उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने आज अपनी सरकार के चार वर्ष पूरा होने के अवसर पर 2000 करोड़ रूपये की विभिन्न जन कल्याणकारी व विकास योजनाओं का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि केन्द्र सरकार के असहयोगपूर्ण रवैये तथा सौतेले व्यवहार के बावजूद उनकी सरकार ने अपने सीमित संसाधनों से कानून-व्यवस्था व अपराध नियंत्रण एवं विकास व जनहित के मामलों में जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वे अति उत्साहवर्धक एवं बेहतरीन है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारें पिछले 40 वर्षों में विकास व जनहित से जुड़े जो कार्य पूरा नहीं कर सकीं, उनकी सरकार ने मिशनरी सोच के आधार पर काम करके चार वर्ष में ऐसे सभी कार्यों को पूरा करके दिखा दिया है।
माननीया मुख्यमंत्री जी आज यहां आशियाना स्थित डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर सभागार में प्रदेश सरकार के चार वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहीं थीं। इसके पूर्व माननीया मुख्यमंत्री जी ने हेलीकाप्टर द्वारा कार्यक्रम स्थल पहुुंच कर सबसे पहले परमपूज्य बाबा साहेब डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर मौजूद पार्टी के छोटे-बड़े सभी जिम्मेदार पदाधिकारियों, महानुभावों तथा भारी संख्या में मौजूद कार्यकर्ताओं से भंेट भी की। माननीया मुख्यमंत्री जी ने आज जिन विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया, उसमें ज्यादातर उर्जा विभाग, पेयजल एवं सीवरेज, सेतु निगम तथा लोक निर्माण विभाग से संबंधित हैं। उन्होंने इस मौके पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री व राज्यपाल स्व0 डाॅ0 राजेन्द्र कुमारी बाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण भी किया। इस अवसर पर श्री अशोक बाजपेई व श्रीमती रंजना बाजपेई भी मौजूद थीं।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मिशनरी एवं सघ्ंार्षशील प्रयासों के कारण ही उत्तर प्रदेश में न केवल जगंलराज व माफियाराज तथा अराजकता का दौर समाप्त हुआ है, बल्कि हर स्तर पर कानून द्वारा कानून का राज स्थापित करके उत्तर प्रदेश में सर्वसमाज के गरीब, उपेक्षित व शोषित लोगों के व्यापक हित के लिए दूरगामी प्रभाव वाले अनेक महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक निर्णय लिये गये हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने अपने मात्र चार वर्षों के शासनकाल के दौरान पूर्ण रूप से बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय से आगे बढ़कर सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की नीति पर पूरी ईमानदारी व मुस्तैदी से चलकर विकास एवं जनहित के मामलों में नये-नये नियम-कानून बनाकर व अन्य जरूरी उपायों को जमीनी हकीकत में भी उतारने का भरपूर प्रयास करके समता मूलक समाज व्यवस्था की स्थापना के लिए अति उत्सावर्धक परिणाम दिया है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर जंगलराज, माफियागिरी एवं अराजकता का माहौल था। इसके साथ ही हर स्तर पर भ्रष्टाचार का बोलबाला था और विकास अवरूद्ध था। जनता दुःखी व पीड़ित थी। उन्होंने कहा कि सत्ता संभालने के पहले दिन से ही इन मामलों में सुधार की शुरूआत करके सरकारी मशीनरी व व्यवस्था को पटरी पर लाकर चुस्त-दुरूस्त व जनता के प्रति उन्हें जवाबदेह बनाने के लिए दिन-रात काफी कड़ी मेहनत की, जिसका सिलसिला आज भी जारी है। उन्होंने कहा कि पूर्व में राजनीति में अपराधीकरण एवं अपराधियों का राजनीतिकरण का बोलबाला था। इन काफी पुरानी बीमारियों को ठीक करना भी मुश्किल काम था।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लेकिन इसके बावजूद भी विरोधी पार्टियां और उसमें भी खासतौर से भारतीय जनता पार्टी द्वारा सरकार के ऊपर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का असत्य व गलत आरोप लगाया जा रहा है, जिसको लेकर भाजपा ने सरकार के खिलाफ एक तथ्यहीन एवं फर्जी किताब भी प्रकाशित की है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक तथ्यों से पूरी तरह परे और मात्र हवाई आरोपों से सम्बन्धित कागजी बयानबाजी है और इस किताब में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसे गम्भीरता से लेते हुए राज्य सरकार मामले की जांच कराकर दोषी को सजा दिलवा सके। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत यह सभी जानते हैं कि वर्तमान सरकार पिछली सरकार में हुए पुलिस भर्ती घोटाला, नोएडा जमीन घोटाला व अनाज घोटालों आदि का पर्दाफाश करते हुए समुचित जांच के आधार पर दोषी पाए गये उच्चाधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्यवाही कर चुकी है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के वर्षों पुराने पिछड़ेपन व गरीबी को दूर करने के लिए और तेजी से विकास कार्यों को गति देने के लिए केन्द्र सरकार से 80 हजार करोड़ रूपये का विशेष आर्थिक सहायता पैकेज देने की मांग भी अनेकों बार की गयी, लेकिन इस मांग पर केन्द्र सरकार ने आज तक कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि केन्द्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को उसके संवैधानिकतौर पर जायज हक का पैसा भी समय से उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि पिछले चार वर्षों का ही जायजा लिया जाए तो केन्द्र सरकार की योजनाओं में 21,385 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि राज्य सरकार को उपलब्ध नहीं करायी गयी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा सहयोग करने के बजाय अधिकतर मामलों में उत्तर प्रदेश के साथ भेदभाव व सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है।
सुश्री मायावती जी ने 30 अप्रैल 2011 को बांदा में आयोजित प्रधानमंत्री जी की जनसभा की चर्चा करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने खासतौर से बुन्देलखण्ड के विकास को लेकर जो कुछ भी बातें कही, वह मात्र एक राजनैतिक ड्रामेबाजी के सिवा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड अति पिछड़े क्षेत्रों में आता है, जो अचानक ही नहीं पिछड़ गया, यह क्षेत्र देश की आजादी के बाद से ही लगातार पिछड़ता चला आ रहा है। इसीलिए 17 जुलाई, 2007 को 80 हजार करोड़ रूपये का जो विशेष आर्थिक सहायता पैकेज स्वीकृत करने का अनुरोध केन्द्र सरकार से किया गया था, क्योंकि इसमें लगभग 11 हजार करोड़ रूपये के प्रस्ताव बुन्देलखण्ड क्षेत्र के समग्र विकास के लिए शामिल थे। इसी प्रकार पूर्वान्चल के वर्षों पुराने पिछड़ेपन को भी दूर करने के लिए केन्द्र सरकार से लगभग 36 हजार करोड़ रूपये का विशेष आर्थिक सहायता पैकेज देने की मांग की गयी थी, जो 80 हजार करोड़ रूपये के पैकेज में शामिल था।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के तेजी से विकास एवं चुस्त प्रशासन के लिए वे छोटे राज्यों के गठन की पक्षधर हैं। इसीलिए उन्होने उत्तर प्रदेश का पुर्नगठन करके पूर्वान्चल, बुन्देलखण्ड एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य के रूप में गठित करने की केन्द्र सरकार से लगातार मांग की है। उन्होंने कहा कि नेपाल से हर साल निकालने वाली नदियों से प्रदेश के तराई व पूर्वी क्षेत्र में प्रलयकारी बाढ़ की विभीषिका से होने वाली धन-जन की हानि को रोकने के लिए केन्द्र सरकार से स्थायी समाधान निकालने का कई बार अनुरोध किया गया। इसके अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय की पीठ स्थापित करने, बी0पी0एल0 परिवारों की संख्या में संशोधन करने तथा अन्य पिछड़े वर्गों की 16 जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में २ाामिल करने के लिए भी केन्द्र सरकार से बार-बार अनुरोध किया गया, जिस पर अभी तक अमल नहीं किया गया है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि उनकी सरकार अपने सीमित संसाधनों से प्रदेश के सभी क्षेत्रों के समुचित विकास के लिए कटिबद्ध है और पी0पी0पी0 के आधार पर गंगा एक्सप्रेस-वे एवं अपर गंगा कैनाल, जेवर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की योजना तैयार की, जिसमें केन्द्र को कोई पैसा नहीं लगाना था। इसके बाद भी केन्द्र सरकार द्वारा इनकी अनुमति नहीं दी गयी है और केन्द्र सरकार स्तर पर यह योजनायें अब भी लम्बित हैं। उन्होंने कहा कि संघीय ढंाचे की व्यवस्था के तहत राज्यों को संसाधन आवंटित किया जाता है। इस व्यवस्था के अनुसार केन्द्र सरकार केन्द्रीय करों का पहले मात्र 30.5 प्रतिशत और अब मात्र 32 प्रतिशत ही देश के समस्त राज्यों को वितरित करती है, जबकि राज्यों द्वारा अर्जित बाकी के 68 प्रतिशत स्वयं अपने अधिकार क्षेत्र में रखकर अपनी मर्जी के मुताबिक विभिन्न योजनाओं पर खर्च करती है। इसी तरह केन्द्रीय अंश के मामले में भारत सरकार का रवैया प्रदेश के प्रति न्यायपूर्ण नहीं रहा है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले चार वर्षों में बिजली के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। केन्द्र सरकार ने इस मामले में ज्यादा हस्तक्षेप नहीं किया तो प्रदेश की जनता को वर्ष 2014 तक बिजली आपूर्ति के मामले में काफी राहत मिल जायेगी। उन्होंने कहा कि पहली बार उनकी सरकार ने प्रदेश के प्राचीन, ऐतिहासिक एवं प्रमुख शहरों में बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए लगभग 2176 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि खर्च की है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने एक अन्य महत्वपूर्ण फैसला प्रदेश में मेयर, नगर पालिका व नगर पंचायत के अध्यक्ष पद की निर्वाचन प्रक्रिया में संशोधन द्वारा अप्रत्यक्ष चुनाव के जरिए इनके सभी अध्यक्षांे एवं सभासदों के बीच बेहतर ताल-मेल बनाने के लिए शहरों एवं नगरों के विकास की गति तेज करने के उद्देश्य से लिया गया था। उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष निर्वाचन की व्यवस्था कई राज्यों में पहले से ही है और आज भी लागू है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार के इस जनहित में उठाये गये कदम का सभी विरोधी पार्टियों स्वागत करना चाहिए, लेकिन ऐसा न करके विरोधी पार्टियां इसकी आड़ में घिनौनी राजनीति करने में जुटी हुईं हैं।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि उनकी सरकार ने युवाओं को बेरोजगारी भत्ते की मानसिक गुलामी में जकड़ने के बजाय उन्हें रोजगार देने के लिए उल्लेखनीय कार्य किये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एकमुश्त लगभग एक लाख नौ हजार सफाई कर्मियों, 88 हजार प्राथमिक शिक्षकों तथा 05 हजार उर्दू शिक्षकों की भर्ती की गयी है। इसके अतिरिक्त पुलिस विभाग में सवा दो लाख नये पदों की स्वीकृति करके इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गयी है। साथ ही गैर-सरकारी क्षेत्रों में भी लाखों लोगों को रोजगार मुहैया कराये गये, अनुसूचित जाति/जन जाति के लिए आरक्षित पदों के बैकलाॅग को अभियान चलाकर भरा गया तथा सामान्य वर्ग की सरकारी नौकरियों पर लगाये गये प्रतिबंध को भी समाप्त किया गया।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बी0पी0एल0 सूची तथा अन्त्योदय योजना के लाभों से वंचित गरीबों को उनकी सरकार ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना लागू करके चार सौ रूपये प्रति माह की दर से आर्थिक सहायता देने की योजना लागू की है। उन्होंने कहा कि बी0पी0एल0 कार्ड धारकों तथा उ0प्र0 मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के लाभार्थियों के सभी प्रकार के विभिन्न न्यायालयों में लम्बित व दायर किये जाने वाले मुकदमों, जिनमें सरकार पक्षकार नहीं है, में इन गरीब व्यक्तियों की ओर से पैरवी हेतु सरकारी वकील की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी उनकी सरकार द्वारा की गयी।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उनकी सरकार ने सामाजिक परिवर्तन के महानायकों को हर तरह से पूरा-पूरा सम्मान दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान जातिवादी मानसिकता के कारण उपेक्षा के शिकार रहे। दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों में से खास तौर से महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायणा गुरू, बाबा साहेब डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर व मान्यवर श्री कांशीराम जी को उचित आदर-सम्मान देते हुए उनकी स्मृति में अनेकों भव्य स्थलों, स्मारकों, संग्रहालयों, गार्डेन, पार्क आदि की स्थापना की गयी है। इन सब कार्यों पर विधान मण्डल से बजट पारित कराकर उत्तर प्रदेश के कुल बजट की लगभग एक प्रतिशत से भी कम धनराशि व्यय की गयी है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कानून-व्यवस्था व अपराध नियंत्रण एवं विकास व जनहित के मामले में जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयास के क्रम में उनकी सरकार को अनेकों प्रकार की कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ कि पूर्व में ‘‘राजनीति में अपराधीकरण एवं अपराधियों का राजनीतिकरण’’ का बोलबाला था। ऐसे लोगों को हर स्तर पर संरक्षण प्राप्त था और इसीलिए प्रदेश में जंगलराज भी कायम था। इसके अलावा भ्रष्टाचार भी चरमोत्कर्ष पर था। उन्होंने कहा कि इस वजह से पूरी सरकारी व्यवस्था चरमरा गयी थी। उन्होंने कहा कि इसका सीधा बुरा प्रभाव सर्वसमाज के गरीब, उपेक्षित व शोषित वर्ग के लोगों पर पड़ा। उन्होंने कहा कि इस चरमराई हुई व्यवस्था को ठीक करना उनकी सरकार के लिए बहुत मुश्किल काम था। इसीलिए उनकी सरकार को प्राथमिकता के आधार पर अनेकों सख्त फैसले लेने पड़े।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने बी0जे0पी0 के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितिन गड़करी द्वारा गत 26 अप्रैल, 2011 को वाराणसी में उनके तथा बी0एस0पी0 के सम्बन्ध में दिये गये बयान की निंदा करते हुए कहा कि श्री गड़करी द्वारा जिस भाषा का प्रयोग किया गया था इससे साफ जाहिर है कि श्री गड़करी सभ्य एवं संस्कारी परिवार में नहीं जन्मे हैं। उनमें सभ्यता और संस्कार का अभाव है। उन्होंने कहा कि श्री गड़करी के बयान से दुःखी होकर उन्हीं की पार्टी के कई लोगों द्वारा बी0एस0पी0 के नेताओं को सुझाव दिया गया था कि बी0एस0पी0 राष्ट्रीय अध्यक्ष को श्री गड़करी की भाषा में ही जवाब देना चाहिए लेकिन बी0एस0पी0 नेताओं द्वारा उन्हेें जवाब दिया गया कि उनकी राष्ट्रीय अध्यक्ष एक सभ्य एवं संस्कारी परिवार में जन्मीं एवं पली हंै इसलिए वे श्री गड़करी की जुबान में उन्हें जवाब नहीं दे सकतीं। उन्होंने कुदरत से दुआ की कि वह श्री गड़करी को सद्बुद्धि एवं अच्छे संस्कार दे।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस एवं अन्य विरोधी दलों द्वारा प्रदेश की जनता को गुमराह करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 सरकार तथा दिल्ली में कांग्रेस की सरकार के अरबों रूपयों के घोटले का अभी हाल में ही खुलासा हुआ है। उन्होंने अपनी पार्टी के लोगों तथा प्रदेश की जनता को विरोधी दलों के इन हथकंडों से सावधान रहने की सलाह देते हुए कहा कि विरोधी दलों द्वारा उनकी पार्टी तथा सरकारी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के झूठे एवं गलत आरोप लगाये जा रहे है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी सरकार विरोधी पार्टियों के शासन के समय की जांच करा दे तो विरोधी सरकारों के ज्यादातर मंत्री एवं अधिकारी बच नहीं पायेंगे। उन्होंने कहा कि यदि उनकी सरकार चाहती तो इन विरोधी पार्टियों के कार्यकाल के समय किये गये सभी कार्यो की जांच कराकर जनता के सामने उजागर कर सकती थी लेकिन इससे उनकी सरकार की आधी शक्ति इसी कार्य में खर्च हो जाती जो उचित नहीं था। उन्होंने कहा कि इसके बजाय उनकी सरकार ने ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जिनको इन दलों की सरकारों ने अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए भ्रष्ट बना दिया था उन्हें प्रदेश और उनके हित में एक अवसर देते हुए सुधरने का मौका दिया।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के प्रयास को लेकर उनकी पार्टी व सरकार का स्पष्ट तौर पर मत है कि देश में जो संगठन या संस्थाएं किसी न किसी रुप में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रही हैं इसका उनकी पार्टी स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि जहां तक श्री अन्ना हजारे एवं उनके साथियों द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की बात है तो इसमें कुछ लोगों का मानना है कि ये लोग राजनीतिक दलों के हाथों में खेल रहे है। उन्होेंने कहा कि यह इसी से स्पष्ट है कि अन्ना हजारे के गृह राज्य महाराष्ट्र एवं इसके आस-पास के राज्यों में तमाम घोटाले हुए लेकिन श्री अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाने के बजाय यहां उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध आन्दोलन की शुरुआत की। इससे जाहिर है कि वे लोग दलित विरोधी मानसिकता वाले राजनीतिक दलों के हाथों में खेल रहे है। इसी मानसिकता के चलते लोकपाल बिल बनाने वाली सिविल सोसाइटी में किसी दलित समाज के व्यक्ति को सदस्य नहीं बनाया गया। उन्होंने कहा कि यही रवैया इस मामले में केंद्र सरकार का भी रहा। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर उनकी पार्टी इस दोहरे चरित्र का पर्दाफाश करने के लिए पूरे देश में धरना प्रदर्शन एवं जनसभाएं आयोजित कर सकती है। उन्होंने कहा कि देश में जो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार फैला है उसका कारण काफी हद तक आपराधिक छवि रखने वाले लोगों का राजनीति में प्रवेश करना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए कांग्रेस, बी0जे0पी0 व अन्य विरोधी पार्टियां जिम्मेदार हंै।
इस अवसर पर राज्य सरकार की चार वर्ष की उपलब्धियों पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन किया गया तथा सी0एम0एस0 के बच्चों एवं सांस्कृतिक विभाग के कलाकारों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये। माननीया मुख्यमंत्री जी ने सी0एम0एस0 के छात्र-छात्राओं को दस लाख रूपये तथा सांस्कृतिक विभाग के कलाकारों को पांच लाख रूपये की धनराशि पुरस्कार के तौर पर दिये जाने की घोषणा की। उन्होंने इस अवसर पर राज्य सरकार की चार वर्ष की उपलब्धियों पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया।
माननीया मुख्यमंत्री जी के मंच पर आगमन पर वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री श्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राज्य सलाहकार परिषद के अध्यक्ष श्री सतीश चन्द्र मिश्र, बी0एस0पी0 प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, समाज कल्याण मंत्री श्री इन्द्रजीत सरोज के अलावा कैबिनेट सचिव श्री शशांक शेखर सिंह एवं मुख्य सचिव श्री अनूप मिश्र ने उन्हें पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। मुख्य सचिव ने माननीया मुख्यमंत्री जी एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया तथा अतिरिक्त मंत्रिमण्डलीय सचिव श्री रवीन्द्र सिंह ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन सचिव सूचना एवं मण्डलायुक्त लखनऊ श्री प्रशान्त त्रिवेदी ने किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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