उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने भट्टा परसौल गांव के प्रकरण में विरोधी पार्टियों की बयानबाजी को निजी स्वार्थ और ओछी राजनीति से प्रेरित और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि भोले-भाले ग्रामीणों और किसानों को कुछ स्वार्थी और असामाजिक तत्व आन्दोलित करके कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं। माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रेटर नोएडा आॅथारिटी द्वारा क्षेत्र के नियोजित विकास का मास्टर प्लान बनाकर वर्ष 2009 से वर्ष 2010 के बीच भू-अधिग्रहण का कार्य पूरा किया जा चुका है और किसानों द्वारा उसका मुआवजा भी प्राप्त किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि भट्टा परसौल में स्थिति पूरी तरह से सामान्य और शान्तिपूर्ण है।
यह जानकारी मंत्रिमण्डलीय सचिव श्री शशांक शेखर सिंह ने आज यहां एनेक्सी स्थित मीडिया सेन्टर में दी। उन्होंने बताया कि माननीया मुख्यमंत्री जी ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिये हैं। उन्होंने कहा कि भट्टा परसौल की भूमि करार नियमावली के तहत किसानों की आपसी सहमति से अधिग्रहीत की गयी थी। उन्होंने कहा कि मार्च 2009 से अगस्त 2009 के मध्य भट्टा गांव में 178 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की गयी थी और उसका लगभग 120 करोड़ रूपये का मुआवजा किसानों में वितरित किया जा चुका है। इसी प्रकार से परसौल गांव में 260 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की गयी थी, जिसका 180 करोड़ रूपये का मुआवजा किसानों में वितरित किया जा चुका है। अतः वर्तमान में भू-अधिग्रहण से सम्बन्धित कोई भी विवाद शेष नहीं है। उन्होंने कहा कि आगरा में एतमादपुर और मथुरा-अलीगढ़ सीमा पर अन्य कारणों से घटित कुछ घटनाओं को, जो दूर-दूर तक भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित नहीं थी, को भी मीडिया के एक सेक्शन द्वारा भट्टा परसौल की घटना के साथ जोड़कर दिखाया गया, जिसमें जरा भी सच्चाई नहीं है।
मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि वास्तव में भट्टा परसौल गांव सहित क्षेत्र के लोग आवागमन हेतु सार्वजनिक परिवहन की सुविधा हेतु बराबर मांग कर रहे थे, जिसके तहत रोडवेज की बस से कुछ कर्मचारी सर्वे के लिए बस में गये थे, जिन्हें गैर-कानूनी तरीके से रोक कर बन्धक बना लिया गया, और जब दो दिन तक उन्हें नहीं छोड़ा गया तो पुलिस-प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा, जिस पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा हिंसा और गोलीबारी की गयी। जिसमें कि जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा 38 पुलिस कर्मी घायल हुए और दो पुलिस कर्मियों की मृत्यु भी हो गयी। उन्होंने बताया कि इस घटना के सम्बन्ध में नामित 22 लोग गिरफ्तार किये गये है। घटना के सम्बन्ध में श्री मनवीर सिंह तेवतिया, जो फरार हैं और जिनकी आपराधिक पृष्ठभूमि है, पर 50 हजार रूपये का इनाम घोषित किया गया है। श्री तेवतिया बुलन्दशहर के रहने वाले हैं और इनका इस गांव से दूर-दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है। ये आसपास के जनपदों में भोले-भाले किसानों को गुमराह करके हिंसा के लिए लगातार प्रेरित करते रहे हैं। श्री मनवीर सिंह तेवतिया के अतिरिक्त श्री नीरज मलिक, प्रेमवीर सिंह, गजेसिंह, किरन पाल और मनोज जो नामजद है, की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी अवांछनीय तत्व हैं और इन्होंने भोले-भाले किसानों को भड़का कर हिंसा के लिए प्रेरित किया। यद्यपि पुलिस-प्रशासन के अधिकारी एवं कर्मचारी इस घटना में घायल हुए, इसके बावजूद भी पुलिस ने धैर्य बनाये रखा और स्थिति को बिगड़ने नहीं दिया और शान्ति स्थापित की।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि प्रदेश में सभी को शान्तिपूर्ण ढंग से हर बात सामने रखने का पूरा अधिकार प्राप्त है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में लेकर सार्वजनिक सुविधायें बाधित करे या लोक सम्पत्ति को क्षति पहंुचाये। प्रदेश की सरकार भारतीय संविधान और प्रजातांत्रिक मूल्यों का पूरा सम्मान करती है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विरोधी पार्टियों को पहले तथ्यों की पूरी जानकारी कर लेनी चाहिए और तभी बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों का झूठा हमदर्द बनने का दावा करने वाले इन विपक्षी दलों के नेताओं को अपनी पार्टी की सरकारों के कार्यकाल में किये गये कारनामों को जरूर याद कर लेना चाहिए। माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार ने जो मुआवजा नीति घोषित की है, वह देश के सभी राज्यों की तुलना में भू-स्वामियों को सबसे अधिक फायदा पहुंचाने वाली नीति है। इससे इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं और किसानों की आमदनी में इजाफा हुआ है और उनके जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है। प्रदेश में कहीं भी किसी किसान की इच्छा के विरूद्ध जबरदस्ती भूमि अधिग्रहित नहीं की गयी है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रेटर नोएडा के भट्टा परसौल गांव में यह अधिग्रहण सामान्य प्रक्रिया के अन्तर्गत किया गया था। यह अधिग्रहण किसी व्यक्ति विशेष या किसी औद्योगिक घराने को लाभान्वित करने के लिए कतई नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टियों के नेताओं द्वारा इस सम्बन्ध में दिये जा रहे बयान पूरी तरह से गैरजिम्मेदाराना हैं और सत्य से परे हैं। इस प्रकरण में भू-अधिग्रहण से सम्बन्धित कोई समस्या नहीं थी, केवल कुछ स्थानों पर स्थानीय ग्रामों में कुछ मूलभूत सुविधायें दिये जाने की बात थी, जिसके सम्बन्ध में आॅथारिटी द्वारा सभी ग्रामों में विकास कार्य कराये जा रहे हैं।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी को अपना मंुह खोलने से पहले समस्त तथ्यों की पूरी जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए थी। उन्हें मालूम होना चाहिए कि प्रदेश सरकार, कांग्रेस की सरकारों की तरह पूंजीपतियों और धन्नासेठों के इशारों पर नहीं नाचती। उन्होंने कहा कि सदैव हाशिये पर रहने वाले श्री अजित सिंह को बिना सोचे-समझे अनाप-शनाप बयान नहीं देने चाहिए, क्योंकि उन्हें किसानों का झूठा हमदर्द बनने से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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