अल्पसंख्यक समुदाय में सरकार के विरूद्ध बढ़ती हुई नाराजगी एवं आने वाले लोकसभा चुनाव में अल्पसंख्यक वोटों के खिसकने के डर से उ0प्र0 की समाजवादी पार्टी की सरकार ने 20प्रतिशत भागीदारी देने के नाम पर प्रदेश के अल्पसंख्यक समाज को एक बार फिर धोखा देने का कार्य किया है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मारूफ खान ने आज यहां जारी बयान में कहा कि कल प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा कैबिनेट में लिये गये फैसले के तहत प्रदेश सरकार के तीस विभागों में संचालित 85योजनाओं में अल्पसंख्यकों को 20प्रतिशत भागीदारी वास्तव में सच्चर कमेटी की सिफारिशों के आधार पर केन्द्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यक हितों में लिये गये निर्णय की एक बानगी मात्र है। यूपीए सरकार द्वारा अपने सभी मंत्रालयों में विकास से जुड़ी हुई सभी योजनाओं में देशभर के अल्पसंख्यक समाज के लिए 15प्रतिशत भागीदारी पहले से ही सुनिश्चित की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त अल्पसंख्यक कल्याण हेतु प्रधानमंत्री के 15सूत्रीय कार्यक्रमों को देश भर में लागू करने का प्रावधान किया गया है। परन्तु उत्तर प्रदेश में गैर कंाग्रेसी सरकारों के अल्पसंख्यक विरोधी मानसिकता के चलते उसका सीधा फायदा अल्पसंख्यक समाज को नहीं मिल पा रहा है।
श्री खान ने कहा कि जहां एक ओर केन्द्र सरकार ने अल्पसंख्यक बाहुल्य जनपदों में आर्थिक, शैक्षिक एवं मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराये जाने हेतु मल्टी सेक्टोरियल विकास प्लान के तहत प्रदेश के अधिकांश अल्पसंख्यक बाहुल्य जनपदों को शामिल किया गया है इसके अतिरिक्त ब्लाक स्तर तक देश के अल्पसंख्यक बाहुल्य सभी लगभग 800 ब्लाकों को भी इस योजना में शामिल किया गया है। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार द्वारा घोषित उक्त योजना में आबादी के अनुपात में केवल 25प्रतिशत से अधिक अल्पसंख्यक आबादी वाले जिलों को शामिल करने से प्रदेश के नाम मात्र जिलों के ही अल्पसंख्यक समाज के लोग इस दायरे में आयेंगे, प्रदेश का अधिकांश अल्पसंख्यक समाज इस योजना से वंचित रहेगा।
प्रवक्ता ने कहा कि समाजवादी पार्टी के पिछले डेढ़ वर्ष के शासनकाल में 30 से अधिक साम्प्रदायिक दंगे हेा चुके हैं। पूरे मुस्लिम समुदाय में असुरक्षा की भावना व्याप्त है। प्रदेश के जिलों में नाम मात्र के मुस्लिम अधिकारियों को तैनात किया गया है। जेलों में बंद बेगुनाह मुसलमानों को छोड़ने के नाम पर केवल कोरी बयानबाजी की जा रही है। श्री अशोक सिंघल सहित विश्व हिन्दू परिषद के नेताओं को मुख्यमंत्री आवास में आमंत्रित करके प्रदेश में साम्प्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। जिससे प्रदेश की जनता के साथ-साथ सरकार में बैठे हुए मंत्री तक नाराज हैं।
श्री खान ने कहा कि अल्पसंख्यक हितों से जुड़े हुए संस्थानों जैसे उर्दू अकादमी, फखर्रूद्दीन अकादमी, अल्पसंख्यक आयोग, मदरसा बोर्ड आदि का आज तक गठन तक नहीं हो पाया है। इस समय प्रदेश में अल्पसंख्यक समाज विशेषकर मुसलमान हाशिये पर है। इतना ही नहीं विगत विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में मुसलमानों को 18प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही थी जिसे पूरा न करने से मुसलमानों में बढ़ती नाराजगी एवं अल्पसंख्यक हितों से जुड़े हुए इन तमाम मुद्दों से अल्पसंख्यक समुदाय का ध्यान हटाने के लिए यह केवल एक शिगूफा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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