उत्तर प्रदेश सरकार ने स्थानीय नगर निकायों में अवैध रूप से चल रहीं पशु वधशालाओं को जिला प्रशासन व पुलिस के सहयोग से तत्काल बंद कराने, दुधारू पशुओं का वध रोकने और इसके लिए दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिए हैं।
निदेशक, स्थानीय निकाय, समस्त जिलाधिकारियों एवं नगरपालिका परिषदों व नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को इस सम्बन्ध में प्रेषित अपने दिशा-निर्देश में प्रमुख सचिव, नगर विकास, श्री प्रवीर कुमार ने कहा है कि सभी पशु वधशालाओं की गतिविधियों पर चैबीसों घंटे नजर रखने के लिए वहां पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाये जाएँ। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से पशुओं कि अवैध कटान पर प्रभावी रोक लगने के साथ ही साथ उनके साथ इन स्थलों पर होने वाले क्रूर व्यवहार को भी रोका जा सकेगा और प्रदूषण नियंत्रण में भी मदद मिलेगी। प्रमुख सचिव ने यह भी निर्देश दिए हैं कि अवैध पशु कटान को रोकने के लिए स्थानीय निकाय स्तर पर एक समिति गठित की जाये जो सम्बंधित विभागों के साथ मासिक बैठक कर स्थिति का अनुश्रवण करे। उन्होंने ने कटान से पहले पशुओं का एन्टीमॉर्टम व वध के बाद पोस्टमॉर्टम कराये जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया है।
निर्देशों में कहा गया है कि स्थानीय निकाय न केवल अपनी पशु वधशालाओं का बल्कि लाइसेंस प्राप्त अन्य वधशालाओं का भी नियमित निरीक्षण करें तथा अपनी कांजी हॉउस की समुचित निगरानी करें ताकि दुधारू पशुओं की कटान को रोका जा सके। साथ ही इन स्थानों पर नियमानुसार जल एवं वायु प्रदूषण को रोकने के लिए प्रभावी व्यवस्थाएं कराये जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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