भारतीय परिवारों में पुरानी पीढि़यां परंपराओं से बंधी हुयी है, जबकि युवा पीढ़ी प्राचीन रीति-रिवाजों और मान्यताओं को तोड़ना चाहती है जिसे लोग अपने ही परिवार में इसे महसूस कर रहे हैं। बरसों से, समाज का आईना रहे टेलीविजन ने संबंधों में बदलते रूख पर ध्यान केन्द्रित किया है। अब जल्द ही सहारा वन ऐसा कार्यक्रम प्रसारित करने जा रहा है, जो सास और बहू के रिश्तों पर आधारित होगा। दोनों ही भारतीय परिवार की मुख्य कडि़यां होती हैं।
सास और बहू के बीच सम्बन्धों और उनके बीच होने वाली बातचीत में अच्छा-खासा बदलाव आया है। हालांकि, दोनों के मतों में काफी मतभेद भी होता है, लेकिन उसे बेहद संवेदनशीलता और धैर्य के साथ सुलझाना चाहिये। सहारा वन का आगामी शो इन सभी को एक कहानी के रूप में प्रस्तुत करेगा, जो कि न सिर्फ मनोरंजनात्मक होगा बल्कि लाइव बहस भी प्रारंभ करेगा। दर्शकों को बेहतरीन कहानी, चरित्र और परिस्थितियां देखने को मिलेंगी, जिनके साथ वे अपना जुड़ाव महसूस कर सकते हैं।
टीवी धारावाहिकों की महिला दर्शक नारी-केन्द्रित कार्यक्रम देखना चाहती हैं। उनका यह रवैया हमेशा बरकरार रहा है। बहरहाल, अब चीजों में थोड़ा बदलाव आया है। अब वे महत्वहीन और ओछे विषय की बजाय ऐसे कार्यक्रम देखना चाहती हैं, जो चर्चा प्रारंभ करें और ऐसे मुद््दो को सामने लायें, जिन पर खुलकर चर्चा नहीं की जाती। यही कारण है कि सहारा वन जल्द ही अपने एकदम नये धारावाहिक के साथ कुछ नयापन लाने की कोशिश करेगा।
आखिर बहू भी तो बेटी ही है- क्या आप सहमत हैं? https://www.facebook.com/aakhirbahubhi पर लाॅग आॅन कर इस वाद-विवाद में भाग लें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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