पारदर्शी लोकतंत्र और जवाबदेह राजनीति के उद्देश्य को लेकर एक नए राष्ट्रीय राजनितिक विकल्प के रूप में उभर रही नव भारत डेमोक्रेटिक पार्टी (नव भारत) ने जून में चुनाव आयोग से मान्यता मिलाने के पश्चात ८ अगस्त तो नयी दिल्ली में अपना राष्ट्रीय मीडिया लांच किया था. राष्ट्रीय लांच के पश्चात प्रादेशिक लांच की श्रंखला में पार्टी का पहला लांच आज लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ. आने वाले दिनों में पार्टी का लांच केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, उड़ीसा और झारखंड में प्रस्तावित है। सामाजिक समानता, महिला सशक्तिकरण और युवाओं को राष्ट्र की मुख्या धरा से जोड़ने के मुद्दों को लेकर राजनीति में उतरने वाली नव भारत एक नयी पीढ़ी और नयी सोच वाली पार्टी है. आर्थिक सम्पन्नता, ग्रामीण विकास, औद्योगीकरण, भ्रष्टाचार उन्मूलन और युवाओं को रोजगार दिलाना पार्टी की प्राथमिकता है। नव भारत २०१४ के आम चुनाओं में देश भर की लगभग ८० से १०० सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने के प्रयास में है. पार्टी आम चुनाओं के बाद सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। पार्टी चुनाव मैदान में उतारने के लिए सुयोग्य एवं प्रतिबद्ध नेताओं को चिन्हित करने के प्रक्रिया में है। नव भारत की राजनैतिक रणनीति व विकास का एजेंडा विविध वर्ग के लोगों को आकर्षित कर रहा है, जिनमे अनुभवी राजनीतिज्ञ, जो अपनी पार्टियों को अत्यधिक अवसरवादी और हाईकमान से नियंत्रित महसूस करते हैं, सफल उद्यमी जो सरकार द्वारा देश की आर्थिक वृद्धि के मौकों को खो देने से निराश हैं, कार्यशील पेशेवर और मध्यम वर्ग जिन्हें अब यह महसूस हो रहा है कि उनकी उपेक्षा के कारण हमारी चुनावी राजनीती का स्तर इतना गिर गया है और भ्रष्ट और अपराधी राजनीति पर अपना कब्जा कर चुके हैं इनके अतिरिक्त युवा वर्ग भी नव भारत की ऒर आकर्षित हो रहा है क्योंकि वोट बैंक और गरीबों को गरीब बनाये रखने की सियासी राजनीति के कारण उनका भविष्य अंधकारमय और रोजगार के अवसर नदारद हैं। नव भारत की विचारधारा व एजेंडे पर प्रकाश डालते हुए पार्टी के निर्वाचित अध्यक्ष आर. के. मिश्रा ने कहा कि, ष्नव भारत के लिए राजनीति, सेवा करने का एक अवसर व राष्ट्रनिष्ठा आधारित जिम्मेदारी है जिसे पूरा करना जरूरी है. हमारे समाज के सभी लोगों की आकान्क्षाओं का प्रतिनिनिधित्व करने के लिए पार्टी अपना आधार व्यापक करने व समावेशी राजनैतिक प्लेटफार्म विकसित करने के लिए तत्पर है. हमारे समाज के अनेक समुदाय और तबके उपेक्षित हैं, वे खुद को अलग थलग और प्रतिनिधित्वरहित महसूस करते हैं. उनका चुनावी राजनीति से विश्वास उठ गया है. जवाबदेही राजनीती के साथ पारदर्शी लोकतंत्र का नव भारत का तरीका, लोगों में जिम्मेदारी की भावना प्रेरित करेगा और राजनैतिक प्रक्रिया तथा प्रशासन में उन्हें सार्थक ढंग से भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने आगे बताया की कानून बनाना हमारी संसद की प्रमुख भूमिका है। हमारे विशाल, जटिल और विधातापूर्ण देश के लिए हमें ऐसे सांसद चाहिए, जो हमारे देश की सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक-भौगोलिक और सामरिक चुनातियों को समझने के क्षमता रखते हों, जिन्हें इनका गहरा ज्ञान हो और जो इनके समाधान के बारे में सुझाव दे सकें। परन्तु क्या हमारे आज के सांसद इन मानकों पर खरे उतरते हैं, दुर्भाग्यवश नहीं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि, ष्हमारे देश के पास संसाधन और क्षमताएं दोनों हैं और हमें अपने नागरिकों को एक संपन्न और गौरव शाली जीवन व्यतीत करने का अवसर देने के लिए इनका समुचित प्रयोग करना होगा। भारत एक विशाल अर्थव्यवस्था वाला देश है जो अंतर्राष्ट्रीय सस्तर पर एक महत्वपूर्ण हैसियत रख सकता है, परन्तु यदि भारत को विश्व में शीर्ष स्तर पर अपना उचित स्थान हासिल करना है तो हमें अपनी राजनितिक श्रेष्ठता, सामाजिक एकजुटता और आर्थिक सम्पन्नता को आगे रखना होगा। नव भारत एक ऐसा राजनैतिक विकल्प बनने की लिए प्रतिबद्ध है जो भारत को यह सम्मान दिल सके.
अपनी संरचना और संगठन में नव भारत पहले से ही एक वास्तविक राष्ट्रीय राजनितिक विकल्प का स्वरुप लिए हुए है. पार्टी २०१४ में उत्तर प्रदेश, हरयाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र, गोवा, केरल, कर्नाटक तमिलनाडु उड़ीसा और झारखण्ड में अपने उम्मीदवार चुनाव में उतारेगी।
नव भारत के राष्ट्रीय प्रतिनिधियों में राजनीतिज्ञ, प्रबुद्ध विचारारक, प्रसिद्द भूतपूर्व लोकसेवक, पेशेवर, उद्यमी, पत्रकार और समाजसेवी शामिल हैं। ये उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिमी भारत के राज्यों से जुड़े, बसे और प्रतिष्ठित लोग हैं. इनमे शेखर तिवारी - एक राजनितिक विचारक और अंतर्राष्ट्रीय शख्शियत (दिल्ली), सुरेश बंगारा - नौ सेना के सेवा निवृत्त वाइस एडमिरल और समाज सेवी (पुणे) , मुस्तान ताम्बवाला - एक मल्टीनेशनल कंपनी के भूतपूर्व अधिकारी (मुंबई), अरुंधती जोशी थॉमस - एक सफल उद्यमी (पुणे), गणेश तिवारी - एक समाज सेवी और मीडिया प्रबंधक (कानपुर ), सुहास नेरुरकर - एक आई टी कंपनी के प्रबंधक (बैंगलोर), सुनील नंदा (हरयाणा) - नेवी कप्तान और एक समाज सेवी, शिव शंकर, प्रसिद्द वकील (केरल) और आर के मिश्र - एक सफल उद्यमी, समाज सेवी और राजनितिक नेता शामिल हैं. इनका बायोडाटा नव भारत की वेबसाइट ूूू.दंअ-इींतंज.वतह पर भी उपलब्ध है.
नव भारत उत्तर प्रदेश एजेंडा
नव भारत उत्तर प्रदेश की दिशा और दशा के एजेंडा पर नव भारत के आर. के. मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश मेरी जन्म भूमि हैद्य उत्तर प्रदेश हमारे देश का अग्रणी प्रदेश था परन्तु आज मुझे कहते हुए भारी दुख है कि उत्तर प्रदेश गरीबी एवं विकास के क्षेत्र में पिछड़ गया हैद्य उत्तर प्रदेश के पास संसाधन एवं योग्यता की बहुतायत होने के बावजूद राजनीतिक इच्छाशक्ति अपरिपक्व नेतृत्व के अभाव में पिछड़ चुका हैद्य सत्ताधारी दल मात्र वोट बैंक की राजनीति में लिप्त हैं जबकि सरकार को कृषि, उत्पादकता, कानून व्यवस्था औद्योगिकीकरण और रोजगार सृजन पर ध्यान देना चाहिएद्य
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोग ऊब चुके हैं तथा वर्तमान व्यवस्था में परिवर्तन चाहते हैंद्य यद्यपि प्रदेश की जनता ने पिछले दो चुनावों में सरकार को पूर्ण बहुमत से जिताया है परन्तु दुर्भाग्यवश दोनों सरकारों ने निराश किया है और अब जनता एक विश्वशनीय राजनैतिक विकल्प की तलाश में हैद्य नव भारत इस राजनीतिक आवश्यकता को जातिवाद, भ्रष्टाचार से दूर रखकर विकास की राजनीति करेगाद्य
उन्होंने आगे कहा कि पार्टी का लक्ष्य प्रदेश का तीव्र औधोगिकीकरण के जरिये रोजगार सृजन, उन्नतिशील कृषि, उत्पादकताध्विपणन, नवयुवकों को रोजगार हेतु उन्हें तकनीकी शिक्षा के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराना, महिला सशक्तीकरण हेतु कानून बनाना आदिद्य
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास हेतु भारत व विदेशी कम्पनियों को बुलाकर यहाँ उनके लिए उचित माहौल स्थापित कराते हुए उत्तर प्रदेश को संसार के नक्शे में लाना हैद्य बिना उद्योगों के रोजगार की उपलब्धता संभव नहीं हैद्य हमें किसानों को तकनीकि एवं उन्नतिशील कृषि उत्पादकता एवं उसकी बिक्री के लिए सहयोग करना होगा व हमें विद्युत् उत्पादकता में सुधार करना होगाद्य सामाजिक स्तर पर हमारा जोर प्राथमिक शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा,स्वास्थ्य बीमा के जरिये सभी के लिए उचित दरों पर स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराना, सामजिक न्याय एवं कानून व्यवस्था कायम करनाद्य
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियाँ जैसे समाजवादी पार्टी एवं बहुजन समाजवादी पार्टी कभी भी केंद्र सरकार में भागीदार नहीं रही हैंद्य इसलिए इन पार्टियों का कभी भी कोई दबाव अथवा नेत्रत्व ना होने के कारण उत्तर प्रदेश का विकास नहीं हो सकाद्य
नव भारत सक्रिय रूप से सामाजिक एवं आर्थिक विकास हेतु संसद के अन्दर एवं बाहर रहकर कार्या करेगीद्य नव भारत एक मात्र ऐसी राष्ट्रीय पार्टी होगी जो उत्तर प्रदेश के अधिकारों के लिए केंद्र में अपनी भूमिका अदा करेगीद्य
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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