Archive | May 23rd, 2011

अब तक 18 लाख 44 हजार 203 मीट्रिक टन गेहॅू की हुई खरीद

Posted on 23 May 2011 by admin

पिछले साल कुल खरीद 16 लाख 46 हजार मीट्रिक टन हुई थी
क्रय केंद्रो पर शिकायतों का तत्काल निस्तारण करने के निर्देश

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिलों में गेहूं खरीद का कार्य खरीद केेन्द्रों पर तेजी से चल रहा है। इस सम्बन्ध में जहां से भी कोई शिकायत मिल रही है उसका तुरन्त निस्तारण अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि प्रत्येक प्राप्त शिकायत के सम्बन्ध में दोषियों के खिलाफ त्वरित एवं कठोर कार्यवाही की जा रही है। शासन द्वारा नामित एवं खाद्य आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में निरंतर भ्रमण कर, मौके पर समस्याओं का निराकरण तत्परता से किया जा रहा है तथा अधिक से अधिक गेहॅू की खरीद हेतु किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी उद्देश्य से क्रय केंद्रो का समय बढ़ाकर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक कर दिया गया है।

प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के किसानों को उनके द्वारा क्रय केन्द्र पर लाए गए गेहूं के उचित मूल्य का तत्काल भुगतान कराने एवं किसी भी दशा में उनके हितों की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि गेहॅू खरीद का शासन स्तर पर मुख्य सचिव स्तर पर भी नियमित रूप से अनुश्रवण किया जा रहा है।

प्रवक्ता ने कहा कि इस समय प्रदेश में स्थापित 4565 क्रय केन्द्रों पर गेहॅू की खरीद तेजी से की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक कुल  18,44,203 मी टन गेहॅू की खरीद की जा चुकी है, जो कि गत वर्ष इसी अवधि में की गयी खरीद 15,34,513 मी0टन की तुलना में 3,09,690 मी0टन अधिक है। जबकि पिछले साल कुल खरीद 16 लाख 46 हजार मीट्रिक टन ही हुई थी।

प्रवक्ता ने कहा कि जनपद जालौन में पी0सी0एफ0 के क्रय केन्द्र विक्रय समिति केन्द्र जालौन पर 302 बारदाना कम पाए जाने पर केन्द्र प्रभारी श्री बृज बिहारी तिवारी के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसी प्रकार पी0सी0एफ0 के क्रय केन्द्र जिला सहकारी संघ लिमिटेड, उरई पर 1001 खाली बोरी कम पाए जाने  तथा  501 भरी बोरी स्टाॅक से अधिक पाए जाने पर केन्द्र प्रभारी श्री बालक राम नगाइच के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गयी है।

जनपद लखीमपुर में यू0पी0एग्रो के मूड़ासवारन क्रय केन्द्र पर गेहॅू के बोरों की तौल क्रय केन्द्र के बजाय दूसरे स्थान पर किये जाने पर केन्द्र प्रभारी, हैण्डलिंग ठेकेदार  एवं सम्बन्धित काश्तकार के विरूद्ध थाना गोला, लखीमपुर में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गयी है।  आवश्यक वस्तु निगम के क्रय केन्द्र भीरा पर काश्तकारों को समय से चेक न उपलब्ध कराने के कारण केन्द्र प्रभारी को निलम्बित कर दिया गया है। पी0सी0एफ द्वारा संचालित क्रय केन्द्र बसलीपुर के सचिव हरिश्चन्द्र त्रिपाठी को गेहॅू क्रय में  उदासीनता बरतने पर निलम्बित कर दिया गया है। वहीं पी0सी0एफ0 के क्रय केन्द्र साधन सहकारी समिति लि0, जंगलवाली पर गेहॅू क्रय में अनियमितता बरतने पर केन्द्र प्रभारी को निलम्बित कर दिया गया है।

प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही मेें जनपद शाहजहांपुर में गेहॅू की बोरियों में नमक मिलाने की शिकायत प्राप्त होने पर पी0सी0एफ0 द्वारा संचालित आदर्श विपणन सहकारी संघ, लिमिटेड के क्रय केन्द्र प्रभारी एवं परिवहन ठेकेदार के विरुद्ध थाना रोजा, शाहजहांपुर में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

प्रवक्ता ने एक बार पुनः दोहराते हुए कहा कि प्रदेश सरकार गेहूं किसानों को उनकी उपज का मूल्य दिलाने के प्रति संकल्पबद्ध है। प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी प्रकार की कोताही पाये जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की समस्याओं से भली-भांति परिचित है और सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसानों को किसी भी स्तर पर किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े और उनकी समस्याओं का त्वरित निदान किया जाय।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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*”Celebrating Biodiversity” on the International Day for Biological Diversity*

Posted on 23 May 2011 by admin

The U.P. State Biodiversity Board today celebrated the International Day for
Biological Diversity. A National Conference was organized on the occasion
which was attend by forest officers, scientists, academicians, non-profit
organizations and representatives of other departments like fisheries,
agriculture, horticulture and animal husbandry. The theme for this year’s
International Day for Biodiversity is “Forest Biodiversity”. This is
significant as last year 2010 was the International year of Biodiversity and
this year 2011 has been declared by the United Nations as the International
year of Forests. The United Nations has also declared 2011 to 2020 to be the
International Decade for Biodiversity. About 400 delegates attended this
conference. Also India comprises 2-4% of the world’s land area, 4% of water
but is home to 8% of recorded species of flora and fauna of the world. In
India the forest cover is about 23.8% but UP has a forest cover of 9.01%  of
the total geographic area.

The chief guest on the occasion was the honourable forest minister of Uttar
Pradesh , Shri Fateh Bahadur Singh who inaugurated the conference. He said
that UP was one of the pioneer states to form a Biodiversity Board and UP
has been sensitive to the cause of biodiversity conservation. The important
guest speaker on the occasion was Shri. P.K. Sen who has been awarded the
Padamshree in March 2011. Shri P.K. Sen has a wide experience in management
of Zoos and National Parks and has also worked as Director, Project Tiger.
He  said that more than 70% of India’s biodiversity is confined within
forests.

Shri P.B. Gangopadhyay, Ex- PCCF of Madhya Pradesh and Ex-Addl. D.G.,
Ministry of Environment and Forests, Govt. of India also spoke on the
occasion. He gave a beautiful powerpoint presentation on the 16 forest types
in India. His talk covered the major threats to biodiversity – land
diversion, encroachment, fuelwood removal, grazing. forest fires, Illicit
felling, habitat fragmentation. He said he was happy that everyone agreed
that biodiversity is to be saved. Atleast there was consensus on the saving
of biodiversity. he made two main requests: To have an alternative railway
line at Dudhwa second : lowest level has lot of vacancies , especially at
forest guard level. It is on them that survival of forests depends. In MP
about 4000 new forest guards were recruited in 2008. Similar efforts are
needed in other states also.

Shri Raman Sukumar, Professor and Chairman, Centre for Ecological Sciences,
Indian Institute of Science, Bangalore. Mr. Sukumar has specialization in
Wildlife Ecology and Tropical Forest Ecology. He spoke on the importance and
resilience of tropical rain forests .Moderately dense forests are about 40%
. He said that abundance of Tigers forests are highest in tropical dry
forests. Non timber forest products from dry forests in India generate
revenues of 700 million $ annually. He also spoke on carbon sequestration
potential of tropical dry forests in India. There is a great resilience
built into tropical rain forests in India. He said long term planning is
needed for India’s forests. He presented 20 year growth data for a forest in
Mudumalai in Tamilnadu which proved that more than long term planning makes
more sense for forest planning than just 3-4 years planning. He said that
compared to tropical evergreen forests the tropical dry forests may not be
species rich but have their own intrinsic values and may be an important
carbon sink in the face of environmental variability and disturbance. this
is very important for international policy discussions under UNFCC.

Shri K. Venkatraman, Director, Zoological Survey of India spoke about
India’s rich biodiversity. He emphasized on the importance of saving old
growth forests which are just 36% of the total forests. He also said that a
recent study showed that a hectare of forests gave an average of 6000$ worth
of ecological services. Dr. P.K.Singh, Director, Botanical Survey of India
was also present on the occasion. He said that India has 167 species of
important agri-horticultural crops.

The conference was a grand success. Scientists from National Botanical
research Institute, Birbal Sahani Institute of Paleobotany, Central
Institute of Medicinal and Aromatic plants, CDRI, Sugarcane Breeding
Research Institute and National Bureau of Fish and Genetic Resources,
Director Institute of Subtropical Horticulture, Shri Ravishanker along with
forest officers from all over the state were present at the occasion.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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“जैव विविधता मनाना” जैव विविधता के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर

Posted on 23 May 2011 by admin

उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड ने आज जैव विविधता के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया. एक राष्ट्रीय सम्मेलन अवसर था जो वन अधिकारी, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, गैर लाभ संगठनों और मत्स्य पालन, कृषि, बागवानी और पशुपालन जैसे अन्य विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लेने पर आयोजित किया गया. जैव विविधता के लिए इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के लिए विषय हैवन जैव विविधता“. यह महत्वपूर्ण है के रूप में पिछले वर्ष 2010 जैव विविधता का अंतर्राष्ट्रीय साल थी और यह 2011 वर्ष वन अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित किया गया.

संयुक्त राष्ट्र संघ भी 2020 तक किया गया है 2011 की घोषणा करने के लिए जैव विविधता के लिए अंतर्राष्ट्रीय दशक हो. के बारे में 400 प्रतिनिधियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया. इसके अलावा भारत विश्व का भूमि क्षेत्र के 2-4%, पानी के 4% शामिल है, लेकिन वनस्पतियों और पशुवर्ग की दुनिया का रिकॉर्ड प्रजातियों में से 8% करने के लिए घर. भारत में वन आवरण 23.8% के बारे में है लेकिन उत्तर प्रदेश के एक जंगल के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 9.01% की कवर किया है.

इस अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश, श्री फतेह बहादुर सिंह ने सम्मेलन का उद्घाटन के माननीय वन मंत्री थे. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश कि एक अग्रणी राज्यों में से एक था एक जैव विविधता बोर्ड फार्म यूपी और जैव विविधता के संरक्षण के कारण करने के लिए संवेदनशील है. इस अवसर पर महत्वपूर्ण अतिथि वक्ता श्री किया गया था. P.K. सेन जो मार्च 2011 में Padamshree सम्मानित किया गया है. श्री P.K. सेन चिड़ियाघरों और राष्ट्रीय उद्यानों के प्रबंधन में एक व्यापक अनुभव है और भी निदेशक, प्रोजेक्ट टाइगर के रूप में काम किया. उन्होंने कहा कि भारत की जैव विविधता के 70% से अधिक जंगलों के भीतर ही सीमित है.

श्री P.B. गंगोपाध्याय, पूर्व मध्य प्रदेश और पूर्व अपर PCCF की. डी.जी.,पर्यावरण और वन, भारत सरकार के मंत्रालय. भारत का भी इस अवसर पर बात की थी. वह भारत में 16 प्रकार के वन पर एक सुंदर प्रस्तुति दी. अपनी बात जैव विविधता के लिए प्रमुख खतरा कवर - भूमि मोड़, अतिक्रमण, fuelwood हटाने, चराई. जंगल की आग, अवैध कटाई, वास विखंडन. उसने कहा कि वह खुश थी कि हर कोई सहमत है कि जैव विविधता को बचाया जा रहा है. कम से कम वहां जैव विविधता की बचत पर आम सहमति थी. वह दो मुख्य अनुरोध किया: करने के लिए दूसरा दुधवा में एक वैकल्पिक रेलवे लाइन है: निम्नतम स्तर वन गार्ड स्तर पर विशेष रूप से रिक्तियों की बहुत कुछ है, है. यह उन पर है कि जंगलों के अस्तित्व निर्भर करता है. सांसद के बारे में 4000 नई वन रक्षकों 2008 में भर्ती थे. ऐसे प्रयासों को अन्य राज्यों में भी जरूरत है.

श्री रमन सुकुमार, प्रोफेसर और अध्यक्ष, पर्यावरण विज्ञान केन्द्र, भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलौर. श्री सुकुमार वन्यजीव पारिस्थितिकीय और उष्णकटिबंधीय वन पारिस्थितिकीय में विशेषज्ञता है. वह और उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों का महत्व लचीलापन पर बात की मामूली घने जंगलों के बारे में 40% है.. उन्होंने कहा कि बाघ जंगलों की बहुतायत है कि उष्णकटिबंधीय शुष्क वन में सबसे अधिक हैं. भारत में सूखे जंगलों से गैर इमारती लकड़ी वन उत्पाद $ 700 मिलियन सालाना का राजस्व उत्पन्न करते हैं. उन्होंने यह भी कार्बन भारत में उष्णकटिबंधीय शुष्क वन ज़ब्ती क्षमता पर बात की थी. वहाँ एक महान भारत में उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में निर्मित लचीलापन है. उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक योजना बना रहा है भारत के जंगलों के लिए आवश्यक है. वह तमिलनाडु में Mudumalai में एक जंगल जो साबित कर दिया कि लंबी अवधि की योजना बना से अधिक सिर्फ 3-4 साल की योजना बना से वन योजना के लिए और अधिक समझ में आता है के लिए 20 वर्ष की वृद्धि डेटा प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि उष्णकटिबंधीय सदाबहार उष्णकटिबंधीय शुष्क वन अमीर प्रजाति नहीं हो, लेकिन अपने स्वयं के आंतरिक मूल्यों हो सकता है और पर्यावरण परिवर्तनशीलता और अशांति का सामना करने में एक महत्वपूर्ण कार्बन सिंक किया जा सकता है वनों की तुलना में. इस UNFCC तहत अंतरराष्ट्रीय नीति विचार विमर्श के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

श्री के वेंकटरमन, निदेशक, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण भारत की समृद्ध जैव विविधता के बारे में बात की थी. वह पुराने विकास वन जो कुल जंगलों का 36% कर रहे हैं सिर्फ बचत के महत्व पर बल दिया. उन्होंने यह भी कहा कि हाल के एक अध्ययन से पता चला कि जंगल के एक हेक्टेयर 6000 पारिस्थितिक सेवाओं की कीमत डॉलर के एक औसत दिया. डा. PKSingh, निदेशक, भारतीय वानस्पतिक सर्वेक्षण भी इस अवसर पर उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि भारत महत्वपूर्ण कृषि बागवानी फसलों की 167 प्रजातियों है.

सम्मेलन में एक भव्य सफलता थी. राष्ट्रीय वानस्पतिक अनुसंधान संस्थान, बीरबल साहनी का Paleobotany संस्थान, औषधीय और सुगंधित पौधों, CDRI, गन्ना प्रजनन अनुसंधान संस्थान और मछली और आनुवंशिक संसाधन, नेशनल ब्यूरो के केन्द्रीय संस्थान के वैज्ञानिकों subtropical बागवानी संस्थान के निदेशक, श्री Ravishanker सब से वन अधिकारियों के साथ राज्य में इस अवसर पर उपस्थित थे.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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बैंकिंग उद्योग में ग्रीन बैंकिंग की शुरूआत हो रही है

Posted on 23 May 2011 by admin

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको मंे अग्रणी विजया बैंक, जिसका मुख्यालय बंगलौर में है, ने आज बैंक के बंगलौर स्थित प्रधान कार्यालय में आयोजित एक शानदार समारोह में डेविट कार्ड का नया वेरियंट वी-इंस्टा डेविट कार्ड लांच किया । ग्राहकों की बड़ती हुई संख्या और उनकी आवश्यकताओं को देखते हुए बैंक लगातार नये-नये प्रोडक्ट तैयार करता रहा है ताकि ग्राहकों को उनकी मनपसन्द सेवाएं मिलती रहें। आल्टरनेटिव डिलीवरी चैनल की श्रंखला मंे वी-इंस्टा डेविट कार्ड एक नया प्रोडक्ट है जिसे वीसा इण्टरनेशनल के सहयोग से तैयार किया गया है। इस अवसर पर लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रमुख ए.सी. स्वाई ने बताया कि बैंकिंग उद्योग में ग्रीन बैंकिंग की शुरूआत हो रही है जिसमें कागजों का इस्तेमाल नहीं होगा। इसमे लेनदेन करना न केवल सुविधाजनक अपितु सुरक्षित भी है और ग्राहक अपनी सुविधा के अनुसार इसका उपयोग कर सकेगा। यह तकनीक सरल, स्मार्ट और सस्ती होगी और इसे आानी से आॅपरेट किया जा सकेगा। ग्राहकों के लिए यह वन स्टाॅप साल्यूशन है जिसमंे नकदी निकालने, खरीददारी करने, यात्रा पर जाने व यूटिलिटी पेमेण्ट की सुविधा चैबीसों घण्टे उपलब्ध होगी। ग्राहकों को प्रसन्न रखने की दिशा मंे बैंक का यह एक और नया कदम है। आल्टरनेटिव डिलिवरी चैनल के माध्यम से हम कार्पोरेट क्लाइण्टों और कम्प्यूटर सेवी नई पीढ़ी को अपने साथ जोड़ना चाहते है। वी-इंस्टा डेविड कार्ड की मुख्य विशेषताएं है बैंक की ग्राहकों को खाता खोलते समय ही वैलकम किट के रूप मंे इंस्टेंट डेविट कार्ड प्राप्त होगा। इस कार्ड की वैलिडिटी दस वर्ष है। नकदी निकालने के लिए दुनिया भर के किसी भी ए.टी.एम. पर इसका उपयोग किया जा सकता है। दुनिया भर में किसी भी मर्चेण्ट इस्टेब्लिशमंेट पर इसका उपयोग किया जा सकता है। नकदी निकालने के लिए दैनिक सीमा 30000/- व मर्चेण्ट लेन-देन के लिए 25000 रूपये है। शीघ्र ही आॅनलाइन भी इसका उपयोग किया जा सकेगा। इस नये प्रोडक्ट के साथ बैंक आशा करता है कि इस वित्तीय वर्ष में हम अतिरिक्त दस लाख कार्ड जोड़ कर अपने कार्ड आधार को 25 लाख तक पहुंचा सकेंगेे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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मेयर को पितृ शोक

Posted on 23 May 2011 by admin

मेयर डा0 दिनेश शर्मा के पिता श्री केदार नाथ शर्मा ‘पाधा जी’ का सोमवार को निधन हो गया। 25 दिसम्बर 1921 को जन्में ‘पाधा जी’ का जीवन जनसंघ से जुड़ा रहा था।पंडित दीनदयाल उपाध्याय व नाना जी देशमुख से भी इनके घनिष्ठ सम्बन्ध रहे थे। ऐशबाग स्थित इनके आवास पर दीन दयाल उपाध्याय बैठक किया करते थे। पहलवानी का शौक रखने वाले ‘पाधा जी’ का ऐशबाग रामलीला के आयोजन में मुख्य योगदान रहा था। इधर कुछ समय से वह बीमार चल रहे थे। आज सुबह तबियत बिगड़ने पर उन्हें ऐशबाग मास्टर कन्हैया लाल रोड स्थित आवास से ट्रामा सेन्टर ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इनके निधन की सूचना मिलते ही सैकड़ों शुभ चिन्तक उनके आवास पर श्रद्वांजलि अर्पित करने पहुंच गए। ‘पाधा जी’ का अन्तिम संस्कार मंगलवार को गुल्लाला घाट पर होगा। शवयात्रा सुबह नौ बजे 24 मई को ऐशबाग स्थित आवास से शुरू होगी, जो पहले ऐशबाग रामभवन जायेगी और फिर गुल्लाला घाट पर अन्तिम संस्कार होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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विधानसभा क्षेत्रों में संभावित प्रत्याशियों की तीन-तीन सदस्यीय सूची

Posted on 23 May 2011 by admin

राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख चैधरी अजित सिंह ने उत्तर प्रदेश में वर्ष 2012 में आगामी विधानसभा चुनाव हेतु सभी विधानसभा क्षेत्रों में संभावित प्रत्याशियों की तीन-तीन सदस्यीय सूची चयनित कर आगामी 15 जून तक उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश इकाई को निर्देशित किया है।

रालोद महासचिव अनिल दुबे ने बताया कि संभावित प्रत्याशियों के चयन तथा अन्य विषयों पर चर्चा हेतु कल दिनांक 24 मई को प्रदेश कार्यालय लखनऊ में पार्टी के प्रदेशीय पदाधिकारियों व कार्य समिति के सदस्यों की बैठक बुलायी गयी है। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष बाबा हरदेव सिंह करेंगे।

श्री दुबे ने आगे बताया कि संभावित प्रत्याशियों के चयन हेतु प्रदेश अध्यक्ष बाबा हरदेव सिंह ने सभी जिला व नगर इकाइयों को प्रपत्र भेजा जिसमें सभी प्रदेशीय पदाधिकारियों व वरिष्ठ नेताओं से विचार विमर्श करके चयनित सूची को 15 जून के पूर्व प्रदेश कार्यालय भेजने को कहा गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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यू0पी0ए0 सरकार व प्रदेश की बसपा सरकार आने वाले दिनों में घोटालों व भ्रष्टाचार के नाम से जानी जाएंगी

Posted on 23 May 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने महासंग्राम रैली की पूर्व संध्या पर गोरखपुर में पे्रस वार्ता की। श्री शाही ने कहा कि केन्द्र का यू0पी0ए0 सरकार व प्रदेश की बसपा सरकार आने वाले दिनों में घोटालों व भ्रष्टाचार के नाम से जानी जाएंगी। 4 वर्ष के शासन में प्रदेश व 2 वर्ष के शासन में यू0पी0ए0 सरकार में घोटालों का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। केन्द्र ने इसमें गोल्ड मेडल की महारत हासिल की है। प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने पत्रकारों से गोरखपुर में कही। गोरखपुर में जो महासंग्राम रैली हो रही है यह मायावती व मनमोहन के भ्रष्टाचार, घोटालों, किसानों के दमन, प्रदेश में जंगलराज, महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार, मंहगाई व्यापारी व नौजवानों के शोषण के खिलाफ महासंग्राम का संघर्ष है। गोरखपुर के इतिहास में यह रैली ऐतिहासिक होगी।

श्री शाही ने कहा कि भाजपा ने माया सरकार के 100 संगीन घोटालों का संकलन कर जनता के बीच में ले जाने का कार्य किया है। 11 योजनाओं में ही 2 लाख 54 हजार का घोटाला सरकार ने किया है। चीनी मिलों को बेचने पर सरकार आमदा है। आबकारी व बालू खनन अवैध तरीके से चले रहें हैं। चार वर्ष के शासन में 8 बार किसानों पर गोलियां चलाई गई। मुलायम ने अपराधियों का राजनीतिकरण किया था। मायावती ने राजनीति का अपराधीकरण कर दिया है। 13 विधायक प्रदेश की जेलों में बंद है, जिसमें 4 बसपा 4 सपा के हैं। बाकि 5 निर्दलीय है। सात मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में मंत्रीमण्डल से निकाले जा चुके हैं। केन्द्र सरकार पर वार करते हुए श्री शाही ने कहा कि बढ़ती हुई मंहगाई सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

उन्होंने लोगांे को भूख से मरने के लिए मजबूर कर दिया है। बसपा व सपा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से बिना शर्त केन्द्र का समर्थन कर रही है। केन्द्र के जनविरोधी नीतियों के दोनों बराबर के जिम्मेदार हैं। भाजपा महासंग्राम रैली में इन तीनों के विरूद्ध संघर्ष का शंखनाद करेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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बाइक की टक्कर से साइकिल सवार की मौत

Posted on 23 May 2011 by admin

तेज रफ्तार बाइक ने साइकिल सवार को टक्कर मार दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। जिला अस्पताल में उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। वहीं ट्रैक्टर-ट्राली से कुचलकर महिला की मौत की रिपोर्ट पुलिस ने दर्ज कर ली है।

जनकारी के अनुसार तहसील जलालाबाद के ग्राम अफतियापुरर निवासी बावन वर्षीय छोटे लाल बैंक में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। शनिवार की शाम वह बैंक से काम निपटा कर वापस साइकिल से घर जा रहा था। रास्ते में सिकन्दरपुर गांव के पास तीव्र गति से आ रही बाइक ने उसकी साइकिल को टक्कर मार दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसने देर रात जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया। कर्मवीर सिंह निवासी सहुरापुर, थाना पचदेवरा, हरदोई बाइक छोड़कर भाग गया। पुलिस ने शव को पीएम के लिए भेज दिया है। मृतक के भाई शीशराम ने अज्ञात बाइक चालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

वहीं हरदोई के शाहाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम हसनपुर निवासी अवधेश कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि 15 मई को दोपहर बारह बजे वह अपनी पत्नी धनदेवी व तीन वर्षीया पुत्री सरल व पुत्र अमन को लेकर बाइक से ग्राम बरेंडा बहन के घर जा रहा था। महुआ तिराहा के पास पीछ से ट्रैक्टर-ट्राली ने बाइक को टक्कर मार दी थी। जिससे उसकी पत्नी की मौत हो गई थी। मृतका के पति ने चालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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डेढ़ वर्ष पूर्व अगवा किशोरी पिता को सौंपी

Posted on 23 May 2011 by admin

डेढ़ वर्ष पूर्व अगवा की गई किशोरी को न्यायिक दण्डाधिकारी द्वितीय अशोक कुमार दुबे की अदालत में पेश किया गया। सुपुर्दगी के लिये दोनों पक्षों ने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किये। अदालत ने सुनवाई के उपरान्त पीड़िता को नाबालिग पाते हुए पिता की सुपुर्दगी में दे दिया। मामले की अब सुनवाई 10 जून होगी।

जनपद के थाना मिर्जापुर के ग्राम मौजमपुर के हरसहाय पुत्र रामेश्वर की नाबालिग पुत्री का ग्राम के अजीत नत्थू, अखिलेश पुत्र रामनिवास प्रमोद पुत्र भगवानदास ने 19 नवम्बर 2009 को अपहरण कर लिया था। उसे विभिन्न स्थानों पर रखा। इस दौरान वह गर्भवती हो गई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया, जिसकी आयु इस समय छह माह है। उसका नाम अनुज कुमार है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 363, 366 में 26 नवम्बर 2009 को रिपोर्ट दर्ज की। किन्तु पुलिस ने किसी मुल्जिम की गिरफ्तारी नहीं की। पीड़िता के पिता ने स्थानीय स्तर से राजधानी तक खूब पैरवी की। विवेचनाधिकारी अनूप कुमार राठी ने 15 मई, 2011 को जरियनपुर तिराहे से पीड़िता को बरामद कर लिया और 19 मई, 11 को अदालत में पेश किया। पुलिस मुल्जिमों को अब तक नहीं गिरफ्तार कर सकी। जेएम श्री दुबे ने उभय पक्ष के वकीलों की बहस सुनी और आदेश किया कि पीड़िता नाबालिग है वह अपना अच्छा-बुरा नहीं सोच सकती है। ऐसे में उसे और उसके बच्चे अनुज कुमार को पिता की सुपुर्दगी में दिया जाये और सम्बन्धित थाना पुलिस उसके पिता के घर तक सुरक्षित पहुंचाये। सूत्रों के अनुसार पीड़िता ने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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सिक्किम मनिपाल विश्वविद्यालय - दूरस्थ शिक्षा द्वारा ग्रीष्मकालीन 2011 सत्र में नामांकन की घोषणा नए कला एवं मानविकी संकाय का आरंभ किया

Posted on 23 May 2011 by admin

ऽ    कला एवं मानविकी में स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम का आरंभ
ऽ    पूरे साल नामांकन की सुविधा
ऽ    प्रबंधन एवं वाणिज्य, सूचना तकनीकी, व्यावसायिक विज्ञान, आतिथ्य एवं पर्यटन, समवर्गी स्वास्थ्य, कला एवं मानविकी के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में नामांकन
ऽ    देश के 310 शहरों के 710 से अधिक शिक्षण केंद्रों पर आवेदन प्रपत्र उपलब्ध
ऽ    एसएमयू-डीइ अध्ययन के लिए स्व-शिक्षण सामग्री, शिक्षण केंद्रों और एडुनेक्स्ट (इंटरनेट के माध्यम से अगली पीढ़ी तकनीक से लैश शिक्षण व्यवस्था) समेत लचीला प्रबंध मुहैया करता है
ऽ    एसएमयू-डीइ अध्ययन डीइसी द्वारा स्वीकृत, यूजीसी द्वारा मान्य और आइएसओ 9001ः2008 प्रमाणित है
ऽ    विस्तृज जानकारी के लिए http: www.smude.edu.in पर लाॅग-औन करें या संपर्क करें 1800-266-7878 (निःषुल्क) नंबर पर या एसएमस करें, लिखें “SMUDE” <your name> और भेज दें 5607002 पर। आप हमारे इ-मेल enquiry@smude.edu.in पते पर लिख भी सकते हैं

भारत में दूरस्थ शिक्षा प्रदान करने वाली बड़ी संस्था, एसएमयू-डीइ ने ग्रीष्मकालीन सत्र 2011 में नामांकन आरंभ होने की घोषणा कर दी है। विभिन्न अध्ययनों के लिए देश भर के 310 शहरों में 710+ एसएमयू-डीइ शिक्षण केन्द्रों पर आवेदन उपलब्ध हैं। विस्तृत जानकारी के लिए http://www.smude.edu.in पर लाॅग-आॅन करें या संपर्क करें 1800-266-7878 (निःषुल्क) नंबर पर या एसएमस करें, लिखें “SMUDE” <your name> और भेज दें 5607002 पर। आप इ-मेल enquiry@smude.edu.in पते पर लिख भी सकते हैं।

कैरियर 360 पत्रिका द्वारा परिणाम और निपुणता के लिए सर्वश्रेष्ठ घोषित एसएमयू-डीइ में आइटी, टेलीकाॅम टेक्नोलौजी, मैनेजमेंट, आट्र्स, काॅमर्स, जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेषन, एपेरेल एवं फैशन डिजाइन, होस्पीटेलिटि एवं टूरिज्म, सेफ्टी एवं फायर, आप्लाइड हेल्थ साइंसेज, बायोटेक्नोलौजी एवं बायोइन्फाॅर्मेटिक्स, इकोलाॅजी एवं एन्वायरमेंटल साइंस समेत 12 विषयों के 51 कोर्सेस के रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम उपलब्ध है। ये रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम डिप्लोमा, स्नातक, स्नातकोत्तर डिप्लोमा एवं मास्टर्स डिग्री स्तर तक पढ़ाए जाते हैं। ‘उच्च गुणवत्ता’ के मूल मंत्र के साथ एसएमयू-डीइ व्यापक अनुसंधान से तैयार पाठ्यक्रम और औद्योगिक संदर्भ के सिद्धान्तों एवं कार्यों को मिलाकर ऐसा शिक्षण प्रदान करता है जिससे छात्रों को सैद्धान्तिक और कार्यात्मक ज्ञान का अनूठा लाभ हासिल होता है।

अभिलाषियों के लाभ के लिए अब एसएमयू-डीइ ने कला और मानविकी संकाय के चार नए पाठ्यक्रम आरंभ किए है जो इतिहास और राजनीति विज्ञान में बी.ए., बी.काॅम. तथा इतिहास और राजनीति विज्ञान में एम.ए., एम.काॅम. की डिग्रियां हैं।

एसएमयू-डीइ के सभी छात्रगण इस संस्थान के द्वारा आरंभ किए गए तकनीकी सवंर्द्धित शिक्षण व्यवस्था, ‘एडुनेक्स्ट’ की सुविधा प्रदान करता है जिसके तहत इंटरनेट के माध्यम से वे कहीं भी और कभी भी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। सारतत्व, सहयोग, संचार और संगणना जैसे 4-स एडुनेक्स्ट के विकास का आधार है जो शिक्षा को व्यापक आयाम प्रदान करता है। एडुनेक्स्ट के माध्यम से छात्रों को आॅन-लाइन परीक्षा देने और प्रश्नों को हल करने, लेखों को पढ़ने, ब्लाॅग लिखने, बहसों में भाग लेने और लगभग 10 लाख पुस्तकों और पत्रिकाओं का अवलोकन करने की सुविधा के साथ ‘पोर्टेबल कैंपस’ एवं मागदर्शकों के साथ होने का अहसास प्रदान करता है। एसएमयू-डीइ की शिक्षा व्यवस्था के अंतर्गत एडुनेक्स्ट एवं अकादमिक श्रम और व्यक्तिगत शिक्षण वातावरण का मिश्रण प्रस्तुत किया जाता है जो लचीली, सुविधाजनक एवं पहुंच के नजरिए से सहज है। इन खूबियों के कारण भारत में शिक्षण वातावरण के मामले में यह ‘अपनी तरह की पहली’ प्रणाली है जसे कभी भी और कहीं भी शिक्षा हासिल करने की आसान सुविधा प्रदान करती है।

छात्रों को धारदार बनाने के अपने अभियान में, एसएमयू-डीइ ने पिछले साल प्रो-डिग्री कार्यक्रम आरंभ किया है जो एक अभिनव व्यवस्था है है एवं जिसे कोर्स पूरा होने तक छात्रों को प्रत्येक डिप्लोमाा और सर्टिफिकेट के सहारे साल-दर-साल रोजगार दिलाने वाले डिग्री पाठ्यक्रम के रूप में तैयार किया गया है।
एसएमयू व डीई के विषय में
सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय, सिक्किम सरकार और मणिपाल एजूकेशन के मध्य एक अनूठी सार्वजनिक-निजी भागीदारी हैं, एसएमयू, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रमाणित एक राज्यीय विश्वविद्यालय है और भारतीय विश्वविद्यालयों की एसोशिएशन की सदस्य है। दूरस्थ शिक्षा परिषद ने एसएमयू (सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय) के प्राधिकार में प्रस्तुत सभी दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों को मान्यता प्रदान की है। एसएमयू का दूरस्थ शिक्षा निदेशालय आईएसओ 9001ः2008 प्रमाणित है।

बीते वर्षों में एसएमयू-डीई ने दूरस्थ शिक्षा के मानदंडों को उच्च बनाने के लिये निरंतर प्रयासरत रहा है। इस संस्था को मिले प्रशस्ति में निम्नलिखित शामिल हैं:
ऽ    कॅरियर 360 पत्रिका द्वारा सक्षमता में पहला स्थान एवं प्रशिक्षण अनुभव में दूसरा स्थान। कॅरियर 360 द्वारा दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में किया गया यह पहला सर्वेक्षण है और इस सर्वेक्षण में एसएमयू-डीई को भारत के 3 सर्वश्रेष्ठ दूरस्थ शिक्षा संस्थानों में शामिल किया गया है।
ऽ    सर्वश्रेष्ठ दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम के लिये देवांग मेहता बिजनेस स्कूल अवार्ड्स
ऽ    दूरस्थ शिचा के क्षेत्र में प्रबंधन शिक्षण प्रक्रिया में तकनीकी के उपयोग के लिये डीएनए-बेस्ट बी-स्कूल का अवार्ड
ऽ    दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन प्रशिक्षण के लिये स्टार न्यूज अवार्ड
ऽ    डिजिटल लर्निंग आईसीटी सन्निहित यूनिवर्सिटी आॅफ द ईयर का ई-इंडिया एवं ई-राजस्थान अवार्ड्स

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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