अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक रंजन ने कहा है कि राज्य में सौर विद्युत परियोजनाओं में 2000 करोड़ रूपये से अधिक निवेश की क्षमता है, जिसका पूरी तरह से अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग द्वारा दोहन सुनिश्चित किया जाय। उन्होने नेडा द्वारा संचालित परियोजनाओं में केन्द्र सरकार की अंश पूंजी को शीघ्र केन्द्र से प्राप्त करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होने कहा कि जितनी जल्दी हो सके केन्द्र सरकार के ऊर्जा सचिव से सम्पर्क कर उत्तर प्रदेश के लिए निर्धारित धनराशि अवमुक्त कराकर राज्य के विकास में उसका प्रयोग किया जाय।
श्री आलोक रंजन आज अपने कार्यालय कक्ष में अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग और उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (नेडा) के साथ राज्य में वैकल्पिक ऊर्जा व्यवस्था के विकास की गहन समीक्षा कर रहे थे। उन्होने निर्देश दिया है कि यू0पी0 नेडा एवं टी0एच0डी0सी0 लि0 के संयुक्त उपक्रम से स्थापित होने वाले 30 मे0वाट0 क्षमता के ग्रिड संयोजित सोलर पावर प्लाण्ट की स्थापना में तेजी लायी जाय और उसे समय सारिणी के अन्तर्गत पूरा कर लिया जाय। यह पावर प्लाण्ट उरई के डकोर तहसील में स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। उन्होने कहा कि इसके लिए बिना किसी विलम्ब के संयुक्त उपक्रम हेतु एम0ओ0यू0 को अन्तिम रूप दिया जाय। उन्होने इस बात पर सन्तोष व्यक्त किया कि ग्राम परासन तहसील कालपी जनपद उरई में एन0एच0पी0सी0 एवं यू0पी0 नेडा के संयुक्त उपक्रम के माध्यम से प्रथम चरण में 50 मेगावाट के ग्रिड संयोजित सोलर पावर प्लाण्ट के लिए एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित हो चुका है। उन्होने कहा कि जरूरत इस बात की है कि एम0ओ0यू0 के बाद अन्य प्रक्रियाएं भी तेजी से चलाई जायें और ग्रामीणों को शीघ्र से शीघ्र सौर ऊर्जा से लाभान्वित किया जाय।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक रंजन ने कहा कि सौर ऊर्जा, उर्जा का एक अक्षय भण्डार है और इसका भरपूर दोहन करने के लिए राज्य में 2000 करोड़ रूपये से अधिक की निवेश की क्षमता है। इसके लिए जरूरी है निवेशकों और उद्यमियों के प्रस्तावों को एक निर्धारित समय-सीमा के अन्तर्गत पूरा कर परियोजना को गतिशील किया जाय।
श्री आलोक रंजन ने कहा कि नेशनल सोलर मिशन की वित्तीय वर्ष 2013-14 हेतु गाइडलाइन्स जारी किए जाने के सम्बन्ध में एम0एन0आर0ई0 (केन्द्र सरकार) से तत्काल सम्पर्क किया जाय और जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी केन्द्रांश प्राप्त किया जाय,जिसके बाद केन्द्र सहायतित योजनाओं का त्वरित क्रियान्वयन किया जा सके। उन्होने कहा कि शीघ्रता किए जाने का महत्व इस बात पर है कि ग्रामों में सामुदायिक मार्ग प्रकाश हेतु सोलर स्ट्रीट लाइट योजना चलाई जायेगी और कुल 34834 संयत्रों की स्थापना केन्द्र से धन मिलने के बाद हो सकेगा।
बैठक में प्रमुख सचिव, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत श्री जीवेश नन्दन ने बताया कि सौर ऊर्जा नीति 2013 में निर्धारित किया गया है कि वर्ष 2017 तक राज्य में 500 मेगावाट क्षमता की विद्युत परियोजनाओं को स्थापित किया जायेगा। अतः सौर ऊर्जा नीति के अनुरूप बिडिंग प्रक्रिया के माध्यम से अब तक वर्ष 2013-14 में 130 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना हेतु निजी पूंजी निवेशकों को आवंटन की कार्यवाही पूरी की गई है। उन्होने कहा कि सौर ऊर्जा के महत्व को देखते हुए परियोजनाओं में पूंजी निवेश और परियोजनाओं के निर्माण आदि कार्यो में अपेक्षित गति बनाई रखी जा रही है। किसी भी स्तर पर विलम्ब नहीं होने दिया जायेगा।
श्री जीवेश नन्दन ने बताया कि जनपद कन्नौज में ‘नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा प्रशिक्षण केेन्द्र’ की स्थापना हेतु समयबद्ध कार्यवाही की जा रही है। उन्होने कहा कि इसके पूर्ण होने पर राज्य में चिनहट (लखनऊ) और जनपद मऊ में स्थापित प्रशिक्षण केन्द्रों की संख्या तीन हो जायेगी। उन्होेने कहा कि चिनहट और मऊ के प्रशिक्षण केन्द्रों को भी सक्रिय किया जा रहा है, क्योंकि सौर ऊर्जा उपकरणों और संयत्रों की स्थापना की मांग काफी बढ़ गयी है, जिनके अनुरक्षण, मरम्मत और संस्थापना आदि कार्यो के लिए प्रशिक्षित लोगों की आगे चलकर भारी आवश्यकता राज्य में होगी। उन्होने कहा कि प्रशिक्षण के बाद युवकों को रोजगार एवं स्वतः रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
बैठक में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण के निदेशक श्री आर.पी. अरोड़ा तथा यू0पी0 नेडा के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक के दौरान यू0पी0 नेडा द्वारा विकास कार्यक्रमों का एक पावर प्रस्तुतीकरण भी किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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