Archive | May 1st, 2011

देश में केवल बसपा की सरकार बनेंगी- मन्नान

Posted on 01 May 2011 by admin

कैबिनेट मंत्री अब्दुल मन्नान ने जनपद के ग्राम रैसों में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए विपक्षियों पार्टीयों पर तीखें प्रहार किए। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा विकास विधायक की हैसियत से हमने ही करवाएं है इससे पहले उन्होंने ग्राम रैसों प्राथमिक विद्यालय का लोकार्पण भी किया। उन्होंने कहा कि बसपा सरकार ने 15 लाख बेरोजगारों को नौकरियां दिलवाई। सरकार की मुखिया ने गरीब आर्थिक योजना के रूप में 400 रूपए प्रतिमाह देने का काम किया है। सावित्री बाई बालिका योजना, महामाया गरीब बालिका योजना, कांशीराम शहरी आवास योजना, आदि केवल बसपा और उसकी मुखिया मायावती की ही देन है। कार्यक्रम जिला पंचायत सदस्य अनिल तिवारी, परशुराम चैरसिया, प्रधान लालता प्रसाद ने मांग करते हुए मंत्री महोदय से पेयजल, बिजली सहित कई समस्याओं का निदान करने की अपील की। जिस पर उन्होंने सभी का आश्वस्त किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त- सूर्य प्रताप शाही

Posted on 01 May 2011 by admin

केंद्र की कांग्रेस की यह सरकार घोटालों और महंगाई जननी है तो प्रदेश यह सरकार भ्रष्टाचार कानून व्यवस्था सवैधानिक व्यवस्था को ध्वस्त कर रही है। इसके साथ समाजवादी पार्टी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में दोनों सरकारों की मदद कर रही है। टू जी स्टेक्ट्रम घोटाले काण्ड यही पार्टिया केंद्र की सरकार जो कांग्रेस पार्टी की सरकार है के साथ खड़ी है। तो इनकी नियत, चरित्र सभी कुछ साफ है। उपरोक्त शब्दों का प्रयोग भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने जनपद के सवायजपुर क्षेत्र की जनता को संबोधित करते हुए कहें। भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने फर्रूखाबाद जाते समय सवायजपुर की जनता के मध्य माधवेंद्र प्रताप रानू द्वारा आयोजित एक सभा में कहा। महिलाओं की आबरू सुरक्षित नही हैं हत्यायें हो रही है। माया सरकार 25 हजार करोड़ का चीनी मिल घोटाला 45 हजार हेक्टैयर जमीन किसानों की उद्योगपतियों को सौंपकर ठीक उसी प्रकार जिस तरह 10 हजार हेक्टैयर जमीन मुलायम ने अंबानी बधुंओं को दे दी थी। यहां पर भाजपाईयों ने मुख्यमंत्री का पुतला भी फंूका। शाही का जोरदार स्वागत सवायजपुर में किया गया। जिलाध्यक्ष राजीव रंजन मिश्र, विष्णु दयाल शुक्ल, मनोज आदि कार्यकर्ताओं ने माधौगंज में भी शाही का जोरदार स्वागत किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

उ0प्र0 विधान सभा के आम चुनाव में बचे एक वर्ष से कम समय में केन्द्र सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड के लिए की गयीं कुछ घोषणाएं केवल राजनीतिक ड्रामेबाजी-माननीया मुख्यमंत्री जी

Posted on 01 May 2011 by admin

उत्तर प्रदेश में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास हेतु केन्द्रीय सहायता का पर्दाफाश-माननीया मुख्यमंत्री जी

लखनऊ - उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के पिछड़ापन के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 सरकार एवं अन्य विपक्षी दलों की सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि इन सरकारों के सौतेले एवं उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण ही बुन्देलखण्ड क्षेत्र का सर्वांगीण विकास नहीं हो सका। उन्होंने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर बुन्देलखण्ड को लेकर सिर्फ राजनीति किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अपने शासन काल में इन सभी विपक्षी पार्टियों ने बुन्देलखण्ड के विकास के लिए कौन-कौन से ठोस उपाय किये, पहले इसका हिसाब यहां की जनता को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत बी0एस0पी0 सरकार ने पिछले लगभग 4 वर्षों में अपने सीमित संसाधनों से बुन्देलखण्ड क्षेत्र की बदहाली दूर करने के लिए हर सम्भव प्रयास किया है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने 13 मई 2007 को सत्ता में आने के तुरन्त बाद 26 मई 2007 को प्रधानमंत्री जी से मिलकर सबसे पहले बुन्देलखण्ड एवं पूर्वान्चल क्षेत्र के विकास एवं अन्य जनहित कार्यों के लिए 80 हजार करोड़ रूपये का विशेष आर्थिक पैकेज स्वीकृत करने का अनुरोध किया था, इसमें एक अहम अन्य बिन्दु था, जिसमें बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए स्पेशल एरिया इन्सेन्टिव पैकेज के साथ ही क्षेत्र के विकास हेतु संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की गयी। उन्होंने 17 जुलाई, 2007 को पत्र लिखकर यह पैकेज शीघ्र देने का अनुरोध भी किया था। उन्होंने कहा था कि बुन्देलखण्ड की परिस्थितियां उत्तराखण्ड, हिमांचल प्रदेश के समान है, इसलिए बुन्देलखण्ड को भी स्पेशल एरिया इन्सेटिव पैकेज दिया जाना चाहिए।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने केन्द्र सरकार के सामने यह तथ्य भी रखा कि उत्तराखण्ड तथा कुछ अन्य राज्यों को स्पेशल एरिया इन्सेंटिव पैकेज दिया गया है जिसमें केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में 10 वर्ष की छूट, आयकर में प्रथम 5 वर्ष के लिये शत-प्रतिशत छूट तथा अगले वर्षों के लिये 30 प्रतिशत की छूट, 30 लाख रूपये की अधिकतम सीमा तक के पूॅजी निवेश पर 15 प्रतिशत का अनुदान सम्बन्धी रियायतें शामिल थीं। साथ ही यह भी तर्क दिया गया कि जिन क्षेत्रों के लिये यह पैकेज दिया गया है, उन क्षेत्रों की स्थिति बुन्देलखण्ड क्षेत्र के समान ही है। इसलिये बुन्देलखण्ड क्षेत्र को भी उन क्षेत्रों की भाति विशेष पैकेज की मदद दी जानी चाहिए, लेकिन केन्द्र द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिये पैकेज देने पर अभी भी फैसला नहीं लिया गया।
मंत्रिमण्डलीय सचिव श्री शशांक शेखर सिंह लाल बहादुर शास्त्री भवन स्थित मीडिया सेन्टर में कांग्रेस द्वारा बांदा में आज आयोजित जनसभा में विकास को लेकर उठाये गये कुछ बिन्दुओं पर माननीया मुख्यमंत्री जी की ओर से कुछ तथ्य मीडिया के समक्ष रख रहे थे। उन्होंने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने अपने हर कार्यकाल में बुन्देलखण्ड के विकास के लिए ठोस कदम उठाने के साथ-साथ, इस क्षेत्र की प्रगति के लिए विभिन्न योजनाओं का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन भी सुनिश्चित कराया। उन्होंने कहा कि केन्द्र की सरकार ने बुन्देलखण्ड एवं अन्य क्षेत्रों के विकास के लिए मांगे गये 80 हजार करोड़ रूपये का विशेष आर्थिक पैकेज स्वीकृत किया होता तो आज विकास के मामले में बुन्देलखण्ड की तस्वीर दूसरी होती।
श्री सिंह ने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी का यह भी कहना है कि समय-समय पर केन्द्र सरकार द्वारा घोषित पैकेज की धनराशि से कहीं अधिक धनराशि राज्य सरकार हर साल बुन्देलखण्ड के विकास पर खर्च कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र द्वारा जिस पैकेज की बात की जा रही है, उसमें 3500 करोड़ रूपये की धनराशि 3 साल में बतायी गयी है, लेकिन वास्तव में 1600 करोड़ रूपये की ही धनराशि उपलब्ध करायी जा रही है और शेष धनराशि केन्द्र की पूर्व से चालू योजनाओं के माध्यम से उपलब्ध होनी है, लेकिन केन्द्र के निर्णय के बावजूद उनके अधीनस्थ सम्बन्धित केन्द्रीय मंत्रालयों द्वारा अपनी योजनाओं में पैकेज के अन्तर्गत धनराशि नहीं दी जा रही है।
मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक 800 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त की गयी है। इतना ही नहीं केन्द्र सरकार से केन्द्र की योजनाओं में राज्य को मिलने वाली सहायता भी उपलब्ध नहीं करायी जा रही है। जिससे राज्य में संचालित योजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007-08 में 4935 करोड़ रूपये, वर्ष 2008-09 में 3266 करोड़ रूपये वर्ष 2009-10 में 7320 करोड़ रूपये तथा वर्ष 2010-11 में  5864 करोड़ रूपये अर्थात कुल मिलाकर 21 हजार करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि पिछले चार वर्षों में केन्द्र द्वारा राज्य को अवमुक्त नहीं की गयी। यह राज्य के प्रति केन्द्र की उपेक्षापूर्ण रवैये का द्योतक है।
श्री सिंह ने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी का यह भी कहना है कि मनरेगा के अन्र्तगत राज्य द्वारा उपलब्ध धनराशि का उपयोग न किये जाने की आज जनसभा में चर्चा हुई, लेकिन वास्तविकता यह है कि भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष के अन्तिम माहों में दी गयी धनराशि इतने कम समय में कैसे उपयोग हो सकती है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि मनरेगा में प्रदेश को क्रेन्द्र द्वारा 8428 करोड़ रूपये की धनराशि उपलब्ध कराने की योजना बनायी थी लेकिन 5267 करोड़ रूपये की धनराशि ही राज्य को उपलब्ध करायी गयी। एक ओर जहां अपेक्षित धनराशि नहीं दी गयी वहीं 2000करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि वित्तीय वर्ष के अन्तिम माह में दी गयी।
मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी ने कांग्रेस को याद दिलाया कि सन् 2007 में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में भयंकर सूखा पड़ा था, उस समय कांग्रेस के लोगों को यहां की याद तक नहीं आयी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा केन्द्र से सूखे की गम्भीरता को देखते हुए 7016 करोड़ रूपये की सहायता की मांग की गयी। लेकिन केन्द्र सरकार ने इस तत्कालिक एवं विषम परिस्थिति से लोगों को उबारने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
मंत्रि मण्डलीय सचिव ने आगे कहा कि केन्द्र द्वारा पिछड़ा वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति दिये जाने की योजनायें चलाई जा रही हैं, लेकिन निर्धारित मापदण्ड के अनुसार पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति दिये जाने हेतु बजट व्यवस्था केन्द्र द्वारा सुनिश्चित नहीं की जा रही है। फलस्वरूप राज्य को 2000 करोड़ रूपये से अधिक अपने संसाधनों से यह छात्रवृत्ति देनी पड़ रही है जिससे बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। भारत सरकार द्वारा केन्द्रीय अधिनियमों के माध्यम से कुछ कार्यक्रमों को प्रारम्भ करने के उपरान्त उनके लागू किये जाने पर राज्यों पर अतिरिक्त व्यय-भार आ जाता है। उदाहरण के तौर पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू करने पर प्रदेश के खजाने पर लगभग 15 हजार करोड़ रूपये से अधिक का अतिरिक्त व्यय-भार पड़ रहा है।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र की सड़कों की उपेक्षित स्थिति के दृष्टिगत मंत्रि मण्डलीय सचिव ने कहा कि प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना में एक हजार से अधिक आवादी वाले बस्तियों को सम्पर्क मार्ग से जोडे़ जाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा एक हजार से कम जनसंख्या वाली बस्तियों के 6000 करोड़ रूपये के प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे गये हैं लेकिन भारत सरकार द्वारा इस  वजह से स्वीकृत नहीं किये गये हैं कि अन्य राज्यों में अभी एक हजार से अधिक जनसंख्या वाली बस्तियों को संपर्क मार्गों से जोड़ा नहीं जा सका है। उत्तर प्रदेश की माॅंग को केन्द्र द्वारा स्वीकार नहीं किया परन्तु कांग्रेस शासित राजस्थान में इसी श्रेणी की बस्तियों को तथाकथित नीति के विपरीत स्वीकृति प्रदान की गयी है तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 1000 से कम जनसंख्या वाली बस्तियों में दोहरी नीति न अपनाते हुए सम्पर्क मार्ग से जोड़ा जाता है तो इस क्षेत्र का  कायाकल्प हो जाता। इसी प्रकार केन्द्र मार्ग नीति के तहत उत्तर प्रदेश को प्रति वर्ष राशि मिलने का हक है, परन्तु केन्द्र सरकार द्वारा विलम्ब करके इसको वर्ष के अन्त में ही जारी किया जाता है, जिस कारण उत्तर प्रदेश उसको समय से खर्च नहीं कर पा रहा है। वर्ष 2010-11 में दिनाॅंक 31.3.2011 को ही आदेश जारी किये गये है जिससे स्पष्ट है कि एक दिन में सड़क बनाने का कार्य नहीं हो सकता।
श्री सिंह ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में भी प्रदेश द्वारा भेजे गये मजरों के विद्युतीकरण की योजना को स्वीकृत नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मजरों के विद्युतीकरण हेतु धनराशि मांगे जाने पर यह कहा गया कि पहले सभी गैर विद्यतीकृत ग्रामों का कार्य पूर्ण किये जाने के बाद ही मजरों के कार्यों को लिया जायेगा लेकिन इसके ठीक विपरीत रायबरेली तथा सुल्तानपुर जनपदों के मजरों को ले लिया गया है।
श्री सिंह ने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी का यह भी कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार बुन्देलखण्ड को आधुनिक, आर्थिक एवं सामाजिक रूप से विकसित राष्ट्र के उस हिस्से के रूप में देखती है, जहां के लोग रोज़गार गारण्टी योजना में मज़दूरी करने तक सीमित न रहें बल्कि एक विविधिकृत अर्थव्यवस्था के अधीन अवस्थापना, कृषि, औद्योगिक एवं सेवा क्षेत्र का केन्द्र बिन्दु बने। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार ने बुनियादी सुविधाओं के साथ ही विकास का एक सकारात्मक वातावरण सृजित किया है, जिसमें विकसित क्षेत्रों के बराबर आने के लिये दूरगामी परिणाम देने वाली योजनायें शामिल हैं। इसके साथ ही जनमानस की रोज़मर्रा की जिन्दगी को बेहतर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाये गये हैं।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने बुन्देलखण्ड के औद्योगिक विकास के सम्बन्ध में केन्द्र सरकार के जिम्मेदार लोगों को याद दिलाया कि वर्ष 1985 में पिकप के सहयोग से बुन्देलखण्ड में एक फ्लोट ग्लास फैक्ट्री के लिए लेटर आॅफ इन्टेन्ट जारी हुआ था और इस फैक्ट्री का शिलान्यास भी 1987 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी द्वारा किया गया था, उस समय उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार थी। उन्हांेने कहा कि फैक्ट्री तो वजूद में न आ सकी, अलबत्ता पिकप का अंशदान जरूर गायब हो गया। इसी प्रकार कानपुर में ब्रिटिश इण्डिया कारपोरेशन तथा एन0टी0सी0 कम्पनियां 80 के दशक से ही बन्द पड़ी हैं और यही हाल रायबरेली और सुल्तानपुर में 80 के दशक में स्थापित फैक्ट्रियों का भी है।
श्री सिंह ने बताया कि माननीया मुख्यमंत्री जी का बुन्देलखण्ड में कम होती जा रही हरियाली के बारे में कहना है कि उन्होंने सत्ता में आते ही इस ओर पूरा ध्यान दिया। इसके तहत एक दिन में ही एक बड़ा अभियान चलाकर एक करोड़ पौधे रोपित कराये गये और अब तक 725 करोड़ रूपये की लागत से लगभग 10 करोड़ पौधे बुन्देलखण्ड क्षेत्र में लगाये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इसका लाभ आने वाली पीढ़ियों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में लगभग 2000 मेगावाट की कमी है जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में 8 से 10 घण्टे विद्युत आपूर्ति हो पाती है लेकिन बुन्देलखण्ड क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिये बिद्युत आपूर्ति का अलग रोस्टर निर्धारित किया गया है जिसके अन्तर्गत वर्तमान में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सभी जनपदों में 18 से 19 घण्टे की अनवरत विद्युत आपूर्ति की जा रही है। सरकार के कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व बुन्देलखण्ड क्षेत्र को अधिकतम 10 से 12 घण्टे की विद्युत आपूर्ति मिल पाती थी। विद्युत आपूर्ति बढ़ाने के फलस्वरूप कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा मिला है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र से पहले विद्युत की कमी के कारण जो उद्योग पलायन कर रहे थे अब या जो वापस आ गये हैं अथवा उद्योगों का पलायन रूक गया है।
माननीया मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्ष 2009 में घोषित नयी ऊर्जा नीति के फलस्वरूप निजी क्षेत्र में 1980 मेगावाट क्षमता की ललितपुर तापीय परियोजना स्थापित हो रहे है। इस परियोजना के लिये रिकार्ड समय में भूमि उपलब्ध करायी गयी है तथा निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गया है। परियोजना की प्रथम इकाई से अगले 4 वषों में विद्युत उत्पादन प्रारम्भ हो जायेगा। उन्होंने कहा कि जनपद चित्रकूट की बरगढ़ तहसील में 1320 मेगावाट की एक तापीय परियोजना तथा 600 मेगावाट की दूसरी तापीय परियोजना निजी क्षेत्र द्वारा स्थापित किये जाने के लिये समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किये गये हैं । इन दोनों परियोजनाओं के लिये भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही प्रारम्भ हो गयी है। 1320 मेगावाट क्षमता की परियोजना की प्रारम्भिक पर्यावरण स्वीकृति भी मिल गयी है।
श्री सिंह ने कहा कि इसके अलावा जनपद झाॅसी पारीक्षा तापीय विद्युत परियोजना की द्वितीय चरण के विस्तार के अन्तर्गत 500 मेगावाट क्षमता की परियोजना की स्थापना का कार्य अंतिम चरण में है और अगले 10 माह में विद्युत उत्पादन शुरू हो जायेगा।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने जनसभा में हुई सड़कों की चर्चा के बारे में कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपदों में 474 करोड़ रूपये की धनराशि से 3575 किमी0 ग्रामीण मार्गों का निर्माण कराया गया। इसके अतिरिक्त 520 करोड़ रूपये की धनराशि से 1124 किमी0 मार्गों का चैडीकरण/सुदृढ़ीकरण पूर्ण कराया गया है। आवागमन को सुगम बनाने के लिये 325 करोड़ रूपये की लागत के 17 सेतु स्वीकृत किये गये हैं। सड़कों की स्थिति में सुधार हेतु 231 करोड़ रूपये की धनराशि से 10961 किमी0 लम्बाई में मरम्मत के कार्य कराये गये।
मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा माननीया मुख्यमंत्री जी के बार-बार अनुरोध किये जाने के बाद भी बी0पी0एल0 सूची को संशोधन न किये जाने पर राज्य सरकार को बाध्य होकर अपने संसाधनों से उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मद्द योजना प्रारम्भ की गई है। योजना में चयनित परिवार की मुखिया को 400 रूपये प्रतिमाह की दर से सहायता राशि दिये जाने की व्यवस्था की गई है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 140050 परिवारों को लाभान्वित किया गया है।
श्री सिंह ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिये सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना में 17253 छात्राओं को 25000 रूपये प्रति छात्रा की दर से धनराशि के साथ ही एक-एक साइकिल उपलब्ध करायी गयी है। इस क्षेत्र में 32 राजकीय हाई स्कूलों को इण्टर तक उच्चीकृत किया गया है तथा 227 माध्यमिक विद्यालयों में आई0सी0टी0 योजना लागू की गयी है। बालकों की तुलना में बालिकाओं के घटते अनुपात, भ्रूणहत्या रोकने एवं बालिकाओं को सम्मानजनक आत्मनिर्भर बनाने के लिये महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजनान्तर्गत 18155 बालिकाओं को जन्म के साथ ही फिक्स डिपाजिट के माध्यम से धनराशि की व्यवस्था की गयी है ताकि 18 साल की आयु पर उन्हें कम से कम एक लाख उपलब्ध हो जाये।
श्री सिंह ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के ग्रामों में पर्यावरणीय सुधार हेतु 5305 सफाई कर्मचारियों के पदों का सृजन करते हुए 5117 कर्मियों की तैनाती की गयी है। ग्रामों में 825 किमी0 सी0सी0 रोड एवं 1411 किमी0 ड्रेन का निर्माण कराया गया है। इसके साथ ही 498 पंचायत भवनों तथा 263 ग्राम पंचायत सचिवालय भवनों का निर्माण किया गया। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में लोगों की आर्थिक स्थिति को देखते हेतु शादी बीमारी योजना में शादी हेतु अनुदान की 10000 रूपये की धनराशि को बढ़ाकर 20000 रूपये किया गया है और बीमारी के इलाज के लिये 2000 की धनराशि को बढ़ाकर 5000 रूपये किया गया है। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के  छात्रों को छात्रवृत्ति दिये जाने के लिये अभिभावक की आय सीमा एक लाख रूपये से बढ़ाकर दो लाख रूपये की गयी है।
श्री सिंह ने कहा कि राज्य सरकार गांवों के समग्र विकास के साथ ही शहरी गरीबों के लिए बेहतर जीवन स्तर उपलब्ध कराने के लिए मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना, मान्यवर श्री कांशीराम जी दलित बाहुल्य मलिन बस्ती विकास योजना, डा. अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना के साथ ही बुन्देलखण्ड तथा प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के किसानों के लिए स्प्रिंकलर सेट पर लघु/सीमान्त/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिला कृषकों को मूल्य का 50 प्रतिशत या रूपये 15,000 प्रति सेट तथा अन्य श्रेणी के कृषकों को मूल्य का 33 प्रतिशत या रूपये 10,000 प्रति सेट जो भी कम हो का अनुदान की योजना शुरू की है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में कृषकों को फलों के अंतर्गत आम, अमरूद, आंवला के नवीन बागों के रोपण हेतु लागत धनराशि का 75 प्रतिशत अधिकतम रू 22500/- प्रति हेक्टेयर का अनुदान की व्यवस्था की गयी है।
मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी ने 29 जनवरी, 2008 को बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास के लिए 1,514 करोड़ 27 लाख रूपये की घोषणाएं करते हुए बुन्देलखण्ड के सभी सातों जनपदों में सहकारी बैंक, ग्रामीण बैंक एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों के 50 हजार रूपये से कम से सभी ऋण पर बकाया ब्याज की धनराशि माफ करने और 50 करोड़ रूपये की लागत से पांच पाॅलीटेक्निक, 20 करोड़ रूपये की लागत से नौ आई0टी0आई0, 100 करोड़ रूपये की लागत से एक कृषि विश्वविद्यालय, 350 करोड़ रूपये की लागत से बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर मेडिकल काॅलेज, 184 करोड़ 27 लाख रूपये की लागत से मान्यवर श्री कांशीराम जी पैरामेडिकल ट्रेनिंग काॅलेज की स्थापना का निर्णय लिया।
श्री सिंह ने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी से चैथी बार सत्ता में आने के बाद निरन्तर अनुरोध करती आ रहीं हैं कि बुन्देलखण्ड की क्षेत्रीय असन्तुलन दूर करने के लिए केन्द्र सरकार राजनीति न करके विशेष पैकेज प्रदान करे। इस क्षेत्र में केन्द्रीय सेक्टर की बड़ी परियोजनायें स्थापित की जाये तथा इस क्षेत्र के त्वरित औद्योगिक विकास के लिए ठोस कदम उठाये जायें। माननीया मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह से यह भी अनुरोध किया है कि इस क्षेत्र की पानी की गम्भीर होती समस्या के समाधान के लिए पहल करें और इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए संसाधन उपलब्ध करायें।
मंत्रि मण्डलीय सचिव ने कहा कि माननीया मुख्य मंत्री जी तेजी से विकास एवं चुस्त प्रशासन के लिए छोटे राज्यों की पक्षधर हैं। इसीलिए उन्होने उत्तर प्रदेश को तीन भागों मे बांटकर बुन्देलखण्ड को पृथक राज्य बनानें के लिए  मा0 प्रधान मंत्री जी को पत्र लिखा। उन्होने कहा कि बुन्देलखण्ड के विकास के लिए उसे अलग राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए और इसके लिए केन्द्र सरकार की ओर से पहल की जानी चाहिए। उन्होने कहा कि मा0 मुख्य मंत्री जी का स्पष्ट मत है कि जिस दिन केन्द्र में बी एस पी की सरकार बनेगी, इस क्षेत्र के विकास के लिए पूरी मदद की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

नगर निगम के वार्डो में स्थित मतदान केन्द्र/स्थलों का भौतिक सत्यापन

Posted on 01 May 2011 by admin

मतदान केन्द्रो की सत्यापन बैठक 2 मई को कलेक्ट्रेट सभागार में आहूत

आगरा  -  जिलाधिकारी अजय चैहान ने आगरा शहर के 90 वार्डो हेतु स्थित मतदान केन्द्र/स्थलों का भौतिक सत्यापन कर आख्या निर्धारित प्रारूप पर प्रस्तुत करने हेतु वार्ड वार अधिकारियों को नियुक्त किया है। उन्होंने निर्देश दिये है कि नियुक्त अधिकारी मतदान केन्द्रों/स्थलों के सत्यापन के साथ-साथ प्रकाशित मतदाता सुची पर दावे-आपत्ति प्राप्त कर प्राप्त दावे-आपत्तियों का निस्तारण करेगें और अपने पर्यवेक्षणीय अधिकारी के दिशा निर्देशन में कार्य करना सुनिश्चित करें। नियुक्त सभी अधिकारी 2 मई को अपरान्ह 1ः00 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आहूत बैठक में भाग लेना सुनिश्चित करें।

जिलाधिकारी ने बताया कि आगामी नगर निकाय सामान्य निर्वाचन-2011 हेतु तैयार कराई जा रही निर्वाचक नामावली का अन्तिम प्रकाशन करा दिया गया है। जिसका अन्तिम प्रकाशन 1 जून 2011 को होना निर्धारित है। पूर्व में सम्पादित निर्वाचन में प्रयोग में लाये गये मतदान केन्द्रो/स्थलों में व्यापक परिवर्तन हो गया होगा या नवीन भवन बन गये होगें और यह भी सम्भव है कि पूर्व में जहां मतदान केन्द्र/स्थल बनाये गये थे वहां अब भवन मौजूद न हो इसके अतिरिक्त भौगोलिक एवं प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी कुछ मतदान कराया जाना सम्भव न हो ऐसी स्थिति में मतदाता सूची के अन्तिम प्रकाशन से पूर्व निर्धारित मतदान केन्द्रो/स्थलों के पुनरीक्षण एवं पुर्न निर्धारण की आवश्यकता है ।

उन्होंने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आगरा नगर के 90 वार्डो में स्थित मतदान केन्द्रो/स्थलों का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2011
M T W T F S S
« Apr   Jun »
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031  
-->









 Type in