Posted on 22 September 2012 by admin
खुदरा ब्यापार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI), डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि, सरकारी अनुबन्धित खेती एवं भीषण मॅहगाई जैसे केन्द्र सरकार की जनविरोधी एवं अदूरदर्शी नीतियों के विरोध में जनता दल (यूनाइटेड) उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष मा0 सुरेश निरंजन भइया जी के आवाह्न पर पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा दिनाॅक-24.09.2012 दिन सोमवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय धरना देकर महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा । इस समय पूरा देश मॅहगाई की मार से त्रस्त है और इस भीषण मॅहगाई के समय इन चीजों के दामों में वृद्धि करना केन्द्र सरकार की हठ धर्मिता को दर्शाता है जिसका प्रदेश ब्यापी विरोध होना नितान्त आवश्यक है । अभूतपूर्व भारत बन्दी के दिन केन्द्र सरकार ने खुदरा क्षेत्र में एफ.डी.आई लागू करके दिखा दिया है कि वह आम आदमी को धोखा देकर पूॅजीपतियों को लाभ पहुॅचाना चाहती है जिसका साथ कुछ क्षेत्रीय पार्टियां दे रही हैं । इन्हीं सब बातों को लेकर जनता दल (यूनाइटेड) ने धरना देकर विरोध करने का निर्णय लिया है । इसी क्रम में 24 सितम्बर को लखनऊ में भी विधान सभा के सामने (धरना स्थल पर) प्रातः 10 बजे से धरना दिया जाएगा जिसमें लखनऊ के पार्टी पदाधिकारी/कार्यकर्ता महिला एवं युवा साथी एकत्रित होकर केन्द्र सरकार की नीतियों का भण्डाफोड़ करेंगें और चुनाव में इस दम्भी सरकार को उखाड़ फेकनें का आम जनता से आवाह्न किया जाएगा ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 September 2012 by admin
कुछ लोगों के बारे में कहा जाता है कि ना इनकी दोस्ती अच्छी, ना इनकी दुश्मनी अच्छी’। दोनों ही रूप में ये कष्ट देते है। इसी तर्ज पर संप्रग सरकार के बारे में कहा जा सकता है- ‘‘ना इनकी सुस्ती अच्छी, ना इनकी तेजी अच्छी।’ दोनों ही रूप कष्टप्रद है। बताया जाता है कि सरकार अपने ऊपर लगाने वाले निष्क्रियता के आरोप से परेशान थी। देश से लेकर परदेश तक उस पर ऐसे आरोप लग रहे थे। कई विदेशी पत्र-पत्रिकाएं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ‘उम्मीदो से कम ’ और असफल बता रही थी। यहां तक गनीमत थी। मनमोहन सिंह ऐसी भीतर-बाहर की आलोचनाओं से ऊपर रहते है। वह निर्लिप्त रहते है। निन्दा को गम्भीरता से लेते तो इतने वर्षो तक पद पर रहना मुश्किल हो जाता। लेकिन हद तो तब हुई जब ऐसी ही विदेशी पत्रिका ने वर्तमान के साथ-साथ भविष्य की भी आलोचना शुरू कर दी। उसने कांग्रेस महासचिव की निर्णय क्षमता पर प्रश्न उठाए।
इसके फौरान बाद सरकार ने सक्रियता दिखाई। वह निष्क्रियता के आरोप से मुक्त होने के कदम उठाने लगी। नीतिगत निर्णय लेने लगी। विपक्ष की बात अलग, सहयोगियों से विचार -विमर्श के बिना उसने रिटेल में एफ.डी. आई. को मंजूरी दी। डीजल के दाम बढ़ाए। रसोई गैस सिलेण्डर की सब्सिडी समाप्त करने की दिशा में कदम उठाए। सब्सिडी युक्त सिर्फ छः सिलेण्डर देने का फरमान जारी किया। यह उसकी सक्रियता थी। कष्टप्रद साबित हुई। निष्क्रिय रहती है, तब भ्रष्टाचार का आरोप लगता है। कोयला आवंटन में भारी घोटाला होता रहा। मंत्रियों के सगे -’संबंधी हाथ साफ करते रहे, सरकार शान्त भाव से देखती रही थी। रसूखदार लोग सैकड़ो की संख्या में सिलेण्डर लेते रहे। सब्सिडी का भरपूर फायदा धनी लोग शुरू से उठाते रहे। मंहगी गाडि़यों में डीजल की खपत होती रही। यह सब सरकार की जानकारी में था। किसी भी प्रकार की सब्सिडी इस वर्ग के लिए नहीं थी। नहीं होनी चाहिए। समय रहते इस प्रवृत्ति को नियंत्रित करने की आवश्यकता थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। फिर जब निर्णय किया तो गरीब , अमीर औश्र जरूरतमंद किसान सभी को एक पड़ले में रखा गया। सभी के लिए एक ही नीति। निश्चित ही सरकार की नीति में संवेदनशीलता का अभाव था। उसे अपनी सक्रियता दिखानी थी। यह संदेश देना था कि वह नीतिगत निर्णय कर सकती है। लेकिन ऐसा करते समय वह सामाजिक न्याय नहीं कर सकी। सरकार ने व्यवहारिकता का परिचय नहीं दिया।
रिटेल में एफ.डी. आई. की मंजूरी का परिणाम सरकार पहले भी देख चुके थी। फिर व्यापक विचार-विमर्श के बाद इसे पुनः मंजूर करने का क्या औचित्य था। मल्टी ब्रंाड रिटेल में इक्यावन प्रतिशत नागरिक उड्डयन में उन्यास, ब्राडकास्ंिटग में चैहत्तर, टी. वी. चैनल व एफएम रेडियो में छब्बीस व सिंगल ब्रांड रिटेल में शत प्रतिशत विदेशी पंूजी निवेश भारत की अर्थव्यवस्था, स्वायत्तता ही नहीं संस्कृति पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। वालमार्ट, कैरफोर, टेस्कों आदि का इतिहास निराशाजनक है। ये कहीं भी किसानों या खुदरा व्यापारियों का हित नहीं कर सकी। सरकार को इससे सबक लेना चाहिए। इस नीति का सड़क पर विरोध करने वाले तथा संसद में सरकार को बचाने, प्रोत्साहन देने वाले दल भी भविष्य में जवाब देह होंगे।
सरकार को एफ. डी. आई. पर होने वाले व्यापक विरोध का पहले ही अनुभव हो चुका है। तब सरकार ने अपने निर्णय पर रोलबैक किया था। तात्कालीन वित्त मंत्री ने संसद में आश्वासन दिया था कि राज्यों की सहमति के बिना इसे लागू नहीं किया जाएगा। ऐसे में दुबारा इस आग से खेलने का क्या औचित्य था। राज्यांे व विपक्षी दलों से विचार -विमर्श की बात अलग, सरकार ने अपने सहयोगियों को भी विश्वास में नहीं लिया। तणमूल कांग्रेस के कदम से यह बात स्पष्ट हो चुकी है। उसने सरकार पर गलत बयानी व झूठ बोलने का आरोप लगाया है। एफ. डी. आई. को दुबारा मंजूर करने पर सरकार अन्य पक्षों के साथ सहमति बनाने का प्रयास नहीं कर रही थी। देश में कोयला घोटालें का मामला गर्म था। दूसरी तरफ विदेशी विदेशी पत्रिका मनमोहन सिंह और राहुल गांधी पर नाकामी और किंकर्तव्यविमूढ़ होने की रेंटिग बना रही थी। कहीं ऐसा तो नहीं कि सरकार ने अपनी समझ में एक तीर से दो निशाने साधने का प्रयास किया है। तीर एक एफ. डी. आई. की मंजूरी । निशाने दो -एक तो कोयला घोटाले की आग दब गई। दूसरा- अमेरिका को संदेश दिया गया कि उसके यहां से प्रकाशित टाइम पत्रिका का आकलन गलत है। सरकार के मुखिया, मंत्री व कांग्रेस हाईकमान निर्णय लेने में समर्थ है। खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश को मंजूर किया। कई अन्य क्षेत्रों के द्वार खोल दिए। अब तो मानों कि सरकार नकारा नहीं है। यदि सक्रियता प्रदर्शित करने के ये कारण थे, तो उसकी सार्थकता पर विचार करना चाहिए। कोयले के दाग मिटना असम्भव है। टू-जी की भांति ये भी सप्रंग के दामन पर स्थायी रूप से रहेंगे। केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने भी माना है कि उन्होंने कोयले के दाग मिटने की बात हंसी में कही थी। इसी प्रकार वालमार्ट के बल पर विकास का सब्जबाग दिखाना भी बेमानी है। इसके द्वारा किसानों की उन्नति , उघोगों का विकास, रोजगार में बढ़ोत्तरी के सभी दावे छलावा है। खुदरा में विदेशी पूंजी निवेश करने वाले विदेशी व्यापारी अपना हित ही पूरा करेंगे। प्रारम्भ में वह लोगों को आर्कषित करने के लिए छूट दे सकते है। लेकिन एकाधिकार बढ़ाने के साथ ही वह असली रंग दिखाने लगेंगे। उन्हें विश्व में जहां से सस्ता सामान मिलेगा। वही से लाकर भारत कांे गोदाम बनाऐगे। यहां डीजल आदि महंगे हो रहे है। खेती की लागत बढ़ रही है। खाद की किल्लत रहती है। सिंचाई सुविधापर्याप्त नहीं। बाढ़ा राहत में व्यापक भ्रष्टाचार है। किसानों की बदहाली बालमार्ट दूर नहीं कर सकते। चीन का सस्ता सामान ही वह भारत में लाऐगा। भारत को उघोगो पर इसका बहुत प्रतिकूल प्रभाव होगा। वालमार्ट पूरे विश्व में अब तक मात्र बीस लाख लोगों को रोजगार दे सका। भारत में करोड़ों को रोजगार कहां से देगा। जो सरकार दावा कर रही है। उल्टे असंगठित क्षेत्र में लगे करोड़ो खुदरा व्यापारी बेरोजगारों की श्रेणी में आ जाएगे।
इस प्रकार के निर्णय देश और समाज के हित में नहीं है। सरकार सोच सकती है कि उसने अन्य समस्याओं से ध्यान हटाया है। लेकिन उसकी प्रतिष्ठा नहीं बढ़ी। सरकार में चैदह मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप है। ले दे कर तणमूल के नेता बेदाग थे। वह फिर भी बाहर हुए। सरकार में किस प्रकार के लोग बचे है, इसका अनुमान लगाया जा सकता है। आय से अधिक सम्पति के आरोप पर सी. बी. आई. जांच का सामना कर रहे लोग सरकार को बचाने का काम करेंगे। सरकार बच सकती है, लेकिन जन सामान्य के प्रति सत्ता की सवंेदनशीलता नहीं बचा सकी। सरकार सुरक्षित रह सकती है, लेकिन उसके निर्णय से राष्ट्रीय हित सुरक्षित रहेंगे, इस पर सन्देह है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 September 2012 by admin
भारतीय जनता पार्टी लखनऊ महानगर के प्रमुख कार्यकर्ताओं की एक बैठक नगर कार्यालय कैसरबाग पर महानगर संयोजक मनोहर सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुयी जिसमें पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की जयन्ती के अवसर पर होने वाले कार्यक्रमों पर चर्चा की गयी।
बैठक में महानगर संयोजक मनोहर सिंह ने कहा कि 25 सितम्बर को पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी की जयन्ती है। भारतीय जनता पार्टी लखनऊ महानगर की ओर से पंडित दीनदयाल जी की जयन्ती की पूर्व संन्ध्या पर दिनांक 24 सितम्बर को सायंकाल 5 प्रदेश कार्यालय पर जनसंघ काल के पार्टी के वरिष्ठत्तम कार्यकर्ताओं तथा 1990 के पूर्व के जिलाध्यक्षों का सम्मान समारोह आयोजित किया है। प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकान्त बापजेई तथा लखनऊ के सांसद लालजी टण्डन अपने वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का सम्मान करेंगे। पण्डित जी की जयन्ती के अवसर पर दिनांक 25 सितम्बर को प्रातः 9 बजे दीनदयाल स्मृतिका चारबाग पर माल्यर्पण का भी कार्यक्रम आयोजित होगा जिसमें प्रदेश के वरिष्ठ नेतागण पंडित जी की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। बैठक में पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष जयपाल सिंह ने कहा कि पार्टी ने जनसंघ काल के कार्यकर्ताआंे का सम्मान करने का निर्णय लिया है। पार्टी उन सभी वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को सम्मानित करेंगी जिन्होंने जनसंघ काल से लेकर अभी तक भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने में अपनी निर्णायक भूमिका निभाई है। भारतीय जनता पार्टी जब भी सत्ता शिखर तक पहुंची है उन्ही वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के खून पसीने की मेहनत के बल पर पहुंची है। हम ऐसे कार्यकर्ताओं को कभी भूल नही सकते।
बैठक में महानगर संयोजक मनोहर सिंह, पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष जयपाल सिंह, मान सिंह, रमेश तूफानी, अंजनी श्रीवास्तव, अमित गुप्ता, मुकेश शर्मा, सुनील मिश्रा, अनुराग मिश्रा अन्नू, कपिल सोनी, रजनीश गुप्ता, आनन्द द्विवेदी, विष्णु गर्ग, रंजाीत यादव, बीना गुप्ता, श्यामजाीत सिंह, संजय अवस्थी, पी.एन. पाण्डेय, मान सिंह यादव आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 September 2012 by admin
नावोदीप,( नादिया ) | भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता उमाश्री भारती की गंगा यात्रा आज कोलकाता से निकलकर नादिया जिले में प्रवेश कर गयी | इससे पूर्व
कल शाम हावड़ा में पश्चिम बंगाल सरकार ने उमाश्री को सभा नही करने दी | जिसके कारण तनाव की स्थिती पैदा हो गयी | हावड़ा के रामकृष्णपुर घाट पर गंगा आरती के
बाद उपस्थित जनसमूह और कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए उमाश्री ने कहा की गंगा की तरह बंगाल की राजनीती भी प्रदूषित हो गयी है | लेकिन आज गंगा यात्रा
में उमड़ते जनसैलाब और दबाव में पश्चिम बंगाल सरकार को यात्रा के दौरान लाउदस्पीकर लगाने और सभा करने की इजाजत दे दी | आज सुबह जगन्नाथ घाट पर गंगा
पूजन कर उमाश्री ने दूसरे दिन की यात्रा शुरू की | शाम को यात्रा नादिया जिले के नावोदीप पहुँची जहाँ उमाश्री ने एक सभा को संबोधित किया | यात्रा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा, भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष अमिताभ बनर्जी, गंगा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक आदित्य टंडन सहित सैकड़ो कार्यकर्ता साथ चल रहे थे |
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 September 2012 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि बसपा सरकार के कार्यकाल में समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर दर्ज फर्जी मुकदमों को वापस लेने का निर्देश देकर समाजवादी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं के संघर्ष और समर्पण को सम्मान दिया है। डीएम और पुलिस कप्तानों को इस सम्बन्ध में कार्यवाही में तेजी लाने के लिए कहा गया है। अभी तीन हजार ऐसे मामले चिन्हित किए गए हैं।
पिछली बसपा सरकार के पंाच साल में बदले की भावना से प्रेरित होकर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का बहुत उत्पीड़न किया गया। कार्यकर्ताओं और उनके करीबियों को जबरन अपराधी बनाया गया। उनके खिलाफ बलवा, मारपीट, आम्र्सएक्ट में मुकदमे दर्ज किए गए। सबसे ज्यादा दुरूपयोग एससी-एसटी ऐक्ट का हुआ। जानबूझकर अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों से प्राथमिकी दर्ज कराई गई ताकि सपाईयों को सबक सिखाया जा सके।
बसपाराज में मुख्य विपक्षी दल होते हुए भी समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं तक को अपमानित किया गया। देश के सम्माननीय एवं वरिष्ठ नेता श्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ बसपा मुख्यमंत्री ने शपथ लेते ही डेढ़ सौ से ज्यादा मुकदमे विभिन्न जनपदो में दर्ज करा दिए थे। निकाय के चुनाव में प्रशासनतंत्र का भीषण दुरूपयोग कर अपनी मनमर्जी के अध्यक्ष एवं सदस्य बनवाए गए। प्रत्याशियों और उनके निकट संबंधियों पर दबाव डाले गए। धमकियां दी गई। सेवा नियमावली के विरूद्ध डीजी से लेकर दरोगा तक और आईएएस से लेकर लेखपाल तक का उपयोग बसपा के पक्ष में प्रचार तथा मत जुटाने के लिए किया गया।
श्री मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने बसपा के दमनात्मक तौर तरीको का पांच वर्ष तक सामना किया। उन पर पुलिस जुल्म की इंतहा हो गई। तभी नेताजी ने कहा था कि अपनी सरकार बनने पर कार्यकर्ताओं पर लगे सभी फर्जी केस वापस होगें। प्रदेश की जनता ने बसपा कुशासन को उखाड़ फेंका और श्री अखिलेश यादव के ऊर्जावान नेतृत्व में समाजवादी पार्टी को सरकार बनाने का बहुमत दिया। श्री अखिलेश यादव ने भी कार्यकर्ताओं के प्रति मान सम्मान के वायदे को याद रखा और उन पर लगे फर्जी मुकदमे वापस लेने के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री जी ने बिना किसी रागद्वेष के फर्जी ढंग से लगाए गए आरोपों की वापसी का आदेश देकर फिर साबित कर दिया है कि समाजवादी जो कहते है वही करते हैं और जो करते हैं, वही कहते हैं। उनकी कथनी करनी में अंतर नहीं है। उनके शासनकाल में कही भी विपक्ष के प्रति दमनात्मक कार्यवाही की खबर या शिकायत नहीं सुनाई पड़ी है। उन्होने बल्कि विधान भवन के सामने धरना स्थल बहाल कर अपनी सरकार के विरोध में भी धरना प्रदर्शन की अनुमति दे दी है। लोकतंत्र के प्रति यह श्री अखिलेश यादव की दृढ़ आस्था एवं जनता के प्रति उनकी सम्मान भावना का द्योतक है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 September 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के राजस्व मंत्री श्री अम्बिका चैधरी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्य के बाढ़ प्रभावित जनपदों में राहत वितरण कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाय। उन्होने कहा है कि राहत वितरण में जीवन निर्वाह के लिए सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार जरूरतमंद बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत सहायता प्रदान की जाय। उन्होंने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाये कि जन-धन की हानि न हो और समय से बाढ़ प्रभावित लोगों को सहायता मिल जाय। श्री चैधरी राहत के संबंध में प्रदेश के राहत आयुक्त श्री एम0वेंकटेश्वर लू के साथ एक बैठक कर रहे थे।
बैठक में राहत आयुक्त में श्री चैधरी को अवगत कराया कि वर्तमान वर्ष में प्रदेश में राज्य आपदा मोचक निधि से अब तक 164.1540 करोड़ रुपये की धनराशि राहत, सार्वजनिक सम्पत्तियों के पुनर्निर्माण ओर पुनस्र्थापना मद में उपलब्ध करायी जा चुकी है। इसमें राहत हेतु प्रदेश में 75.572 करोड़ रुपये की धनराशि जनपदों को भेजी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त पुनर्निर्माण और पुनस्र्थापना के लिए लोक निर्माण विभाग को
29.1663 करोड़ रुपये, सिंचाई विभाग को 47.1409 करोड़ रुपये, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा को 6.6832 करोड़ , ऊर्जा विभाग को 60.23 लाख, शिक्षा विभाग को 26.68 लाख, नगर विकास विभाग को 3.9648 करोेड़, चिकित्सा विभाग को 14.87 लाख तथा अन्य विभागों को 60.9 लाख रुपये की धनराशि उपलब्ध करायी जा चुकी है।
राहत आयुक्त ने राजस्व मंत्री श्री चैधरी को आश्वस्त किया कि राज्य आपदा मोचक निधि में पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है और बाढ़ की स्थिति समाप्त होने के बाद बाढ़ के कारण हुई क्षति का आंकलन कराकर धनराशि उपलब्ध करा दी जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 September 2012 by admin
उत्तर प्रदेश में आज दिन में पावर कारपोरेशन द्वारा 8205 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति की जा रही है।
आज दिन में 2ः00 बजे राज्य विद्युत उत्पादन निगम के विद्युत गृहों से 2006 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था, जिसमें ओबरा से 246 मेगावाट अनपरा से 980 मेगावाट, पनकी से 111 मेगावाट, हरदुआगंज से 183 मेगावाट तथा पारीछा से 486 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था। इसके अलावा 721 मेगावाट जलीय विद्युत का उत्पादन हो रहा था।
पावर कारपोरेशन द्वारा केन्द्रीय क्षेत्र से 4378 मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी। इसके अलावा को-जनरेशन से 20 मेगावाट, रोजा से 540 मेगावाट, बजाज इनर्जी से 104 मेगावाट तथा लैन्को से 436 मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 September 2012 by admin
ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय में वर्तमान शैक्षिक सत्र 2012-13 में पढ़ाई की शुरूआत नवम्बर से की जायेगी। यह निर्णय आज यहां डा0 राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के मीटिंग हाल में आयोजित ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी-फारसी विश्विविद्यालय की कार्य परिषद की दूसरी बैठक में लिया गया।
विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 अनीस अंसारी आई0ए0एस0 (से0नि0) ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय के लिए प्रोफेसर के दस एसोशिएट प्रोफेसर के 20 और असिस्टेंट प्रोफेसर के 44 कुल मिलाकर 74 पद स्वीकृत किये हैं। इनमें से 50 प्रतिशत पदों अर्थात प्रोफेसर के 5, एसोशिएट प्रोफेसर के 10 और एसिस्टेंट प्रोफेसर के 22 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया आगामी नवम्बर तक पूर्ण हो जायेगी। इसके बाद पढ़ाई शुरू की जायेगी। उन्होंने बताया कि कार्य परिषद ने निर्णय लिया है कि उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में एक समान पाठ्यक्रम लागू करने का जो निर्णय राज्य सरकार ने लिया था, उसी के अनुसार इस विश्वविद्यालय में भी यथा सम्भव पाठ्यक्रम लागू किया जायेगा, परन्तु जहां इस विश्वविद्यालय की विशेष आवश्यकताआंे के दृष्टिगत पाठ्यक्रम में संशोधन की आवश्यकता होगी, उसे एकेडमिक काउन्सिल संशोधित कर सकेगी अथवा नया पाठ्यक्रम लागू कर सकेगी।
डा0 अंसारी ने बताया कि कार्य परिषद द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि एम0बी0ए0 में प्रवेश के लिये विश्वविद्यालय स्वयं पारीक्षा करायेगी। उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना का महत्वपूर्ण उद्देश्य यह है कि उर्दू, अरबी और फारसी भाषाओं और उनकी संस्कृति को प्रोत्साहित किया जाये। पाठ्यक्रम का चयन करते समय ऐसे पाठ्यक्रमों को वरीयता दी गयी है, जिनसे छात्र-छात्राओं को आसानी से रोजगार मिल सके। उन्होंने बताया कि इन दोनों उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुय यह निर्णय लिया गया कि छात्र-छात्राओं, कर्मचारियों और अध्यापकों का चयन करते समय ऐसे अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाये जो उर्दू, अरबी या फारसी और कम्प्यूटर का व्यवहारिक ज्ञान रखते हों। उन्होंने बताया कि सभी पाठ्यक्रमों में उर्दू, अरबी या फारसी को विद्यार्थियों की इच्छानुसार अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जायेगा और इन विषयों के प्राप्तांकों को अंक-तालिका में जोड़ा जायेगा। यही कार्य पद्धति एम0बी0ए0 के अतिरिक्त अन्य पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों और अध्यापकों व कर्मचारियों के चयन के समय लागू की जायेगी। उन्होंने बताया कि सामान्य रूप से गैर भाषायी विषयों की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से होगी परन्तु विद्यार्थियों की इच्छा पर उर्दू में भी पढ़ाये जाने का प्रबन्ध किया जायेगा।
कार्य परिषद में यह निर्णय भी लिया गया कि विश्वविद्यालय के अन्तर्गत उर्दू रिसर्च इन्स्टीट्यूट और अरबी-फारसी रिसर्च इन्स्टीट्यूट स्थापित किये जायेंगे। कार्य परिषद ने डा0 अनीस अंसारी की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का निर्णय लिया जो उर्दू, अरबी और फारसी के मदरसों की उपाधियों को विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता दिये जाने का प्रस्ताव देगी। कामिल व फाजि़ल की उपाधियों के अतिरिक्त दूसरी उपाधियों और मदरसों की सम्बद्धता व उन्हें मान्यता दिये जाने पर भी विचार किया जायेगा। छात्राओं को प्राइवेट परीक्षा दिलाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया गया। विश्वविद्यालय द्वारा विशेष व्याख्यानों को प्रकाशित कराने की भी व्यवस्था की जायेगी।
डा0 अंसारी ने बताया कि कार्य परिषद ने मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का शुक्रिया अदा किया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अध्यापकों के 74 पदों के अतिरिक्त 25 करोड़ रुपये वार्षिक बजट के द्वारा उपलब्ध कराने का प्रबन्ध किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का नाम प्रसिद्ध सूफी संत और लेखक ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के नाम पर रखने के राज्य सरकार के निर्णय के लिए भी कार्य परिषद ने श्री अखिलेश यादव को धन्यवाद दिया।
डा0 अंसारी ने बताया कि विश्वविद्यालय के पास इस समय 30 एकड़ भूमि है जो अपर्याप्त है। इसलिए इस समय की कठिनाइयों और भविष्य की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए सीतापुर-हरदोई बाईपास रोड और परिसर के मध्य पड़ने वाली 36 एकड़ भूमि को अर्जित करने और सड़क के दूसरी ओर लगभग 120 एकड़ भूमि लखनऊ विकास प्राधिकरण के माध्यम से क्रय करने का निर्णय लिया गया है।
डा0 अंसारी ने बताया कि राज्य सरकार से विश्वविद्यालय को अब तक 174.25 करोड़ रुपये प्राप्त हुये हैं जिसे निर्माण निगम द्वारा निर्माण कार्यों पर व्यय किया जा चुका है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 September 2012 by admin
उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के सचिव श्री अबरार अहमद ने हज प्रतीक्षा सूची में संख्या-9026 से लेकर 9147 तक के ऐसे हज यात्रियों से जिन्होंने अभी तक अपना पासपोर्ट जमा नहीं किया है उनसे अनुरोध किया कि वे अपना पासपोर्ट, एक फोटो तथा कुल धनराशि (केवल अज़ीजि़या श्रेणी के लिये) हज कमेटी आॅफ इण्डिया के खाते में स्टेट बैंक आॅफ इण्डिया की किसी भी सी.बी.एस. शाखा के माध्यम से जमा कर पे-इन-स्लिप तीन दिनों के अन्दर उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति में अवश्य जमा कर दें।
श्री अहमद ने प्रतीक्षा सूची में संख्या-9148 से 11360 तक के हज यात्रियों से भी अनुरोध किया है कि वे भी अपना पासपोर्ट, एक फोटो तथा अण्डरटेकिंग भर कर तीन दिनों के अन्दर राज्य हज समिति के कार्यालय में जमा कर दें। उन्होंने कहा है कि निरस्तीकरण से उपलब्ध होने वाली सीटों पर क्रमवार उनका चयन होने पर उन्हें भी बैंक में पूरी धनराशि जमा कर उसकी रसीद तीन दिनों के अन्दर राज्य हज समिति के दफ्तर में जमा करनी होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 22 September 2012 by admin
अल्पसंख्यक समुदाय के क़ब्रिस्तानों/अन्त्येष्टि स्थलों की भूमि की सुरक्षा के लिये शुरू की गयी योजना के तहत प्रदेश सरकार ने समस्त जि़लाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे शासन द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रारूप ‘अ’ में अपने जि़ले के ऐसे क़ब्रिस्तान/अन्त्येष्टि स्थल दर्ज करें जो अविवादित हैं, जबकि निर्धारित प्रारूप ‘ब’ में उन क़ब्रिस्तानों/अन्त्येष्टि स्थलों को दर्ज करें, जिनके सम्बन्ध में कोई विवाद है।
इस सम्बन्ध में समस्त जि़लाधिकारियों को भेजे गये एक परिपत्र में अल्पसंख्यक कल्याण सचिव श्रीमती लीना जौहरी ने कहा है कि जि़लों के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों की सूचनायें अलग-अलग निर्धारित प्रारूप पर संकलित की जायेंगी। उन्होंने कहा है कि इस योजना के तहत क़ब्रिस्तानों/अन्त्येष्टि स्थलों की चहारदिवारी निर्माण की मासिक प्रगति आख्या शासन को निर्धारित प्रारूप पर भेजी जायेगी। यह प्रारूप शीघ्र ही जि़लाधिकारियों को उपलब्ध कराया जायेगा।
इस सम्बन्ध मंे विगत 10 सितम्बर को मुख्य सचिव द्वारा जारी शासनादेश में इस योजना के तहत विवादित क़ब्रिस्तानों/अन्त्येष्टि स्थलों के मुद्दे को हल करने के लिये तत्परता से कार्यवाही करते हुये इसे आगामी तीन महीनों में हल करने की अपेक्षा जि़लाधिकारियों से की गयी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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