भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ‘‘भ्रष्टाचार की हिस्ट्रीषीटर पार्टी कांग्रेस’’ अब ‘‘घोटलों की बहुराष्ट्रीय कम्पनी,, बन गई है। जिसकी चेयरमैन श्रीमती सोनिया गांधी और सी0ई0ओ0 श्री मनमोहन सिंह हैं।
श्री नकवी ने कहा कि केन्द्र की ‘‘घोटालों के गुरुघंटालों और मंहगाई माफियाओं की सरकार ने देष को आर्थिक संकट में झोंक दिया है। ‘‘आर्थिक उदारवाद,, के नाम पर सत्ता में आई कांग्रेस-यू0पी0ए0 ने देष को ‘‘आर्थिक उधारवाद,, के रास्ते पर खडा़ कर दिया है। आज घोटालों-भ्रष्टाचार का नतीजा है कि देष मंहगाई, बेरोजगारी की भीषण परेषानी झेल रहा है। देष कर्ज के बोझ से पूरी तरह दब चुका है।
श्री नकवी ने आज यहां ‘‘कोयला घोटाले,, के खिलाफ भाजपा के राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोयले के कुंए से कांग्रेसी, करप्षन के इतने कंकाल निकल रहे है कि सरकार और कांग्रेस उसे देख कर डर और बौखला गई है। भ्रष्टाचार की इस बहुराष्ट्रीय कम्पनी के खिलाफ लोगों का आक्रोष चरम पर है। भाजपा की नैतिक, राजनैतिक, संवैधानिक जिम्मेदारी है कि घोटालों की इस बहुराष्ट्रीय कम्पनी के भ्रष्टाचार उद्योग पर ताला लगवाएं।
श्री नकवी ने कहा कि भारतीय संसद का काम ठप्प है, मुद्दा है 186 हजार करोड़ के कोयले घोटाले का, सी0ए0जी0 रिपोर्ट ने प्रधानमंत्री के आधीन रहे कोयला मंत्रालय में बड़े पैमाने पर गड़बडी-लूट की बात कही है। इसे लेकर भाजपा ने प्रधानमंत्री से नैतिक जिम्मेदारी लेने की मांग उठाई। सरकार ने इस मांग को तुरन्त खारिज ही नहीं किया बल्कि सी0ए0जी0 रिपोर्ट आने के एक घंटे के अन्दर उसे ‘‘बकवास,, भी करार दिया, कांग्रेस, उसकी सरकार के मंत्रियों ने एक साथ संवैधानिक संस्था सी0ए0जी0, भाजपा और विपक्ष की कई राज्य सरकारों पर हल्ला बोल दिया, और कहा घोटाला केन्द्र सरकार ने नहीं किया है बल्कि विपक्ष और उनकी राज्य सरकारों ने किया है। और सी0ए0जी0 रिपोर्ट से राजनैतिक पूर्वाग्रह है।
श्री नकवी ने कहा कि आज देष का संसदीय इतिहास एक बडे राजनैतिक संकट से दो चार हो रहा है, ऐसी स्थिति देष में कभी नहीं आई, सदन का पटल प्रबन्धन एवं विपक्ष से संवाद सरकार की जिम्मेदारी होती है, पर सरकार के मंत्री सदन के भीतर विपक्ष की तरह शोर शराबा करते दिख रहे हैं, यू0पी0ए0 की मुखिया सत्तापक्ष को हंगामा करने के लिए उकसा और प्रोत्साहित करती दिखती हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी को ‘ब्लैक मेलर, कह रही है। प्रधानमंत्री कह रहे हैं चाहे जो कर लो इस्तीफा नहीं देंगे, नैतिक जिम्मेदारी नहीं लेंगें, यह अहंकार की पराकाष्ठा है।
श्री नकवी ने कहा कि कोयला घोटाला, संवैधानिक संस्था सी0ए0जी0 के रिपोर्ट के बाद सामने आया है। जिसमें 1 लाख 86 हजार करोड़ के घोटाले, की बात कही गई है। कांग्रेस नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार ने 2004 से 2009 के बीच देढ़ सौ बडी कोयला खदानों का आवंटन कर डालता, चार वर्षो में 150 से ज्यादा बडी कोयला खदानों का सभी नियमों, कानूनों को ताक पर रख कर किया गया आवटंन। जिसकी वजह से 1 लाख 86 हजार करोड़़ के घोटाले की बात कही जा रही है। सरकार से सम्बन्धित मंत्रियों, के सगे सम्बन्धियों औद्योगिक घरानों को कोयले की खदानों का जमीदार, बनाया गया।
श्री नकवी ने कहा कि सरकार तर्क यह दे रही है कि खदानों से खनन हुआ ही नही ंतो घोटाला या घाटा कैसे, यह तर्क वैसा ही है जैसे ‘‘कोई व्यक्ति सस्ते दामों में कोई जमीन खरीद ले और 10 साल बाद तर्क दे कि हमने इस जमीन पर मकान नहीं बनवाया तो इसकी कीमत कैसे बढ़ सकती है’’ या कोई व्यक्ति यह कहे कि ‘‘उसने बीस साल पहले जिस दाम में सोना खरीदा था, उसका दाम कैसे बढ़ सकता है, जब उसने उसका गहना ही नहीं बनवाया।’’ सिर्फ यही नहीं सरकार के इस तर्क ने एक नया सवाल खड़ा कर दिया है कि क्यों कोल माफियाओं, औद्योगिक घरानों ने कोयला खदानों से कोयला नहीं निकाला, जिसके चलते कोयले की जरुरतों को पूरा करने के लिए 20 गुने दामों में सरकार और निजि कम्पनियों को विदेषों से कोयले का आयात करना पड़ा, यानि दोहरी मार, जमाखोरी और काला बाजारी का अपराध भी इस ‘‘कोयला घोटाले,, से जुड़ गया है। कोयले का अपार भण्डार होने के बावजूद बीस गुने दामों पर विदेषों से कोयला खरीद हुई। जिसके चलते चैतरफा मंहगाई बढी, और अर्थव्यवस्था चैपट हुई। डालर मालामाल और रुपया कंगाल हुआ।
श्री नकवी ने कहा कि इन सबके बावजूद सरकार किसी तरह की गलती और नैतिक जिम्मेदारी का एहसास नहीं कर रही है और ‘‘चोरी और सीना जोरी,, के सिद्धान्त पर चल रही है। मजे की बात यह है कि सरकार की मुखिया, विपक्ष से पूरी ताकत से लडने का आवहान कर रही है, अच्छा होता कि वह ऐसा आवहान मंहगाई, भ्रष्टाचार-घोटालों, आतंकवाद से लड़ने के लिए अपनी सरकार और कांग्रेस से करती तो सरकार के चेहरे पर पुती कोयले की कालिख कुछ कम होती।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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