ढर्रे पर चल रही आम आदमी की जिंदगी को विराम लग गया जैसे जैसे शाम होती पेट्रोल पंपो पर भीड़ बढ़ने पर जनमानस में कौतूहल जागा। पेट्रोल के दाम बढ़ाने का अंदेशा हो चुका था। सरकार की इस खबर से सौ फीसदी सच साबित हो गया। कि पेट्रोल की कीमतों के दाम निश्चित रूप से बढ़ेगे। सभी आम आदमियों का बजट धड़ाम से गिरा और पूर्ति के उपाय सोचने को कारोबारी मजबूर हो गया। भाई महंगाई केंद्र सरकार की गलत नीतियों को ठहराया गया। हमारे संवाददाता ने शहर का हालचाल लिया तो बढ़ईयन पुरवा के सुनील शर्मा, पीतांबर गंज के ज्ञान प्रकाश, काका गारमेंट के रूचिर गुप्ता, स्वराज आश्रम के मैनेजर कुंवर पाल ने कहा कि एक साल के अंदर पेट्रोल के दाम दो तीन बार बढ़ चुके है। दो पहिया वाहन मुश्किल से चल पाता है कीमत बढ़ेगी तब व्यापार मजबूरन कीमत बढ़ाएगा। महंगा होना स्वाभाविक है। शहर की हालत यह है कि जिसे जरूरत नही है पेट्रोल की वह भी अपने वाहन निकालकर भरवाने के लिए पेट्रोल पंपो की जरफ चल दिए। कुछ तो राहत मिलेगी। कई पेट्रोल मालिकों ने बाकायदा अपने अपने पेट्रोल पंपो का बंद कर दिया था। सब्जी फल, किराया भाड़ा सभी पर दाम बढ़ चुके है गृहणियां परेशान हो गई। शायद अबकी बार गैंस की बढ़ोत्तरी निश्चित है। यह महंगाई कहां ले जाएगी एक दूसरे से यही पूछती हुई दिखाई देती।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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