Posted on 09 August 2012 by admin
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज अपने सरकारी निवास 5-कालिदास मार्ग, लखनऊ पर कार्यकर्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों से भेंट के साथ ही हजारों की संख्या में आये लोगों की परेशानियों से भी अवगत हुए। उनके साथ प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी भी मौजूद थे। श्री यादव ने जनता की फरियादें सुनते वक्त अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे आए हुए आवेदनों पर त्वरित कार्यवाही करें। उन्होने कहा कि जो लोग अपनी समस्याएं लेकर दूर-दूर से चलकर आए हैं उनके प्रति सहानुभूति और संवेदनापूर्ण व्यवहार किया जाना चाहिए।
आज प्रातः से ही हजारों की संख्या में स्त्री पुरूष, किसान, नौजवान, बृद्ध, अल्पसंख्यक सभी युवा मुख्यमंत्री से मिलने और उन तक अपनी समस्याएं पहुॅचाने के लिए इकट्ठा थे। उनको विश्वास है कि एक बार वे अपने प्रिय नेता से मिल लेगें तो उनकी परेशानियां दूर हो जाएगी। इसलिए धूप, वर्षा की परवाह किए बगैर वे कतारबद्व अपनी बारी आने का इंतजार करते रहे। मुख्यमंत्री ने भी अपने व्यस्ततम क्षणों में से कुछ समय जनता के लिए निकाल लिया और वे उनके बीच जैसे ही पहुॅचे हर्षनाद और जिन्दाबाद से उनका स्वागत किया गया। फिर तो हर कोई जल्दी से जल्दी उन तक पहुॅचने में लग गया।
मुख्यमंत्रीजी मानते है कि प्रदेश की 20 करोड़ जनता की पिछली पांच सालों में कहीं सुनवाई नहीं हुई। उन्हें षासन प्रषासन ने बारम्बार अपमानित किया था। अब उन्हें अपनी बात कहने का मौका मिला है। मुख्यमंत्री जी की उदारता और लोकतंत्र के प्रति सच्चा प्रेम है कि उन्होने अपनी सरकार के खिलाफ भी धरना प्रदर्शन की अनुमति दे रखी है। यह लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी की ताकत है।
प्रदेष में समस्याओं का समाधान त्वरित हो इसलिए मुख्यमंत्री जी ने अपने वरिष्ठ मंत्रियों को पार्टी कार्यालय में बैठने के दिन तय कर दिये हें। बुधवार को वे स्वयं मिलते हैं। सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन, मंगलवार को पंचायती राज मंत्री बलराम यादव और दुग्ध विकास राज्यमंत्री श्री राममूर्ति वर्मा, वृहस्पतिवार को पशुधन मंत्री श्री दुर्गा प्रसाद यादव तथा शुक्रवार को श्री शिवपाल सिंह यादव, लोक निर्माण, सिंचाई मंत्री जनसमस्याओं की सुनवाई करेगें।
मुख्यमंत्री जी ने तहसील दिवसों पर जन समस्याओं के समाधान के लिए विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य बनाई है। उन्होने सभी जिलाधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों को भी दिन में कुछ घंटे कार्यालय में बैठकर जन समस्याओं के निस्तारण करने का निर्देश दिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 August 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री आनन्द सिंह ने बताया है कि यूरिया उर्वरक का मूल्य नियंत्रण प्रणाली के अधीन भारत सरकार द्वारा निर्धारित है, जिसमें 50 कि0ग्रा0 सामान्य यूरिया की बोरी का मूल्य 300 रूपये 80 पैसे है तथा नीम कोटेड यूरिया का मूल्य 314 रूपये 82 पैसे है। उन्होंने बताया कि कुछ चालाक किस्म के उर्वरक व्यवसायी यूरिया तथा अन्य उर्वरक के बोरे पर छपे हुये मूल्य को मिटाकर उस पर अधिक मूल्य अंकित कर बेच रहे हैं। कृषि मंत्री ने किसानों से अनुरोध किया है कि वे सहकारी समितियों, यू0पी0 एग्रो, गन्ना संघ, पी0सी0एफ0, इफको, कृभको एवं निजी क्षेत्र के उर्वरक विक्रय केन्द्रों पर उपलब्ध यूरिया तथा अन्य उर्वरक बोरे पर अंकित मूल्य को अवश्य देखे कि छपे हुये मूल्य को मिटाकर विक्रय मूल्य पुनः तो नहीं लिखा गया है। यदि ऐसा है तो तत्काल जनपद के जिला कृषि अधिकारी अथवा उर्वरक कन्ट्रोल रूम कृषि भवन, लखनऊ में फोन नं0 0522-2206925 पर सूचना दें।
कृषि मंत्री ने बताया कि कुछ जनपदों में उर्वरक व्यवसाईयों द्वारा यूरिया उर्वरक का अनाधिकृत भंडारण कर कृत्रिम आभाव उत्पन्न किया जा रहा है, ऐसे जनपदों हेतु कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भेज कर कार्यवाही करायी जा रही है। शासन स्तर से भी प्रदेश के जिलाधिकारियों को आदेश दिये गये हैं कि उर्वरक आपूर्तिकर्ताओं, यू0पी0 एग्रो, पी0सी0एफ0, गन्ना संघ, इफको, कृभकों एवं निजी क्षेत्र के उर्वरक आपूर्तिकर्ताओं के गोदामों तथा थोक एवं फुटकर व्यवसाईयों के गोदामों, भण्डारों की जाॅच करायी जाये।
कृषि मंत्री ने बताया कि नियंत्रण मुक्त फास्फेटिक एवं पोटेशिक उर्वरकों यथा डी0ए0पी0, एन0पी0के0 व एम0ओ0पी0 के मूल्यों में प्रदायकर्ता संस्थाओं द्वारा गत 01 जून से वृद्धि की गयी है। प्रदेश में इस से पूर्व उपलब्ध 5.11 लाख मी0टन डी0ए0पी0, 3.25 लाख मी0टन एन0पी0के0, 0.42 लाख मी0टन एम0ओ0पी0 को पुराने दरों पर ही बेचा जायेगा। उन्होंने बताया कि उर्वरकों के प्रत्येक बोरे पर अधिकतम बिक्री मूल्य छपा रहता है। बोरी पर अंकित उर्वरक मूल्य को देखकर ही भुगतान करें तथा कैश मेमो (रसीद) अवश्य प्राप्त करें। उन्होंने बताया कि बोरे पर छपे मूल्य से अधिक मूल्य पर विक्रय किया जाना दण्डनीय अपराध है। यदि किसी उर्वरक विक्रेता द्वारा बोरे पर छपे मूल्य से अधिक की माॅग की जाती है तो उसके विरूद्ध कार्यवाही हेतु जनपद के जिलाधिकारी अथवा जिला कृषि अधिकारी/उप कृषि निदेशक को तत्काल सूचित करें।
श्री आनंद सिंह ने बताया कि जनपदों में गत् 01 जून से पूर्व से भण्डारित एवं उपलब्ध डी0ए0पी0, एन0पी0के0 व म्यूरेट आॅफ पोटाश बोरे पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य पर ही पुरानी दरों पर बेचा जायेगा। पुरानी दरें डी0ए0पी0 की 910.00 रूपये प्रति बोरी, एन0पी0के0 12ः32ः16 की 823.60 रूपये व म्यूरेट आॅफ पोटाश की मूल्य 680.00 रूपये प्रति बोरी थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 August 2012 by admin
उत्तर प्रदेश में आज दिन में पावर कारपोरेशन द्वारा 8408 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति की जा रही है।
आज दिन में 2ः00 बजे राज्य विद्युत उत्पादन निगम के विद्युत गृहों से 1775 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था, जिसमें ओबरा से 419 मेगावाट, अनपरा से 704 मेगावाट, पनकी से 108 मेगावाट तथा पारीछा से 544 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था। इसके अलावा 581 मेगावाट जलीय विद्युत का उत्पादन हो रहा था।
पावर कारपोरेशन द्वारा केन्द्रीय क्षेत्र से 4503 मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी। इसके अलावा को-जनरेशन से 50 मेगावाट, रोजा से 824 मेगावाट, बजाज इनर्जी से 192 मेगावाट तथा लैन्को से 483 मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 August 2012 by admin
‘विश्व विकलांगता दिवस’ के अवसर पर भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार योजना के तहत विकलांगता के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों/स्वैच्छिक संगठनों से आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये हैं।
निदेशक, विकलांग कल्याण श्री हरि लाल पासी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में समस्त जिलाधिकारियों को परिपत्र जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया इन पुरस्कारों के लिये पूर्व प्रेषित निर्धारित प्रारूप अथवा भारत सरकार की वेबसाइट www.socialjustic.nic.in पर उपलब्ध आवेदन प्रारूप पर आवेदन पत्र आमंत्रित किये जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अन्तर्राष्ट्रीय विश्व विकलांगता दिवस प्रतिवर्ष 3 दिसम्बर को मनाया जाता है। इस वर्ष भी 3 दिसम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय विश्व विकलांगता दिवस के अवसर पर इस क्षेत्र मंे उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों/विकलांगता के क्षेत्र में कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों, सेवायोजकों को भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा पुरस्कार दिया जायेगा। जिन क्षेत्रों में पुरस्कार दिये जायेंगे वे हैं स्वतः रोजगाररत दक्ष विकलांग व्यक्ति/कर्मचारी, उत्कृष्ट विकलांग कर्मचारी, उत्कृष्ट सेवायोजक एवं प्लेसमेन्ट अधिकारी, व्यक्ति विशेष, उत्कृष्ट संस्था, उत्कृष्ट रोल माडल, विकलांगों के लिए बाधारहित वातावरण का निर्माण, विकलांगजन के पुनर्वासन के क्षेत्र में कार्य, उत्कृष्ट जनपद, उत्कृष्ट लोकल लेवल कमेटी, उत्कृष्ट चैनेलाइजिंग एजेंसी, असाधारण सृजनात्मक कार्य, उत्कृष्ट ब्रेलप्रेस तथा उत्कृष्ट एससेबल वेबसाइट।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 August 2012 by admin
]उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने पी0सी0डी0एफ0 को लखनऊ में 05 लाख लीटर दूध दैनिक उत्पादन क्षमता की अत्याधुनिक डेयरी की स्थापना की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट 30 सितम्बर 2012 तक सौंपने के निर्देश दिए हैं। उन्होने कहा कि लखनऊ की अत्याधुनिक डेयरी की स्थापना का उद्देश्य किसानो और उपभोक्ताओं को सीधे लाभ पहुंचाने का है और इसलिए इस डेयरी की स्थापना में किसानो और उपभोक्ताओं को सीधे लाभ पहुंचाने की बात को केन्द्रबिन्दु में रखा जाय।
कृषि उत्पादन आयुक्त आज यहां अपने कार्यालय में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की घोषणा के अनुरूप लखनऊ में सौ एकड़ क्षेत्र में दैनिक 05 लाख लीटर दुग्ध उत्पादन क्षमता की अत्याधुनिक डेयरी स्थापित किए जाने के विषय में पी0सी0डी0एफ0 के साथ विचार-विमर्श कर रहे थे। उन्होने प्रमुख सचिव दुग्ध विकास श्री बी0पी0 नीलरत्न से कहा कि उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्यो में दूध उत्पादन के क्षेत्र में काफी बड़ी क्षमता की अत्याधुनिक डेयरियों की स्थापना की जानकारी प्राप्त हुई है, जिनमें हरियाणा के जींद और मानेसर में स्थापित हुई 10 लाख और 30 लाख लीटर क्षमता की डेयरियां उल्लेखनीय है। उन्होने कहा कि इन डेयरियों की संरचना और कार्यकलाप को भी ध्यान में रखते हुए प्रोजेक्ट तैयार किया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि राज्य में किसानो और दूध उपभोक्ताओं का हित सर्वोपरि है तथा राज्य सरकार डेयरी व्यवसाय मंे बिचैलियों के पनपने के विरुद्ध है, क्योंकि बिचैलिए उपभोक्ता और किसान का फायदा स्वयं खा जाते हैं।
श्री आलोक रंजन ने कहा कि दूध उत्पादक किसान को केन्द्रबिन्दु में रखने के लिए डेयरी के लिए तैयार होने वाले प्रोजेक्ट रिपोर्ट में दूध उत्पादक किसान को संयत्र की स्थापना को किसान एवं दुधारू पशुओं के विकास से जोड़कर परियोजना तैयार की जाय। उन्होने पी0सी0डी0एफ0 एवं पशु पालन विभाग को राज्य में उन्नत किस्म के बछड़ों के पालन और प्रसार के लिए भी योजना बनाने के निर्देश दिए हैं ताकि दुधारू पशुओं की प्रजाति को क्रांतिकारी ढंग से उन्नत किया जा सके और दुग्ध उत्पादन बढ़ाकर बढ़ती दूध की मांग को पूरा किया जा सके।
इसके पूर्व पी0सी0डी0एफ0 (दुग्ध विकास विभाग) द्वारा कृषि उत्पादन आयुक्त के समक्ष प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि 05 लाख लीटर दैनिक क्षमता के अत्याधुनिक दुग्धशाला की स्थापना के लिए 25 एकड़ भूमि की आवश्यकता है, जिसके लिए चकगंजरिया फार्म को चिन्ह्ति किया गया है। स्थापना के लिए 200 करोड़ रूपये का बजट प्रस्ताव था, जिसके सापेक्ष 20 करोड़ रूपये का ऋण प्रावधान किया गया है।
बैठक में विशेष सचिव वित्त श्री अरविन्द नारायण मिश्रा, विशेष सचिव दुग्ध विकास श्री राम बहादुर तथा पी0सी0डी0एफ0 और दुग्ध विकास के अन्य अधिकारी एवं विशेषज्ञ उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 August 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 213 खण्ड-(1) में प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए ‘उत्तर प्रदेष लोक सेवा (अनुसूचितजातियों, अनुसूचित जन जातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) संषोधन,द्वितीय अध्यादेष-2012 पर अनुमति प्रदान कर दी गयी है। इस अध्यादेष के अनुसार मूल अधिनियम-1994 की धारा-3 में से उप धारा-7 निकाल दी गयी है। यह अध्यादेष 7 मई 2012 से प्रभावी होगा।
उल्लेखनीय है कि यह अध्यादेष दिनांक 7.5.2012 को उच्चतम न्यायालय के आदेष दिनांक 27.4.2012 को दिये गये निर्णय के आधार पर जारी किया गया था। अध्यादेष को विधेयक के रूप में विधान मण्डल के दिनांक 28.5.2012 से शुरू हुए सत्र में विधान सभा से पारित किया गया है। परन्तु विधान परिषद प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली 1956 के नियम-159 के अनुसार विधान परिषद की प्रवर समिति को भेजा गया है। इसलिए सदन में प्रस्तुत विधेयक पारित नहीं हो सका।
अतः राज्यपाल द्वारा द्वितीय अध्यादेष-2012 की इससे संबंधित अधिसूचना जारी की गयी है, जिससे कि अध्यादेष द्वारा पूर्ववत कार्य सम्पादित होता रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 August 2012 by admin
छपे मूल्य से अधिक मांगे जाने पर किसान जिलाधिकारी या जिला कृषि अधिकारी को तत्काल बतायें-आलोक रंजन
सरकार को इस आशय की शिकायतंे प्राप्त हो रही हैं कि कुछ चालाक किस्म के उर्वरक व्यवसायी यूरिया की कालाबाजारी में लिप्त हैं तथा अन्य उर्वरकों के बोरे पर छपे हुए मूल्य को मिटाकर उस पर अधिक मूल्य अंकित कर उस पर उर्वरक बेच रहे है। यूरिया उर्वरक की दरें नियंत्रण प्रणाली के अधीन भारत सरकार द्वारा निर्धारित हंै, जिसमें 50 कि0ग्रा0 सामान्य यूरिया की बोरी का मूल्य रू0 300.80 है तथा नीम कोटेड यूरिया का मूल्य रू0 314.82 है।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने किसानों से अनुरोध किया है कि निजी विक्रेताओं, सहकारी समितियों, यू0पी0 एग्रो, गन्ना संघ पी0सी0एफ0 एवं इफको, कृभकों के उर्वरक विक्रय केन्द्रों पर उपलब्ध यूरिया तथा अन्य उर्वरक बोरे पर अंकित मूल्य को अवश्य देखे कि कहीं छपे हुए मूल्य को मिटाकर विक्रय मूल्य पुनः तो नहीं लिखा गया है। यदि ऐसा है तो तत्काल जनपद के जिला कृषि अधिकारी अथवा उर्वरक कन्ट्रोल रूप कृषि भवन, लखनऊ में फोन नं0 0522-2206925 पर सूचना दें। बोरे पर छपे मूल्य से अधिक मूल्य पर विक्रय किया जाना एक दण्डनीय अपराध है। कतिपय जनपदों में उर्वरक व्यवसाईयों द्वारा यूरिया उर्वरक का अनाधिकृत भंडारण कर कृत्रिम आभाव उत्पन्न किया जा रहा है, ऐसे जनपदों हेतु कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भेज कर कार्यवाही करायी जा रही है। कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा प्रदेश के जिलाधिकारियों से अपेक्षा की गयी है तथा निर्देश प्रसारित कर दिये गये है कि निजी क्षेत्र के उर्वरक आपूर्तिकर्ताओं, यू0पी0 एग्रो, पी0सी0एफ0, गन्ना संघ एवं इफको, कृभको को उर्वरक गोदामों तथा थोक एवं फुटकर व्यवसाईयों के गोदामों, भण्डारों पर तत्काल छापे की कार्यवाही करायी है तथा नियमित रूप से छापा मारी की कार्यवाही जारी रखी जायेंगी।
प्रदेश में 01.06.2012 से पूर्व उपलब्ध 5.11 मी0 टन डी0ए0पी0 3.25 लाख मी0टन एन0पी0के0, 0.42 लाख मी0 टन एम0ओ0पी0 को पुराने दरों पर ही बेचा जायेगा। उर्वरकों के प्रत्येक बोरे पर अधिकतम बिक्री मूलय छपा रहता है। किसान भाई बोरी पर अंकित उर्वरक मूल्य को देखकर ही भुगतान करें तथा कैश मेमो (पर्ची) अवश्य प्राप्त करें, अतः यदि किसी उर्वरक विक्रेता द्वारा बोरे पर छपे मूल्य से अधिक की माँग की जाती है तो उसके विरूद्ध कार्यवाही हेतु जनपद के जिलाधिकारी अथवा जिला कृषि अधिकारी/उप कृषि निदेशक को तत्काल सूचित करें, जिससे शासन की अपेक्षानुसार कृषकों को उचित मूल्य पर उर्वरक विशेषकर यूरिया उपलब्ध करायी जा सके। यहाँ यह भी आवश्यक है कि उर्वरक विक्रेताओं के यहाँ प्रतिष्ठानों पर नियमित निरीक्षण किया जाता रहे तथा दोषी व्यवसाईयों के विरूद्ध कार्यवाही की जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 09 August 2012 by admin
’’उत्तर प्रदेश सम्पत्ति का मूल्यांकन नियमावली’’ के अनुसार प्रत्येक दो वर्ष में रेट लिस्ट का पुनरीक्षण किया जाना आवश्यक है, जिसके तहत अब तक 74 जनपदों में नया सर्किल रेट लागू कर दिया गया है।
यह जानकारी स्टाम्प, पंजीयन, न्यायालय शुल्क एवं नागरिक सुरक्षा मंत्री श्री दुर्गा प्रसाद यादव ने दी है। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश के कुशीनगर जनपद को छोड़ कर पूरे प्रदेश में नया सर्किल रेट लागू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कुशीनगर में नया सर्किल रेट शीघ्र लागू करने के निर्देश दिये गये हैं।
श्री यादव ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2012-13 में राजस्व प्राप्ति हेतु 9308 करोड़ रूपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु सभी अधिकारी व कर्मचारी परिवार भावना से मिलकर कार्य करें ताकि प्रत्येक माह निर्धारित लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि राजस्व वसूली को बढ़ाने हेतु स्टाम्प शुल्क अपवंचन को रोकना आवश्यक है। इसके लिए अधिकारी नियमित रूप से बैनाम स्थलों का निरीक्षण कर दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 09 August 2012 by admin
उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत उपकर की वसूली की धीमी प्रगति पर श्रम मंत्री डा0 वकार अहमद शाह ने गहरा असंतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में निर्धारित लक्ष्य को किसी भी क्षेत्र में पूरा नहीं किया गया है।
श्रम मंत्री ने समस्त उप/सहायक श्रमायुक्तों को निर्देश दिये हैं कि समस्त क्षेत्रीय कार्यालय अपने-अपने क्षेत्रों के अन्तर्गत राजकीय विभाग एवं राजकीय विभाग के उपक्रम तथा निजी प्रतिष्ठानों से सेस वसूली करें और अगले माह से सेस वसूली की समीक्षा अलग-अलग शीर्षकों के अन्तर्गत की जाये तथा इस हेतु एक प्रारूप भी विकसित कर क्षेत्रीय कार्यालयों को प्रषित किया जाये।
श्रम मंत्री ने यह भी निर्देश दिये हैं कि जिन प्रतिष्ठानों से सेस प्राप्त नहीं हुआ है, उन्हें नोटिस जारी किये जायें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि जिन प्रतिष्ठानों से सेस वसूली नहीं हो पा रही है अथवा प्रतिष्ठानों का पंजीकरण नहीं किया गया है उन प्रतिष्ठानों के निर्माण स्थलों में निर्मित क्षेत्र का प्रथम दृष्टया आंकलन कर पी0डब्ल्यू0डी0 की निर्धारित दर के आधार पर सेस वसूली नोटिस जारी करके सेस की वसूली की जाय। इस प्रकार के कार्यों से सेस के प्रभावी संग्रह में वृद्धि होगी।
श्रम मंत्री ने क्षेत्रीय कार्यालय गोरखपुर, वाराणसी, कानपुर तथा मुरादाबाद द्वारा इस प्रकार से सेस वसूली की कार्यवाही किये जाने की सराहना की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 09 August 2012 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि हर साल बाढ़ से तबाही होती है। किसान की फसल डूबती है। मवेशी चारे के बिना तड़प-तड़प कर जान देते हैं। गांव के गांव उजड़ जाते हैं। जनधन की भारी क्षति होती है। पिछली बसपा सरकार ने बाढ़ की विभीषिका में लोगों को बर्बाद होने दिया। बाढ़ग्रस्त इलाकों में बचाव की कार्यवाही नहीं की। हां, इस काम के लिए जिस धनराशि का प्राविधान हुआ था, उसका बंदरबांट अवश्य नीचे से ऊपर तक हो गया।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने वायदे के अनुसार शपथ ग्रहण के बाद 4 अप्रैल,2012 को लखीमपुर खीरी के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया। उन्होने बाढ़ से बचाव के लिए 18Û77 करोड़ रूपए की परियोजनाएं, पांच स्टीमर खरीदे जाने और दुधवा में नया गेस्ट हाउस बनाने संबंधी घोषणाएं की। सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने भी बाढ़ समस्या के प्रति गहरी चिन्ता जताते हुए लापरवाह अधिकारियों को चेतावनी तथा सजाएं दी हैं। उन्होने लखीमपुर खीरी के अलावा गत 7 अगस्त,2012 को श्रावस्ती और सिद्धार्थनगर के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का भी दौरा किया। प्रदेष सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलो के लिए 500 करोड़ रूपए दिए हैं। सिंचाई समस्याओं के निदान के लिए 500 करोड़ रूपए की परियोजनाएं स्वीकृत की गई है।
राज्य सरकार बाढ़ सुरक्षा के प्रति कितनी गम्भीर है इससे साबित होता है कि पहली बार प्रदेश का सिंचाई महकमा अब बाढ़ की चपेट में आनेवाले इलाकों में नदियों के खतरे के निशान बदलने पर विचार कर रहा है। खतरे के निशान बहुत पुराने हैं। अब नए मानक बनने चाहिए। यह देखना भी जरूरी है कि नदी के उफनाने पर कहां तक पानी का फैलाव होगा और कितनी आबादी उससे प्रभावित होती है। दूसरे इलाकों से आनेवाले पानी से भी बाढ़ की स्थिति पैदा होती है।
समाजवादी पार्टी की सरकार ने बांधो की पूरी सुरक्षा होने और नदियों के किनारे कटान रोधक कार्यो को प्रभावी ढंग से कराने पर भी जोर दिया है। कार्यो की गुणवत्ता में कमी न होने के भी निर्देश है। बाढ़ से संबंधित कार्यो में घोटाला सामने आने पर तत्काल निलंबन की कार्यवाही की जाएगी। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि बाढ़ में कोई व्यक्ति भूखा न रहे। सिंचाई मंत्री जी ने तो अपने खीरी के पहले ही दौरे में प्रमुख सचिव सिंचाई को हटाने के साथ छह अभियन्ताओं को भी काम में लापरवाही बरतने के आरोप में निलम्बित कर दिया था।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रारम्भ से ही दूरदर्शी सोच का प्रमाण दिया है। वे समस्या उत्पन्न होने के पूर्व ही उसके निदान के पक्षधर हैं। उन्हें जनता की तकलीफों का भी एहसास है। इसलिए बाढ़ से बचाव को उन्होने प्राथमिकता में रखा है। उनके प्रयासों से लाखो किसानों को राहत मिलेगी। उनकी फसल चैपट होने से बचेगी और मवेशी तथा परिवार के अन्य लोग भी भूखे नहीं रहेगें। जनधन की हर वर्ष होनेवाली क्षति रूकेगी तो प्रदेश की खश्ुाहाली बढ़ेगी। समाजवादी पार्टी सरकार जैसी यह मानवीय संवेदना पिछली बसपा सरकार में दूर-दूर तक नहीं दिखाई पड़ी थी जिससे प्रदेश बदहाली और तंगहाली का शिकार होकर पिछड़ता गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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