Categorized | लखनऊ.

प्रेस रिलीज

Posted on 24 August 2013 by admin

www.pheku.in  भारत के लोकतांत्रिक स्थान के नवीन संघर्ष के साथ आगे बढ़ने वाला नया जुड़ाव हैण् पिछले पांच वर्षों से यह देखा जा रहा है कि राज्य की अराजकता और सर्वाधिकारवादी कार्यवाहियों के विरुद्ध  महत्वपूर्ण किन्तु नाराज नागरिक समाज बार.बार एकत्रित हो रहा हैण् यू पी ए सरकार के एक दशक तक लम्बे शासन काल में न केवल युवा असंतोष को अनियमित रूप से चिंगारी दी जा रही है बल्कि फासिस्ट राजनीतिक नरेंद्र मोदी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक वातावरण भी तैयार हो रहा है सभी फासीवादियों की भांति मोदी ने भी एक कार्यकुशल और प्रभावी शासन का प्रारूप प्रस्तुत किया है और अधिकतर फासीवादियों की तरह कार्यकुशलता और वृद्धि का यह शासन प्रारूप झूठए अर्ध.सत्य और करोड़ों रुपयों के व्यक्तिगत सम्बन्ध उद्योग पर आधारित हैण्
किन्तु जिस क्षण फासिस्ट विकल्प के रूप में नागरिक समाज का चुनाव होता है वह क्षण एक रचनात्मक चुनौती उत्पन्न करता हैण् www.pheku.in  मोदी के व्यक्तिगत संबंधों की मशीनरी की हर निर्मिति की  पड़ताल करके इस प्रकार की चुनौती प्रस्तुत करता हैण् हमने  गुजरात के विकास मॉडल पर आँकड़ों की एक लम्बी सूची तैयार की है और कई दावों की नए सिरे से जांच की है जो मोदी ने सार्वजनिक रूप से किए हैंण् इस प्रकार www.pheku.in  एक साथ सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचनाओं के लिए पारदर्शी केन्द्र है और चुनाव के समय ब्रेकिंग न्यूज के साईट भी है www.pheku.in  के साथ हमारा उद्देश्य दुहरा है आज के सबसे अधिक अधिकारवादी नेताओं के रिकार्ड को सबके सामने लाकर एक नवीन लोकतांत्रिक चिंतन का निर्माण करना इसके साथ ही भारतीय राजनीति में युवाओं के जुड़ाव के  एक नवीन स्तर का निर्माण करनाण् www.pheku.in   की टीम देश भर के १५ राज्यों और देश के बाहर के ४ शहरों में स्थित है ण्
मोदी का गहरा साम्प्रदायिक रिकार्ड और सहजता के साथ झूठ बोलने की उनकी योग्यता यह दोनों मोदी के सर्वाधिकारवाद के विलक्षण जोड़े हैंण् उनकी इसी उत्पादक भूमि को www.pheku.in  उजागर करेगा मोदी के  कई  सहज झूठ पहले से ही उजागर हो चुकें हैं जैसे उनका हिमालय का चमत्कार उजागर हो चुका हैण् हमारे परीक्षकों ने १०० से अधिक ऐसे रहस्यों को पहचाना है जिन्हें प्रकट करने की आवश्यकता बनी हुई हैण् इन झूठों के साथ कई आयाम जुड़े हैं दृ गुजरात के लोकतांत्रिक संस्थानों का उनके द्वारा किया गया विनाशए बड़ी मात्रा में घोटाले जिनके बारे में कहने की जरूरत नहीं है उनकी श्फेंकश् जिससे हमने अपना नाम लिया हैण् कोई राजनीतिज्ञ २००० अल्पसंख्यकों की निर्ममतापूर्वक हत्या और कई एनकाउंटर किलिंग का जिम्मेदार है प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उसका चेहेरा निश्चित रूप से फीका पड़ जाना चाहिएण् www.pheku.in  हमें उम्मीद है कि हम भारत की नवीन लोकतांत्रिक लहर के भाग होंगेण्
www.pheku.in  आज प्रस्तुत हो रहा हैण् २३ अगस्त २०१३ को भारत के २० शहरों मेंण् निम्नलिखित व्यक्ति वेबसाईट को प्रस्तुत करेंगेण्
तथ्य.सूची.
ऽ    दस साल में ६०ए००० छोटे स्तर के उद्योग बंद हो गएण्
ऽ    गुजरात प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में पांचवे स्थान पर हैण्
ऽ     जब भारतीय जनता पार्टी १९९५ में पहली बार सत्ता में आई  तब राज्य सरकार का कुल ऋण १०००० करोड़ रूपए से कम थाण् गुजरात का वास्तविक ऋण  २००१.२ में ४५३०१ करोड़ से बढ़कर मोदी के शासन काल में ३०ए दिसम्बर २०१२ तक १३८९७८ करोड़ तक पहुँच गया हैण् राज्य.सरकार के अनुमानित बजट के अनुसार यह ऋण २०१५.१६ तक २०७६९५ करोड़ रूपए तक पहुँच जाएगाण्
ऽ    कृषि.वृद्धि में गुजरात आठवें स्थान पर हैण् कृषि क्षेत्र में गुजरात ने कभी भी १०ः की वृद्धि.दर नहीं प्राप्त कीण् गुजरात सरकार के स्वयं के आँकड़ों के अनुसार २००५.२००६ से २०१०.११ तक कृषि और संगठित क्षेत्र में वृद्धि.दर मात्र ३ण्४४: ही रही न कि  दहाई अंकों में अथवा १०ः
ऽ    गुजरात में उर्वरक पर वैट ;मूल्य संवर्धित करद्ध ५ः हैण् जो भारत में अधिकतम हैण्
ऽ    गुजरात में २६ जिले हैं जिनमें २२५ ब्लॉक हैं जिसमें से ५७ अँधेरे में हैंण्
ऽ    मार्च २००१ से ४५५८८५ कृषि.विद्युत कनेक्शन के आवेदन लंबित हैंण्
ऽ    राज्य के पांच वर्ष से कम उम्र के लगभग आधे बच्चे ;४४ण्६ःद्ध कुपोषण से पीड़ित हैंण् ७०ः बच्चों में खून की कमी हैं और ४०ः सामान्य से कम वजन के हैंण्
ऽ    गुजरात के आठ शहरों और तीन तालुका  में २४९४ शिक्षकों के पद खाली हैंण्
ऽ    गुजरात के चार जिलों में लगभग ९७८ स्कूल एक या दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैंण्
ऽ    गुजरात का स्वास्थ्य व्यय वर्ष १९९०.९५ के ४ण्२५ः के स्तर से गिर कर २००५.२०१० की अवधि में ०ण् ७७ः के स्तर पर पहुँच गया हैण् राज्य स्तरीय बजट में स्वास्थ्य सम्बन्धी मद में आवंटन के सन्दर्भ में गुजरात का स्थान नीचे से दूसरा है
ऽ    एनीमिया से प्रभावित महिलाओं के मामले में २० बड़े राज्यों में गुजरात का स्थान नीचे से २० वां  है
ऽ    कुपोषित बच्चों के मामले में गुजरात का स्थान १५वां है
ऽ    एनीमिया से प्रभावित बच्चों के मामले गुजरात का स्थान १६ वां है
ऽ    ग्रामीण शिशु मृत्यु दर में गुजरात का स्थान १४ वां तथा शहरी शिशु मृत्यु दर में १० वां है
ऽ    वैश्विक भूख पर रिपोर्ट ;२००९द्ध के अनुसार भारत के १७ बड़े राज्यों में से २३ण्३ के भूख सूचकांक के साथ गुजरात का स्थान १३ वां हैण् मध्यप्रदेशए बिहार और झारखण्ड के साथ गुजरात भी खतरे की सूची वाले राज्यों में शामिल हो चुका है
ऽ     आंकड़े दिखाते हैं कि ६६: ग्रामीण घरेलू व्यक्तियों द्वारा शौचालय के प्रयोग के मामले में राज्य का स्थान १०वां हैण्
ऽ    राष्ट्रीय जनगणना २०११ के अंतर्गत एकत्रित किये गया आंकड़े यह प्रकट करते हैं कि गुजरात की कुल जनसँख्या २९ः निवासी गैर उपचारित पेयजल प्राप्त करते हैंण् लगभग १ण्७५ करोड़ लोगों को शुद्ध पेयजल  प्राप्त नहीं होता हैण् गुजरात में २००१ में गरीबी ३२ः थी जो २०११ में ३९ण्५ः तक पहुँच गयी हैण् प्रत्येक १०० व्यक्तियों में ४० व्यक्ति गरीब हैं  राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन ;एनण् एसण् एसण् ओण्द्ध के आंकड़े दिखाते हैं कि २००४ और २०१० के बीच गरीबी घटने का प्रतिशत गुजरात में निम्नतम था जो ८ण्६ः था
ऽ    गरीब परिवारों के छात्रों को स्कूली शिक्षा पूरी करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु केन्द्र द्वारा अल्प.संख्यकों के लिए छात्र.वृत्ति योजना शुरू की गई जिसमें केन्द्र और राज्य सरकार का हिस्सा ७५रू२५ के अनुपात में थाण् इस योजना के अंतर्गत ५२ए२६० अल्पसंख्यक  छात्रों को छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए थी किन्तु जब से यह योजना प्रारम्भ हुई है तब से गुजरात ने इन छात्रवृत्तियों के संदर्भ में एक भी प्रस्ताव केन्द्र को नहीं भेजा है जिसके कारण यह कोष बेकार जा रहा है
ऽ    गुजरात में कुल बैंक खातों का १२ः मुस्लिम धारण करते हैं किन्तु उनके ऋण की राशि २ण्६ः ही है जो यह प्रमाणित करता है कि उन्हें बैंक ऋण प्राप्त नहीं होता
ऽ    संयुक्त राष्ट्र के यूण्एनण्डीण्पीण् ने यह पाया है कि मुस्लिमों के संदर्भ में गरीबी का श्हेड काउंटश् अनुपात असमए उत्तर प्रदेशए पश्चिम बंगाल और गुजरात में अधिकतम है
ऽ    उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद १९५८ दंगों के मामले दुबारा खोले गए हैंण् गुजरात पुलिस ने मात्र ११७ मामलों में गिरफ्तारियां की हैं यानी कुल मामलों का मात्र ५ःण्
ऽ    गुजरात श्वन अधिकार आधिनियम २००६श्  लागू करने वाला ११ वां राज्य है
ऽ    गुजरात में प्रत्येक तीन दिन में एक बलात्कार होता है
ऽ    एक दशक से गुजरात सरकार में डिप्टी स्पीकर का पद खाली है ; भारतीय सविधान के अनुच्छेद १७८ के अनुसार यह पद अनिवार्य हैद्ध
ऽ    सदन एक वर्ष में लगभग ३०.३२ दिन ही चलता है
ऽ    पिछले दस वर्षों से लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हुई है
ऽ    गुजरात ने ३७१६ रोजगार मेले आयोजित किएण् किन्तु गुजरात सरकार के स्वयं के आँकड़ों के अनुसार १० लाख पढ़े लिखे युवा बेरोजगार हैं और कुल ३० लाख लोग बेरोजगार हैं
ऽ      राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन ;एनण् एसण् एसण् ओण्द्ध के आंकड़े प्रदर्शित करते हैं कि पिछले १२ वर्षों से रोजगार वृद्धि की दर लगभग शून्य है
ऽ    राज्य के खातों के संदर्भ में कैग की हाल की समीक्षा आँख खोलने वाली साबित हुई है आरोप है कि वहाँ १६७०६ण्९९ करोड़ रूपए की वित्तीय अनियमितता और भूमि आबंटन में अनियमितता पाई गई हैण् जिसका वित्तीय और विकास के मोर्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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