उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिशद के अध्यक्ष एवं विष्व ऊर्जा कौसिंल के स्थाई सदस्य अवधेष कुमार वर्मा ने आज विद्युत नियामक आयोग अध्यक्ष श्री राजेष अवस्थी वह सदस्य श्री राम से मुलाकात कर उन्हें टोरेंट पावर आगरा द्वारा लगातार किये जा रहे विद्युत उपभोक्ताओं के व्यापक उत्पीड़न के सम्बन्ध में एक जनहित प्रत्यावेदन सौंपा। जिसे उ0प्र0 विद्युत नियामक आयोग ने गम्भीरता से लेते हुए ऐतिहासिक निर्णय सुनाया टोरेन्ट पावर के खिलाफ आगरा में बिजली व्यवस्था संभालने के बाद यह पहला निर्णय है जिसमे उसके द्वारा किये गये उपभोक्ताओं के उत्पीड़न की जाँच होनी है। टोरेन्ट पावर द्वारा चाहे वह लोड बढ़ाने का मामला हो या असेसमेन्ट का मामला हो या उपभोक्ताओं की चेकिग का मामला हो सभी में नियम विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है। आयोग के निर्देष पर आयोग के सचिव श्री अरूण कुमार श्रीवास्तव द्वारा प्रबन्ध निदेषक दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को नोटिस देते हुए उपभोक्ता परिशद द्वारा सौपें गये प्रत्यावेदन एवं लगातार समाचार पत्रों में उपभोक्ता उत्पीड़न के सम्बन्ध में प्रकाषित हो रही खबरों पर जाँच कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट आयोग को एक सप्ताह में देने के निर्देष दिये गये है।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने अपने प्रत्यावेदन में कहा कि दाक्षिणांचल विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा आगरा में अधिकृत इनपुट बेस्ट फे्रन्चाइजी टोरेन्ट पावर को लेकर आम जनमानस व उपभोक्ताओं में काफी रोश व्याप्त है। टोरेन्ट के खिलाफ आम जनमानस के गुस्से का आलम यह है कि आगरा में लगातार प्रदर्षन व विरोध सभा वहाँ की जनता व उपभोक्ता कर रहे हैं, परन्तु बड़े ही चिन्ता का विशय है कि पावर कारपोरेषन सहित दाक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम चुप चाप तमाषा देख रही है। टोरेन्ट पावर को आगरा में इनपुट बेस्ड फ्रेन्चाइजी के रूप में दक्षिणांचल कम्पनी द्वारा कार्य करने हेतु अधिकृत किया गया था, परन्तु टोरेन्ट पावर द्वारा अपने आपको आगरा षहर में विद्युत कम्पनी के रूप में कार्य किया जा रहा है जो विद्युत अधिनियम 2003 व नियामक आयोग के विनियमों के पूरी तरह विपरीत है। उ0प्र0 सरकार ने भी यह माना है कि टोरेन्ट पावर द्वारा बकाया वसूली करने में कोई रूचि नहीं ली जा रही है, साथ ही यह भी सोचनीय है कि टोरेन्ट पावर के क्षेत्र में लगातार एटीसी लाइन हानियां बढ़ रही है। वर्तमान में वह 50 प्रतिषत के ऊपर पहुॅच गई है। फिर भी दाक्षिणांचल कम्पनी द्वारा टोरेन्ट के खिलाफ कोई कार्यवाही न किया जाना चिन्ता का विशय है।
टोरेन्ट पावर द्वारा की जा रही कार्यवाही से स्वतः सिद्ध होता है कि वह अपने आपको लाइसेन्सी समझकर कार्य कर रहा है उसके द्वारा वहां सभी दस्तावेज चाहे वह विद्युत कनेक्षन फार्म या कोई अन्य दस्तावेज सब में टोरेन्ट पावर का ही नाम दर्ज है दक्षिणांचल कम्पनी का नामोनिषान नहीं है। जो अपने आप में घोर चिन्ता का विशय है। मामला यहीं तक सीमित नहीं है टोरेन्ट द्वारा अपने सभी दस्तावेजों में कन्जूमर को कस्टमर के रूप में दर्ज किया जा रहा है जो पूरी तरह विद्युत अधिनियम 2003 के नियमों के विपरीत है।
उपभोक्ता परिशद अध्यक्ष ने पुनः एक बार यह बात दोहराइ कि टोरेन्ट पावर आगरा द्वारा जिस तरह वहाँ के उपभोक्ताओं के साथ उत्पीड़ात्मक कार्यवाही की जा रही है उससे वहाँ कि स्थिति कभी विस्फोटक हो सकती है ऐसे में दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को लाइसेंसी का फर्ज निभाते हुए टोरेन्ट पावर के खिलाफ तत्काल सख्त कदम उठाना चाहिए जिससे टोरेन्ट पावर द्वारा उपभोक्ताओं का लगातार किया जा रहा उत्पीडन समाप्त हो सके
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com