डेयरी का लाभ किसान और उपभोक्ताओं को सीधे मिले-आलोक रंजन

Posted on 09 August 2012 by admin

]उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने पी0सी0डी0एफ0 को  लखनऊ में 05 लाख लीटर दूध दैनिक उत्पादन क्षमता की अत्याधुनिक डेयरी की स्थापना की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट 30 सितम्बर 2012 तक सौंपने के निर्देश दिए हैं। उन्होने कहा कि लखनऊ की अत्याधुनिक डेयरी की स्थापना का उद्देश्य किसानो और उपभोक्ताओं को सीधे लाभ पहुंचाने का है और इसलिए इस डेयरी की स्थापना में किसानो और उपभोक्ताओं को सीधे लाभ पहुंचाने की बात को केन्द्रबिन्दु में रखा जाय।
कृषि उत्पादन आयुक्त आज यहां अपने कार्यालय में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की घोषणा के अनुरूप लखनऊ में सौ एकड़ क्षेत्र में दैनिक 05 लाख लीटर दुग्ध उत्पादन क्षमता की अत्याधुनिक डेयरी स्थापित किए जाने के विषय में पी0सी0डी0एफ0 के साथ विचार-विमर्श कर रहे थे। उन्होने प्रमुख सचिव दुग्ध विकास श्री बी0पी0 नीलरत्न से कहा कि उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्यो में दूध उत्पादन के क्षेत्र में काफी बड़ी क्षमता की अत्याधुनिक डेयरियों की स्थापना की जानकारी प्राप्त हुई है, जिनमें हरियाणा के जींद और मानेसर में स्थापित हुई 10 लाख और 30 लाख लीटर क्षमता की डेयरियां उल्लेखनीय है। उन्होने कहा कि इन डेयरियों की संरचना और कार्यकलाप को भी ध्यान में रखते हुए प्रोजेक्ट तैयार किया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि राज्य में किसानो और दूध उपभोक्ताओं का हित सर्वोपरि है तथा राज्य सरकार डेयरी व्यवसाय मंे बिचैलियों के पनपने के विरुद्ध है, क्योंकि बिचैलिए उपभोक्ता और किसान का फायदा स्वयं खा जाते हैं।
श्री आलोक रंजन ने कहा कि दूध उत्पादक किसान को केन्द्रबिन्दु में रखने के लिए डेयरी के लिए तैयार होने वाले प्रोजेक्ट रिपोर्ट में दूध उत्पादक किसान को संयत्र की स्थापना को किसान एवं दुधारू पशुओं के विकास से जोड़कर परियोजना तैयार की जाय। उन्होने पी0सी0डी0एफ0 एवं पशु पालन विभाग को राज्य में उन्नत किस्म के बछड़ों के पालन और प्रसार के लिए भी योजना बनाने के निर्देश दिए हैं ताकि दुधारू पशुओं की प्रजाति को क्रांतिकारी ढंग से उन्नत किया जा सके और दुग्ध उत्पादन बढ़ाकर बढ़ती दूध की मांग को पूरा किया जा सके।
इसके पूर्व पी0सी0डी0एफ0 (दुग्ध विकास विभाग) द्वारा कृषि उत्पादन आयुक्त  के समक्ष प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि 05 लाख लीटर दैनिक क्षमता के अत्याधुनिक दुग्धशाला की स्थापना के लिए 25 एकड़ भूमि की आवश्यकता है, जिसके लिए चकगंजरिया फार्म को चिन्ह्ति किया गया है। स्थापना के लिए 200 करोड़ रूपये का बजट प्रस्ताव था, जिसके सापेक्ष 20 करोड़ रूपये का ऋण प्रावधान किया गया है।
बैठक में विशेष सचिव वित्त श्री अरविन्द नारायण मिश्रा, विशेष सचिव दुग्ध विकास श्री राम बहादुर तथा पी0सी0डी0एफ0 और दुग्ध विकास के अन्य अधिकारी एवं विशेषज्ञ उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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