उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहाँ सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-
लखनऊ-आगरा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को मंजूरी
निजी क्षेत्र की सहभागिता (पीपीपी) के तहत आगरा से लखनऊ प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा। प्रदेश के मध्य क्षेत्र मंे स्थित सात जनपदों-आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, मैनपुरी, कन्नौज, हरदोई से गुजरने वाले इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास में जबर्दस्त तेजी आएगी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लखनऊ के बीच आने जाने के समय में भी काफी कटौती होगी। इसके बन जाने से आलू व आम के विपणन में तेजी आएगी। कन्नौज में इत्र, फिरोजाबाद में कांच, आगरा में चमड़ा उद्योग के साथ-साथ एक्सप्रेसवे से जुड़े जनपदों मंे हैण्डीक्राफ्ट के महत्वपूर्ण केन्द्र भी मौजूद हैं। एग्रो प्रोसेसिंग एवं फूड प्रोसेसिंग की भी इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। एक्सप्रेसवे से इस पूरे क्षेत्र के व्यापार में जबरदस्त बढ़ोत्तरी होगी। 6 लेन वाले ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की लम्बाई 270 किलोमीटर होगी, जिसकी अनुमानित लागत 10,400 करोड़ आंकी गई है। इसके दोनों ओर 10.25 मीटर तक हरित पट्टी विकसित की जाएगी। एक्सप्रेसवे कस्बो एवं गांवों से दूर होगा तथा इससे मुख्य शहरों को बाईपास से जोड़ा जाएगा।
शीरा नीति में संशोधन
गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान सुनिश्चित करने एवं चीनी मिलों तथा आसवनियों में अवशेष शीरे के निस्तारण में आ रही कठिनाई को दूर करने के लिए शीरा नीति में संशोधन किया गया है। इसके अन्तर्गत चीनी मिल द्वारा अपनी सह आसवनी में उपभोग की सीमा को छोड़कर उत्पादित शीरे का 20 प्रतिशत शीरा देशी मदिरा हेतु आरक्षित रखने, आरक्षित एवं अनारक्षित शीरे के मध्य निकासी अनुपात 1ः19 करने एवं प्रत्येक माह इस अनुपात को बनाए न रख पाने की दशा में निकासी 1ः4 का अनुपात बनाए रखने का निर्णय लिया गया है। इस संशोधन के बाद आगामी पेराई सत्र शुरु होने से पहले चीनी मिलों में उपलब्ध अवशेष शीरे का निस्तारण हो सकेगा, जिससे नए शीरे के भण्डारण के लिए टैंक खाली हो जाएंगे तथा शीरे की खुली बिक्री से चीनी मिलों को अतिरिक्त धनराशि की आय होगी। इस व्यवस्था से चीनी मिलों की आय बढ़ेगी और गन्ना किसानों के बकाया मूल्य के भुगतान करने में आसानी होगी।
उन्नतशील प्रजातियों के प्रमाणित बीजों पर अनुदान योजना लागू
वर्ष 2012-13 में प्रमाणित बीजों पर अनुदान के लिए 62.45 करोड़ की धनराशि की व्यवस्था बजट में की गई है। वर्ष 2012-13 में केवल रबी/जायद फसलों के प्रमाणित बीजों पर अनुदान दिया जाएगा। प्रमाणित बीजों के वितरण की शुरूआती जांच जनपद स्तरीय अधिकारी करेंगे। सैम्पल आधार पर उच्च स्तरीय टीमें भी इसका अनुश्रवण एवं सत्यापन करेंगी। बीज वितरक संस्थाएं हर महीने ग्रामवार/कृषकवार वितरण का विवरण हर महीने के आखिरी में प्रस्तुत करेंगी। खरीफ के लिए बीज वितरण का सत्यापन 01 से 31 अगस्त के बीच तथा रबी के लिए 01 से 31 जनवरी के बीच होगा। रबी एवं खरीफ के बीज सत्यापन के लिए 5 हजार गांवों का रैण्डम चयन कृषि निदेशालय करेगा।
सैफई में पुरुष स्पोटर््स काॅलेज की स्थापना का फैसला
लखनऊ में गुरु गोविन्द सिंह स्पोटर््स काॅलेज तथा गोरखपुर में वीर बहादुर सिंह स्पोटर््स कालेज की तर्ज पर प्रदेश के दक्षिण-पूर्व एवं बुन्देलखण्ड के प्रतिभावान बालकों को खेल में विशिष्ठ वैज्ञानिक प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से जनपद इटावा के सैफई में 71.25 एकड़ भूमि पर स्पोटर््स काॅलेज स्थापित किया जाएगा। इसमें उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम से कक्षा 6 से 12 तक की शिक्षा भी दी जाएगी। इसमें 80 बालकों हेतु छात्रावास के अलावा एथेलेटिक्स ट्रैक, फुटबाॅल ग्राउण्ड, बास्केटबाॅल, वाॅलीबाॅल कोर्ट, तरणताल, क्रिकेट मैदान, हाॅकी एस्ट्रोटर्फ, इण्डोर हाॅल, बहुउद्देशीय हाॅल आदि का निर्माण कराया जाएगा, जिसमें एथेलेटिक्स, कबड्डी, कुश्ती आदि खेल होंगे। कालेज के प्रथम सत्र के लिए 70 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा।
गांधी जयंती पर खादी के कपड़ों पर 10 प्रतिशत की छूट
गांधी जयन्ती के अवसर पर प्रदेश में खादी वस्त्रों की फुटकर बिक्री पर राज्य सरकार 10 प्रतिशत विशेष छूट देगी। इसके अन्तर्गत सूती, रेशमी व पाॅली खादी वस्त्रों पर यह छूट दिनांक 03 अक्टूबर से 108 कार्यदिवसों तक जारी रहेगी। इसी प्रकार ऊनी खादी कम्बल की बिक्री पर 01 नवम्बर, 2012 से 108 कार्यदिवसों तक यही छूट जारी रहेगी। प्रदेश में वर्तमान में कुछ 617 मान्यता प्राप्त संस्थाएं खादी का उत्पादन व बिक्री करती हैं।
घाटमपुर विद्युत परियोजना हेतु अंश पूंजी निर्गत करने का निर्णय
प्रदेश में अतिरिक्त बिजली उत्पादन क्षमता सृजित करने के उद्देश्य से भारत सरकार के उपक्रम नेवेली लिग्नाइट कार्पोरेशन के साथ संयुक्त उपक्रम में कानपुर की घाटमपुर तहसील में 2 हजार मेगावाॅट क्षमता की तापीय विद्युत परियोजना की स्थापना हेतु ज्वाइंट वेंचर एग्रीमेण्ट तथा राज्य सरकार की अंश पूंजी निर्गत किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी। इस परियोजना की लागत 11,128 करोड़ अनुमानित है। संयुक्त उपक्रम/कम्पनी में नेवेली लिग्नाइट कार्पोरेशन तथा उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की अंश पंूजी 51ः49 के अनुपात में होगी। उपक्रम की प्रारम्भिक अधिकृत पूंजी 5 करोड़ होगी। परियोजना लागत में अंशपूजी प्री-फीजिबिलिटी रिपोर्ट में दी गई अनुमानित लागत 11,128,00 करोड़ का 30 फीसदी यानी 3338.40 करोड़ है। इसमें राज्य उत्पादन निगम का अंश 1635.82 करोड़ है। यह राशि यदि निगम अपने संसाधनों से अदा नहीं कर पाएगा तो राज्य सरकार यह राशि निगम को उपलब्ध कराएगी। संयुक्त उपक्रम गठित होने पर इसके निदेशक मण्डल में नेवेली लिग्नाइट के 3 तथा विद्युत उत्पादन निगम के 2 निदेशक के अलावा कोयला मंत्रालय का एक निदेशक भी नामित किया जाएगा। निदेशक मण्डल का अध्यक्ष नेवेली लिग्नाइट नामित करेगा। परियोजना के वित्तपोषण के लिए ऋण तथा अंश पंूजी का अनुपात 70ः30 है। इस ज्वाइंट वेंचर में पूंजी निवेश उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम तथा नेवेली लिग्नाइट द्वारा क्रमशः 49ः51 अनुपात में ही क्रमिक रुप में किया जाएगा। राज्य सरकार इसमें शासकीय गारंटी नहीं देगी।
निजी क्षेत्र के पाॅलीटेक्निक में प्रवेश की नीति निर्धारित
निजी क्षेत्र की पाॅलीटेक्निक में काॅउन्सलिंग के बाद रिक्त रह जाने वाली सीटों के लिए राजकीय तथा अनुदानित पाॅलीटेक्निकों के साथ पूर्व की भांति सभी पाठ्यक्रमों की सभी सीटों पर 2 या 3 चरणों की काउन्सलिंग की जाएगी। इस काॅउन्सलिंग के बाद निजी क्षेत्र के पाॅलीटेक्निकों में रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए उन छात्रों को वरीयता दी जाएगी, जो संयुक्त प्रवेश परीक्षा में क्वालीफाई कर रैंक प्राप्त कर चुके हों। दूसरी वरीयता उन्हें दी जाएगी, जो संयुक्त प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए हों, लेकिन क्वालीफाई न कर पाएं हों। दूसरे और तीसरे चरण की काॅउन्सलिंग के बाद निजी क्षेत्र के पाॅलीटेक्निकों में रिक्त सीटों पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा प्रवेश न लिए जाने की दशा में इन सीटों पर किसी भी वर्ग के अभ्यर्थी को प्रवेश दे दिया जाएगा।
नवसृजित जनपदों में जिला योजना समिति का गठन को मंजूरी
उत्तर प्रदेश जिला योजना समिति नियमावली में संशोधन करते हुए प्रदेश के 3 नए जनपदों सम्भल, शामली एवं हापुड़ की जिला योजना समिति के सदस्यों की संख्या पुनर्गठित की गई है। सम्भल की जिला योजना समिति में 30 सदस्य, शामली तथा हापुड़ में 15-15 सदस्य रहेंगे। इसके अलावा पुनर्गठित जनपदों-मुरादाबाद की जिला योजना समिति के सदस्यों की संख्या 40, बंदायू की योजना समिति के सदस्यों की संख्या 35, मुजफ्फरनगर जिला योजना समिति के सदस्यों की संख्या 40 तथा गाजियाबाद की जिला योजना समिति के सदस्यों की संख्या 15 रहेगी।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों को बायोमीट्रिक कार्ड
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत खाद्यान्न वितरण व्यवस्था के कम्प्यूटरीकरण से पारदर्शिता के साथ-साथ खाद्यान्न के लीकेज को कम करने में सहायता मिलेगी। साथ ही बोगस व अपात्र राशन कार्ड भी समाप्त होंगे और खाद्यान्न सब्सिडी का दुरुपयोग रुकेगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रत्येक लाभार्थी को एक बायोमीट्रिक स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा। यह एक बेहद सरल प्रक्रिया है, जो कि तुलनात्मक दृष्टिकोण से बेहद व्यवहारिक भी है, जिसमें कार्ड धारक की उंगलियों के निशान संग्रहीत रहेंगे। जब वह यह कार्ड लेकर उचित दर की दुकान पर जाएगा तो डीलर के पास उपलब्ध पी0ओ0एस0 मशीन जब उसकी पहचान करेगी, तभी उसे राशन मिलेगा। इस व्यवस्था से लाभार्थी को उचित दर की दुकान पर स्वयं जाकर ही राशन प्राप्त करना होगा। बायोमीट्रिक कार्ड के लिए ए0पी0एल0 लाभार्थी से 100 रुपए, बी0पी0एल0 लाभार्थी से 50 रुपए तथा अन्त्योदय कार्ड धारक से 20 रुपए प्रति कार्ड लिया जाएगा। प्रथम चरण में प्रत्येक मण्डल के एक जनपद में इसे लागू किया जाएगा, बाद में इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।
प्रदेश में ए0एन0एम0-जी0एन0एम0 प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने का निर्णय
प्रदेश में जनसामान्य को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने में नर्सिंग सेवा के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए नर्सिंग स्कूलों के सुदृढ़ीकरण/उच्चीकरण करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा केन्द्र पुरोनिधानित योजना के अन्तर्गत उ0प्र0 राज्य में ए0एन0एम0 एवं जी0एन0एम0 प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किये जाने का निर्णय लिया है। निर्णय के अनुसार आय-व्ययक में प्राविधान के माध्यम से इनके क्रियान्वयन पर होने वाले व्यय का केन्द्र द्वारा 85 प्रतिशत अंश तथा राज्य सरकार द्वारा 15 प्रतिशत अंश को व्यय करने की सहमति दी गई है। आग्जलरी नर्सेस मिडवाइफ स्कूलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में या उसके नजदीक तथा स्टाफ नर्स प्रशिक्षण स्कूल को जिला स्तर पर जिला अस्पताल में या उसके निकटतम स्थान पर स्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
उत्तर प्रदेश प्रसंस्कृत तिल निर्यात नीति लागू करने का निर्णय
प्रदेश में प्रसंस्कृत तिल के निर्यात को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश प्रसंस्कृत तिल निर्यात नीति (2006-2011) को आगामी 05 वर्ष (2012-2017) में लागू किये जाने का निर्णय लिया है। इस नीति के अन्तर्गत प्रदेश से निर्यात किये जा रहे प्रसंस्कृत तिल तथा उसको उत्पादित करने में प्रयुक्त तिल पर निर्यातकों को प्रदेश से निर्यात किये जा रहे प्रसंस्कृत तिल पर 02 प्रतिशत मण्डी शुल्क एवं 0.5 प्रतिशत विकास सेस की छूट रहेगी। प्रसंस्कृत तिल उत्पादित करने में प्रयुक्त तिल निर्माता निर्यातकों को कच्चा माल होने के कारण इससे उत्पादित प्रसंस्कृत तिल भारत के बाहर निर्यात की दशा में उत्पादन में प्रयुक्त तिल पर वैट की देयता नहीं होगी।
तिल निर्यात नीति का लाभ लेने हेतु निर्यातकों को कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार अनुभाग-2 में अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। तिल निर्यात नीति के अन्तर्गत आने वाली कठिनाईयों के निराकरण हेतु प्रमुख सचिव कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के अन्तर्गत मण्डी शुल्क, विकास सेस एवं व्यापार कर से छूट का लाभ पाने के लिए निर्यातकों/मिलर को उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी अधिनियम, 1964 के अन्तर्गत निर्धारित विनियमन व्यवस्थाओं एवं राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन करना अनिवार्य होगा।
प्रदेश के प्रसंस्कृत तिल का निर्यात रेल तथा सड़क मार्ग अथवा किसी भी बन्दरगाह/वायु मार्ग एवं थल मार्ग से किया जा सकेगा। प्रदेश के डायरेक्ट प्रसंस्कृत तिल निर्यातक को प्रदेश की सीमा के अन्दर से क्रय किये गए कच्चे तिल की मात्रा पर मण्डी शुल्क तथा विकास सेस से छूट मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि तिल निर्यात की बढ़ोत्तरी से जहां एक ओर अधिक विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होगी, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में कृषि औद्योगिक वातावरण और उन्नत तकनीक विकसित होगी एवं अतिरिक्त रोजगार सृजन के अवसरों में वृद्धि होगी। साथ ही, प्रदेश में तिल उत्पादकों को उनकी उपज का अधिक मूल्य मिलेगा और तिल उत्पादन के क्षेत्र में भी वृद्धि होगी।
उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक के ऋण आदि के लिए नाबार्ड के पक्ष में वर्ष 4100 करोड़ रु0 की शासकीय गारण्टी स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0, लखनऊ द्वारा ऋणपत्र/निर्गमन/ऋण/अन्तरिम वित्त अथवा अन्य प्रकार से नाबार्ड से वित्त आहरित करने हेतु शासन द्वारा नाबार्ड के पक्ष में वर्ष 2012-13 के लिए 4100 करोड़ रुपए की शासकीय गारण्टी स्वीकृत किये जाने को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0, लखनऊ द्वारा कृषि निवेशों की खरीद हेतु दीर्घकालीन ऋण के प्रतिदान तथा उस पर देय ब्याज के लिए शासन की प्रत्याभूति प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया है। वर्ष 2012-13 में दिनांक 30 जून, 2013 तक 900 करोड़ रुपए के ऋणपत्र/निर्गमन/ऋण/अन्तरिम वित्त अथवा अन्य प्रकार से नाबार्ड से वित्त आहरित करने की स्वीकृति तथा 4100 करोड़ रुपए की ओवर आॅल शासकीय गारण्टी स्वीकृत किये जाने का निर्णय लिया गया है।
बुन्देलखण्ड तथा विंध्य क्षेत्र में सिंचाई जल उपयोग की क्षमता बढ़ाने की योजना को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के बुन्देलखण्ड विंध्य क्षेत्र में कृषकों की आय में सुधार तथा उत्पादकता में वृद्धि के लिए सिंचाई जल उपयोग की क्षमता बढ़ाने की योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से वर्षा जल संचयन हेतु तालाबों, चेक डैम, बन्धों में उपलब्ध सीमित जल को खेतों तक पहुंचाने व स्प्रिंकलर पद्धति से सिंचाई को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वर्ष 2012-17 के लिए इस योजना को लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है।
इस योजना का कार्य क्षेत्र बुन्देलखण्ड क्षेत्र के समस्त जनपद-झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट एवं विन्ध्य क्षेत्र के मिर्जापुर, सोनभद्र तथा इलाहाबाद जनपद का पठारी क्षेत्र-विकास खण्ड गोरांव, शंकरगढ़, जसरा, मेजा, माण्डा, करछना, उरुवा, कोदियार एवं चाका होंगे। यह योजना प्रदेश के 76 विकास खण्डों में संचालित होगी।
इस योजना के अन्तर्गत चयनित क्षेत्र के सभी कृषक अनुदान प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे बशर्ते उनके खेतों के पास सिंचाई हेतु जल स्रोत उपलब्ध हो, जिसमें सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध हो। कुल लाभार्थियों में कम से कम 75 प्रतिशत लाभार्थी लघु एवं सीमान्त कृषकों की श्रेणी में होंगे।
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति/जनजाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति नियमावली 2012 को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति/जनजाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति नियमावली 2012 को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसे शैक्षणिक सत्र 2012-13 से लागू किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अन्तर्गत छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि सम्बन्धित छात्र/छात्राओं के शैक्षणिक संस्था के समीप स्थित बैंक में खोले गए उसके बचत खाते में भेजी जाएगी। जनपद स्तर पर छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति को समयबद्ध स्वीकृति/वितरण हेतु जिलाधिकारी द्वारा नामित मुख्य विकास अधिकारी अथवा अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किये जाने का निर्णय लिया गया है। इस नियमावली के लागू होने के उपरान्त जहां गरीब व पात्र छात्र/छात्राओं को आसानी से छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान सुनिश्चित हो सकेगा, वहीं इस योजना का दुरुपयोग करने वाले शिक्षण संस्थानों पर भी प्रभावी अंकुश लग सकेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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