उत्तर प्रदेष सरकार ने सेवा संबंधी प्रकरणों की सुनवाई के लिए नियुक्ति, संस्कृति होेमगार्ड, न्याय, आवास, वित्त, कृषि, मत्स्य, सूचना, भाषा, समाज कल्याण, उत्तरांचल समन्वय, राज्य सम्पत्ति, नियोजन, ग्राम्य विकास, राष्ट्रीय एकीकरण, खेलकूद, सार्वजनिक उद्यम, चीनी उद्योग एवं गन्ना, युवा कलयाण, अल्पसंख्यक कल्याण, भूमि विकास एवं जल संसाधन, नागरिक उड्डयन, उद्यान, निर्वाचन, वस्त्रोद्योग, विकलांग कल्याण, कृषि षिक्षा एवं अनुसंधान, वाह्य सहायतित परियोजना, रेषम, निजी पूॅजी निवेष, विधायी, अवस्थापना विकास, परती भूमि विकास, सिंचाई (यांत्रिक), व्यावसायिक षिक्षा, लोक सेवा प्रबंधन आदि विभागों को विवाद समाधान फोरम संख्या-एक से सम्बद्ध किया है। इसी प्रकार फोरम संख्या-दो से समान्य प्रषासन, नागरिक सुरक्षा, राजनैतिक पेंषन, अतिरिक्त ऊर्जा, नगर विकास, लघु उद्योग निर्यात प्रोत्साहन, सचिवालय प्रषासन, कारागार प्रषासन, गोपन, खाद्य रसद, कार्यक्रम कार्यान्वयन, मुख्यमंत्री कार्यालय, पषुधन, सतर्कता, पर्यटन, प्रषासनिक सुधार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सैनिक कल्याण, प्रोटोकाल, दुग्ध विकास, पर्यावरण, धर्मार्थ कार्य, महिला एवं बाल विकास, लघु सिंचाई, पिछड़ा वर्ग कल्याण, समग्र ग्राम्य विकास, नगरीय रोजगार, गरीबी उन्मूलन, समन्वय, बैंकिंग, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, कृषि विपणन व विदेष व्यापार, उपभोक्ता संरक्षण, बाटमाप, भूतत्व एवं खनिकर्म, खाद्य एवं औषधि प्रषासन, संसदीय, ग्रामीण अभियंत्रण आदि विभागों को सम्बद्ध कर दिया गया है।
प्रभारी प्रमुख सचिव, न्याय विभाग, श्री डी0 एस0 त्रिपाठी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि विभागीय विवाद समाधान फोरम के माध्यम से इन प्रकरणों के निस्तारण कराये जाने हेतु याची निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन करेगें। यह आवेदन पत्र प्रमुख सचिव, न्याय विभाग, उ0 प्र0 सचिवालय को सम्बोधित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि आवेदन पत्र के प्रारूप को सभी विभाग अपने विभागीय वेबसाइट पर व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु डालेंगे।
उल्लेखनीय है कि विगत 03 सितम्बर को मा0 उच्च न्यायाल में लम्बित ऐसे मुकदमों, जिनमें राज्य सरकार एक पक्षकार है, के समाधान हेतु शासन स्तर पर दो विभागीय विवाद समाधान फोरमों का पुनर्गठन किया गया था। न्याय विभाग के अधीन गठित अनुश्रवण प्रकोष्ठ दोनों फोरमों के कार्यालय के रूप में भी कार्य करेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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