सेवा में,
श्री अखिलेश यादव जी
मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश.
महोदय,
प्रदेश में पत्रकारों की हत्या, जानलेवा हमलों और उत्पीड़न के विषय में आप को और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को हम लगातार अवगत कराते रहे हैं। मीडिया से जुड़े लोगों के साथ हो रही इस तरह की घटनाओं के बारे में आप स्वयं अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के लिए निर्देशित कर चुके हैं लेकिन अत्यन्त खेद का विषय है कि सैकड़ों पत्रकारों की मौजूदगी में आप द्वारा दिये गये निर्देशों का पुलिस पर कोई असर नहीं पड़ा है। बांदा, इटावा, लखीमपुरखीरी और बुलंदशहर में डेढ़ माह केे भीतर चार पत्रकारों की सरेआम हत्या की गयी है, और इन सभी घटनाओं में पुलिस का रवैया शुद्धशः शिथिल रहा है। विगत सत्रह अगस्त को आपके सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति की ओर से हमने एक ज्ञापन सौंपकर पत्रकारों के सुरक्षा सम्बन्धी प्रकरणों के निदान हेतु प्रदेश एवं जिला स्तरों पर स्थायी समितियों को पुनर्गठित करने की मांग की थी। आप द्वारा मुख्य सचिव को इस विषय में त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिये गये थ,े लेकिन नितांत कष्ट का विषय है कि अभी तक प्रगति शून्य है। आपको याद दिलाना चाहेंगे कि विगत वर्ष अगस्त महीने में आपने उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को स्थायी समितियों के गठन के निर्देश दिये थे।
मुख्यमंत्री जी आपको आश्चर्य होगा कि लखनऊ में वरिष्ठ पत्रकार सुरेश बहादुर सिंह पर हुए जानलेवा हमले के मामले में बारह दिन बाद भी पुलिस द्वारा एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। जबकि इस विषय में समिति का प्रतिनिधि मंडल डीजीपी तथा अन्य अधीनस्थ अधिकारियों से दर्जनों बार सम्पर्क कर चुका है।
आप से मांग है कि लखीमपुरखीरी, इटावा, बांदा और बुलंदशहर में हुई पत्रकारों की हत्याओं के अभियुक्तों को तुरन्त गिरफ्तार किया जाय और इनके पीडि़त परिवारों को दस-दस लाख रुपये का मुआवजा दिया जाय। वरिष्ठ पत्रकार के हमलावरों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाय वरना हम पत्रकार आन्दोलन करने को मजबूर होंगे।
भवदीय,
सिद्धार्थ कलहंस हेमंत तिवारी
सचिव अध्यक्ष
प्रतिलिपिः- 1. श्री जावेद उस्मानी
मुख्य सचिव
2.श्री सदाकांत
प्रमुख सचिव, सूचना
3.श्री प्रभात मित्तल
निदेशक सूचना
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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