अल्पसंख्यक समुदाय के क़ब्रिस्तानों/अन्त्येष्टि स्थलों की भूमि की सुरक्षा के लिये शुरू की गयी योजना के तहत प्रदेश सरकार ने समस्त जि़लाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे शासन द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रारूप ‘अ’ में अपने जि़ले के ऐसे क़ब्रिस्तान/अन्त्येष्टि स्थल दर्ज करें जो अविवादित हैं, जबकि निर्धारित प्रारूप ‘ब’ में उन क़ब्रिस्तानों/अन्त्येष्टि स्थलों को दर्ज करें, जिनके सम्बन्ध में कोई विवाद है।
इस सम्बन्ध में समस्त जि़लाधिकारियों को भेजे गये एक परिपत्र में अल्पसंख्यक कल्याण सचिव श्रीमती लीना जौहरी ने कहा है कि जि़लों के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों की सूचनायें अलग-अलग निर्धारित प्रारूप पर संकलित की जायेंगी। उन्होंने कहा है कि इस योजना के तहत क़ब्रिस्तानों/अन्त्येष्टि स्थलों की चहारदिवारी निर्माण की मासिक प्रगति आख्या शासन को निर्धारित प्रारूप पर भेजी जायेगी। यह प्रारूप शीघ्र ही जि़लाधिकारियों को उपलब्ध कराया जायेगा।
इस सम्बन्ध मंे विगत 10 सितम्बर को मुख्य सचिव द्वारा जारी शासनादेश में इस योजना के तहत विवादित क़ब्रिस्तानों/अन्त्येष्टि स्थलों के मुद्दे को हल करने के लिये तत्परता से कार्यवाही करते हुये इसे आगामी तीन महीनों में हल करने की अपेक्षा जि़लाधिकारियों से की गयी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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