Posted on 27 August 2012 by admin
जननी सुरक्षा हेल्पलाइन आगामी तीन माह मे प्रसव के लिए अस्पताल जाने वाली गर्भवती महिलाओं को रेफरल ट्ान्सपोर्ट सुविधा को और मजबूत बनायगी। शनिवार को छतारी कम्पाउड स्थित कार्यालय पर राज्य परियोजना समन्वयक डा0 सी0एस0 वर्मा की अध्यक्ष्ता में हुई बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया । डा0 सी0एस0 वर्मा ने बताया कि पचास से साठ प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की मृत्यु अस्पताल जाने के लिये समय से वाहन की सुविधा नही मिल पाने के कारण हो जाती है इसलिये आवश्यकता है कि वाहन स्वामियो से समांजस्य स्थापित किया जाये । इसके लिए हर ब्लाॅंक में निजी वाहन स्वामियों को चिन्हित कर मरीजों को अस्पताल पहुचाने के लिए पे्ररित करेगें। इसके लिऐ आर0टी0ओ0 से वार्ता करके सघन अभियान चलाया जायेगा। बैठक में सरकार द्धारा जिला स्तर पर शुरू की गयी एम्बूलेंस सेवा का स्वागत किया गया। डा0 वर्मा ने बताया कि इस सरकारी एम्बूलेंस सेवा का जननी सुरक्षा हेल्पलाइन व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार करेगीं। उन्होने आगामी लक्ष्यों को बताते हुए कहा कि सत्तर प्रतिशत गांव को हेल्पलाइन से जोडा जायेगा । और चार पहिया वाहनों से गर्भवतीयों को अस्पताल पहुचानें की गति को चालीस प्रतिशत से बढ़ा कर साठ प्रतिशत किया जायेगा। उन्होने बताया कि जो वाहन स्वामी हेल्पलाइन से जुडेंगें उनका पूरा विवरण तैयार किया जायेगा इसका लाभ सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर लोग हेल्पलाइन से ले सकेंगें। हेल्पलाइन से जुडने वाले वाहन स्वामीयों के लिए परिवाहन विभाग के सहियोग से विशेष सविधाएं प्रदान कराने का प्रयास होगा। बैठक में जिला परियोंजना समन्वयक तैयव हुसेन,जिला हेल्पलाइन कोर्डीनेटर प्रवीन कुमार, सुजीत कुमार , गुंजन मिश्रा, एवं अकराबाद से ब्लाॅंक कोर्डीनेटर कल्पना शर्मा, प्रमोद, लोधा ब्लाॅंक से दीपा शर्मा, अहतशाम, धनीपुर ब्लाॅंक से अवाद खान ,ज्ञानेश शर्मा, आदि मोजूद थें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2012 by admin
आज छात्रसंघ चुनाव को लेकर छात्र नेताओं की बैठक समाजवादी पार्टी के प्रकोष्ठ कार्यालय 6 ए ,राजभवन कालोनी, लखनऊ में हुई जिसकी अध्यक्षता समाजवादी छात्रसभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री राजपाल कश्यप व संचालन लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 निर्भय सिंह पटेल ने किया।
बैठक में लिंगदोह की सिफारिशों व मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के अनुपालन की चर्चा हुई जिसमें उपस्थित विभिन्न विश्वविद्यालयों व महाविद्यालय के छात्र नेताओं ने अपनी बात रखी। कुछ छात्रनेताओं ने लिंगदोह की सिफारिशों पर आपत्ति जाहिर की। बैठक में मुख्य अतिथि समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी रहे।
मुख्य अतिथि श्री राजेन्द्र चैधरी ने छात्रनेताआंे की बातों को सुना और आश्वासन दिया कि लिंगदोह की सिफारिशों की आड़ में छात्रों को बेवजह परेशान नहीं किया जायेगा। उन्होंने छात्र नेताओं से अपील की कि वे विश्वविद्यालय में पठन पाठन का माहौल बेहतर बनाने के लिए संयमित और अनुशासन में रहें।
अध्यक्षता करते हुये डाॅ0 राजपाल कश्यप ने कहा कि छात्रसंघों के माध्यम से सामान्य परिवार के नौजवान संघर्ष कर देश और प्रदेष की राजनीति में अपनी पहचान बनाते हैं। इसलिए नौजवान छात्रनेताओं से अपील है कि वे मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के अनुपालन में पूर्ण सहयोग करें। संचालन करते हुए लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 निर्भय सिंह पटेल ने कहा कि पिछली सरकार में उ0प्र0 की जो दुर्गति हुयी उसका खामियाजा सबसे ज्यादा छात्रों-नौजवानों को भुगतना पडा।
युवजनसभा के प्रदेश अध्यक्ष नफीस अहमद ने छात्र नेताओं केा सम्बोधित करते हुए कहा कि छात्रसंघ की बहाली ने संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने का काम किया है। लेकिन छात्र नेताओं को छात्रों के बीच अपनी रचनात्मक सोच व संघर्ष से लोकप्रियता बढ़ानी होगी। छात्रसभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुनील सिंह यादव ने कहा कि तमाम राजनीतिक दल एक साजिश के तहत छात्रसंघ चुनाव नहीं चाहते। जबकि समाजवादी पार्टी छात्रसंघ चुनाव की पक्षधर रही है।
बैठक में मुख्य रूप से सर्वश्री राम सिंह राणा, विजय सिंह टिन्टू, अभितेन्द्र सिंह राठौर, मनीष यादव, रामप्रकाश यादव, मनोज सिंह काका, अवधेश वर्मा, मो0 एबाद, मान सिंह मो0 फखरूल हसन चाॅद, रफी आदि सैकड़ों छात्रनेता उपस्थित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2012 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि जनता द्वारा सत्ता से बाहर कर दिए गए बसपा नेता बौखलाहट में अपना आपा खो चुके हैं। उनकी मति इस कदर मारी गई है कि वे अपनी भाषा और अपने आचरण पर भी संयम नहीं रख पा रहे हैं। उनकी कुंठित मानसिकता उन्हें राजनीति का जोकर बनाने की दिशा में पहुॅचा रही है क्योंकि वे खुद ही नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं। जनता ने जो जनादेश दिया उसको स्वीकारने के बजाए वे लोकतंत्र की मूलभावना से ही किनारा करते दिखाई दे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की जनता ने बसपा के कुशासन और भ्रष्टाचार से क्षुब्ध हेाकर उसे सत्ता के बाहर का रास्ता दिखा दिया। जनता ने समाजवादी पार्टी और इसके नेता श्री मुलायम सिंह यादव की नीतियों पर तथा उनके वायदों पर विश्वास कर प्रचंड बहुमत से विधानसभा चुनावों में विजयी बनाया। प्रदेश के शासन की बागडोर युवा मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को सौंपी गई जो विकास के एजेंडा पर प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में किए गए वायदों की पूर्ति में कई निर्णय लिए हैं। छात्रसंघ बहाली, कन्या विद्याधन, बेरोजगारी भत्ता, कब्रिस्तान की चहारदीवारी, किसानों को पेंशन, फसल बीमा, नए बिजलीघरों की स्थापना, अल्पसंख्यकों के मदरसों को मदद, मुफ्त इलाज, 50 हजार तक किसानों का कर्ज माफी जैसे जनहितकारी निर्णय सरकार ने लिए हैं।
जिनकी आंखों में मोतियाबिंद है उन्हें समाजवादी पार्टी सरकार के ये कार्य दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। सरकार के कामकाज पर टिप्पणी करने वाले वे हैं जो सत्ता का दुरूपयोग कर संपत्ति बटोरने के मामलों में फंसे हुए हैं। भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों को समाजवादी पार्टी सरकार की पारदर्शी नीतियाॅ रास नहीं आ रही हैं। बसपा शासन के घोटाले पर घोटाले सामने आ रहे हैं। जाॅच की आंच पूर्व मुख्यमंत्री के निकट तक पहुॅच रही है। जाॅच के बाद सजा पाने से भयभीत लोग ही समाजवादी पार्टी सरकार की खिलाफत में लगे हुए हैं। उन्हें अब लोकसभा चुनावों में भी बसपा का सूपड़ा साफ होने का भरोसा हो चला है।
विधानसभा में बसपा के नेता विरोधी दल जैसे पद पर बैठे व्यक्ति को यह तो जानना ही चाहिए कि श्री मुलायम सिंह यादव देश के वरिष्ठ और सम्मानित नेता हैं। देश-विदेश में उनका आदर सहित नाम लिया जाता है। उनपर अपनी ओछी टिप्पणी करने से पहले सौ बार सोच लेना था। विपक्ष की भी लोकतंत्र में जवाबदेही होती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2012 by admin
अन्य पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों की पुत्रियांे की षादी एवं बीमारी के इलाज हेतु पाॅच करोड़ रुपये बजट आवंटित
उत्तर प्रदेश सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के पूर्व दशम कक्षाओं में अध्ययनरत् छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अन्य पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों की पूत्रियों की शादी एवं बीमारी के इलाज हेतु वित्तीय स्वीकृतिया जारी कर दी है।
यह जानकारी पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव श्री अशोक कुमार ने आज यहा दी। उन्होंने बतया कि पूर्व दशम कक्षाओं ( कक्षा 1 से 10 ) में अध्ययनरत अन्य पिछड़े वर्ग के छात्र/छात्राओं को चालू वित्तीय वर्ष में छात्रवृत्ति प्रदान किये जाने हेतु छः अरब बाइस करोड़ तीन लाख छियानबे हजार की वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है।
श्री अशोक कुमार ने बताया कि अन्य पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों की पुत्रियांे की शादी एवं बीमारी के इलाज हेतु आर्थिक सहायता योजना के अन्र्तगत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की पुत्रियों की शादी हेतु 10,000 रुपये एवं गम्भीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के इलाज हेतु 5,000 हजार रुपये दिये जाने का प्रावधान है। उन्हांेने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत भी पाँच करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2012 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार ने स्थानीय नगर निकायों में अवैध रूप से चल रहीं पशु वधशालाओं को जिला प्रशासन व पुलिस के सहयोग से तत्काल बंद कराने, दुधारू पशुओं का वध रोकने और इसके लिए दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिए हैं।
निदेशक, स्थानीय निकाय, समस्त जिलाधिकारियों एवं नगरपालिका परिषदों व नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को इस सम्बन्ध में प्रेषित अपने दिशा-निर्देश में प्रमुख सचिव, नगर विकास, श्री प्रवीर कुमार ने कहा है कि सभी पशु वधशालाओं की गतिविधियों पर चैबीसों घंटे नजर रखने के लिए वहां पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाये जाएँ। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से पशुओं कि अवैध कटान पर प्रभावी रोक लगने के साथ ही साथ उनके साथ इन स्थलों पर होने वाले क्रूर व्यवहार को भी रोका जा सकेगा और प्रदूषण नियंत्रण में भी मदद मिलेगी। प्रमुख सचिव ने यह भी निर्देश दिए हैं कि अवैध पशु कटान को रोकने के लिए स्थानीय निकाय स्तर पर एक समिति गठित की जाये जो सम्बंधित विभागों के साथ मासिक बैठक कर स्थिति का अनुश्रवण करे। उन्होंने ने कटान से पहले पशुओं का एन्टीमॉर्टम व वध के बाद पोस्टमॉर्टम कराये जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया है।
निर्देशों में कहा गया है कि स्थानीय निकाय न केवल अपनी पशु वधशालाओं का बल्कि लाइसेंस प्राप्त अन्य वधशालाओं का भी नियमित निरीक्षण करें तथा अपनी कांजी हॉउस की समुचित निगरानी करें ताकि दुधारू पशुओं की कटान को रोका जा सके। साथ ही इन स्थानों पर नियमानुसार जल एवं वायु प्रदूषण को रोकने के लिए प्रभावी व्यवस्थाएं कराये जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने वयोवृद्ध फिल्म अभिनेता श्री ए0के0 हंगल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
आज यहां जारी एक शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि श्री हंगल के निधन से सिने-जगत ने एक महान कलाकार खो दिया है। उन्होंने स्वर्गीय ए0के0 हंगल के परिजनों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2012 by admin
प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने पी0सी0एफ0 कृषक सेवा केन्द्र बीघापुर जनपद उन्नाव के केन्द्र प्रभारी श्री अरुण कुमार वर्मा एवं सहयोगी श्री विनोद कुमार अवस्थी द्वारा उर्वरक के निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य वसूलने तथा कैश मेमो निर्गत न करने एवं भेजे गये 300 बोरी यूरिया का इन्द्राज अभिलेखों में न करने पर उनकी सेवाएं निलम्बित करके जांच के आदेश दिये है। केन्द्र के जिला प्रबन्धक श्री रामपाल सिंह व सहायक प्रबन्धक-लेखा श्री मोहनलाल जायसवाल के विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही स्थापित की गयी है। इसी प्रकार श्री सुरेन्द्र कुमार, सहायक गणक, ललितपुर द्वारा पावती पत्र के सापेक्ष बिलिंग न करने, लेखा कार्य पूर्ण न करने, एवं भारतीय क्षाद्य निगम से हिसाब-मिलान न करने के प्रकरण में उनकी सेवाएं निलम्बित करके जांच के आदेश दिये है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2012 by admin
एंक्राईट इण्टरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल सांइसेस के चेयरमैन डा0 कीर्ति कुमार ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के चलते स्कूल व कालेजों में अब कोर्स से संबंधित विषयों की तैयारी पर ही अधिक जोर दिया जाता है। जिसके चलते बच्चों अब सामान्य जानकारियों से दूर होते जा रहे हैं। प्रतियोगिताओं से बच्चों का मानसिक विकास होता है। श्री पासी रविवार को सहयोग परिवार व एस0पी0 इंस्टीट्यूट आफ कम्प्यूटर एजूकेशन (स्पाइस) के संयुक्ततत्वाधान में सरोजनीनगर स्थित उद्यमिता विकास संस्थान परिसर में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर डा0 कुमार कहा कि आज के दौर में शिक्षक व अभिभावक बच्चों से उनकी क्षमता से अधिक अंक लाने की उम्मीद करते हैं और उनकी आपेक्षा पर खरा न उतरने पर वह बच्चों पर अपना गुस्सा उतारते हैं। छात्र-छात्राओं में आत्महत्या का यह भी एक कारण हो सकता है। श्री पासी ने कहा कि अभिभावकों को चाहिए कि वह बच्चों की रूचि के अनुसार ही पढ़ने दे ताकि वह अपनी क्षमताओं का खुलकर प्रदर्शन कर सके। इस प्रतियोगिता में राजधानी सहित उन्नाव के भी सैकड़ों स्कूली बच्चों ने भाग लिया। इस मौके पर सीड के निदेशक राज किशोर पासी व प्रशिक्षण समन्वयक पिंकी गौतम, सहयोग परिवार के सहयोगी अतुल राय, मेनका यादव, प्रदीप यादव, गीता कश्यप व शालिनी कनौजिया सहित दर्जनों समाजसेवी मौजूद थे। सहयोग परिवार की कोषाध्यक्ष ज्योति भारती ने बताया कि आगामी 16 सितम्बर को नृत्य प्रतियोगिता, प्रमाण पत्र व पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन कानपुर रोड स्थित साक्षरता निकेतन के कबीर थिएटर में किया जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2012 by admin
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद् के अध्यक्ष डाॅ0 सी0 रंगराजन की मुख्यमंत्री के साथ गन्ना एवं चीनी सेक्टर को विनियमन-मुक्त किए जाने के सम्बन्ध में बैठक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि गन्ना किसानों के हितों की अनदेखी किसी भी हाल में नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में किसान गन्ने की खेती करते हैं और गन्ने से जुड़ी अन्य गतिविधियों से बहुत सारे लोगों की आजीविका चलती है। ऐसे में गन्ने से सम्बन्धित कोई भी निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं पर गौर किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह बात आज अपने सरकारी आवास 5, कालिदास मार्ग पर प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद् के अध्यक्ष डाॅ0 सी0 रंगराजन के साथ आयोजित एक बैठक में कही। बैठक गन्ना क्षेत्र को विनियमन-मुक्त किए जाने के सम्बन्ध में थी।
उत्तर प्रदेश में गन्ना क्षेत्र सुरक्षण की वर्तमान व्यवस्था का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी मिलों द्वारा गन्ना क्षेत्र को सुव्यवस्थित व प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने हेतु उत्तर प्रदेश गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम-1953, उ0प्र0 गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) नियमावली-1954 एवं उ0प्र0 गन्ना पूर्ति एवं खरीद आदेश-1954 में व्यवस्था निहित है। चीनी मिलों को गन्ना क्षेत्र के सुरक्षण में जो व्यवस्थाएं प्रभावी हैं, उनके अनुसार उ0प्र0 गन्ना (पूर्ति तथा खरीद विनियमन) अधिनियम-1953 की धारा-14 में प्रदत्त व्यवस्था के अन्तर्गत गन्ने की सर्वेक्षण नीति जारी करके गन्ने का सर्वेक्षण कराया जाता है। उ0प्र0 गन्ना (पूर्ति तथा खरीद विनियमन) अधिनियम-1953 की धारा 12 के अन्तर्गत चीनी मिलों की गन्ने की आवश्यकता निर्धारित की जाती है।
श्री यादव ने कहा कि गन्ना क्षेत्र सुरक्षण के अन्तर्गत सहकारी गन्ना समितियों के प्रतिनिधियों, गन्ना किसानों एवं चीनी मिल प्रतिनिधियों की खुली बैठक करके उनके विचार प्राप्त किए जाते हैं। तदोपरान्त उ0प्र0 गन्ना (पूर्ति तथा खरीद विनियमन) अधिनियम-1953 की धारा 15 एवं उ0प्र0 गन्ना (पूर्ति तथा खरीद विनियमन) नियमावली-1954 के नियम -22 के अन्तर्गत चीनी मिलवार क्षेत्र का निर्धारण किया जाता है। उ0प्र0 गन्ना (पूर्ति तथा खरीद आदेश-1954 के प्राविधानों के अन्तर्गत चीनी मिल व गन्ना समिति के मध्य गन्ने की मात्रा तथा गन्ने की दर का फार्म-सी पर अनुबन्ध कराया जाता है।
गन्ना क्षेत्र को विनियमन मुक्त (डी-रेगुलेशन) किए जाने के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा करने से चीनी मिलों द्वारा मनमानी किए जाने की संभावना है। जिसके चलते मिलें वाह्य क्षेत्र/गेट, ग्राम, क्रय केन्द्रों से गन्ना खरीद सकती हैं, जिससे क्षेत्रीय मिल के कृषकों में आक्रोश उत्पन्न हो सकता है। इस बात की भी संभावना है कि किसी एक ग्राम में कई चीनी मिलें अपने-अपने क्रय केन्द्र स्थापित कर लें तथा किसी ग्राम में क्रय केन्द्र स्थापित न भी करें।
श्री यादव ने आगे कहा कि गन्ना क्षेत्र को विनियमन मुक्त करने पर छोटे व साधारण गन्ना किसानों के शोषण की पूरी संभावना है। ऐसे में प्रभावशाली लोग छोटे व साधारण गन्ना किसानों से मनमाने ढंग एवं दर से गन्ने की खरीद कर मिलों को ऊँची दरों पर गन्ने की आपूर्ति कर मुनाफा कमाएंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से गन्ना मूल्य प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा, जिसका अनुचित लाभ बड़ी पेराई क्षमता वाली चीनी मिलें उठाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि भारत सरकार द्वारा चीनी मिल स्थापना को लाइसेंस मुक्त कर दिया गया है, फिर भी लेटर आॅफ़ इण्टेण्ट में दो चीनी मिलों के बीच की न्यूनतम दूरी 15 किलोमीटर निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि गन्ना क्षेत्र आरक्षण के समय प्रत्येक चीनी मिलों पर यह प्रतिबन्ध रहता है कि वह सम्पूर्ण पेराई योग्य गन्ने की आपूर्ति करके सम्बन्धित गन्ना समिति, जिला गन्ना अधिकारी एवं क्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्तों से ‘नो केन’ प्रमाण पत्र प्राप्त करके मिलों में पेराई समापन करेंगी। उन्होंने इंगित किया कि यदि डि-रेगुलेशन करके विधिक व्यवस्थाएं समाप्त करने पर विचार किया जाएगा तो चीनी मिल चलने एवं बन्द होने पर कोई नियंत्रण न होने की स्थिति में कठिन स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश की सहकारी गन्ना समितियों का मुख्य दायित्व सदस्य गन्ना किसानों की गन्ना आपूर्ति सुनिश्चित कराने का होता है। डी-रेगुलेशन से चीनी मिलें स्वछन्द हांेगीं तथा गन्ना समितियों का अस्तित्व धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा। गन्ना समितियां अपने क्षेत्र गन्ना कृषक सदस्यों को उर्वरक, गन्ना बीज, कीटनाशक एवं कृषि यंत्र आदि ऋण पर वितरित करते हैं तथा गन्ना मूल्य भुगतान से उक्त ऋण को समायोजित कर लेते हैं। यही नहीं गन्ना विकास परिषदों द्वारा सड़क निर्माण/सम्पर्क मार्ग बनाए जाते हैं। इन व्यवस्थाओं का अनुपालन न होने पर परिणामतः गन्ना विकास कार्य पूर्ण रूप से अवरुद्ध हो जाएंगे, क्योंकि चीनी मिलें अपने सुरक्षित क्षेत्र में गन्ना विकास कार्य में अपना सहयोग अंशदान का भुगतान करती हैं व क्षेत्र निर्धारण न होने से चीनी मिलों द्वारा विकास कार्य बन्द कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदत्त अधिनियम, नियम एवं आदेश के अन्तर्गत वर्षभर गन्ना आपूर्ति एवं गन्ना मूल्य भुगतान व्यवस्था का अनुश्रवण करके गन्ना किसानों के हितों के दृष्टिगत व्यापक कार्यवाहियां की जाती हैं। डि-रेगुलेशन से उक्त व्यवस्था पर कुप्रभाव पड़ेगा, अतः डि-रेगुलेशन जनहित, कृषक हित एवं कानून व्यवस्था के दृष्टिगत उचित नहीं है।
केन्द्र सरकार द्वारा अधिसूचित एफ0आर0पी0 तथा राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित किए जाने वाले एस0ए0पी0 के सम्बन्ध में श्री यादव ने कहा कि गन्ना कृषकों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य व उनके हितों के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1971-72 से निरंतर राज्य परामर्शित गन्ना मूल्य का निर्धारण किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार द्वारा घोषित सांविधिक न्यूनतम मूल्य/उचित एवं लाभकारी मूल्य के सापेक्ष गन्ना कृषकों के हितों को ध्यान में रखते हुए अधिक मूल्य का निर्धारण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
राज्य सरकार द्वारा निर्धारित गन्ना मूल्य के सम्बन्ध में मा0 उच्चतम न्यायालय में योजित सिविल अपील संख्या-460/1997 यू0पी0 केन यूनियन फेडरेशन बनाम वेस्ट यू0पी0 शुगर मिल्स एसोसिएशन में मा0उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्ष 2004 में दिए गए निर्णय में राज्य सरकार को गन्ना मूल्य निर्धारण किए जाने के अधिकार को वैध ठहराया गया है, जिसके अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा गन्ना कृषकों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्येक पेराई सत्र से पूर्व उ0प्र0 गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम-1953 की धारा-16 के अन्तर्गत राज्य परामर्शित गन्ना मूल्य निर्धारित किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि पेराई सत्र 2011-12 में राज्य सरकार द्वारा निर्धारित राज्य परामर्शित गन्ना मूल्य को मा0 उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 20-04-2012 द्वारा वैध ठहराया है। इस प्रकार राज्य सरकार को गन्ना मूल्य निर्धारण का अधिकार यथावत है। तद्क्रम में गन्ना मूल्य निर्धारण की जो प्रक्रिया चल रही है, वह पूर्णतः उचित है, इसमें किसी प्रकार के बदलाव की आवश्यकता नहीं है।
लेवी शुगर के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रकरण भारत सरकार से सम्बन्धित है। वर्तमान में चीनी मिलों से 10 प्रतिशत लेवी रेट पर चीनी ली जाती है। यदि भारत सरकार लेवी चीनी की व्यवस्था लागू रखना चाहती है तो चीनी मिलों से बाजार भाव पर चीनी क्रय करे, ताकि चीनी मिलों की गन्ना मूल्य भुगतान क्षमता बढ़ सके। खुली बिक्री के लिए नाॅन-लेवी चीनी की माहवार उपलब्धता के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था यथावत रहनी चाहिए अन्यथा चीनी मिलें विक्रय हेतु अपनी आंतरिक व्यवस्था करेंगी, जो उपभोक्ता के खिलाफ होगा।
चीनी के आयात-निर्यात के सम्बन्ध में श्री यादव ने कहा कि मांग एवं आपूर्ति सिद्धांत को दृष्टिगत रखते हुए निर्यात की सुविधा दी जाए। बन्दरगाह के निकट होने के कारण चीनी के निर्यात का अधिकतम लाभ बन्दरगाह के निकट की चीनी मिलें उठाती हैं। उत्तरी राज्यों की चीनी मिलों को बन्दरगाह तक चीनी पहुंचाने के लिए यातायात में अनुदान दिया जाए, ताकि निर्यात की सुविधा का लाभ उत्तर भारत की चीनी मिलें भी उठा सकें।
गन्ने से बनने वाले बाई प्रोडक्ट यथा शीरे के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में शीरे से एथनाॅल बनाकर 5 प्रतिशत पेट्रोल में ब्लेण्डिंग होती है, जिसको बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाए और एथनाॅल का रेट जो 27 रुपए प्रति लीटर चीनी मिलों को दिया जा रहा है, उसमें बढ़ोत्तरी की जाए। बगास के उपयोग से को-जेनरेशन के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि वर्तमान में निजी क्षेत्र की 101 चीनी मिलें संचालित हैं, जिसमें 58 चीनी मिलों में सह-उत्पादन स्थापित है। शेष चीनी मिलों में भी को-जेनरेशन स्थापित करने हेतु प्रोत्साहित किया जाए।
बैठक में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद् के सदस्य, सर्वश्री नन्द कुमार, सदस्य राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, श्री अशोक गुलाटी अध्यक्ष कृषि लागत एवं मूल्य आयोग, श्री सुधीर कुमार सचिव खाद्य एवं रसद विभाग भारत सरकार, राज्य सरकार की ओर से प्रोटोकाॅल राज्य मंत्री श्री अभिषेक मिश्रा, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री एन0सी0 बाजपेयी, मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव गन्ना एवं चीनी उद्योग श्री राहुल भटनागर, गन्ना आयुक्त श्री कामरान रिज़वी, विशेष सचिव मुख्यमंत्री श्री जुहैर बिन सगीर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 26 August 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के हज एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री व उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद आजम खां ने आज जारी एक बयान में कहा है कि उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी के सदस्य श्री सलमान खान को कमेटी से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। उन्होंने ने कहा कि हज कमेटी के सदस्य के रूप में श्री सलमान खान का कार्य अत्यधिक असंतोषजनक रहा और उनके खिलाफ कुछ गंभीर शिकायतें प्राप्त हुयी हैं जिसके कारण कमेटी कि सदस्यता से उनका इस्तीफा ले लिया गया है और अब वह राज्य हज समिति के सदस्य नहीं हैं।
श्री आजम खां ने उत्तर प्रदेश खास कर आजमगढ़ व पूर्वी उत्तर प्रदेश से इस वर्ष हज पर जाने वाले यात्रियों को आगाह किया है कि वे हज को लेकर श्री सलमान खान से किसी भी तरह का कोई भी सम्बन्ध न रखें और न ही इस सिलसिले उनसे संपर्क करें। उन्होंने कहा कि हज के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए हज यात्री सीधे लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के दप्फ्तर से संपर्क कर सकते हैं या फिर इस बारे में तमाम मालूमात वेब साईट www..uphajcommittee.com पर देख सकते हैं और डाउनलोड भी कर सकते हैं।
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