उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि जन-समस्याओं एवं विकास कार्यों पर गम्भीर एवं विस्तृत चर्चा के लिए विधानसभा का सत्र अधिक समय तक चलाने का प्रयास किया जायेगा। विधानसभा को जन-समस्याओं के निराकरण का महत्वपूर्ण फोरम बताते हुए उन्होंने सभी नव-निर्वाचित सदस्यों से इसके बेहतर उपयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि संसदीय नियमों के पालन से अच्छे जनप्रतिनिधि की पहचान बनायी जा सकती है।
मुख्यमंत्री आज यहां विधानभवन स्थित तिलकहाल में 16वीं विधानसभा के लिए नव-निर्वाचित सदस्यों के प्रबोधन कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने प्रबोधन कार्यक्रम के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए कहा कि विधायकों को जन-समस्याओं को सदन में रखने और उस पर चर्चा के नियमों की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संसदीय नियमों की जानकारी रखकर जन-प्रतिनिधि अपने क्षेत्र की जनता की भरपूर सेवा कर सकते हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम के माध्यम से वक्ताओं द्वारा दिये जा रहे सुझावों पर ध्यान देने और उस पर अमल करने की सलाह दी।
श्री यादव ने नव-निर्वाचित विधायकों से विधानसभा की परम्पराओं और नियमों की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने का आग्रह करते हुए कहा कि सत्र के दौरान ज्यादा से ज्यादा संख्या में उपस्थित रहकर अपने क्षेत्र की समस्याओं को अनुशासन में रहकर उठायें और उनका समाधान खोजने में सहयोग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी के ज्यादातर विधायक कम उम्र के हैं और पहली बार निर्वाचित होकर विधानसभा में आए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें भी (मुख्यमंत्री को) पहली बार विधान परिषद में बैठने का मौका मिल रहा हैै। उन्होंने अपनी पार्टी के विधायकों से पूरी तैयारी के साथ आगामी सत्र में भाग लेने और समस्याओं एवं विकास कार्यों के सम्बन्ध में अपनी बात रखने का आग्रह किया, जिससे क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण किया जा सके।
इस अवसर पर उ0प्र0 विधान सभा के अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय, बिहार विधान सभा के अध्यक्ष श्री उदय नारायण चैधरी, मध्य प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष श्री ईश्वरदास रोहाणी, उ0प्र0 विधान परिषद के सभापति श्री गणेश शंकर पाण्डेय, राजस्व मंत्री श्री अम्बिका चैधरी एवं पूर्व विधान सभा अध्यक्ष श्री सुखदेव राजभर सहित नव-निर्वाचित विधायकगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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