बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा आज वाराणसी में आयोजित अधिवेशन के दौरान राज्य सरकार पर लगाये गये आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि अपने 38 वर्षों के शासन के दौरान यदि कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश का विकास किया होता तो, यहां की जनता कांगे्रस को सत्ता से बाहर क्यों करती। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में दलितों के मान-सम्मान, उत्थान व सर्वसमाज से गरीबी को दूर करने के लिए कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों की सरकारों ने इमानदारी से प्रयास किये होते तो फिर बी0एस0पी0 के गठन की जरूरत ही नहीं पड़ती।
प्रवक्ता ने कहा कि आजादी के लगभग 64 वर्ष बाद भी आज यदि पूरे देश में दलित वर्ग के लोग गरीबी और बदहाली का शिकार बने हुए हैं तो इसके लिए सबसे अधिक कांग्रेस पार्टी ही जिम्मेदार है, क्योंकि केन्द्र व ज्यादातर राज्यों में इस पार्टी ने ही सर्वाधिक समय तक शासन किया है। उन्होंने कहा कि दलितों के उत्थान के नाम पर घड़ियाली आसू बहाने वाले कांग्रेसी नेताओं को अनुसूचित जाति के लोगों से अपनी पार्टी द्वारा लगातार की जा रही उपेक्षा के लिए माफी मांगनी चाहिए।
बी0एस0पी0 प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 सरकार में राष्ट्र मण्डल खेलों, 2जी स्पेक्ट्रम तथा आदर्श सोसाईटी जैसे करोड़ों-अरबों रूपये के घोटाले का पूरे देश की जनता जवाब मांग रही है, लेकिन यू0पी0ए0 सरकार इसका उत्तर नहीं दे पा रही है। उन्होंने कहा कि यू0पी0ए0 सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण दाल, सब्जी, पेट्रोल अन्य रोजमर्रा की चीजों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे है। कांगे्रस पार्टी देश की जनता का इधर ध्यान बटाने के लिए झूठे एवं बेबुनियाद आरोप दूसरों पर लगा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से पूंजी-पतियों एवं धन्नासेठों की समर्थक रही है और उनको लाखांे-करोड़ों रूपये का फायदा पहुंचाने के लिए तमाम समझौते किये हैं।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि भट्टा परसौल के किसानों को मुआवजा के मामले पर बरगला कर झूठी वाहवाही लूटने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीतियां शुरू से ही किसानों की हितैषी नहीं रही हैं, यही कारण है कि आज पूरे देश के किसानों की स्थिति बद से बद्तर हो रही है तथा किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित हरियाणा के पानीपत के अन्तर्गत फतेहाबाद तथा गुड़गांव के किसान अपनी जमीनों के मुआवजे को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। उत्तर प्रदेश में जहां भट्टा परसौल में मुआवजे का कोई मामला लम्बित नहीं है, वहां कांग्रेस एक साजिश के तहत किसानों को भड़का कर राज्य सरकार की छवि धूमिल करने का कार्य कर रही है।
प्रवक्ता ने चीनी मिलों, बुन्देलखण्ड, कानून-व्यवस्था को लेकर कांग्रेस नेताओं द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार पर लगाये गये आरोपों को बेबुनियाद एवं असत्य बताते हुए कहा कि कांग्रेस की यू0पी0ए0 सरकार को उत्तर प्रदेश के विकास की इतनी चिन्ता होती तो 80 हजार करोड़ रूपये के पैकेज स्वीकृत कर दी होती। इसके बावजूद बी0एस0पी0 सरकार ने अपने सीमित संसाधनों से ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरों की दशा सुधारने के लिए बड़े पैमाने पर विकास कार्य कराये हैं। केन्द्र सरकार द्वारा इसमें सहयोग न देकर बल्कि बाधा उत्पन्न करने की लगतार कोशिश करती रही है। यहां तक कि केन्द्र सहायतित परियोजनाओं का भी पैसा समय से अवमुक्त नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि तमाम योजनाओं के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के हिस्से की 21835 करोड़ रूपये की धनराशि केन्द्र सरकार ने रोक कर रखा।
प्रवक्ता ने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार को बिजली की समस्या विरासत में मिली, लेकिन राज्य सरकार ने इस सेक्टर की गम्भीर होती जा रही समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए ऊर्जा क्षेत्र में कई बड़े निर्णय लिये है लगभग 08 हजार मेगावाट की विद्युत इकाईयों पर काम चल रहा है जिसमें से 06 हजार मेगावाट की इकाईयां शीघ्र उत्पादन शुरू कर देंगी और 1200 मेगावाट का उत्पादन आगामी मार्च तक शुरू हो जाएगा और 2014 तक प्रदेश को पर्याप्त बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बिजली के क्षेत्र में पिछले 60 वर्षों में जो उत्पादन क्षमता सभी सरकारों ने मिलकर नहीं पैदा की। उतनी क्षमता बी0एस0पी0 सरकार ने चार साल की अल्प कार्यकाल में ही कर दिया। उन्होंने उत्तर प्रदेश में नयी बिजली परियोजनायें न लगाये जाने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि यू0पी0ए0 सरकार ने उत्तर प्रदेश के साथ भेद-भाव की नीति अपना कर नये अल्ट्रा मेगाविद्युत परियोजनाओं को उत्तर प्रदेश में स्थापित न कर दूसरे राज्यों में स्थापित किया। इस तरह उत्तर प्रदेश की उपेक्षा की गयी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा विद्युत के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को कोसना हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार कोल लिंकेज देने में भी चुप्पी साधे बैठी है।
प्रवक्ता ने कहा कि अल्पसंख्यकों को लेकर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाने से पहले कांगे्रस की यू0पी0ए0 सरकार को सच्चर कमेटी की संस्तुतियों को प्रभावी ढंग से लागू करना चाहिए। कांग्रेस ने हमेशा से अल्पसंख्यकों खासतौर से मुस्लिम समाज को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया। लेकिन उनकी सामाजिक, शैक्षिक तथा आर्थिक उत्थान के लिए पूरे मन से प्रयास नहीं किये। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 की राष्ट्रीय अध्यक्षा एवं उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने मुस्लिम समाज के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए अपने पहले कार्यकाल 1995 में अलग से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का गठन करके तमाम योजनायें शुरू की और इस चैथे कार्यकाल में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए मान्यवर श्री कांशीराम जी ऊर्दू, अरबी, फारसी विश्वविद्यालय की स्थापना की। इसके अलावा एकमुश्त 100 मदरसों को अनुदान पर लेने का निर्णय लिया। इसके अलावा पिछले चार वर्षों में इनके कल्याण के लिए अनेक निर्णय लिये हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि बुनकरों की समस्याओं को लेकर कांग्रेस नेताओं का बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बुनकरों के हितों के लिए पूरी तरह संवेदनशील और उनकी बेहतरी के लिए कई कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि बुनकरों की बात करने वाले कांग्रेस के लोगों ने धागों की कीमत में बढ़ोत्तरी को रोकने के लिए केन्द्र सरकार पर कोई दबाव नहीं बना पाये। जिसके कारण बुनकरों की आर्थिक स्थिति खराब होती गयी और बहुत से बुनकर भुखमरी के कगार पर आ गये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने धागों की कीमत में 30 प्रतिशत अनुदान देने के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि बुनकरों की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्य सचिव ने केन्द्रीय वस्त्र सचिव को पत्र लिखकर अनुरोध भी किया था।
प्रवक्ता ने कांग्रेस के महासचिव एवं सांसद द्वारा अधिवेशन में बी0एस0पी0 सरकार पर लगाये गये आरोपों को पूरी तरह गैर-जरूरी एवं आधारहीन बताते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड आज से ही पिछड़ा नहीं है। उन्होंने बुन्देलखण्ड के पिछड़ेपन के लिए राज्य सरकार पर लगाये गये आरोप को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सत्ता में आते ही बी0एस0पी0 सरकार ने प्रदेश के विकास एवं बुन्देलखण्ड तथा पूर्वांचल के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए 80 हजार करोड़ रूपये का पैकेज मांगा था, जिसमें बुन्देलखण्ड के क्रिटिकल गैप्स के लिए 11 हजार करोड़ रूपये की धनराशि भी शामिल थी।
उन्होंने कहा कि दुःख की बात है कि यू0पी0ए0 सरकार ने आज तक इस पैकेज मंजूर नहीं किया। बुन्देलखण्ड की बदहाली के लिए कौन दोषी है, इसका उत्तर कांग्रेस पार्टी को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को याद रखना चाहिए कि आजादी के बाद केन्द्र में लगभग 50 वर्ष एवं उत्तर प्रदेश में 38 वर्ष तक कांग्रेस पार्टी का राज रहा। इतने लम्बे वर्षों में यदि लम्बे समय तक सत्ता में रही कांग्रेस की सरकार ने इस ओर ध्यान दिया होता तो बुन्देलखण्ड की तस्वीर कुछ और होती। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश का ईमानदारी से विकास किया होता तो प्रदेश की जनता उसे सत्ता से बाहर क्यों करती। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं के आरोप जिसमें कहा गया कि उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री जी कभी बुन्देलखण्ड नहीं गयी को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी ने 29 जनवरी, 2008 को झांसी में एक बड़ी रैली करके बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास के लिए 1,514 करोड़ 27 लाख रूपये की घोषणाएं की थी।
प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेसी नेता बार-बार उत्तर प्रदेश को अधिक धनराशि दिये जाने का जो ढ़िढ़ोरा पीटते हैं, यह धनराशि उत्तर प्रदेश को खैरात में नहीं मिलती। वास्तविकता यह है कि केन्द्र सरकार के पास जो धनराशि एकत्र होती है, वह राज्यों से आती है। इस धनराशि पर राज्यों का संवैधानिक अधिकार है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य होने के नाते ज्यादा से ज्यादा वित्तीय संसाधन केन्द्र सरकार को करों के रूप में उपलब्ध कराता है। लेकिन दुःख की बात यह है कि कांग्रेस की यू0पी0ए0 सरकार उत्तर प्रदेश को उसका जायज हक देने में भी एहसान जताती है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने तमाम योजनाओं की धनराशि आवंटित करने में बाधा उत्पन्न करती है अथवा देर से जारी करती है। इस तरह यू0पी0ए0 सरकार उत्तर प्रदेश की जनता के साथ दुश्मनी निकालती है। उन्होंने कहा कि यू0पी0ए0 सरकार ने तमाम सड़के, एयरपोर्ट सहित बड़ी-बड़ी योजनाओं को मंजूरी नहीं दे रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के नेता सिर्फ चर्चा में बने रहने के लिए अनाप-शनाप बयानबाजी करते रहते हैं। इन्हें उत्तर प्रदेश सरकार को कोसने से पहले उत्तर प्रदेश का वाजिब हक दिलाने के लिए केन्द्र सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां तक भ्रष्टाचार की बात है, कांग्र्रेस के नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 सरकार आकण्ठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। यू0पी0ए0 - 2 के दौरान जितने घोटाले हुए है, उसका हिसाब देश की जनता को देना चाहिए। प्रवक्ता ने मनरेगा के अन्र्तगत राज्य द्वारा उपलब्ध धनराशि का उपयोग न किये जाने की अधिवेशन में लगाये गये आरोप को खारिज करते हुए कहा कि मनरेगा में प्रदेश को क्रेन्द्र द्वारा 8428 करोड़ रूपये की धनराशि उपलब्ध कराने की योजना बनायी थी लेकिन 5267 करोड़ रूपये की धनराशि ही राज्य को उपलब्ध करायी गयी। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां अपेक्षित धनराशि नहीं दी गयी वहीं 2000करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि वित्तीय वर्ष के अन्तिम माह में दी गयी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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