समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि हर साल बाढ़ से तबाही होती है। किसान की फसल डूबती है। मवेशी चारे के बिना तड़प-तड़प कर जान देते हैं। गांव के गांव उजड़ जाते हैं। जनधन की भारी क्षति होती है। पिछली बसपा सरकार ने बाढ़ की विभीषिका में लोगों को बर्बाद होने दिया। बाढ़ग्रस्त इलाकों में बचाव की कार्यवाही नहीं की। हां, इस काम के लिए जिस धनराशि का प्राविधान हुआ था, उसका बंदरबांट अवश्य नीचे से ऊपर तक हो गया।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने वायदे के अनुसार शपथ ग्रहण के बाद 4 अप्रैल,2012 को लखीमपुर खीरी के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया। उन्होने बाढ़ से बचाव के लिए 18Û77 करोड़ रूपए की परियोजनाएं, पांच स्टीमर खरीदे जाने और दुधवा में नया गेस्ट हाउस बनाने संबंधी घोषणाएं की। सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने भी बाढ़ समस्या के प्रति गहरी चिन्ता जताते हुए लापरवाह अधिकारियों को चेतावनी तथा सजाएं दी हैं। उन्होने लखीमपुर खीरी के अलावा गत 7 अगस्त,2012 को श्रावस्ती और सिद्धार्थनगर के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का भी दौरा किया। प्रदेष सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलो के लिए 500 करोड़ रूपए दिए हैं। सिंचाई समस्याओं के निदान के लिए 500 करोड़ रूपए की परियोजनाएं स्वीकृत की गई है।
राज्य सरकार बाढ़ सुरक्षा के प्रति कितनी गम्भीर है इससे साबित होता है कि पहली बार प्रदेश का सिंचाई महकमा अब बाढ़ की चपेट में आनेवाले इलाकों में नदियों के खतरे के निशान बदलने पर विचार कर रहा है। खतरे के निशान बहुत पुराने हैं। अब नए मानक बनने चाहिए। यह देखना भी जरूरी है कि नदी के उफनाने पर कहां तक पानी का फैलाव होगा और कितनी आबादी उससे प्रभावित होती है। दूसरे इलाकों से आनेवाले पानी से भी बाढ़ की स्थिति पैदा होती है।
समाजवादी पार्टी की सरकार ने बांधो की पूरी सुरक्षा होने और नदियों के किनारे कटान रोधक कार्यो को प्रभावी ढंग से कराने पर भी जोर दिया है। कार्यो की गुणवत्ता में कमी न होने के भी निर्देश है। बाढ़ से संबंधित कार्यो में घोटाला सामने आने पर तत्काल निलंबन की कार्यवाही की जाएगी। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि बाढ़ में कोई व्यक्ति भूखा न रहे। सिंचाई मंत्री जी ने तो अपने खीरी के पहले ही दौरे में प्रमुख सचिव सिंचाई को हटाने के साथ छह अभियन्ताओं को भी काम में लापरवाही बरतने के आरोप में निलम्बित कर दिया था।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रारम्भ से ही दूरदर्शी सोच का प्रमाण दिया है। वे समस्या उत्पन्न होने के पूर्व ही उसके निदान के पक्षधर हैं। उन्हें जनता की तकलीफों का भी एहसास है। इसलिए बाढ़ से बचाव को उन्होने प्राथमिकता में रखा है। उनके प्रयासों से लाखो किसानों को राहत मिलेगी। उनकी फसल चैपट होने से बचेगी और मवेशी तथा परिवार के अन्य लोग भी भूखे नहीं रहेगें। जनधन की हर वर्ष होनेवाली क्षति रूकेगी तो प्रदेश की खश्ुाहाली बढ़ेगी। समाजवादी पार्टी सरकार जैसी यह मानवीय संवेदना पिछली बसपा सरकार में दूर-दूर तक नहीं दिखाई पड़ी थी जिससे प्रदेश बदहाली और तंगहाली का शिकार होकर पिछड़ता गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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