उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने वाणिज्य कर तथा निबन्धन विभागों के अधिकारियों को कर-स्रोतों को बढ़ाने के लिए सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि करदाताओं की सुविधा के लिए यह विभाग अपने कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी का व्यापक स्तर पर उपयोग करें, ताकि राजस्व वसूली में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ टैक्स जमा करने वालांे को बेहतर सुविधाएं और माहौल मिल सके।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक बैठक में वाणिज्य कर तथा निबन्धन विभागों की समीक्षा कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने राजस्व संग्रह से जुड़े इन दोनों महत्वपूर्ण विभागों का आधुनिकीकरण किए जाने के निर्देश देते हुए इसके लिए समय सीमा का निर्धारण भी किया।
श्री यादव ने आयुक्त वाणिज्य कर को निर्देशित किया कि वे विभाग में ऐसी कम्प्यूटरीकृत प्रणाली विकसित करें, जिससे व्यापारियों को पंजीकरण से लेकर टैक्स अदा करने के समस्त कार्य घर बैठे इंटरनेट पर सुलभ हो सकें। उन्होंने कहा कि ऐसे छोटे व्यापारी जिनके पास इंटरनेट सुविधा उपलब्ध न हो, उनके लिए जिला स्तर पर सुविधा केन्द्र स्थापित किए जाएं। उन्होंने इन सुविधा केन्द्रों का संचालन जनवरी, 2013 तक प्रारम्भ करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक प्रदेश के समस्त 355 उप निबन्धक कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा ई-स्टाम्पिंग की व्यवस्था को 04 माह में प्रारम्भ कर दिया जाए। उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि उप निबन्धक कार्यालयों में आने वाले नागरिकों के लिए रेलवे रिजर्वेशन काउन्टर की तर्ज पर सुविधा केन्द्र स्थापित किए जाएं। यह केन्द्र सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पी0पी0पी0) के आधार पर स्थापित किए जाएं।
समीक्षा के अवसर पर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव वाणिज्य कर, प्रमुख सचिव निबन्धन, वाणिज्य कर आयुक्त, आई0जी0 निबन्धन सहित वित्त विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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