Posted on 26 August 2013 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में बसपा और कांग्रेस समाजवादी पार्टी के खिलाफ जिस तरह से भाजपा को अपना समर्थन दे रहे हैं वह आश्चर्यजनक तो है ही साथ ही चिन्ता का कारण भी है। बसपा अध्यक्ष सुश्री मायावती तो अपनी आदत से मजबूर है और हर मौके पर राष्ट्रपति षासन लगाने की मांग करती रहती हैं। कांग्रेस भी समाजवादी पार्टी पर हमला बोलने में पीछे नहीं रहती है। भाजपा के साथ उक्त दोनों दलों की यह स्थिति प्रदेश के विकास के मार्ग में रोड़ा अटकाने वाली है। अच्छा होता कि कांग्रेस और बसपा प्रदेश में सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ आवाज उठाती। विहिप, बजंरग दल के साथ भाजपा ऐसे मुद्दे उठा रही है जिससे सामाजिक तानाबाना टूटे और अशांति पैदा हो। विकास विरोधी ताकतों ने अभी प्रदेश में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की ताकि सद्भावना का माहौल नष्ट हो। हम सभी को अयोध्या की जनता का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उसने सांप्रदायिक तत्वों को पनाह नहीं दी और उनसे सहयेाग भी नहीं किया।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को अपनाते हुए आम जनता के सुख-दुःख के साथ सहभागिता निभाने का काम किया है। बसपा शासनकाल में लोग जिस यंत्रणा से गुजर रहे थे समाजवादी पार्टी शासन में उससे मुक्ति मिली। भय, भ्रष्टाचार और लूट का राज खत्म हुआ। मायाराज में विपक्ष और विरोध की आवाज को कुचलने का काम हुआ था जबकि श्री अखिलेश यादव ने लोकतंत्र को पुनर्जीवित किया है। समाजवादी पार्टी सरकार प्रदेश में विकास का रचनात्मक एजेण्डा चला रही है। उसकी प्राथमिकता कानून का राज स्थापित करना है। सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ समाजवादी पार्टी हमेशा संघर्ष करती रही है। कांग्रेस, भाजपा और बसपा ने प्रदेश को बदहाल बनाया है। बाबरी मस्जिद के ध्वंस में कांग्रेस और भाजपा परस्पर सहयेागी रहे हैं। बसपा को यही दोनों दल संरक्षण देते रहे हैं। इसलिए ये सभी मिलकर समाजवादी पार्टी पर हमलावर हैं और अयोध्या में कल अशांति अव्यवस्था फैलाने वालों की साजिशों को जिस प्रशासनिक कौशल के साथ असफल किया गया, उससे खीझे हुए हैं। हताशा में ही वे उल्टे सीधे बयान दे रहे है। जनता ने सांप्रदायिक ताकतों को शिकस्त देकर उन राजनीतिक दलों को भी सबक दिया है जो धर्मनिरपेक्षता के साथ विश्वासघात कर रहे है और समाज को तोड़ने वालों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष समर्थन दे रहे है। अयोध्या और प्रदेष की जागरूक जनता से उन सभी को खेद व्यक्त करना चाहिए जो जनता को बरगलाने और सांप्रदायिक सौहार्द को मिटाने में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का यह कदम सराहनीय है कि उन्होने प्रदेश की जनता के हित में सांप्रदायिक उन्माद पर रोक लगाकर भाजपा, विश्व हिन्दू परिशद और आर0एस0एस0 के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2013 by admin
भारतीय जनता पार्टी लखनऊ महानगर के अध्यक्ष मनोहर सिंह ने 3 प्रकोष्ठों के संयोजकों की घोषणा की। नगर मीडिया प्रभारी अवधेश गुप्ता छोटू ने बताया कि श्रीमती करूणा सारस्वत को साहित्य एवं प्रकाशन प्रकोष्ठ तथा नरेन्द्र सिंह कुशवाहा को श्रम प्रकोष्ठ का संयोजक नियुक्त किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2013 by admin
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने प्रदेष सरकार पर निषाना साधते हुये कहा कि प्रदेष में लगभग 30 जनपद बाढ़ की चपेट में है परन्तु सरकार विहिप व भाजपा की मिलीभगत से प्रदेष वासियों को साम्प्रदायिकता की आग में झोंकते हुये अपना वोट बैंक साधने का प्रयास कर रही है।
श्री चैहान ने बताया कि बहराइच राजमार्ग पर बाढ़ का पानी बह रहा है। सड़क यातायात बाधित है परन्तु सरकार का प्रदेष वासियों की परेषानी से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव मा0 जयन्त चैधरी जी ने आज उ0प्र0 की बाढ़ की समस्या का मुदद्ा लोकसभा में उठाया तथा सरकार से बाढ़ पीडि़तों की सहायता के लिए ठोस कार्य योजना बनाते हुये उसको अमली जामा पहनाने की बात कही।
श्री चैहान ने आगे बताया कि इस वर्ष बाढ़ के प्रकोप से लगातार प्रदेष में बाढ़ग्रस्त इलाकों में जलभराव, कटान तथा बीमारियों से जनता परेषान है। प्रदेष में लगभग बाढ़ से 300 मौते हो चुकी है परन्तु सरकार कुम्भकर्णी की नींद सो रही है वह न तो बाढ़ सामग्री उपलब्ध करा पा रही है और न ही बाढ़ से बचाव का कोई ठोस उपाय कर रही है।
श्री चैहान ने वर्तमान प्रदेष सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताते हुये कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार में आकण्ठ डूबी है, प्रदेष में कानून व्यवस्था जर्जर है तथा सरकारी पार्टी के कार्यकर्ता थाने व तहसील की दलाली में मस्त है और प्रदेष सरकार उनको संरक्षण दे रही है। इस समय यह कहना गलत न होगा कि जनता पस्त है और सरकार भ्रष्टाचार व लूट घसोटे में मस्त है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2013 by admin
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बी.जे.पी. अपने वी.एच.पी. व अन्य संगठनों की आड़ में ये दोनांे पार्टियाँ अर्थात सपा और बीजेपी अन्दर-अन्दर आपस में मिलकर देश में इस बार होने वाले लोकसभा आमचुनाव को ध्यान में रखकर, अपने-अपने राजनैतिक स्वार्थ में यहाँ उत्तर प्रदेश में ‘‘84 कोसी परिक्रमा यात्रा’’ करने की आड़ में ‘‘साम्प्रदायिक सौहार्द’’ को बिगाड़ने की कोशिश मंे लगी हुई हैं, लेकिन खुशी की बात यह है कि उत्तर प्रदेश की जनता ने तुरन्त ही इनके इस ‘‘राजनैतिक स्वार्थ’’ के इस ‘‘गेम-प्लान’’ को समझा, जिसकी वजह से फिर, सपा और बीजेपी को कल परिक्रमा के पहले दिन ही अपने इस राजनैतिक स्वार्थ के इस ‘‘गेम-प्लान’’ से पीछे हटना पड़ा है अर्थात् उन्हें मुँह की खानी पड़ी है।
अर्थात इस परिक्रमा को लेकर वहाँ ना बीजेपी के सहयोगी संगठनों के समर्थन में हिन्दू समाज के लोग खुलकर सामने आये है और ना ही मुस्लिम समाज के लोग भी इस मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी के समर्थन में खुलकर सामने आये हैं और इसके लिये मैं उत्तर प्रदेश की आमजनता का और उसमे भी ख़ासतौर से वहाँ के हिन्दू व मुसलमानों का दिल से आभार प्रकट करती हूँ, जिन्होंने इनके इस राजनैतिक स्वार्थ के, इस ‘‘गेम-प्लान’’ की कल बहुत बुरी तरह से हवा निकाल दी है, वर््ना कल उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में भी ‘‘साम्प्रदायिक सौहार्द’’ बिगड़ सकता था।
ऐसी साम्प्रदायिक सौहार्द की स्थिति को आगे भी बरकरार रखने के लिए पूर्णतः देश व जनहित में, बिना कोई देरी किये हुये उत्तर प्रदेश में केन्द्र की सरकार को, तुरन्त ही राष्ट्रपति शासन लगाने के लिये उचित क़दम ज़रूर उठाना चाहिये अन्यथा इन दोनों पार्टियों की इस घिनौनी हरकत से फिर पूरे देश में कभी भी, इस कि़स्म के अन्य और मुद्दों को लेकर, यहाँ ‘‘साम्प्रदायिक सौहार्द’’ बिगड़ सकता है और ऐसे हालातों में यदि केन्द्र की सरकार ने, उत्तर प्रदेश में जल्दी ही वहाँ राष्ट्रपति शासन लगाने के लिये कोई ठोस क़दम नहीं उठाये तो फिर इस मामले में, पूरे देश में स्थिति बिगड़ने के लिये सपा व बीजेपी के साथ-साथ केन्द्र में कांग्रेस पार्टी के नेतृृत्व में चल रही यू.पी.ए. की सरकार भी, इसके लिये पूरेतौर से बराबर की जि़म्मेवार होगी।
वैसे यह सर्वविदित है कि धर्म को राजनीति और राजनीति को धर्म से जोड़कर सत्ता का लाभ प्राप्त करते रहने के कारण ही कांग्रेस पार्टी ने देश का बड़ा नुकसान किया है, और फिर बाद में भारतीय जनता पार्टी ने धर्म की आड़ में अपनी राजनीति चमकाने और सत्ता हथियाने के लिए धर्म व धार्मिक लोगों का शोषण करके देश का अनर्थ व देश की राजनीति को अपूर्णीय क्षति पहुँचायी है, जिसका दुष्परिणाम इस देश की संवैधानिक संस्थाओं व आम जनता एवं खासकर गरीब व उपेक्षित वर्ग के लोगों को विभिन्न रूपों में आज तक भुगतना पड़ रहा है।
और इस मामले में उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी का भी रवैया तो हमेशा ही कुछ ज्यादा ही आपत्तिजनक व दुःखदायी रहा है, क्योंकि इस पार्टी ने कांग्रेस व बीजेपी से दो कदम आगे बढ़कर साम्प्रदायिका से लड़ने के नाम पर समाज को दो भागों में बांटने वाले भड़काऊ बयानबाजी व वैसे ही भड़काने वाले काम करके दो प्रमुख समुदायों में नफरत को बढ़ावा देकर अपनी घोर स्वार्थी राजनीति व चुनावी लाभ को आगे बढ़ाने का काम किया है। इसका ही लाभ सपा के साथ-साथ भाजपा को भी पूर्व में काफी ज्यादा मिला है, जिसके विरूद्ध सम्पूर्ण रूप से जनहित व देशहित में साम्प्रदायिकता का जहर का एण्टी डाँट (ंदजपकवजम) के रूप में बी.एस.पी. को विभिन्न स्तर पर लगातार काफी कड़ा संघर्ष करना पड़ा है। यही कारण है कि साम्प्रदायिकता और नफरत की आग को काफी ज्यादा बढ़ाकर अपना मजबूत गढ़ बना लेने वाले उत्तर प्रदेश राज्य में आज भाजपा काफी ज्यादा कमजोर होकर राजनीति से उफान से नीचे आकर बिल्कुल ही हाशिये पर है और इसका सारा श्रेय लोग बी.एस.पी. मूमवमेन्ट की समता व मानवतावादी नीतियों को देते हैं, जिसके शासनकाल में ‘‘कानून द्वारा कानून का राज‘‘ स्थापित करके साम्प्रदायिक शक्तियों को भी शान्ति व कानून-व्यवस्था के आगे घुटने टेकने को मजबूर किया गया, जिस कारण बी.एस.पी. के शासनकालों में उत्तर प्रदेश दशकों बाद और सम्भवतः आजादी के बाद के वर्षों में पहली बार पूर्णरूप से ‘‘साम्प्रदायिक दंगा-मुक्त‘‘ प्रदेश रहा और इसी वजह से पूरे देश में भी शान्ति व्यवस्था व अमन-चैन का माहौल रहा है।
परन्तु वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के आते ही फिर से वही तनावपूर्ण गर्म माहौल बन गया है, जिस कारण मात्र डेढ़ वर्ष के भीतर ही छोटे-बड़े कुल मिलाकर एक सौ से ज्यादा साम्प्रदायिक दंगे उत्तर प्रदेश में अब तक हो चुके हैं, जिनमें फैजाबाद, मथुरा और बरेली का दंगा काफी ज्यादा घातक रहा, जहाँ जान-माल की भारी हानि हुयी और तनावपूर्ण माहौल काफी लम्बे समय तक चलकर अब भी बरकरार है। वैसे भी श्री मुलायम सिंह यादव की सरकार के दौरान हुये करनैलगंज (गोण्डा जिला) के भीषण दंगे की भयावहता व उसमें हुयी जान-माल की भारी हानि को कौन भुला सकता है।
और अब वर्तमान सपा सरकार में जो उत्तर प्रदेश में साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश जो लगातार जारी है, वह पूर्ण रूप से संकीर्ण व स्वार्थ की घिनौनी राजनीति है, जिसका उद्देश्य लोगों को साम्प्रदायिकता के आधार पर गुमराह करके अपनी सरकार की नाकामी व निकम्मेपन एवं व्यापक भ्रष्टाचार की तरफ से लोगों का ध्यान बांटकर, विशुद्ध रूप से आने वाले लोकसभा आमचुनाव में अपनी स्थिति को गर्त में जाने से बचाना है। इस ध्रवीकरण का लाभ भाजपा भी उठाना चाहती है। इस प्रकार, भाजपा और सपा दोनों एक दूसरे को ध्रुवीकरण का चुनावी लाभ उठाने पर अमादा लगते हैं। इसी क्रम में सपा और भाजपा एक बार फिर उत्तर प्रदेश में जैसे संवेदनशील राज्य में आपसी भीतरी गठजोड़ करके लोकसभा आमचुनाव के लिए साम्प्रदायिक तनाव का माहौल बनाने में एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। और इसी के तहत सपा प्रमुख श्री मुलायम सिंह यादव व उ.प्र. के मुख्यमंत्री एवं विश्व हिन्दू परिषद व इनके अन्य सहयोगी संगठनों के खास नेताओं, जिनमें, कुछ लोग अयोध्या में विवाधित स्थल के विध्वंस के प्रमुख आरोपी भी हैं, की लखनऊ में दिनांक 17 अगस्त, 2013 को सरकारी आवास पर लम्बी मुलाकात भी हुयी और आगे की षड़यन्त्रकारी रणनीति भी तय हुयी है। इस मुलाकात की खबर को काफी प्रमुखता के साथ छपवाने के लिए सरकारी जुगाड़ भी लगाये गये थे।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1989 से 1991 के बीच अयोध्या-फैजाबाद में ऐसी सुरक्षा व्यवस्था की जायेगी कि ‘‘परिन्दा भी पर नहीं मार सकेगा‘‘, जैसी भड़काऊ बयानबाजी करके श्री मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार ने साम्प्रदायिक माहौल को खराब करके स्थिति को तनावपूर्ण बनाया था फिर गोलियां चली और लोग मारे गये, जिससे खासकर बीजेपी को काफी ज्यादा राजनीतिक फायदा हुआ था और सन् 1991 में वह उत्तर प्रदेश में सत्ता में भी आ गयी थी, जिस कारण साम्प्रदायिकता के माहौल की भारी भूमिका तय हुयी और अन्ततः दिनांक 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या के विवादित स्थल का विध्वन्स कर दिया गया, जिसके लिए केन्द्र में कांग्रेस की सरकार भी उतनी ही जिम्मेवार है जितनी कि बीजेपी। और अब सर्वविदित है कि एक बार फिर राजनीतिक व चुनावी लाभ के लिए सपा-भाजपा की आपसी मिलीभगत व नूरा-कुश्ती जारी है अर्थात् प्रदेश में साम्प्रदायिक माहौल को खराब करके उसे काफी ज्यादा तनावपूर्ण बनाया जा रहा है, जो अत्यन्त ही दुर्भाग्यपूर्ण व निन्दनीय व आमजनता के हित में बड़ी चिन्ता की बात है।
साथ ही, इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश सपा सरकार की दोगली नीति एवं दोहरा व संदिग्ध चरित्र स्पष्ट है, क्योंकि पहले विश्व हिन्दू परिषद व इनके अन्य सहयोगी संगठनों के लोगांे के साथ श्री मुलायम सिंह यादव व उ.प्र. के मुख्यमंत्री द्वारा सरकारी आवास पर लगभग दो घन्टे की लम्बी बैठक करना ‘‘दाल में काला ही काला‘‘ होना साबित करता है। अगर सपा सरकार की नीयत साफ होती तो उस बैठक में ही विहिप को सख्त निर्देंश दिये जा सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। और अब कल परिक्रमा के पहले दिन विहिप के अध्यक्ष श्री प्रवीण तोगडि़या आदि जिस प्रकार से सपा सरकार के तथाकथित सख्त सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर अयोध्या पहुँच गये और इतना ही नहीं जितने भी गिरफ्तारियां आदि की गयीं उन सबको ‘‘मीडिया शो‘‘ के रूप में इस्तेमाल करने की जो पूरी-पूरी व्यवस्था सरकार व जिला प्रशासन द्वारा की गयी इससे भी यह साबित हो गया है कि सपा और बीजेपी, विहिप आदि में पूरी सांठ-गांठ व मिलीभगत सुनियोजित तौर पर थी, जिसकी भूमिका इनके नेताओं की आपसी मुलाकात में ही तय हो गयी थी। सुश्री मायावती ने कहाकि तथाकथित 84 कोसी परिक्रमा साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़कर हिन्दू-मुस्लिम दंगा कराकर बड़े-पैमाने पर तनाव आदि पैदा करके उसका चुनावी व राजनीतिक लाभ उठाने की नीयत से सपा और भाजपा-विहिप की राजनीतिक सांठ-गांठ व मिलीभगत का परिणाम है, यह इस बात से भी साबित होता है कि यह कार्यक्रम पूर्ण रूप से आसामयिक व गैर-परम्परागत है एवं ऐसा कोई कार्यक्रम बी.एस.पी. के पाँच वर्ष के शासनकाल में कभी भी आयोजित करने की कल्पना तक भी नहीं की जा सकी थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2013 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश को अशांति और सांप्रदायिकता की ज्वाला में झुलसाने की साजिशों को आम जनता ने स्वयं असफल कर विकास और कानून के राज के प्रति अपनी आस्था जता दी है। इसके लिए अयोध्या और प्रदेश की जनता को भी बधाई दी जानी चाहिए कि उसने विहिप.भाजपा की असमय शुरू की गई परिक्रमा से अपने को अलग रखा और न तो उसका समर्थन किया और नहीं उसमें शामिल हुई। साधु संतो की एक बड़ी संख्या ने भी सांप्रदायिक ताकतों का मोहरा बनने से इंकार कर दिया। विहिप की परिक्रमा को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने भी धार्मिक और परंपरागत मानने से इंकार कर दिया है और इस पर रोक हटाने संबंधी याचिका निरस्त कर दी है। इसके बाद भी परिक्रमा जारी रखने की जिद पूरी तरह से कानून की
अवहेलना है। भाजपा ने विहिप के साथ अपने को जोड़कर संविधान का भी अपमान किया है। सांप्रदायिकता को बढ़ावा देकर सामाजिक तानाबाना को भी नष्ट करने का अपराध किया है। जनता ने पांच वर्षो के बसपा राज में हर क्षेत्र में प्रदेश की बर्बादी होती देखी है। अपराध और लूट का बाजार गर्म होने से देश.दुनिया तक में उत्तर प्रदेश की बदनामी हुई। श्री मुलायम सिंह यादव की रहनुमाई में समाजवादी पार्टी ने बसपा के विकास और भ्रष्टाचार विरोधी आचरण के खिलाफ संघर्ष किया। समाजवादी पार्टी की सरकार मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में प्रदेश
के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जो तत्व प्रदेश की प्रगति में अवरोध पैदा करने की साजिशें रच रहे हैए उनकेा अपने मंसूबों में कतई सफल नहीं होने दिया जाएगा। यह आश्चर्यजनक है कि कांग्रेस का रूख विहिप.भाजपा की इस नई साजिश के प्रति स्पष्ट नहीं है। सांप्रदायिकता के हथकंडो का विरोध करने में कांग्रेस की विफलता जाहिर है। श्री मुलायम सिंह यादव ने बाबरी मस्जिद बचाई थी जबकि उसके ध्वंस के समय कांग्रेस ही केन्द्र सरकार में थी। समाजवादी पार्टी में ही सांप्रदायिक ताकतों को रोकने की कूबत है और उसी के चलते दिल्ली में यूपीए की सरकार बन पाई है। कांग्रेस को इतिहास के वे क्षण नहीं भूलने चाहिए। समाजवादी पार्टी धर्मनिरपेक्षता और विकास की पक्षधर है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश को विकास का नया एजेण्डा देते हुए सामाजिक न्याय की शक्तियों के सशक्तीकरण का भी काम किया हैं। सामाजिक विषमता और क्षेत्रीय असंतुलन की समाप्ति के लिए नई योजनाएं प्रारम्भ की है। नौजवानोंए किसानोंए मुस्लिमों और महिलाओं की शैक्षिकए सामाजिक तथा आर्थिक प्रगति के लिए कई कदम उठाए हैं। जो विकास विरोधी ताकतें हैंए वही प्रदेश की प्रगति में रोड़ा अटकाने की साजिशें कर रही हैए जनता इनसे निबटना बहुत अच्छी तरह जानती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2013 by admin
- शिथिलता बरतने वाले उपजिलाधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई कर शासन को अवगत कराने के निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने जनपद प्रतापगढ़, फैजाबाद, चित्रकूट, सम्भल तथा शाहजहांपुर में तहसील दिवस के सर्वाधिक लम्बित प्रकरणों को गम्भीरता से लिया है। उन्होंने इन जनपदों के जिलाधिकारियों को शिथिलता बरतने वाले उपजिलाधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई कर शासन को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।
यह जानकारी देते हुए शासन के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि 22 अगस्त, 2013 तक तहसील दिवस की वेबसाइट पर प्रदर्शित स्थित की समीक्षा की गई। 17.07.2012 से 16.07.2013 के बीच निस्तारण हेतु लम्बित प्रकरणों का वर्गीकरण किया गया, जिसमें सर्वाधिक उपरोक्त 05 जनपदों में तहसील दिवस के प्रकरण निस्तारण हेतु लम्बित हैं। इनमें जनपद प्रतापगढ़ में 464, फैजाबाद में 380, चित्रकूट में 374, सम्भल में 294 तथा शाहजहांपुर में 218 प्रार्थना पत्र लम्बित हैं। इसी प्रकार जनपद फैजाबाद की तहसील मिल्कीपुर में 03, रूदौली में 01, सोहावल में 02, जनपद सम्भल की तहसील गुन्नौर में 22, सदर में 08 तथा चन्दौसी में 01, जनपद शाहजहांपुर की तहसील जलालाबाद तथा सदर में 01-01, तहसील पुवायां में 10 प्रार्थना पत्र कम्प्यूटर पर फीड हैं, जिनका निस्तारण 01 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी सम्बन्धित उपजिलाधिकारियों द्वारा नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि इन आकड़ों से स्पष्ट है कि उपजिलाधिकारियों द्वारा जनशिकायतों के निस्तारण में पर्याप्त रुचि नहीं ली जा रही है। उन्होंने सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि लम्बित प्रकरणों को अपने स्तर से समीक्षा कर त्वरित निस्तारण कराएं तथा शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई कर शासन को अवगत कराएं। उन्होंने आगाह किया कि जनशिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2013 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चैरासी कोसी परिक्रमा पर लगे प्रतिबंध और साधु-संतों की गिरफ्तारी के विरोध में विश्व हिन्दू परिषद सोमवार को देश भर के जिला केन्द्रों पर धरना-प्रदर्शन करेगी।
रविवार को अयोध्या से चैरासी कोसी परिक्रमा निकालने के लिये निकले संतों और विहिप के बड़े नेताओं को गिरफ्तार करने के बाद विहिप ने अब सरकार से दो-दो हाथ करने का मन बनाया है।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रकाश शर्मा ने बताया कि संतों और धर्माचार्यों को पुलिस जगह-जगह गिरफ्तार कर रही है। इसके विरोध में विहिप सोमवार को पूरे देश में प्रदर्शन करेगी। उन्होंने बताया कि यह प्रदर्शन दिल्ली के जंतर मंतर में भी होगा और उसके बाद देश के राष्ट्रपति को एक ज्ञापन देकर उनसे अनुरोध किया जायेगा कि देश में हिन्दुओं को कुचला जा रहा है।
- विहिप के बड़े नेता हिरासत में,सिंघल को भेजा गया उन्नाव
विश्व हिन्दू परिषद की आज से शुरू हुई ८४ कोसी परिक्रमा पर प्रशासन का पहरा सख्त है। राम नगरी अयोध्या को पुलिस छावनी में तब्दील कर विहिप के बड़े नेताओं को सुबह ही गिरफ्तार कर लिया गया। परिक्रमा में शामिल होने अयोध्या जा रहे अशोक सिंघल को लखनऊ हवाई अड्डे पर रोक कर उन्हें पक्षी विहार उन्नाव भेज दिया गया है और उनके साथ दिल्ली से आये स्वामी राम भद्राचार्य को विष्णु लोक कालोनी कृष्णानगर थाने में पुलिस हिरासत में रखा गया है।
इसके अलावा अयोध्या में विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडि़या, भाजपा के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती, रामजन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास और वर्तमान विधायक रामचंद्र यादव को पुलिस ने सुबह ही गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही विहिप व भाजपा के कई नेता नजरबंद किए गए हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2013 by admin
विश्व हिन्दू परिषद द्वारा 25 अगस्त से प्रस्तावित चैरासीकोसी परिक्रमा पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रोक लगाने के बावजूद परिक्रमा अपने नियत स्थान एवं समय से शुरू हो गई। इस बीच परिक्रमा रोकने की सरकार की सारी चालें फ्लाप साबित हुई।
अयोध्या के नयाघाट पर मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी कमल नयन दास के नेतृत्व में संतों ने विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डा.प्रवीण भाई तोगडि़या की उपस्थित में हवन पूजन कर यात्रा की शुरूआत की।
संतों की गिरफ्तारी के विरोध में प्रतिक्रिया देते हुए बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक राजेश पाण्डेय ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार देश द्रोहियों के संरक्षण में चल रही है। भारत माता को डायन कहने वाले नेता सत्ता का संचालन कर रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2013 by admin
- ताजगंज क्षेत्र का विकास पर्यटकों को करेगा आकर्षित
ताजमहल के आस-पास बेहतर पर्यटक सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से ताजगंज प्रोजेक्ट के अन्तर्गत सड़के, फुटपाथ, सीवरेज, साफ-सफाई तथा मलिन बस्तियों में सुधार कार्यो से क्षेत्र को और अधिक आकर्षक बनाया जायेगा।
प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी आज सर्किट हाउस में ताजगंज प्रोजेक्ट की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ताजमहल देश के अग्रणी स्मारकों में से एक ऐसा स्मारक है, जिसे दुनिया के लोग देखने के लिए आते है, और हिन्दुस्तान की पहचान है। उन्होंने कहा कि संरक्षित स्मारक ताजमहल को देखने वाले पर्यटकों को वे सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास करने होंगे, जिससे पर्यटक आगरा में कई दिन तक रूकें और जब ताजमहल के आस-पास घूमें तो उसे किसी प्रकार की परेशानी भी नही होनी चाहिए।
मा0 मुख्य सचिव ने बताया कि ताजगंज क्षेत्र एवं ताजगंज स्थित 15 मलिन बस्तियों के सुधार के अन्तर्गत सड़को को सी0सी0 रोड तथा गलियों को इन्टर लौकिंग के माध्यम से सुधार कर पर्यटकों के भ्रमण हेतु तैयार कराना तथा 926 शौचालयों को बनाने का कार्य शुरू किया जा चुका है। उन्होंने शौचालयों को तैयार होने के पश्चात सीवर लाइन से जोड़कर जनता के प्रयोग हेतु तैयार कराने के लिए डूडा को निर्देश दिये । जे0पी0 क्रासिंग से ताजमहल पूर्वी द्वार तक पर्यटन सुविधाओं के विकास तथा ताजमहल पश्चिमी द्वार से पश्चिमी गेट पार्किंग तक पर्यटन सुविधाओं के विकास सहित इस परियोजना की नियोजन विभाग द्वारा 136.49 करोड़ प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन हेतु मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा 15 जुलाई 2013 को अनुमति दे दी गई है।
उन्होंने बताया कि इस योजना हेतु भारत सरकार पर्यटन मन्त्रालय से रूपये 24.95 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हो गयी है, जिसमें ताजमहल पूर्वी द्वार की तरफ के कार्य (लागत रूपये 14.73 करोड़) तथा पश्चिमी द्वार की तरफ कार्य (लागत रूपये 10.01 करोड़) प्रस्तावित है।
ताजगंज प्रोजेक्ट के अन्तर्गत 15 स्लम बस्तियों के सुधार की योजना के अन्तर्गत 912 हाउस होल्ड टायलेट्स बनाये जाने का प्राविधान किया गया है। सैम्पल टायलेट का निर्माण राजकीय निर्माण निगम द्वारा शिल्पग्राम में तैयार किया गया है, जिसे मुख्य सचिव ने शिल्पग्राम भ्रमण के दौरान निरीक्षण किया।
मा0 मुख्य सचिव ने बताया कि ताजगंज प्रोजेक्ट के अन्तर्गत ओवर हेैड विद्युत तारों को अण्डर ग्राउण्ड केबिलिंग के कार्य टोरन्ट पावर लि0 द्वारा अपने स्रोतो से एच0टी0 लाइन्स को अण्डर ग्राउन्ड किया जायेगा। उन्होंने इस कार्य के लिए टोरन्ट पावर लि0 के उपाध्यक्ष को निर्देश दिये कि इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कराना सुनिश्चित करें।
भारतीय पुरातत्व संरक्षण द्वारा अवगत कराया गया कि सड़कों की प्रति वर्ष मरम्मत होने के कारण सड़को की ऊंचाई बढ़ने से वर्षा का पानी ताजमहल के गेटों के अन्दर प्रवेश करता है, जिसको रोकने के लिए सड़को का लेबल नीचा करना होगा, इस पर मा0 मुख्य सचिव ने पी0डब्लू0डी0 को निर्देश दिये कि मा0 सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार अनुपालन सुनिश्चित करायें।
आगरा में म्यूजियम प्रोजेक्ट स्थापित कराने के सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि मुगलकालीन इतिहास को उपलब्ध कराना तथा ताजमहल से सम्बन्धित जानकारी पर्यटकों बहुत ही अच्छा प्रयास होगा। उन्होंने इस सम्बन्ध मंे मण्डलायुक्त से कहा कि वे उद्योग जगत से सम्बन्धित लोगों से वार्ता करें और उन्हें आमन्त्रित कर सेमिनार आयोजित करायें, जिससे भविष्य में इस योजना का अच्छे ढंग से क्रियान्वयन कराया जा सके। उन्होंने कहा कि औद्योगिक घराने के लोगों को सम्मिलित करने से इस योजना को केवल सरकारी योजना नहीं रहने दिया जायेगा, बल्कि कारपोरेट वर्ग के सहयोग से बहुत अच्छा कराया जायेगा। म्यूजियम स्थल चयन के सम्बन्ध में मण्डलायुक्त ने आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को सुझाव दिया कि शिल्पग्राम से कलाकृति के मध्य स्थल चयन किया जाये एवं विद्युत विभाग को अन्यत्र स्थल पर स्थानान्तरित कर दिया जाये।
मुख्य सचिव ने शिल्पग्राम निरीक्षण के दौरान ताज महोत्सव को दिल्ली हाट की तर्ज पर आयोजित कराने का सुझाव दिया और पूरे परिसर का निरीक्षण किया। तत्पश्चात वह ताजगंज होते हुये पश्चिमी गेट पर पहुंचे जहां उन्होंने पार्किंग स्थल का जायजा लिया। मा0 मुख्य सचिव ने गांव रेहन कला क्षेत्र में प्रस्तावित थीम पार्क प्रोजेक्ट स्थल को देखा और कहा कि प्रस्तावित मनोरंजन पार्क में वह सभी सुविधाएं उपलब्ध होगीे जो आगरा वासियों के विचारों से प्रेरित हों। मुख्य सचिव ने आज प्रातः ताज नेचर वाक का भी निरीक्षण किया और प्रस्तावित प्रोजेक्ट की जानकारी ली।
मुख्य सचिव के साथ मण्डलायुक्त प्रदीप भटनागर, सचिव/महा निदेशक पर्यटन संजीव सरन, आई0 जी0 पुलिस आशुतोष पाण्डेय, आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अजय चैहान, सचिव रविन्द्र कुमार डी0एफ0ओ0 एन.के.जानू सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी तथा समस्त अपर जिलाधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2013 by admin
राष्ट्रीय लोकदल का एक प्रतिनिधि मण्डल प्रदेष अध्यक्ष मुन्ना ंिसंह चैहान के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल महोदय से मिला। प्रतिनिधि मण्डल में विधान परिषद में रालोद नेता चै. मुष्ताक अहमद, राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे, अध्यक्ष पूर्वी उ0प्र0 इं0 संतोष कुमार मिश्र, अध्यक्ष मध्य उ0प्र0 राकेष कुमार सिंह मुन्ना, प्रदेष महासचिव वसीम हैदर शामिल थे।
प्रतिनिधि मण्डल ने प्रदेष के हालात पर चिन्ता व्यक्त करते हुये महामहिम से कहा कि सन् 2009 में सामान्य परिस्थितियों में लोकसभा का चुनाव हुआ था तो भारतीय जनता पार्टी तथा समाजवादी पार्टी को चुनाव में सीटों का नुकसान हुआ था इसलिए 2014 के लोकसभा चुनाव को सन्निकट देख अपने राजनैतिक लाभ के लिए प्रदेष में साम्प्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के मंसूबे से अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा का आयोजन दोनो पार्टियों की मिलीभगत से किया गया इसलिए राष्ट्रीय लोकदल की मांग है कि विष्व हिन्दू परिषद तथा उ0प्र0 के मुख्यमंत्री अखिलेष यादव व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बीच मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में हुये गुप्त समझौते को सार्वजनिक करते हुये प्रदेष की जनता के सामने लाया जाय।
प्रतिनिधि मण्डल ने यह भी कहा कि प्रषासनिक अधिकारियों द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर दिये जा रहे उत्तेजनात्मक बयान से प्रदेष की गंगा जमुनी तहजीब को खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रषासनिक अधिकारियों द्वारा सुरक्षा सम्बन्धी तैयारी के बयान इतने बढ़ा चढ़ा कर प्रसारित किये जा रहे हैं जिससे लगता है कि प्रदेष सरकार जान बूझकर प्रदेष का माहौल गर्म करना चाहती है और अल्पसंख्यक व बहुसंख्यक दोनो की भावना को भड़काकर सियासी लाभ लेना चाहती है। राष्ट्रीय लोकदल नेताओं ने महामहिम को यह जानकारी भी दी कि मुख्यमंत्री आवास पर विहिप नेताओं के प्रतिनिधि मण्डल तथा प्रदेष के मुख्यमंत्री की बैठक में विहिप के कुछ नेताओं को सरकारी खर्चे पर सुरक्षा मुहैया कराने का भी फरमान जारी किया गया जिससे साफ हो जाता है कि विहिप तथा सपा के बीच नूरा कुस्ती हो रही है।
प्रतिनिधि मण्डल ने महामहिम को वैदिक रीति रिवाजों का हवाला देते हुये अवगत कराया कि चतुर्मास में किसी प्रकार का धार्मिक आयोजन नहीं होता और न ही भादौ मास में अयोध्या में किसी भी परिक्रमा की परम्परा रही है इसलिए यह आयोजन पूरी तरह राजनैतिक षड़यन्त्र है जिसे विहिप, भाजपा तथा सपा की मिलीभगत से चलाया जा रहा है।
प्रतिनिधि मण्डल ने महामहिम को पांच सुत्रीय ज्ञापन दिया जिसमें मुख्यमंत्री आवास पर हुई विहिप प्रतिनिधि मण्डल तथा मुख्यमंत्री की बैठक में हुई वार्ता को सार्वजनिक करने, विहिप नेताओं को सरकारी खर्चे पर दी गयी सुरक्षा की जांच, प्रषासनिक अधिकारियों द्वारा दिये जा रहे उत्तेजनात्मक बयान पर रोक लगाये जाने तथा प्रदेष की गंगा जमुनी तहजीब को कायम रखने की गुहार लगायी गयी साथ ही विहिप नेताओं द्वारा पूर्व में धार्मिक उन्माद भड़काये जाने के बावजूद किन परिस्थितियों में प्रदेष सरकार तथा पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा मिलने का समय देकर विहिप के प्रतिनिधि मण्डल को महिमा मण्डित किया गया इसकी जांच कराये जाने की मांग की।
यह जानकारी राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता ने दी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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