भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेई ने आज प्रदेश कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता का सम्बोधित करते हुए निम्न बिन्दु प्रेस के समक्ष उठाए।
देश व प्रदेश में हो रही हिंसक घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके लिए दोषी देश में अवैध रूप से रह रहे बांग्ला देशी घुसपैठिए है।
मुम्बई में प्रदर्शन के दौरान आसामाजिक तत्वों द्वारा पाकिस्तान का झंडा दिखाना, भड़काऊ भाषण देना, शहीदों के स्मारक को तोड़ना राष्ट्र विरोधी है।
असम और म्यांमार में हुई कथित हिंसक घटनाओं की प्रतिक्रिया स्वरूप महाराष्ट्र, आन्ध्र, उत्तर प्रदेश, में उग्र प्रदर्शन की आवश्यकता है क्या-घ्
कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र सहित पूरे देश में रह रहे पूर्वोत्तर के लोगों के मन में जिस एस0एम0एसम0 का भय व्याप्त हुआ, उस एस0एम0एस0 के परिणाम स्वरूप ही उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर एवं इलाहाबाद में हिंसक घटनाक्रम हुए हैं। इस पर कड़ाई से रोक लगानी चाहिए।
पूर्वोत्तर के नागरिक एवं छात्र का शेष देश से पलायन देश के लिए शर्मनाक है। असम की घटना के विरोध में समुदाय विशेष के द्वारा पूरे देश में आतंक फैलाना किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
पूरे देश में घट रही घटनाओं में कांग्रेस और प्रदेश में घट रही घटनाओं पर समाजवादी पार्टी की सरकार का रवैया बेहद गैर-जिम्मेदाराना रहा है।
एक ओर प्रधानमंत्री संसद में विश्वास दिला रहे होते हैं कि अफवाहें और अराजकता फैलाने वाले बक्शे नहीं जायेंगे। पूर्वोत्तर के लोगों को भरोसा दिलाते हैं। उसी समय दूसरी ओर लखनऊ, इलाहाबाद और कानपुर में अराजक उपद्रव होते हैं। प्रशासन बेचारा बन कर खड़ा रहता है।
उत्तर प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद में अलविदा की नमाज के बाद जिस घटना का अंजाम दिया गया जिसमें लोगों को मारना पीटना, महिलाओं का वस्त्र फाड़ना, सार्वजनिक सम्पत्ति की क्षति पहुँचाना, कारों-गाडि़यों को जलाना, मीडिया कर्मी को मारना-पीटना, वह भी पुलिस के संरक्षण में यह दर्शाता है कि प्रदेश में सरकार नाम की चीज नहीं रह गई है। प्रदेश सरकार वोट बैंक की राजनीति के तहत मूकदर्शक बनकर अराजकता फैलने दे रही है।
अराजकता फैला रही भीड़ पार्क में घुसकर भगवान गौतमबुद्ध एवं भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा को छतिग्रस्त करने का प्रयास करती है। चार दिन पहले ही बुद्धा पार्क में प्रतिमा को कालिख पोत कर एक बैनर जिसपर प्रतिमा को छतिग्रस्त करने की बात लिखा हुआ बैनर लगाने का प्रयास किया गया था। स्थानीय प्रशासन ने चुपचाप प्रतिमा की सफाई कराकर बैनर हटा दिया था। इस परिप्रेक्ष्य में कोई सावधानी नहीं बरती गई।
प्रदेश के कानपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, बरेली आदि स्थानों पर भी दहशत व्याप्त है।
इसकी भी अन्देखी नहीं की जा सकती कि पिछले चार-पांच माह में प्रदेश के लगभग आधा दर्जन शहरों में साम्प्रदायिक तनाव की घटनायें हो चुकी हैं और बरेली में तो साम्प्रदायिक तनाव खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा।
राज्य सरकार प्रदेश में सामाजिक तानेबाने को बनाये रखने तथा कानून व्यवस्था के मुद्दे पर पूर्णतः विफल साबित हो रही है।
प्रदेश की सपा सरकार बाढ़ पीडि़तों पर बहराइच में, वकीलों पर प्रतापगढ़ में, डाॅक्टरों और टी0ई0टी0 अभ्यर्थियों पर लखनऊ में, तथा जनसमस्याओं पर प्रदर्शन कर रही भाजपा विधायक श्रीमती कृष्णा पासवान पर फतेहपुर में तो लाठीचार्ज कराती हैं परन्तु पक्के पुल से लेकर विधानसभा तक पांच किलोमीटर तक पैदल अति विशिष्ट क्षेत्र में तोड़फोड़/उत्पात मचाने वालों के सामने मीडिया कर्मियों पर हमले के दौरान हथियार डाल देती है।
प्रदेश अध्यक्ष ने प्रेस के माध्यम से प्रदेश सरकार से सवाल किया
ऽ क्या पक्के पुल से लेकर विधानसभा तक जुलूस निकालने की अनुमति शासन ने दी थीघ्
ऽ यदि अनुमति थी तो क्या लोहे की राड, सरिया, भाला, चापड़, आदि धारदार हथियार लेकर चलने की भी इजाजत थीघ्
ऽ यदि नहीं तो अराजकता फैला रहे लोगों के जुलूस को आगे बढ़ने क्यों दिया गयाघ्
ऽ मुम्बई की घटना तथा चार दिन पहले मूर्ति पर कालिख पोतने की घटना को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बल का इन्तजाम क्यों नहीं किया गयाघ्
ऽ पुलिस प्रशासन उपद्रवियों को रोकने के बजाय दुकाने बन्द कराती दिख रही थी।
ऽ पूरे घटनाक्रम में ए0डी0एम0 स्वयं साथ-साथ थे। कोई कार्यवाही क्यों नहीं कीघ् अब घटना की जांच के लिए उसी ए0डी0एम0 को नियुक्त किया जाना कहां तक न्याय संगत हैघ्
ऽ विधानभवन की ओर बढ़ रहे उपद्रवियों को रोकने के लिए लगे बैरिकेटिंग का एक किसी विशेष फोन आने के बाद हटाया जाना संदेह प्रकट करता है। जिसकी जांच सार्वजनिक होनी चाहिए।
ऽ किन लोगों ने भड़काऊ भाषण दिया उनको चिन्हित किया जाना चाहिएघ्
हमारी मांग है कि प्रशासन सभी पीडि़त (दुकानदार, खोखा पट्टी वाले, मीडिया आदि) लोगों को तत्काल मुआवजा दे तथा मूर्तियों को बनवाकर दे। उत्तर प्रदेश सरकार मीडियाकर्मियों के साथ किये गये दुव्र्यवहार के लिये क्षमा मांगे तथा इनकी क्षतिपूर्ति करे।
इन उप्रदवी लोगों की मंशा है कि देश व प्रदेश में अराजकता फैलाना, भारतीय जनता पार्टी, उत्तर प्रदेश तथा देश की जनता से इन राष्ट्र विरोधी तत्वों की भावना को समझकर तथा सावधान रहकर शांति बनाये रखने की अपील करती है। साथ ही उपद्रव की घटना की निन्दा करने वाले धर्म गुरूओं को साधुवाद देती है।
प्रेस से पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने आज अपराहन लखनऊ के महापौर डा0 दिनेश शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष शिवप्रताप शुक्ल, स्वतंत्रदेव सिंह, पुरूषोत्तम मौर्या, प्रदेश महामंत्री विन्ध्यवासिनी कुमार, प्रदेश मंत्री संतोष सिंह, महानगर संयोजक मनोहर सिंह, प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक, डा0 मनोज मिश्र, प्रदेश मीडिया प्रभारी हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, सहमीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित, मैथिलीशरण शुक्ल, राजीव मिश्र, अभिजात मिश्र, चुनाव आयोग प्रकोष्ठ के सहसंयोजक गोपाल कृष्ण पाठक, गिरजा गुप्ता, पी0के0 मिश्र आदि अनेक नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ बुद्धा पार्क, हाथी पार्क आदि का दौरा किया। जहां भगवान बुद्ध व भगवान महावीर की मूर्तियों को कल उपद्रव में खंडि़त किया व अनेक गाडि़यों को तोड़ा, लोगो से साथ इलेक्ट्रानिक चैनल के पत्रकार तथा छायाकारांे ने भी घटनास्थलों का दौरा किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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