीज के परिजन को बताया कि तुम्हारे मरीज का आप्रेसन होगा मगर कल १५ अगस्त है यहां कोई डाक्टर नही रहेगा न ही बेड खाली है और जच्चा का पानी भी बह चुका है । थैली फट जायेगी इसे शहर के हंसा नर्सिंग होम ले जाओं परिजन भयभीत हो रात्रि में ९ बजे मरीज को डाक्टर द्वारा बताए नर्सिग होम ले गये जहां तमाम अप्रशिक्षित डाक्टरो ने मरीज को इंजेक्सन लगा दिया जिससे उसकी हालत बिगड गई और चट पट में उसकी मौत हो गई ।
मरीज आप्रेसन रुम से मृत अवस्था मे निकाला गया और नर्सिंग होम ने तुरन्त भर्र्ती पपत्र की कौन कहें रिफर पेपर परिजनो को सौंप लाश बाहर करवा दिया । जिसकी सूचना मरीज पुष्पा के पिता विद्याधर शुक्ला द्वारा कोतवाली को दिया गया मगर कोई कार्यवाही नही हुई परिजनो ने अतंतरू मृतका का अंतिक संस्कार कर दिया । और दोषी लापरवाह डाक्टरो व नर्सिंग होम के खिलाफ एक तहरीर डी. एम. साहिबा को दिया जिन्होने एस.पी. को व सी.एम.ओ. को निर्देशित किया मगर आज तक दोषी नर्सिंग होम व डाक्टरो के खिलाफ कोई कार्यवाही या जांच तक नही की गई ।
पीडित पिता बेटी की मौत व नाती की मौत के जिम्मेदारो को सजा दिलाने की मांग अधिकारियों से कर हा है मगर निष्ठुुर और भ्रष्ट जिम्मेदारो की सेहत पर पुष्पा की मौत का कोई असर नही है । वो तो नर्सिंग होम संचालक से भाई चार बनाये है और सपा मुखिया के हकूफ और निष्कलंक निजाम को आम जनता मे बदनाम कर रहे है । पीडित व आम जनता ने मुख्यमंत्री से न्याय की मांग की है ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पंचमुखी हनुमान मंन्दिर से वि हि.प. के कार्यकर्ताओं ने जुलुस निकाल कर प्रदर्शन किया ।

Posted on 28 August 2013 by admin

वि.हि.प. द्वारा ८४ कोसी परिव्रहृमा के बावत देश व्यापी प्रदर्शन के आह्वाहन पर नगर के पंचमुखी हनुमान मंन्दिर से वि हि.प. के कार्यकर्ता जुलुस निकाल कर प्रदर्शन किया ।
प्रदर्शनकारी गन्दानाला, सब्जी मण्डी, होते हुए बस अडडा तक जुलूस के रुप में पहुंचे जहां जुलूस को शामिल लोगो को प्रशासन द्वारा रोक लिया गया और उन्हे फैजाबाद नही जाने दिया गया । पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शन कारियों को कोतवाली लाये वहां से पुलिस लाइन ले गये ।
पुलिस लाइन मे मजिस्ट्रेट की उपस्थिति मे लगभग २४ लोगो को अमहट जेल में भेज दिया गया । प्रदर्शन कारियों मे प्रमुख रुप से धर्म प्रकाश, मनोज, बब्लू सिंह, आशीष बिल्लू, ओम प्रकाश आदि लोग उपस्थित रहे और अपनी गिरफ्तारी दी ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मायावती अपनी आदत से मजबूर

Posted on 28 August 2013 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में बसपा और कांग्रेस समाजवादी पार्टी के खिलाफ जिस तरह से भाजपा को अपना समर्थन दे रहे हैं वह आश्चर्यजनक तो है ही साथ ही चिन्ता का कारण भी है। बसपा अध्यक्ष सुश्री मायावती तो अपनी आदत से मजबूर है और हर मौके पर राष्ट्रपति षासन लगाने की मांग करती रहती हैं। कांग्रेस भी समाजवादी पार्टी पर हमला बोलने में पीछे नहीं रहती है। भाजपा के साथ उक्त दोनों दलों की यह स्थिति प्रदेश के विकास के मार्ग में रोड़ा अटकाने वाली है। अच्छा होता कि कांग्रेस और बसपा प्रदेश में सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ आवाज उठाती। विहिप, बजंरग दल के साथ भाजपा ऐसे मुद्दे उठा रही है जिससे सामाजिक तानाबाना टूटे और अशांति पैदा हो। विकास विरोधी ताकतों ने अभी प्रदेश में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की ताकि सद्भावना का माहौल नष्ट हो। हम सभी को अयोध्या की जनता का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उसने सांप्रदायिक तत्वों को पनाह नहीं दी और उनसे सहयेाग भी नहीं किया।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को अपनाते हुए आम जनता के सुख-दुःख के साथ सहभागिता निभाने का काम किया है। बसपा शासनकाल में लोग जिस यंत्रणा से गुजर रहे थे समाजवादी पार्टी शासन में उससे मुक्ति मिली। भय, भ्रष्टाचार और लूट का राज खत्म हुआ। मायाराज में विपक्ष और विरोध की आवाज को कुचलने का काम हुआ था जबकि श्री अखिलेश यादव ने लोकतंत्र को पुनर्जीवित किया है। समाजवादी पार्टी सरकार प्रदेश में विकास का रचनात्मक एजेण्डा चला रही है। उसकी प्राथमिकता कानून का राज स्थापित करना है। सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ समाजवादी पार्टी हमेशा संघर्ष करती रही है। कांग्रेस, भाजपा और बसपा ने प्रदेश को बदहाल बनाया है। बाबरी मस्जिद के ध्वंस में कांग्रेस और भाजपा परस्पर सहयेागी रहे हैं। बसपा को यही दोनों दल संरक्षण देते रहे हैं। इसलिए ये सभी मिलकर समाजवादी पार्टी पर हमलावर हैं और अयोध्या में कल अशांति अव्यवस्था फैलाने वालों की साजिशों को जिस प्रशासनिक कौशल के साथ असफल किया गया, उससे खीझे हुए हैं। हताशा में ही वे उल्टे सीधे बयान दे रहे है। जनता ने सांप्रदायिक ताकतों को शिकस्त देकर उन राजनीतिक दलों को भी सबक दिया है जो धर्मनिरपेक्षता के साथ विश्वासघात कर रहे है और समाज को तोड़ने वालों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष समर्थन दे रहे है। अयोध्या और प्रदेष की जागरूक जनता से उन सभी को खेद व्यक्त करना चाहिए जो जनता को बरगलाने और सांप्रदायिक सौहार्द को मिटाने में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का यह कदम सराहनीय है कि उन्होने प्रदेश की जनता के हित में सांप्रदायिक उन्माद पर रोक लगाकर भाजपा, विश्व हिन्दू परिशद और आर0एस0एस0 के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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