Archive | May, 2012

भारत रत्न-पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गांधी जी को भावभीनी श्रद्धांजलि

Posted on 21 May 2012 by admin

उत्तर प्रदेश युवा कंाग्रेस मुख्यालय में आज पूर्व प्रधानमंत्री-स्व. राजीव गांधी जी की 21वीं पुण्यतिथि उ0प्र0 युवा कांग्रेस मध्य जोन के अध्यक्ष श्री तरूण पटेल की अध्यक्षता में मनायी गयी। इस मौके पर गोष्ठी का आयोजन भी किया गया।
इस अवसर पर उ0प्र0 युवा कंाग्रेस मध्य जोन के अध्यक्ष श्री तरूण पटेल ने भारत रत्न-पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गांधी जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि राजीव गांधी ने युवाओं को 18वर्ष का मताधिकार देकर लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होने देश में शांति, अमन, चैन कायम करने और आतंकवाद के विरूद्ध अपने दृढ़ संकल्प को कायम रखते हुए देश की एकता-अखंडता के लिए अपने प्राणों को देश की बलि बेदी पर न्यौछावर कर दिया। उन्होने युवा कांग्रेसजनों का आवाहन किया कि देश की एकता-अखंडता के लिए तथा कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा की गयी कुर्बानी से प्रेरणा लेते हुए राजीव जी के बताये रास्ते पर चलकर देश के विकास में अपना योगदान देने का संकल्प लें, यही राजीव जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
यह जानकारी उ0प्र0 युवा कंाग्रेस मध्य जोन के मीडिया कोआर्डिनेटर मुकेश सिंह चैहान ने आज यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में देते हुए बताया कि इस मौके पर युवा कंाग्रेस मध्य जोन के उपाध्यक्ष डा0 उमाशंकर पाण्डेय, महामंत्री श्री अजय कुमार श्रीवास्तव अज्जू, महामंत्री श्री गौरव चैधरी, महामंत्री श्री अनूप गुप्ता, मोहनलालगंज लोकसभा अध्यक्ष श्री सोमेश सिंह चैहान, एनएसयूआई मध्य जोन के अध्यक्ष श्री राहुल सचान, महामंत्री श्री विक्रम पाण्डेय तथा उ0प्र0 युवा कंाग्रेस मध्य जोन के मीडिया कोआर्डिनेटर मुकेश सिंह चैहान ने स्व0 राजीव गांधी केा भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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अधिकारियों की सूची निर्वाचन कार्यालय को भेजें

Posted on 21 May 2012 by admin

हल्के वाहनों की मरम्मत विभागीय बजट से करा लें

आगामी नगर निकाय सामान्य निर्वाचन में निर्वाचन अधिकारी/सहायक निर्वाचन अधिकारियों की नियुक्ति हेतु जिलाधिकारी द्वारा राज्य सरकार के अधीन समस्त विभागों के कार्याध्यक्षों/विभागाध्यक्षों से अपने विभाग के समस्त अवर अभियन्ताओं,निरीक्षक, सहायक विकास अधिकारियों तथा अन्य समकक्ष अधिकारी जो विभाग में कार्यरत हो,के नामों की सूची उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया था।
मुख्य विकास अधिकारी/उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया है कि कतिपय विभागों से सूचियां अभी प्राप्त नही हुई है ।उन्होंनें सभी कार्यालयाध्यक्षों को निर्देश दिये हैं कि अपने विभाग में कार्यरत सभी अधिकारियों की सूची निर्धारित प्रारूप पर 22 मई तक प्रत्येक दशा में जिला निर्वाचन कार्यालय(पंचायत एवं नगरीय निकाय) में उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
उन्होंने कहा है कि नगरीय निकायों के नर्वाचन में  बडी संख्या में हल्के वाहनों की आवश्यकता होगी। अनेक राजकीय वाहन खराब स्थिति/मरम्मत योग्य हो सकते हैं। ऐसेे विभागीय हल्के वाहनों की मरम्मत विभागीय वजट से अबिलम्व कराने हेतु राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने जनपद स्थित राज्य सरकार के अधीन सभी कार्यालय प्रमुख को सूचित किया है कि विभागीय हल्के वाहन यदि खराब स्थिति/मरम्मत योग्य है तो उनकी मरम्मत विभागीय बजट से अबिलम्व करा लें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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अब बारी है लोहिया ग्राम चुनने की शासन के फरमान पर डा0राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम योजना

Posted on 20 May 2012 by admin

हरदोई जनपद के जिलाधिकारी अजय शुक्ला ने विकास भवन के स्वर्ण जयन्ती सभागार में बैठक करके अफसरों को हिदायत देते हुए कहा कि शासन के आदेश के मुताबिक डा0राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम योजना प्रारम्भ की गयी है आप सभी लोग उसका सर्वे कराकर कार्य योजना 20जून तक बना लें वहीं पर उन्होने लोक निर्माण विभाग को चेतावनी स्वरूप कहा कि जिले के जर्जर मार्गों की मरम्मत का कार्य उसके लिए धनराशि की माँग बतायें पूरी की जाय। बीज की उपलब्धता 25मई तक सुनिश्चित करें किसानों के फार्म यदि भर चुके हैं तो जून तक के0सी0सी0 जारी कर दी जाय। विभागीय सर्वे कराकर क्रेडिट कार्ड फार्म भी भरवाये जायें जिले के सभी अधिकारी जनता की फरियाद 10 से 12 के बीच कार्यालय में बैठकर सुने बिजली विभाग को बिजली चोरी रोंकने उपभोक्ता की सही बिलिंग सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया। यह सभी आदेश जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को तयशुदा कार्यक्रम के अन्तर्गत करने की ताकीद भी दी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अनुशासन का पाठ पढ़ाया और नसीहत दी चले गये राज्यमन्त्री उ0प्र0सरकार

Posted on 20 May 2012 by admin

हरदोई जनपद में आये प्रदेश के ग्राम्य विकास मन्त्री अरविन्द सिंह गोप जिला प्रशासन के अधिकारियों को अनुशासन का पाठ पढ़ाकर चले गये सरकार की अल्प समय में कोई कार्य योजना अभी तक प्रारम्भ नहीं हो पायी परन्तु योजनाओं का अमलीजामा प्रदान करने की नसीहत जरूर जिला प्रशासन को दे गये। मन्त्री जी के स्वागत सत्कार में प्रशासन द्वारा कोई कमी नहीं रखी गयी बेकार खाली समय काट रहे प्रशासनिक अधिकारियों को कायदा कानून की नसीहत मन्त्री महोदय ने जरूर दे दी। मन्त्री जी भरावन ब्लाक के अटवा कनौरा में एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने आये थे तभी मन्त्री जी से सुबह हरदोई आये और लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस पर बैठक कर ली।सरकारी योजनाओं की समस्त जानकारी प्राप्त की वहाँ पर मुख्य विकास अधिकारी एवं जिला विकास अधिकारी सहित ग्राम्य विकास विभाग के समस्त अधिकारी मौजूद रहे प्रशसन को उन्होने नहर कुलावों की साफ सफाई का फरमान जल निगम द्वारा खराब हैण्डपम्पों की मरम्मत सण्डीला को दो शिफ्टों में बिजली की सप्लाई विकलांग लाभार्थी जाब कार्डधारक मनरेगा मजदूर को काम देने की हिदायत उनके आदेश में सब शामिल रही।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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संसदीय नियमों के पालन से अच्छे जनप्रतिनिधि की पहचान बनायी जा सकती है

Posted on 20 May 2012 by admin

press-1उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि जन-समस्याओं एवं विकास कार्यों पर गम्भीर एवं विस्तृत चर्चा के लिए विधानसभा का सत्र अधिक समय तक चलाने का प्रयास किया जायेगा। विधानसभा को जन-समस्याओं के निराकरण का महत्वपूर्ण फोरम बताते हुए उन्होंने सभी नव-निर्वाचित सदस्यों से इसके बेहतर उपयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि संसदीय नियमों के पालन से अच्छे जनप्रतिनिधि की पहचान बनायी जा सकती है।
मुख्यमंत्री आज यहां विधानभवन स्थित तिलकहाल में 16वीं विधानसभा के लिए नव-निर्वाचित सदस्यों के प्रबोधन कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने प्रबोधन कार्यक्रम के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए कहा कि विधायकों को जन-समस्याओं को सदन में रखने और उस पर चर्चा के नियमों की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संसदीय नियमों की जानकारी रखकर जन-प्रतिनिधि अपने क्षेत्र की जनता की भरपूर सेवा कर सकते हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम के माध्यम से वक्ताओं द्वारा दिये जा रहे सुझावों पर ध्यान देने और उस पर अमल करने की सलाह दी।
श्री यादव ने नव-निर्वाचित विधायकों से विधानसभा की परम्पराओं और नियमों की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने का आग्रह करते हुए कहा कि सत्र के दौरान ज्यादा से ज्यादा संख्या में उपस्थित रहकर अपने क्षेत्र की समस्याओं को अनुशासन में रहकर उठायें और उनका समाधान खोजने में सहयोग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी के ज्यादातर विधायक कम उम्र के हैं और पहली बार निर्वाचित होकर विधानसभा में आए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें भी (मुख्यमंत्री को) पहली बार विधान परिषद में बैठने का मौका मिल रहा हैै। उन्होंने अपनी पार्टी के विधायकों से पूरी तैयारी के साथ आगामी सत्र में भाग लेने और समस्याओं एवं विकास कार्यों के सम्बन्ध में अपनी बात रखने का आग्रह किया, जिससे क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण किया जा सके।
press1 इस अवसर पर उ0प्र0 विधान सभा के अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय, बिहार विधान सभा के अध्यक्ष श्री उदय नारायण चैधरी, मध्य प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष श्री ईश्वरदास रोहाणी, उ0प्र0 विधान परिषद के सभापति श्री गणेश शंकर पाण्डेय, राजस्व मंत्री श्री अम्बिका चैधरी एवं पूर्व विधान सभा अध्यक्ष श्री सुखदेव राजभर सहित नव-निर्वाचित विधायकगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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गेहूं खरीद हेतु 1 लाख 15 हजार गांठ बोरों की आपूर्ति के सापेक्ष अभी तक 41 हजार गांठ बोरे प्राप्त हुए हैं

Posted on 20 May 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये हैं कि गेहूं खरीद के उपरान्त उठान हेतु आने वाली समस्याओं का निराकरण स्थानीय स्तर पर तत्काल कराया जाए। उन्होंने कहा कि माह जून के वितरण का उठान 25 मई तक तथा माह जुलाई के वितरण का उठान 15 जून तक अवश्य करा दिया जाए। उन्होंने भारतीय खाद्य निगम को निर्देश दिये कि गेहूं खरीद के अनुसार डिलीवरी प्राप्त करने की गति 60 हजार मी0 टन से बढ़ाकर 90 हजार मी0 टन तक प्रतिदिन की जाए। गेहूं क्रय के पर्यवेक्षण हेतु मण्डलवार नोडल अधिकारियों की भी तैनाती कर दी गई है। गेहूं खरीद हेतु 1 लाख 15 हजार गांठ बोरों की आपूर्ति के सापेक्ष अभी तक 41 हजार गांठ बोरे प्राप्त हुए हैं। अवशेष गांठ बोरे प्राप्त करने हेतु भारत सरकार को पत्र लिखने के साथ-साथ भारत सरकार के उच्चाधिकारियों से दूरभाष द्वारा अनुरोध भी किया गया है।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय सभागार में गेहूं खरीद के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। गेहूं खरीद योजनान्तर्गत अब तक 4 लाख 11 हजार 586 किसानों को लाभान्वित कराकर विगत 19 मई तक 21 लाख 14 हजार 520 मी0 टन गेहूं की खरीद कराई जा चुकी है, जो लक्ष्य का 50.35 प्रतिशत है। गत वर्ष इसी अवधि तक 17 लाख 3 हजार 981 मी0 टन गेहूं की खरीद हुई थी। आढ़तियों के माध्यम से 1 लाख 36 हजार 393 मी0 टन गेहूं की खरीद विगत 19 मई तक कराई जा चुकी है। जिन जनपदों में आढ़तियों के माध्यम से गेहूं की खरीद की कार्रवाई प्रारम्भ न हुई हो, वहां तत्काल प्रारम्भ करा दी जाए।
मुख्य सचिव ने गेहूं भण्डारण हेतु सम्बन्धित जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि हवाई पट्टियों पर चिन्हित स्थानों का स्थलीय निरीक्षण आगामी दो दिन में गठित कमेटी एस0डब्ल्यू0सी0, एफ0सी0आई0 एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों के सदस्यों के साथ करना सुनिश्चित करें। जांचोपरान्त गलत स्थान चिन्हित करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। भारतीय खाद्य निगम में सम्प्रदानित गेहूं की प्राप्ति एवं भुगतान हेतु सिंगल विण्डो प्रणाली की व्यवस्था की गई है। वर्तमान खरीद के सापेक्ष विगत 19 मई तक भारतीय खाद्य निगम को 15 लाख 12 हजार 872 मी0 टन की डिलीवरी कराई जा चुकी है, जो क्रय मात्रा का 71.55 प्रतिशत है। गत वर्ष उक्त अवधि में भारतीय खाद्य निगम को 12 लाख 71 हजार 23 मी0 टन की डिलीवरी हुई थी। उन्होंने राज्य भण्डारण निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि गेहूं का भण्डारण चिन्हित खुले स्थानों में करने हेतु बांस, बल्ली, तिरपाल आदि आवश्यक सामग्री की व्यवस्था सुनिश्चित करा लें।
प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद श्री बलविन्दर कुमार ने बताया कि विगत 19 मई तक 14.42 लाख मी0 टन सम्प्रदानित गेहूं के सापेक्ष 5.64 लाख मी0 टन के एक्नालेजमेन्ट अवशेष हैं। इसी प्रकार 8.68 लाख मी0 टन बिलिंग के सापेक्ष भारतीय खाद्य निगम द्वारा 421.06 करोड़ रुपये का भुगतान करना अवशेष है। उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य निगम से क्रय एजेन्सियों का भुगतान समय से न मिलने और एक्नालेजमेन्ट समय से न मिलने के कारण समस्या उत्पन्न हो रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 6.01 लाख मी0 टन गेहूं डिलीवरी हेतु अवशेष है। भारतीय खाद्य निगम द्वारा गेहूं की डिलीवरी प्राप्त करने के लिए सभी गोदामों पर एक साथ कार्य प्रारम्भ न कराने के कारण गोदामों पर ट्रकों की लम्बी कतार लग गई है। ओपेन भण्डारित किये जाने हेतु गठित समिति की संस्तुति के अनुसार स्थान चिन्हित कर सूची भारतीय खाद्य निगम एवं एस0डब्ल्यू0सी0 को उपलब्ध करा दी गई है।
बैठक में सचिव वित्त श्री संजीव मित्तल, खाद्य आयुक्त श्रीमती अर्चना अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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वनाधिकारी को निलम्बित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश

Posted on 20 May 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां बहराइच के प्रभागीय वनाधिकारी डाॅ0 राम खेलावन सिंह को निलम्बित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने यह निर्णय श्री खेलावन के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच एवं प्रमुख वन संरक्षक से प्राप्त आख्या के आधार पर लिये। जांच में पाया गया कि इन्होंने कैसरगंज रेंज में अनाधिकृत ढंग से 400 अर्जुन वृक्षों के पातन की अनुज्ञा जारी की थी, साथ ही वृक्षों की निकासी पर भी नियंत्रण नहीं रखा, जिसके फलस्वरूप प्रत्यक्ष शासकीय राजस्व की हानि हुई।
ज्ञातव्य है कि डाॅ0 राम खेलवान के विरूद्ध प्राप्त विभिन्न शिकायतों की जांच से पाया गया कि उन्होंने शासकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरती एवं  शासकीय नियमों का पालन नहीं किया। इनके विरूद्ध कर्मचारियों का मनमाने ढंग से स्थानान्तरण तथा नियम विरुद्ध रवन्ना संग्रह केन्द्रों की स्थापना करके प्रशासन के समानान्तर व्यवस्था कायम करने का आरोप है। इन गंभीर आरोपों के चलते इन्हें निलम्बित कर इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Unveiling of Muslim Vision of Secular India: Destination & Roadmap

Posted on 20 May 2012 by admin

The Approach Paper, “Muslim Vision of Secular India: Destination & Roadmap” prepared by scholar, Dr Javed Jamil, will be unveiled for nationwide public debate on 21st May, 2012 at India Islamic Cultural Centre, New Delhi.
What shall be the role of Muslims in their dear country India that is progressing leaps and bounds on daily basis, what shall be their destiny and the approach map to reach it, what shall be the basis of their progress in the light of Muslim and Islamic viewpoint and analysis, and what shall be the parameters of growth and progress in the light of Islamic rules and within the framework of Indian constitution, these are some of the salient features of Dr. Javed Jamil’s paper titled “Muslim Vision of Secular India: Destination & Roadmap”.
Talking to R.N.I., Dr. Jamil said that the approach paper is important because it is the first comprehensive approach paper for trying to analyze the Muslim Perspective of India’s goals of development and developing a national level multi-faceted, holistic strategy for the socio-economic empowerment of Muslims within the parameters of Islam, Indian culture and national interests. The paper not only makes a critical analysis of national policies and presents a Muslim perspective of the direction in which the growth is taking place in the country, it also critically analyses the problems of the country especially related to economic disparity, erosion of human values, spread of social evils and overriding negative impact of economic forces; and critically analyses the problems Muslims are facing and discusses the various issues involved. It covers almost all range of issues from religious education to modern education, employment, absence of Muslims in corporate sector, problems in medium and small scale industries, issues related to Islamic Finance sector, urban developmental issues, rural issues, health issues, importance of NGO sector, empowerment of women within Islamic framework, social and security issues, issues related to media and many more.
The paper suggests more than 170 measures in different fields. Some of these measures are to be taken by the government, some by the community and some by the combined effort of both. The paper has 20 chapters covering all the aspects of the system.
It emphasizes coordination between the governmental and community institutions as most of these measures require efforts at both the levels. The paper also devotes a special chapter on Interfaith, stresses an all-religion alliance against social evils and calls for an end to communal hatred.
Dr. Javed Jamil’s paper is being seen with great optimism in certain sections of the society and it remains to be seen up to what extent the Government of India make use of this report. A blueprint or rather a roadmap to the progress of Muslims in the country has already been prepared and it is upon the decision-makers to see that adequate measures are taken for its implementation.
Mr K. Rahman Khan, Former Deputy Chairman, Rajya Sabha will release the document. Law & Minority Affairs Minister, Mr Salman Khurshid will be the Chief Guest. Eminent Journalist, Mr Azeez Burney will be the Guest of Honour. Renowned Philanthropist & President IICC, Mr Sirajuddin Qureshi will deliver the welcome address. A large number of dignitaries including politicians, academicians, social activists, religious scholars, media personalities and academicians are expected to gather for the event.

R.N.I. News Network,New Delhi:
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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती द्वारा, महत्वपूर्ण मुद्दों पर नई दिल्ली में प्रेस कान्फ्रेस

Posted on 19 May 2012 by admin

उ.प्र. में सत्ता-परिवर्तन होने व देश की संसद में राज्यसभा का सदस्य बनने के बाद, देश की राजधानी दिल्ली में आज यह मेरी पहली प्रेस कान्फ्रेस है और आज की मेरी इस पहली प्रेस कान्फे्रस में, मैं खासतौर उ.प्र. में सत्ता परिवर्तन होने के बाद, अब यहाँ सपा शासन में उ.प्र. की हर मामले में व हर स्तर पर जो अति दयनीय व खराब एवं चिन्ताजनक स्थिति बनी हुयी है। उनके कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं की तरफ मैं आपका ध्यान जरूर आकर्षित करना चाहती हूँ। लेकिन इससे पहले मैं उ.प्र. में, अपनी चारों सरकारों से लेकर अभी तक भी, मेरे खुद के बारे में खासतौर से मेरी ‘‘कार्यक्षमता व दक्षता’’ के सम्बन्ध में हमारे विरोधियों ने जो साजिश के तहत् हर स्तर पर किस्म-किस्म की गलतफहमी पैदा कर दी है। उन्हें आज मैं सबसे पहले जरूर दूर (खत्म) कर देना चाहती हूँ।

मीडिया बन्धुओं, वैसे आप लोगों को यह विदित है कि उ.प्र. में हमारी पार्टी की ‘‘3 जून सन्् 1995’’ को पहली बार और उसके बाद ‘‘21 मार्च सन्् 1997’’ को दूसरी बार तथा ‘‘3 मई सन्् 2002’’ को तीसरी बार यहाँ मेरे नेतृृत्व में सरकार बनी थी।

और मैंने इन तीनों सरकारों में अनुसूचित जाति से सम्बन्धित ‘‘श्री P L पुनिया’’ को, इनके ैमतअपबम में रहते हुये, इनको यह सोचकर अपना प्रमुख सचिव बनाया था कि यह अधिकारी दलित वर्ग का होने के नाते, प्रदेश में अपने समाज के लोगों के हितों का प्राथमिकता के आधार पर पूरा-पूरा ध्यान रखेगा। लेकिन दुःख की बात यह है कि उस दौरान, इस अधिकारी की तरफ से इन वर्गों के हितों में, ऐसी कोई भी विशेष पहल नहीं की गयी थी। अर्थात इस अधिकारी का आखिरी तक मिजाज दलितों के मामले में अम्बेडकरवादी सोच का ना होकर ज्यादातर गाँधीवादी सोच का ही बना रहा था और मेरी इस बात का सबसे बड़ा सबूत यह है कि यह अधिकारी अपनी नौकरी से रिटायर होने के बाद, यहाँ अपने देश में दलितों के मामले में गाँधीवादी सोच रखने वाली, कांग्रेस पार्टी में ही जाकर शामिल हो गया है।

और इतना ही नहीं बल्किी इस व्यक्ति ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद अपनी इस पार्टी में व आम लोगों में तथा मीडिया आदि में भी अपनी ‘‘अहमियत’’ को ऊँचा दिखाने के लिये, मेरी इन तीनों सरकारों को लेकर मेरे खुद के बारे में एक यह ‘‘गलतफहमी’’ पैदा कर दी थी कि ‘‘मायावती कहने के लिये उ.प्र. की मुख्यमंत्री जरूर थी।’’ लेकिन इनकी तीनों सरकारों को चलाने का कार्य वास्तव में, मैं खुद ही करता था। इसी प्रकार आगे चलकर मेरी चैथी बार सरकार बनने के बाद भी मेरे कैबिनेट सचिव रहे श्री शशांक शेखर सिंह को भी लेकर इसी ही किस्म की गलत धारणा मीडिया व आम लोगों में भी पैदा कर दी गयी थी।

और इसके साथ ही अब मुझे यह भी आशंका होने लगी है कि मेरे राज्यसभा में जाने के बाद भी हमारे विरोधी लोग अब कहीं यह ना गलत प्रचार करने लग जाये कि मैं हाऊस में किसी भी मुद्दे को लेकर जो कुछ भी बोलती हूँ। उसे हमारी पार्टी के संसद में दोनों सदन के नेता अर्थात ‘‘श्री सतीश चन्द्र मिश्रा और श्री दारासिंह चैहान’’ व अन्य इनके साथीगण, उसकी तैयारी करके मुझे देते हैं। जबकि वास्तव में, इस मामले में स्थिति यह है कि संसद के दोनों सदन में हमारी पार्टी के ये दोनों नेता व पार्टी के अन्य सदस्यगण जब भी किसी महत्वपूर्ण विषय पर जो कुछ भी हाऊस में बोलते हैं। या फिर मेरे दिशा-निर्देशन में, प्रेसवार्ता में भी जो कुछ कहते हैं तो उसमें हमारी पार्टी की मूवमेन्ट के हिसाब से, इनको हाऊस में या प्रेस में भी बोलने के लिये    खास-खास बिन्दुआंे को तैयार करके ज्यादातर इन्हें अभी तक मेरे द्वारा ही दिया जाता रहा है।

और इतना ही नहीं बल्किी जब मैं उ.प्र. की सत्ता मेें आसीन थी तो तब भी मैं संसद के अति महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी पार्टी की लाईन के हिसाब से खुद ही खास बिन्दुओं का नोट तैयार करके, इनके बोलने के लिये अक्सर भिजवाती थी। और कभी-कभी तो उस दौरान स्थिति ऐसी बन जाती थी कि जब हमारे पार्टी के लोग संसद में बोलने के लिये मेरे, विशेष नोट भेजने के बाद भी, किन्हीं कारणवश ये लोग अपनी पार्टी की सही लाईन संसद में ठीक ढंग से नहीं रख पाते थे, तो तब फिर मुझे मजबूरी में खुद ही लखनऊ में प्रेस कान्फ्रेस बुलाकर अपनी पार्टी लाईन की स्थिति को स्पष्ट करना पड़ता था।

और इन सबके अलावा अब मुझे ऐसा भी लगता है कि मेरे द्वारा हमारी मूवमेन्ट को लेकर हर वर्ष लिखी जाने वाली, मेरी खुद की किताब के सम्बन्ध में भी, मेरी ‘‘दक्षता’’ के बारे में हमारे विरोधियों ने शायद इसी ही किस्म की धारणा यहाँ आम लोगों में जरूर पैदा कर दी होगी। जबकि इस मामले में सच्चाई यह है कि मैं हर वर्ष अपने जन्मदिन के मौके पर, अपनी पार्टी की मूवमेन्ट का एक वर्ष का लेखा-जोखा खुद लिखकर, फिर उसे किताब के जरिये जारी करके अपने लोगों के बीच में भिजवाती हूँ।

अर्थात मैं अपनी पार्टी में ज्यादातर दूसरी पार्टियों की तरह, विरासत के जरिये कोई थोपी हुयी अपनी पार्टी की राष्ट्रीय नेता व अध्यक्ष के पद पर आसीन नहीं हुयी हूँ। बल्किी हकीकत में, मैं अपनी पार्टी की मूवमेन्ट को लेकर हर मामले में हमेशा जमीन से ही जुड़ी रही हूँ। और आज मैं जिस भी ‘‘ओहदे’’ पर पहुँची हूँ, उसे मैंने अपनी पार्टी में एक कार्यकर्ता के सफर से चलकर ही प्राप्त किया है और इसके लिये प्रेरणा मैंने अपने देश में दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों में भी खासतौर से ‘‘महात्मा ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायणा गुरू, पेरियार जी, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी’’ के जीवन संघर्ष से ही ली है। जिन्होंने इस देश की जमीनी हकीकत से जुड़कर, यहाँ जातिवादी व्यवस्था के शिकार रहे, दलितांे, शोषितों, पिछड़ों एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के मान-सम्मान में तथा इन्हें हर मामले में, अपने पैरों पर खड़ा करने के लिये विशेष व ठोस जमीनी पहल की है।

इसलिये मैंने अपनी भारतीय संसद की 60वीं वर्षगांठ के मौके पर, अपने देश व यहाँ की जनता के हितों में राज्यसभा के अन्दर जो कुछ भी बोला है। वह वास्तव में जमीनी हकीकत थी। जिनकी तरफ, अपने देश के शासनकर्ताओं को ध्यान देना बहुत जरूरी है।

संक्षेप में, इस सन्दर्भ में अब मेरा यही कहना है कि मैंने अपने जीवन में, अभी तक विभिन्न स्तर पर पहुँचकर हमेशा देश हित में, व अपनी पार्टी की ‘‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’’ की नीति के आधार पर चलकर जो कुछ भी किसी ना किसी रूप में कहा है या फिर किताब के जरिये अपने लोगों को जो भी मैसेज भेजा है। वह सब मैंने काफी गहन अध्यन करके व गम्भीरता से सोच-विचार करके अपने खुद के प्रयासों व सूझबूझ से ही ज्यादातर किया है। अर्थात मैं अन्य पार्टियों के नेताओं की तरह दूसरों के ऊपर निर्भर रहकर फिर उनके सहारे मैं अपनी मूवमेन्ट का कार्य नहीं चलाती हूँ। बल्किी मैं हर मामले में अपने सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों के बताये हुये रास्तों के तहत्् ही रात-दिन मेहनत करके अपनी जमीनी हकीकत के अनुभवों से ही यहाँ के लोगों को जागरूक करके उन्हें फिर सही दिशा देने का भी पूरा-पूरा प्रयास करती हूँ और इस मामले में हमेशा मेरा अपनी पार्टी के लोगों को यह कहना रहा है कि ‘‘जब तक मैं जिन्दा रहूँगी,’’ तो तब तक मैं अपनी जिन्दगी के आखिरी पल तक भी अपनी इसी ही ‘‘सच्ची लग्न’’ व ‘‘जमीनी हकीकत’’ से जुड़कर अपनी मूवमेन्ट व अपने देश तथा यहाँ की जनता के हितों के लिये लगातार प्रयास व कार्य करती रहूँगी। चाहे मेरे रास्ते में हमारे विरोधियों द्वारा कितनी भी कठिन से कठिन मुश्किलें क्यों ना पैदा कर दी जाये। लेकिन फिर भी मैं अपनी पार्टी की मूवमेन्ट की लाईन से तिलभर भी विचलित होने वाली नहीं हूँ।

संक्षेप में, अपने खुद के बारे में कुछ जरूरी बातों की तरफ ध्यान दिलाने के बाद, अब मैं आपका ध्यान अपने देश व उ.प्र. से सम्बन्धित कुछ जरूरी बातों की तरफ दिलाना चाहती हूँ और इस सन्दर्भ में, सबसे पहले अब मैं अपनी उन कुछ जरूरी बातों को फिर से, यहाँ दोहराना चाहती हूँ, जो मैंने इसी ही महीने 13 मई सन्् 2012 को संसद की 60वीं वर्षगांठ के मौके पर राज्यसभा में खासतौर से यह कही थी कि इसमें कोई सन्देह नहीं है कि ‘‘अपना देश आजादी के वर्षों-वर्ष बीत जाने के बाद अभी तक भी अनेकों आन्तरिक व बाहरी गम्भीर समस्याओं से जूझ रहा है।’’

और इतना ही नहीं बल्किी अपने देश की हर मामले में व हर स्तर पर गलत आर्थिक नीतियों के कारण यहाँ सर्वसमाज में ‘‘गरीबी, बेरोजगारी एवं मंहगाई’’ भी लगातार बढ़ती जा रही है इसके, साथ ही अपने देश के शासनकर्ताओं की ज्यादातर जातिवादी मानसिकता वाली सोच होने की वजह से भी यहाँ दलितों, पिछड़ांे व अन्य उपेक्षित वर्गों की ‘‘सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक’’ स्थिति में अभी तक भी कोई खास सुधार नहीं आ सका है।

इसके साथ-साथ अपने देश में पिछले कुछ वर्षों से साम्प्रदायिक ताकतों के उभरने के कारण अब यहाँ धार्मिक अल्पसंख्यक समाज से सम्बन्धित ‘‘सिक्ख, मुस्लिम, ईसाई, पारसी व बौद्ध’’ आदि     इन विभिन्न समुदायों के लोग भी आज अपने आपको ज्यादातर असुरक्षित महसूस करते हुये हमें नजर आते हैं।

लेकिन यहाँ खास ध्यान देने की बात यह है कि इन सब मामलों में हमारे देश के ‘‘शासनकर्ताओं’’ का ध्यान कम और अपने ‘‘राजनैतिक नफे-नुकसान व व्यक्तिगत स्वार्थ’’ की तरफ अब ज्यादा बना रहता है और यह सब हमें पिछले कुछ वर्षों से संसद के अन्दर व संसद के बाहर भी काफी कुछ देखने के लिये मिल रहा है, जो अपने देश व यहाँ की जनता के उज्जवल भविष्य के लिये शुभ-संकेत नहीं है। इसलिये इन सब बातों की तरफ भी इन्हें अपने देश व यहाँ जनता के हितों में जरूर ध्यान देना होगा।

इसके अलावा, जहाँ तक उत्तर प्रदेश में इस समय सपा शासनकाल में विकास व कानून-व्यवस्था की स्थिति का सवाल है, तो इस बारे में हमारी पार्टी व प्रदेश की आमजनता का यह मानना है कि जबसे उ.प्र. में सत्ता परिवर्तन हुआ है और यहाँ समाजवादी पार्टी की सरकार बनी है, तबसे यह सरकार खासतौर से विकास के मामले में तो केवल ‘‘बैठकों एवं घोषणाओं’’ की ही कागजी सरकार बनकर रह गयी है। इसके साथ ही, अब इस सरकार का ज्यादातर कार्य राजनैतिक द्वेष की भावना से थोक के भाव यहाँ अधिकारियों के तबादले कराना और आयेदिन मेरी सरकार के समय के किसी ना किसी विभाग से सम्बन्धित, उसमें घोटाले आदि होने की अशंका जताके, उसकी विभिन्न स्तर पर जांचें बैठाना तथा फिर उन्हें मीडिया आदि में भी बड़े-पैमाने पर प्रचारित कराना अब इस सरकार की रोजाना की जरूरी दिनचर्या बन चुकी है।

और इसके साथ-साथ अब इस सरकार की पूरी शक्ति (ताकत) प्रदेश में यहाँ ज्यादातर ‘दलित विरोधी’ एवं सर्वसमाज  में ‘‘गरीबी विरोधी’’ गतिविधियों में ही लगी रहती है। जिसके तहत ही, इस सरकार ने अभी हाल ही में ‘‘दिनांक 11 मई सन्् 2012’’ को, मेरी सरकार के समय की 13 विभागों से जुड़ी हुयी अति महत्वपूर्ण व जनहित की उन सभी ‘‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’’ की 26 योजनाओं एवं कार्यक्रमों को एक साथ व एक ही दिन में समाप्त कर दिया है, जो ये सभी योजनायें प्रदेश में खासतौर से दलितों, पिछड़ों एवं सर्वसमाज में से गरीब लोगों के विकास व उत्थान के लिये ही मेरी सरकार के दौरान चलायी जा रही थी, जिनमें इन सभी लोगों को काफी ज्यादा लाभ पहुँच रहा था।

इसके अलावा मेरी सरकार के समय में ही इन लोगों के हितों के लिये, अन्य और भी अनेकों ऐसी योजनायें चलायी जा रही थी, जिनके नाम हमने अपने देश में, दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में, महान सन्तों गुरूओं व महापुरूषों को आदर-सम्मान देने के उद्देेश्य से रखे थे और जिनकी पूर्व की लगभग सभी सरकारों में, इनके प्रति जातिवादी मानसिकता रखने की वजह से, इनकी हर स्तर पर काफी ज्यादा उपेक्षा की गयी थी। लेकिन यहाँ दुःख की बात यह है कि उनके नाम भी अब इस सरकार द्वारा बदल दिये गये हैं। इससे हमें इनकी ‘‘छोटी व ओछी’’ हरकत साफ नजर आती है और इसके साथ ही, इससे इस सरकार की प्रदेश में विकास के प्रति नकारात्मक सोच व इनकी यहाँ दलित एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता होने का भी हमें साफ पता चलता है।

इतना ही नहीं बल्किी इस पार्टी ने अपने राजनैतिक स्वार्थ में, चुनाव के दौरान प्रदेश सरकार की सही ‘आर्थिक-स्थिति’ को जाने बिना ही अपने चुनावी घोषणा-पत्र में जो अनेकों चुनावी वायदे किये थे, जिसमें खासतौर से प्रदेश में कक्षा 10वीं पास करने वाले हर छात्र को मुफ्त लैपटाप देना, हर बेरोजगार व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता देना, किसानों व बुनकरों को मुफ्त बिजली देना और साथ ही उनके पिछले बिजली बकायों को भी माफ करना तथा यहाँ मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को सरकारी नौकरियों में 18 प्रतिशत आरक्षण देना आदि प्रमुख थे। उन्हें भी इस पार्टी की सरकार सही ‘‘जमीनी अमलीजामा’’ नहीं पहना पा रही है, जिससे अब प्रदेश की जनता दिन-प्रतिदिन, इनके काफी ज्यादा खिलाफ होती जा रही है। जबकि इन्हीं लुभावने वायदों की वजह से ही, इस पार्टी को इस बार, यहाँ सत्ता में आने में काफी ज्यादा मदद मिली है और इसके साथ-साथ इस पार्टी को सत्ता में लाने के लिये ‘‘कांगे्रस व बीजेपी’’ के गलत चुनावी स्टैण्ड (मुद्दे) अपनाने का भी, इसमें काफी बड़ा योगदान रहा है। लेकिन इसके साथ ही, यहाँ यह बात भी काफी हद तक ध्यान देने वाली है कि यदि ये दोनों पार्टियाँ, इस चुनाव में गलत स्टैण्ड नहीं अपनाती तो फिर हमारी पार्टी को यहाँ सत्ता में आने से कोई भी ताकत नहीं रोक सकती थी। क्योंकि हमारी पार्टी को इस बार के चुनाव में सपा से लगभग पौने तीन प्रतिशत वोट ही केवल कम मिले हैं।

और इतना ही नहीं बल्किी इस बार हमारी पार्टी को यहाँ सन्् 2007 में पिछले हुये वि.सभा आमचुनाव की तुलना में भी पहले से ज्यादा वोट प्राप्त हुये हैं। इसलिये हमारी पार्टी के बारे में यह कहना कतई भी उचित नहीं होगा कि हमारी पार्टी इस बार अपनी सरकार की कमियों की वजह से ही यहाँ फिर से सत्ता में वापिस नहीं आ सकी है।

इन सब जरूरी बातों के साथ-साथ अब मैं आप लोगों का ध्यान, उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के बनते ही यहाँ प्रदेश की ‘‘अति दयनीय व खराब बनी कानून-व्यवस्था’’ की स्थिति की तरफ भी जरूर दिलाना चाहती हूँ, जिसके कारण प्रदेश में हर रोज काफी संख्या में हत्यायें दिन-दहाड़े हो रही हैं, इसके अलावा, इस सरकार में आयेदिन हमारी बहन, बेटियों व मासूम बच्चियों की भी बड़ी संख्या में इज्जत-आबरू लूटी जा रही हैं। हफ्ता वसूली भी अब प्रदेश में खुलेआम शुरू हो गयी है। सभी छोटे-बडे़ कारोबारी लोग भी अब हमें यहाँ सुरक्षित नजर नहीं आ रहे हैं, लगातार अपहरण की भी घटनायें काफी ज्यादा बढ़ रही हैं।

इसके साथ ही प्रदेश में, खासतौर से दलित वर्ग के लोगों का तो इस सपा सरकार में यहाँ सबसे ज्यादा बुरा हाल बना हुआ है और इन्हें इस सरकार में न्याय मिलना तो बहुत दूर की बात रही है बल्किी इनके साथ रोजाना बड़े-पैमाने पर हो रही जुल्म-ज्यादती की रिपोर्ट (FIR) तक भी अब थानों में नहीं लिखी जा रही है। इसके साथ-साथ इन लोगों को मेरी सरकार में खेती करने के लिये जो भी सरकारी जमीन ‘‘फ्री’’ दी गयी थी। उस पर भी ज्यादातर सपा के गुण्डों, माफियाओं व दबंग लोगों ने ही कब्जा कर लिया है और इसके साथ ही पिछले दो महीनों के अन्दर, यहाँ दलित वर्ग के ‘‘लगभग 2000 (दो हजार)’’ के करीब छोटे-बड़े अधिकारी भी छांट-छांट कर ज्यादातर महत्वहीन पदों पर भेज दिये गये हैं। इतना ही नहीं बल्किी, प्रदेश में किन्हीं कारणवश लगभग सभी विभागों की बड़ी संख्या में की जा रही जांच की आड़ में भी ज्यादातर इन्हीं दलित वर्गों के कर्मचारियों व अधिकारियों को ही चुन-चुनकर कर निशाना बनाया जा रहा है।

इस प्रकार, प्रदेश में, इस वर्तमान सपा सरकार के दौरान लगभग दो महीनों के अन्दर ही यहाँ एक तरफ तो विकास के कार्याें की अधिकतर गति रूक गई है, तो वहीं दूसरी तरफ यहाँ ‘‘कानून-व्यवस्था’’ की स्थिति भी इतनी ज्यादा बिगड़ चुकी है कि अब यहाँ आम आदमी घर से बाहर निकलते समय सौ बार यह सोचता है कि क्या वह जीवित अपने घर में वापिस लौटेगा भी या नहीं और इसके साथ ही अब प्रदेश में लगभग हर माँ अपने बच्चों को व हर बहिन अपने भाई को तथा हर पत्नी अपने पति को किसी भी कार्य के लिये, घर से बाहर भेजते समय, उन्हें बार-बार एक ही बात कहती हुई हमें ज्यादातर नजर आती हैं कि इन्हें हर हालत में दिन-छिपे से पहले ही अपने घरों में वापिस लौट आना चाहिये। वर््ना इनके परिवार के लोग रातभर चैन से सो नहीं पायेंगे।

इसके अलावा प्रदेश में ‘‘शहरों, कस्बों व गाँवों’’ के भी लगभग सभी माफिया व अपराधिक तत्व जो मेरी सरकार के समय में अधिकतर जेल में बन्द थे। अब वे भी इस सपा सरकार में जेलों से बाहर आकर यहाँ ‘चोरी, डकैती, फिरौती, लूटमार, अपहरण, हत्या, बलात्कार’’ आदि इन गलत कार्यों में लिप्त हो गये हैं और इन सबको सपा सरकार का खुलेआम संरक्षण मिलने की वजह से ही अब यहाँ पुलिस भी इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर पा रही है। अर्थात अब पुलिस व प्रशासन के अधिकारी भी ज्यादातर मूक दर्शक बनकर ही मजबूरी में ये सब गलत कार्य अपनी आँखों के सामने होते हुये देख रहे हैं।

इतना ही नहीं बल्किी अब प्रदेश की जनता मीडिया व अन्य सूत्रों के माध्यम से यह सब जानकारी भी रख रही है कि जहाँ पिछले 60 वर्षों में से इस दो माह की सपा सरकार ने प्रदेश में यहाँ एक तरफ तो कर्मचारियों व अधिकारियों के सबसे अधिक तबादले करने का रिकार्ड बनाया है, तो वहीं दूसरी तरफ, यहाँ दो माह के अन्दर ही इस सरकार ने सबसे अधिक गुण्डागर्दी व गैर-कानूनी कार्य करवाने का भी ऐतिहासिक रिकार्ड बनाया है। अर्थात प्रदेश की वर्तमान सपा सरकार में कल कुछ चैनलों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक यहाँ दो महीनों के अन्दर ही लगभग 800 हत्यायें, 270 बलात्कार, 245 डकैतियाँ, 256 अपहरण व 720 लूट की वारदातें घटित हो चुकी हंै और प्रदेश में अपराध के घटित ये आॅकड़े केवल वो हंै, जो प्रकाश में आ चुके हैं तथा जिनकी थानों में थ्प्त् भी दर्ज हो चुकी है। इसके अलावा इसी ही अवधि में इन सब अपराधों की लगभग इतनी ही संख्या और भी होगी, जिनके मामले, सरकार के दबाव में आकर ज्यादातर दबा दिये गये हैं और अब इससे आप लोग आगे के लिये भी इस बात का काफी हद तक यह अनुमान लगा सकते है कि इस सरकार की पूरे पांच वर्षों की अवधि पूरी होने तक यहाँ अपने उ.प्र. का हर मामले में व हर स्तर पर कितना ज्यादा बुरा हाल होने वाला है।

और यही मुख्य वजह है कि अभी से ही अब यह सरकार अपनी इन्हीं सभी कमजोरियों (कमियों) की तरफ से यहाँ की जनता का ध्यान हटाने के खास मकसद से ही मेरी सरकार के समय के सभी छोटे-बड़े कार्यों की जबरदस्ती जांच करवाने में युद्धस्तर पर लगी हुई है और जिसकी रोजाना मीडिया में भी च्नइसपबपजल थोक के भाव करवायी जा रही है। जबकि इस सन्दर्भ में, मैंने पिछले महीने दिनांक 15 अप्रैल सन्् 2012 को आगरा में बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की जयन्ती के मौके पर साफतौर से यह कहा था कि यदि प्रदेश की वर्तमान सपा सरकार, मेरी सरकार के समय के किसी भी कार्य की, राजनैतिक व जातिगत द्वेष की भावना को त्यागकर उसकी ईमानदारी व साफ नियत से, प्रदेश एवं जनहित में जांच करवाती है, तो इसका हमारी पार्टी को कोई भी एतराज नहीं होगा। लेकिन इस मामले में, हमें ऐसा कुछ होता हुआ नजर नहीं आ रहा है और इतना ही नहीं बल्किी इस बारे में, प्रदेश के अन्दर ज्यादातर दबी हुई जुबान में, अब इस बात की भी चर्चा, यहाँ काफी ‘‘जोरों’’ से होने लगी है कि वर्तमान सपा सरकार में, अब इस पार्टी के जिम्मेवार व प्रभावशाली लोगों ने, जांच कराने की आड़ में अपने राजनैतिक स्वार्थ के साथ-साथ, यहाँ जांच में फंसाये जा रहे, अधिकांश लोगों को ‘‘डरा-धमकाकर’’ उनसे बड़े-पैमाने पर धन की उगाई करने का भी यह एक नया धन्धा, अब यहाँ काफी जोरों से शुरू हो गया है। इसके साथ-साथ, खासतौर से ‘‘भ्रष्टाचार’’ के सम्बन्ध में यहाँ मैं यह भी कहना चाहती हूँ कि उ.प्र. में जब हमारी पार्टी की सरकार बनी थी, तो तब हमें पूर्व की सरकारों की शह व उनकी मिली-भगत के कारण यहाँ हर स्तर पर सरकारी व गैर-सरकारी विभागों में बड़े-पैमाने पर फैला हुआ भ्रष्टाचार हमें विरासत में मिला था, जिसकों सुधारने में व ठीक करने में, हमारी पार्टी को अपनी सभी सरकारों के दौरान काफी सख्त कदम उठाने पड़े हैं और इसी के चलते ही मैंने अपनी सरकार के कुछ मन्त्रियों, विधायकों व अधिकारियों तक के भी खिलाफ काफी सख्त से सख्त कार्यवाही की है।

लेकिन इसके स्थान पर अब वर्तमान सपा सरकार इसकी आड़ में अपने राजनैतिक व अन्य और फायदों के लिये जान-बूझकर जो घिनौनी राजनीति कर रही है, तो इससे इस पार्टी को कोई ज्यादा लाभ मिलने वाला नहीं है। क्योंकि प्रदेश की जनता इस मामले में भी सपा सरकार की हर गतिविधि पर अपनी पैनी नजर रखे हुये है और इतना ही नहीं बल्किी हमारी पार्टी, वर्तमान सपा सरकार की इन सभी गतिविधियों को देखकर, यह सोच कर चल रही थी कि प्रदेश की जनता ने गुमराह होकर सपा को जो यहाँ सत्ता में बैठा दिया है, इसका पश्चाताप इनको एक वर्ष के अन्दर-अन्दर जरूर हो जायेगा। लेकिन इस मामले में यहाँ खास ध्यान देने की बात यह है कि प्रदेश की जनता को एक साल की वजाय अब इन्हें 2 महीने के अन्दर ही अपनी इस बहुत बड़ी गलती का पश्चाताप (एहसास) हो गया है और यह सब यहाँ इतना जल्दी इसलिये हो गया है। क्योंकि आज पूरे उ.प्र. में हालत यह है कि यहाँ प्रदेश की सड़कों पर चलने वाली जिन गाडि़यों में सपा का झण्डा लगा होता है, तो उसे प्रदेश की जनता ज्यादातर यही मानकर चलती है। इनके लिये यह झण्डा हर गलत कार्य करने का एक बहुत बड़ा ‘‘लाईसेन्स’’ है।

और इससे यहाँ के आम लोग तो दहशत में होते ही हैं। लेकिन इनके साथ ही, यहाँ सरकारी कर्मचारी व अधिकारी एवं पुलिसकर्मी भी इनको कानून का सबक सिखाने में काफी डरते हैं अथवा कतराते हैं।
क्योंकि ऐसे गलत लोगों को यहाँ सपा सरकार का गैर-कानूनी संरक्षण प्राप्त है। इसके अलावा जहाँ तक प्रदेश में ‘‘राजनीतिक उत्पीड़न, शोषण व हत्या’’ आदि होने का सवाल है तो इस मामले में खासकर सपा सरकार द्वारा यहाँ प्रदेश में अधिकतर बी.एस.पी. के लोगों को ही निशाना बनाया जा रहा है, जिसमें ज्यादातर दलित वर्गों के लोगों को ही चुन-चुनकर प्रताडि़त किया जा रहा है।

और इस मामले में सबसे ज्यादा खतरनाक व चिन्ता की बात यह है कि यहाँ अपराध की ज्यादातर घटनाओं को इस सपा सरकार द्वारा साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डों का इस्तेमाल करके, इन्हें प्रकाश में भी आने नहीं दिया जाता है और इसके साथ ही यहाँ, यह भी कहना गलत नहीं होगा कि इसके लिये मीडिया तक को भी काफी हद तक ’’मैनेज’’ कर लिया गया है।

जबकि इस सरकार से पूर्व मेरे नेतृत्व में चली बी.एस.पी. की सरकार ने उत्तर प्रदेश में हर मामले में व हर स्तर पर ’’कानून द्वारा कानून का राज’’ स्थापित करने के लिये, यहाँ बिना किसी राजनैतिक भेदभाव व पक्षपात के, गुण्डों, माफियाओं, डकैतों एवं अन्य असामाजिक तत्वों के खिलाफ काफी सख्त कानूनी कार्यवाही करते हुये, बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को जेलों की सलाखों के पीछे भेजा था, जिस पर सपा ने उस समय, इसे ’’अपनी पार्टी के लोगों का उत्पीड़न’’ होने की संज्ञा दी थी। परन्तु आज सपा सरकार में तो विशुद्ध रूप से बी.एस.पी. के भोले-भाले व निर्दोष लोगों के खिलाफ राजनैतिक दुर्भावाना के तहत, उत्पीड़न व हत्या की कार्यवाही की जा रही है, जो यहाँ अत्यन्त चिन्ता की बात तो है ही, बल्किी इसके साथ ही यह हमारे ’’सामाजिक परिवर्तन‘‘ को भी दर्शाता है कि बी.एस.पी. के शासनकाल में सर्वसमाज में से गरीब, दलित एवं अन्य उपेक्षित वर्गो के लोगों का वास्तव में ’’स-शक्तिकरण’’ (सशक्तिकरण) हुआ है। जिस कारण, उन्हें दबाने के लिये अब सपा सरकार को यहाँ प्रदेश में अपनी पूरी शक्ति लगानी पड़ रही है।

अन्त में, इन सब बातों को मध्यनजर रखते हुये अब मेरा उ.प्र. की वर्तमान सपा सरकार के बारे में यही कहना है कि यदि यह सरकार जैसे-तैसे करके यहाँ पूरे पांच साल तक चल भी जाती है, तो फिर इन पांच वर्षों की अवधि मंे, अपना यह उ.प्र. हर मामले में पिछड़कर, कई वर्षों पीछे चला जायेगा।

इन्हीं कुछ जरूरी बातों की जानकारी देने के लिये ही मैंने आज की यह प्रेस कान्फ्रेस बुलायी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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श्रीमती सुषमा स्वराज ने विधायकों को सफलता के लिए महत्वपूर्ण सूत्र दिए

Posted on 19 May 2012 by admin

भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय नेता व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमती सुषमा स्वराज ने आज उत्तर प्रदेश विधान सभा के नव निर्वाचित विधायकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को अपने संबोधन में सभी विधायकों को बधाई देते हुए कहा कि आप सभी बहुत सौभाग्यशाली हैं कि देश के सबसे बड़े राज्य की विधान सभा में आपको प्रतिनिधित्व को अवसर प्राप्त हुआ। श्रीमती स्वराज ने अपने संबोधन में विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, बिहार विधान सभा के अध्यक्ष उदय नारायाण चैधरी, भाजपा विधान मंडल दल नेता हुकुम सिंह, उपनेता सतीश महाना तथा प्रमुख सचिव विधान सभा प्रदीप दुबे एवं सभी नव निर्वाचित विधायकों को संबोधित करते हुए उन्हें सफलता के लिए महत्वपूर्ण सूत्र दिए।
श्रीमती सुषमा स्वराज ने लोकप्रिय विधायक कैसे बना जाए विषय पर अपना उद्बोधन देते हुए विधायकों को उन सूत्रों की जानकारी दी जिसका अनुसरण कर वे लोकप्रिय विधायक बन सकते हैं। श्रीमती स्वराज ने समय प्रबन्धन पर सर्वाधिक जोर देते हुए कहा कि यदि आप अपने समय का प्रबन्धन सही ढंग से करेंगे और उसका अनुसरण कड़ाई पूर्वक करेंगे तो अपने परिवार/मतदाता/कार्यकर्ता सभी के साथ न्याय कर सकंेगे। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि 25 वर्ष की उम्र में वे विधायक चुनी गई थी और आठ विभागों की मंत्री थी। केवल समय प्रबंधन और उसके अनुपालन के कारण ही मुझसे परिवार/कार्यकर्ता/मतदाता किसी को भी शिकायत का अवसर नहीं प्राप्त हुआ। दुसरा सूत्र उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए किसी अच्छे प्रोजेक्ट को चुनना बताया। उन्होंने कहा कि आपकी कितनी ही फाइलंे निपटा लें, कितना ही काम कर डालें परन्तु आपका अच्छा कार्य स्वंय बोलेगा। तीसरा सूत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को नियमावली कठस्थ कर लेनी चाहिए और विधेयक पर बोलने से पहले उद्देश्य और कार्य पूर्ति अवश्य पढ़ लेें।
लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों की लोकप्रियता के लिए चैथा सबसे महत्वपूर्ण सूत्र उनका व्यक्तिगत आचरण, विनम्र व्यवहार तथा शुद्ध आचरण को बताया। उन्होंने कहा कि जिस विधायक ने अपने आचरण में विनम्रता और शुद्धता आत्मसात कर लिया वह कभी नहीं हार सकता। उन्होंने कहा कि राजनीति साधना है, यह जिंदा आदमी की इबादत है। पांचवाॅं सूत्र क्षेत्र की समस्या को विधान सभा में प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना बताया। उन्होंने कहा कि यदि आप अपने इस कार्य में सफल हैं तो बिना प्रचार के लोकप्रियता आप हांसिल कर सकते हैं। छठा सूत्र बताते हुए श्रीमती स्वराज ने कहा कि हेकड़ी और घंमड विधायकों के दो सबसे बड़े दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि जिस विधायक ने हेकड़ी के आधार पर अपना वर्चस्व बनाना चाहता है वह दुबारा जीतकर नहीं आता। उन्होंने घंमड को हार की गांरटी बताया।
श्रीमती स्वराज ने यह भी कहा कि हम सब सेवा के लिए चुने गए हैं और सेवा ही हमारा कार्य है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में 10-15 वर्ष पंचायत के चुनाव नहीं हुए उस समय विधायक/सांसद को पंचायतों और पार्षदों के भी काम करने पड़े।  उन्होंने कहा कि आज देश का 65 प्रतिशत मतदाता युवा है और वह भ्रष्टाचार के खिलाफ है और वही आदर्श हम लोगों में देखना चाहता है। श्रीमती स्वराज ने इस अवसर पर एक शेर भी पढ़ा - ’जो पहुंच गए हैं मंजिल पर, उनको तो नाजो सफर नही, दो चार कदम जो चले नहीं, रफ्तार की बातें करते हैं’। श्रीमती स्वराज ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए विधानसभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय के प्रति आभार व्यक्त किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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