श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय विवेकानन्दनगर मे श्री राधा कृष्ण की मनोहारी झांकी सजायी गयी तथा सांस्कृतिक कार्यव्रहृम आयोजित किया गया ।
कार्यव्रहृम के मुख्य अतिथि बाल रोग विशेषज्ञ डा० सुधाकर सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए भगवान कृष्ण का कर्मयोग बडा महत्वपूर्ण और अनुकरणीय है । जिसमें वह कहते है कि तुम अपना कर्म करों । कर्म का मतलब शत प्रतिशत कमेंटमेट जिस भी क्षेत्र मे आप काम कर रहे हो उसमें सौ प्रतिशत कर्म करें, फल की चिंता न करें । यदि आप अपना कर्म शत प्रतिशत सही दिशा में लगाते है तो निश्चित रुप से आप को सबसे ज्यादा उर्र्जा और आत्मबल प्राप्त होगा ।
जो विद्यार्थी अपने कर्म के प्रति निष्ठावान सशक्त तैयारी करते है । वह स्वमूल्यांकन करें तो उन्हे स्वयं यह दिखेगा कि उनका प्रदर्शन कर जगह सबसे बेहतर है । यह भगवान कृष्ण के कर्मयोग पर आधारित है । जिसनें हमें प्रेरणा देने के लिए एक ग्रंथ को भी रचा है । उन्होने कहा कि भगवान कृष्ण ने अपने उन सारे चरित्रो का बखूबी समाज के सामने प्रस्तुत किया है । जिस पर हमें चलना है । जिन परिस्थितियों मे भी उनका जीवन कितना कष्टमय था । उन्होने कहा कि हम आज हजारो वर्ष बाद भी भगवान कृष्ण का जन्मदिन क्यो मनाते है । उसके पीछे उनका कर्मयोग ही है ।
आभार ज्ञापित करते हुए प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष कृपाशंकर द्विवेदी ने कहा कि विपत्त्ति के पहाड वाली परिस्थतियों मे भगवान कृष्ण ने खेला । जन्म के समय माता पिता कैद मे रहे । इतना बडा साम्र्राज्य होने के बाद भी वह राजा नही बनें । गीता लिखते है और हम सब साधको को पढाते है श्रम करों स्वाध्याय करों । भैया तरुण पाण्डेय आदि छात्रो ने भक्ति गीत प्रस्तुत किये तथा कार्यव्रहृम का संचालन छात्र संसद के प्रधानमंत्री अंकित सिंह ने किया ।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पूर्व दिवस पर आज छात्र छात्राओं ने कक्षाओं में आकर्षक और मनोहरी झांकियां सजाई जिसका मूल्यांकन भी विद्यालय की ओर से किया गया । इसमें सबसे अच्छी झांकी सजाने वाली कक्षाओं को पुरस्कृत किया गया ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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