डेढ़ वर्ष पूर्व अगवा की गई किशोरी को न्यायिक दण्डाधिकारी द्वितीय अशोक कुमार दुबे की अदालत में पेश किया गया। सुपुर्दगी के लिये दोनों पक्षों ने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किये। अदालत ने सुनवाई के उपरान्त पीड़िता को नाबालिग पाते हुए पिता की सुपुर्दगी में दे दिया। मामले की अब सुनवाई 10 जून होगी।
जनपद के थाना मिर्जापुर के ग्राम मौजमपुर के हरसहाय पुत्र रामेश्वर की नाबालिग पुत्री का ग्राम के अजीत नत्थू, अखिलेश पुत्र रामनिवास प्रमोद पुत्र भगवानदास ने 19 नवम्बर 2009 को अपहरण कर लिया था। उसे विभिन्न स्थानों पर रखा। इस दौरान वह गर्भवती हो गई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया, जिसकी आयु इस समय छह माह है। उसका नाम अनुज कुमार है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 363, 366 में 26 नवम्बर 2009 को रिपोर्ट दर्ज की। किन्तु पुलिस ने किसी मुल्जिम की गिरफ्तारी नहीं की। पीड़िता के पिता ने स्थानीय स्तर से राजधानी तक खूब पैरवी की। विवेचनाधिकारी अनूप कुमार राठी ने 15 मई, 2011 को जरियनपुर तिराहे से पीड़िता को बरामद कर लिया और 19 मई, 11 को अदालत में पेश किया। पुलिस मुल्जिमों को अब तक नहीं गिरफ्तार कर सकी। जेएम श्री दुबे ने उभय पक्ष के वकीलों की बहस सुनी और आदेश किया कि पीड़िता नाबालिग है वह अपना अच्छा-बुरा नहीं सोच सकती है। ऐसे में उसे और उसके बच्चे अनुज कुमार को पिता की सुपुर्दगी में दिया जाये और सम्बन्धित थाना पुलिस उसके पिता के घर तक सुरक्षित पहुंचाये। सूत्रों के अनुसार पीड़िता ने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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