- आरा मिल के लाइसेन्स की वैधता तीन वर्ष से बढ़ाकर 05 वर्ष की गई
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आज निर्णय लिया गया है कि पाॅपलर एवं यूकेलिप्टस के प्रकाष्ठ से बनाये गये विनियर को प्रदेश के 42 जनपदों में उत्तर प्रदेश इमारती लकड़ी और अन्य वन उपज को अभिवहन नियमावली, 1978 के अन्तर्गत अभिवहन पास की आवश्यकता नहीं होगी। यह छूट प्रदान किये जाने से कृषक अधिक से अधिक संख्या में यूकेलिप्टस व पाॅपलर का रोपण कृषि वानिकी के रूप में करेंगे तथा विनियर आधारित प्रकाष्ठ उद्योग की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा एवं रोजगार भी सृजन होगा। इससे अधिक से अधिक क्षेत्र में यूकेलिप्टस व पाॅपलर रोपित करेंगे। वृक्षावरण में वृद्धि से विनियर उत्पादन को बढ़ावा देकर वृक्षों के संरक्षण को प्रोत्साहन प्राप्त होगा। विनियर को अभिवहन पास से मुक्त होने से व्यापारियों को इस उद्योग के संचालन में सुविधा होगी तथा उनके द्वारा कृषकों को अधिक से अधिक पाॅपलर का उत्पादन किये जाने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। इस उद्योग के प्रोत्साहन से यूकेलिप्टस एवं पाॅपलर की खपत प्रदेश में हो सकेगी।
इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश आरा मिल की स्थापना और विनियमन नियमाली, 1978 के अन्तर्गत आरा मिल के लाईसेन्स की वैद्यता की अवधि 03 वर्ष से बढ़ाकर 05 वर्ष कर दी गयी है। इससे लाईसेन्स धारी प्रत्येक वर्ष लाईसेन्स का नवीनीकरण कराने की अनावश्यक परेशानी से बचेंगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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