Archive | May, 2011

घरों में दिन-दिन भर विद्युत और पानी की आपूर्ति न होने के कारण आम आदमी त्रस्त

Posted on 27 May 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने आज पत्रकारों से वार्ता करते हुए प्रदेश सरकार पर जोरदार प्रहार किया और कहा प्रदेश का नागरिक अपनी मौलिक आवश्यकताओं बिजली और पानी की समस्या को लेकर सड़क पर उतर आया है। इससे बड़ी सरकार की नाकामी और असफलता (फेल्योर) का दूसरा उदाहरण नहीं हो सकता।
श्री तिवारी ने कहा कि अब प्रदेश की जनता ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। जगह-जगह बिजली घरों पर विद्युत आपूर्ति न होने के कारण उत्पन्न आक्रोशवस जनता कब्जा कर रही है। प्रदेश के अन्य भागों को तो छोड़ दीजिए प्रदेश की राजधानी का आलम यह है कि जहां घरों में दिन-दिन भर विद्युत और पानी की आपूर्ति न होने के कारण आम आदमी त्रस्त है। श्री तिवारी ने कहा कि जन समस्याओं के समाधान में सरकार पूरी तरह फेल हो गई है। भाजपा एक वर्ष पूर्व से ही विद्युत आपूर्ति की समस्या को लेकर प्रदेश के बिजली घरों पर प्रदेश अध्यक्ष श्री शाही के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन कर चुकी है। लेकिन सरकार और सरकार की मुखिया दोनों की हठधर्मिता और आमजन के प्रति संवेदनहीनता के कारण समूचे प्रदेश की व्यवस्थाएं ध्वस्थ हैं और भाजपा जन समस्याओं पर मूकदर्शक रहने वाली नहीं है।

श्री तिवारी ने कहा कि पानी की समस्या को लेकर अनेक वैज्ञानिकों ने अपनी चिन्ता समय-समय पर व्यक्त की है लेकिन सरकार ने अपने कान बंद कर लिए हैं। समस्या निदान हेतु कारगर योजना बनाए जाने तथा उसके प्रभावी क्रियान्वयन के बजाय सुश्री मायावती केवल अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को ही सजाने संवारने, बनाने तोड़ने और फिर बनाने में लगी हुई है।

भाजपा प्रवक्ता ने सरकार के तौर तरीके आम जनता की मूलभूत आवश्यकताओं के प्रति उपेक्षा तथा बिजली पानी को लेकर प्रदर्शन करने वालों पर पुलिश द्वारा लाठी बरसाने की घोर निन्दा करते हुए कहा कि बिजली, पानी जैसी समस्याओं के प्रति अपनाया जा रहा रवैया जन विद्रोह को आमंत्रित करने जैसा है। श्री तिवारी ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि आंखिर कौन पानी के बगैर जी सकता है ? और वर्तमान शहरी विकास में बिजली के बिना कौन रह सकता है ?

लखनऊ 27 मई 2011। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने आज पत्रकारों से वार्ता करते हुए प्रदेश की बसपा सरकार को किसान विरोधी होने का कारण पूछा तथा सरकार के समक्ष सवाल खड़े करते हुए कहा कि एकतरफ तो किसानों का गेहूं क्रय केन्द्रों पर खरीदा नहीं जा रहा है जहां केन्द्रों पर खरीद हो रही है वहां बिचैलियों के माध्यम से सरकार पैसे की उगाही कर रही है। किसानों के लिए बिजली आपूर्ति नहीं, रासयनिक खाद तथा उत्तम बीज की उपलब्धता बीते दिनों की बातें हो गई। सरकार की संवेदन शून्यता का आलम यह है कि एक तरफ किसानों के कठिन परिश्रम से उत्पन्न किया गया सैकड़ों कुन्तल गेहूं भंडारण के अभाव में भीग कर सड़ रहा है। दूसरी तरफ अकेले बुंदेलखंड के तीन जिलों बांदा, हमीरपुर, महोबा में विगत एक माह में आठ (8) किसान कर्ज के बोझ से परेशान होकर आत्महत्या कर चुके हैं।

श्री तिवारी ने प्रदेश की मुखिया सुश्री मायावती से पूछा कि आंखिर उसका सर्वजन सुखाय का नारा देने वाला चेहरा कहां गायब हो गया ? प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि निरन्तर सरकार द्वारा किसानों की उपेक्षा की नियत और नीति दोनों के  घातक परिणाम हो सकते हैं। श्री तिवारी ने कहा कि प्रदेश में खासकर बंुदेलखण्ड में किसानों की समस्याएं आज नहीं खड़ी हो गई है यह वर्षो से चली आ रही हैं। आंखिर बसपा सरकार ने पिछले 4 वर्षो में उनके समाधान के लिए कौन से उपाय किए ?

श्री तिवारी ने कहा कि भाजपा किसानों की समस्याओं को लेकर सचेत और गम्भीर है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष कलराज मिश्र बुंदेलखण्ड के सघन दौरे पर हैं। पार्टी किसानों के संबंध में एक अलग से नीति बनाएगी और सरकार में आते ही किसानों की समस्याओं के निदान हेतु दृढ़ संकल्प होकर कार्य करेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

खाल व चमड़ा उद्योग को बढ़ावा देने से बढ़ेगी गोहत्या: वासुदेव पटेल

Posted on 27 May 2011 by admin

राज्य सरकार का यह निर्णय मुस्लिमों को खुश करने के लिए

भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद ने आज राज्य सरकार की तीखी आलोचना की है। खाल व चमड़ा उद्योग से मंडी शुल्क व विकास सेस को हटाने के निर्णय को परिषद ने राज्य सरकार का जीव-हत्या को बढ़ाने वाले क्रूर निर्णय की संज्ञा दी।

परिषद के उ0प्र0 व उत्तरांचल के क्षेत्र प्रमुख (गोरक्षा) वासुदेव पटेल ने स्टेशन रोड स्थित विहिप कार्यालय श्रीराम भवन में प्रान्तीय गोरक्षकों की बैठक की जिसमें इस विषय पर विशेष चर्चा की गई कि केवल मुसलमानों को खुश और मालामाल करने के लिए मायावती सरकार ने पशुओं के जीवन का सौदा जिस तरह से किया है कि मनुष्यों की आने वाली नस्लें कभी भी इस सरकार को माफ नहीं करेंगीं।

श्री पटेल ने कहा कि खाल व चमड़ा उद्योग केवल पशुओं की हत्या पर आधारित उद्योग है। इसमें भेैसों के साथ न जाने कितनी गायें-बैल, बछड़े व बछिया भी कट जाएंगें, जैसा आज भी हो रहा है। ऐसे में पशुवधशालाओं को हतोत्साहित करने के बजाय इन्हें प्रोत्साहित करने के पीछे मंशा क्या हो सकती है, समझा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि महानगरों में अरबों रूपए की लागत से स्लाॅटर हाऊसों को बनाने की योजना और उसके बाद बड़ौत में जैन मुनि के साथ क्रूरतम व अमानवीय व्यवहार करने के समय ही साबित हो गया था कि यह सरकार कुछ और गलत कार्य करेगी। आज यह बात साबित हो गई है कि इस सरकार की अब खाल व चमड़ा उद्योग को और ज्यादा सुविधा देने के पीछे केवल मुसलमानों को खुश करने और गोहत्या व पशुहत्या  को बढ़ावा देने की मंशा है।

बैठक में एडवोकेट व क्षेत्रीय विधि प्रमुख सुश्री अर्चना सिंह तोमर, प्रांतीय अध्यक्ष धनेन्द्र कुमार जैन, हरि कृष्ण अरोड़ा, अशोक जी अग्रवाल, एडवोकेट बाल गंगाधर त्रिपाठी, गंभीर चंद्र जैन, क्षेत्रीय मीडिया प्रमुख हेमेन्द्र प्रताप सिंह तोमर, एडवोकेट राम प्रताप सिंह चैहान, प्रेम सिंह, श्रीमती शीला काला, विभाग गोरक्षा प्रमुख अनुराग रचनात्मक, प्रभाकर सिंह, नवीन कुमार, रवि सलूजा, पुष्पा चुगानी, राजीव कुमार मिश्र, सचिन श्रीवास्तव इत्यादि प्रमुख लोग मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

गोडफ्रे फिलिप्स बहादुरी के कारनामों के 20 वर्ष उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड और दिल्ली के 12 बहादुरों का सम्मान

Posted on 26 May 2011 by admin

गोडफ्रे फिलिप्स इण्डिया द्वारा अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को निभाने के लिए शुरू किए गए, गोडफ्रे बहादुरी पुरस्कारों के अन्तर्गत आज उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड और दिल्ली के 12 बहादुरों को सम्मानित किया गया। उत्तर प्रदेश के माननीय राज्यपाल, श्री बी.एल. जोशी ने उन्हें लखनऊ में आयोजित समारोह में ये पुरस्कार प्रदान किए।

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में गोडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कारों के महासचिव, श्री हरमनजीत सिंह ने बताया, ‘‘गोडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कार 1990 में आम आदमी द्वारा किए गए बहादुरी के कारनामों का सम्मान करने के लिए शुरू किए गए थे। आज 20 साल बाद यह अभियान सभी आयु, धर्म, जाति के लोगों को बहादुरी की मशाल जलाते रहने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। 20 वर्ष की इस सफल यात्रा के इस वर्ष हम आज 20 राज्यों में पदार्पण कर रहे हैं और चार अन्य राज्य, जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड, तमिलनाडु और केरल इस अभियान से जोड़े जा रहे हैं।’’

photo-sammanउन्होंने कहा कि गोडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कारों और अमोदिनी, अपनी दो पहल से हम साहसिक भावना और समाज के सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहे हैं। हमें गर्व है कि हमने 1,200 बहादुरों को सम्मानित किया है और 7,600 महिलाओं को सीधे सशक्त बनाया है।

उत्तर प्रदेश के श्री मोहम्मद शरीफ को अस्पतालों में ऐसे गरीब मरीजों की सेवा करने के लिए सामाजिक बहादुरी विषेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया है जिनकी देख-रेख के लिए परिवार का कोई सदस्य उपस्थित नहीं होता। उत्तराखण्ड की गैर-सरकारी संस्था, पहल को गरीब औरतों के सशक्तिकरण की दिशा में अनुकरणीय कार्यों के लिए अमोदिनी पुरस्कार प्रदान किया गया है। पहल ने महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने के लिए छोटे ऋणों का मार्ग चुना और सबसे अधिक संख्या में स्वयं सहायता समूहों का गठन किया है।

सामाजिक बहादुरी पुरस्कार दिल्ली के श्री दीपक कुमार, उत्तराखण्ड के प्रोफेसर अजय सिंह रावत तथा उत्तर प्रदेश की कुमारी नीरज को दिया गया। दीपक ने 15 वर्ष की छोटी सी आयु में रक्तदान करना शुरू किया और सबसे कम आयु के स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले बने। बाद में कई संस्थाओं से भी जुड़े। प्रोफेसर रावत ने बिल्डर माफिया, खनन माफिया और लकड़ी की तिजारत करने वाले माफिया के खिलाफ निरन्तर अभियान चलाया और पर्यावरण की रक्षा की। कुमारी नीरज ने एक ऐसे स्कूल में पढ़ाने का बीड़ा उठाया जहाँ कोई सुविधा, कोई अध्यापक नहीं था और जिसे ‘अनाथ स्कूल’ के नाम से जाना जाता था।

शारीरिक बहादुरी पुरस्कार दिल्ली के श्री पवन कुमार (जो मुम्बई-दिल्ली राजधानी में पैन्ट्री इन्चार्ज थे) को प्रदान किया गया। इन्होंने एक बड़ी दुर्घटना टाल कर जलती ट्रेन के 150 से अधिक लोगों की जान बचाई। श्री सलीम अहमद को भी शारीरिक बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन्होंने सशक्त बदमाशों और उनके आग उगलते हथियारों की परवाह न करते हुए अनेक पर्यटकों को बदमाशों के शैतानी इरादों से बचाया। श्री रईस अहमद, श्री शमशाद और उनकी बहन, सुश्री शहनाज को भी अद्वितीय साहस तथा दूसरों के लिए अपनी जान जोखिम में डालने के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।

उत्तराखण्ड के श्री संतोष सिंह नेगी को माइण्ड आॅफ स्टील पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साहस और शक्ति की प्रतिमूर्ति, श्री संतोष के अंग बचपन से ही छोटे थे। संघर्ष के बावजूद उन्होंने अपनी जिन्दगी शान से बिताई है और पढ़ाई में हमेशा आगे ही रहे। वे छोटे ही थे कि माता का देहान्त हो गया और पिता सेवा निवृत्त हो गए। किसी प्रकार की नियमित आय न होने पर उन्होंने बच्चों को ट्यूशन देना शुरू किया और अपने भाई-बहन को पढ़ाया व अपनी पढ़ाई का इन्तजाम किया। श्री नेगी इस समय एम.ए. (अर्थशास्त्र) और एम.बी.ए. की पढ़ाई के साथ-साथ आई.ए.एस. की तैयारी भी कर रहे हैं।

गोडफ्रे फिलिप्स इण्डिया ने गोडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कार 1990 में शुरू किए थे। ये पुरस्कार आम आदमी में एक अनूठी भावना का प्रवाह करते हैं और शारीरिक बहादुरी, समाज सेवा व मानवीय भावना को सम्मानित करते हैं। गोडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कारों का उद्देश्य जनता में निःस्वार्थ सेवा भाव का प्रवाह करना है। इन दो पहल - गोडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कार और अमोदिनी पुरस्कारों के अन्तर्गत 1,200 से अधिक बहादुरों को सम्मानित किया गया है और 7,000 महिलाओं को सशक्त बनाया गया है।

1990 में शुरू होने के बाद से ये पुरस्कार 20 राज्यों - उड़ीसा, छत्तीसगढ़, उत्तराखण्ड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, गोवा, हिमाचल प्रदेश में दिय जा रहे हैं। हाल ही में इस सूची में जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड, तमिलनाडु और केरल शामिल हो गए हैं।

क्षेत्रीय स्तर पर पाँच समारोहों के बाद नवम्बर में दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों की घोषणा की जाएगी।

गाॅडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कार
क्षेत्र    ः    दिल्ली, उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड
श्रेणी    ः    शारीरिक बहादुरी

बहादुरी का संक्षिप्त विवरण:
बहादुर आमंत्रण के मोहताज नहीं होते। 26-वर्षीय शमषाद और उनकी बहन, शहनाज ने 10 मई, 2009 को अपहरण की एक कोशिश को नाकाम कर यह साबित कर दिया है।
शमशाद अपने घर बैठे चाय पी रहे थे, कि उन्होंने मदद के लिए गुहार सुनी। कुछ लोगों एक व्यक्ति को जबरन कार में खींच रहे थे।

छरअसल, एक व्यापारी, श्री अजय गुप्ता का अपहरण करने का प्रयास किया जा रहा था। अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए, वह तेजी से कार की तरफ दौड़े और एक अपहरणकर्ता को धर-दबोचा। उनकी बहन व दादी भी उनके पीछे दौड़ पड़ीं।

भाई-बहन अपहरणकर्ताओं से भिड़ चुके थे। अजय गुप्ता ने स्वयं को अपहरणकर्ताओं से छुड़ाया और जान बचाने के लिए एक मंदिर में जा घुसे।

इस दौरान एक अपहरणकर्ता ने रिवाल्वर निकाली और शमशाद को धमकाने लगा। फिर भी, शमशाद ने उसे अपने गिरफ्त से जाने नहीं दिया। अपहरणकर्ता ने गोली चला दी, जो शमशाद के सिर में लगी। वे गिर पड़े तथा अपहरणकर्ता भाग खड़े हुए।

शमशाद को अस्पताल ले जाया गया। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और एक मंत्री ने अस्पताल जा कर बहादुरी के लिए शमशाद शमशाद को बधाई दी।

उत्तर प्रदेष के श्री शमषाद और  शहनाज को अदम्य साहस तथा बहादुरी के लिए गाॅडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कारों की शारीरिक बहादुरी श्रेणी में पुरस्कृत किया जाता है।

गाॅडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कार
क्षेत्र    ः    दिल्ली, उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड
श्रेणी    ः    शारीरिक बहादुरी

बहादुरी का संक्षिप्त विवरण:
शान्त और समझदार, ऐसे दो गुण हैं जो बहादुरों को आम लोगों से अलग करते हैं। रईस अहमद देहरादून से कोटद्वार की बस चला रहे थे। बस में 37 यात्री सवार थे। जैसे ही बस लच्छीवाला मोड़ पर पहुंची उसके बे्रक और गियर बाॅक्स ने काम करना बंद कर दिया।

गाड़ी ढलान पर थी। बस पर नियंत्रण रखना मुश्किल हो रहा था। बस रोकने का कोई तरीका दिखाई नहीं दे रहा था।

बस 80 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। सभी यात्रियों में भय छा गया और वे शोर मचाने लगे। लेकिन, रईस अहमद शान्त थे और उनका ध्यान स्थिति का मुकाबला करने पर केन्द्रित था। वे बस को घुमावदार सड़कों पर चलाते रहे तथा सामने सड़क पर आने वाले लोगों को सामने से हटने की हिदायत देते रहे।

उन्होंने सभी यात्रियों से गाड़ी में पीछे की ओर जमा होने का अनुरोध किया और बस को वन विभाग के कार्यालय की ओर ले गए। उन्होंने बस को विभाग की चारदीवारी से जा टकराया। बस रुक गई और यात्री बिना किसी गम्भीर चोट के सुरक्षित बाहर आ गए।

उत्तराखण्ड के श्री रईस अहमद को अदम्य साहस, सूझबूझ तथा बहादुरी के लिए गाॅडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कारों की शारीरिक बहादुरी श्रेणी में पुरस्कृत किया जाता है।

गाॅडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कार
क्षेत्र    ः    दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड
श्रेणी    ः    शारीरिक बहादुरी

बहादुरी का संक्षिप्त विवरण:
रिक्शा चालक, सलीम अहमद की बहादुरी देशवासियों द्वारा लम्बे समय तक याद रखी जाएगी। सशस्त्र आतंकवादियों और उनके आग उगलते हथियारों की परवाह न करते हुए सलीम अहमद ने आतंकवादियों का पीछा किया तथा अनेक पर्यटकों को उनके शैतानी इरादों से बचाया।

19 सितम्बर, 2010 की वह भयावह सुबह। सलीम अहमद रोज की तरह लोगों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के अपने काम में लगे हुए थे। अचानक उन्होंने दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवारों को पर्यटकों के एक दल पर गोली चलाते देखा। ये पर्यटक जामा मस्जिद देख कर वापस लौट रहे थे। आतंकवादियों ने 12 गोलियां चलाईं।

अदम्य साहस का परिचय देते हुए वे तुरन्त अपनी रिक्शा से उतर गए। उन्होंने जमीन पर पड़ी एक ईंट उठाई तथा आतंकवादियों की तरफ फैंकी। उन्होंने आतंकवादियों का पीछा भी किया। इस बहादुर का साहस देखकर आतंकवादी घबरा गए और अपना हथियार छोड़ भाग खड़े हुए।

सलीम अहमद की बीमार बीबी और दो बच्चे हैं। वे अपनी बहादुरी के कारण अनेक दिलों में छा गए हैं। कुछ कंपनियों और व्यक्तियों ने आगे आकर उनकी बीबी के इलाज का खर्च उठाने का वायदा किया है। दिल्ली पुलिस ने भी उनके लिए 25 हजार रुपये के पुरस्कार की घोषणा की है।

दिल्ली के श्री सलीम अहमद को अदम्य साहस, निर्भीकता तथा बहादुरी के लिए गाॅडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कारों की शारीरिक बहादुरी श्रेणी में विषेष पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाता है।

गोडफ्रे फिलिप्स ब्रेवरी अवार्ड्स
क्षेत्र: दिल्ली, उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड

श्रेणी: शारीरिक बहादुरी

बहादुरी का संक्षिप्त विवरण:

उस दुखद घटना की याद आते ही बहादुर अंजुम की आँखों में आँसू आ जाते हैं। वे अपनी केवल एक साथी को ही बचा पाईं और अपनी बाकी पाँच साथियों के लिए कुछ नहीं कर पाईं।

उस दिन अंजुम अपनी छह साथियों के साथ स्कूल से वापस आ रहीं थी। वे और उनकी सहेलियाँ रेलवे ट्रैक पार कर रहीं थी कि अचानक सामने से एक ट्रेन आती नजर आई। ट्रेन बिलकुल पास पहुँच चुकी थी। अंजुम तो ट्रैक पार कर चुकी थी पर सहेलियाँ पीछे थीं।

अंजुम खतरा साफ देख रही थी। वे झपट कर पीछे मुड़ी और उन्हें बचने की चेतावनी देते हुए एक सहेली को पकड़ कर पीछे खींच लिया। ट्रेन पास से गुजर गयी और बाकी पाँच सहेलियाँ उसकी चपेट में आ गयी। एक पल की भी देर होने पर वह और उसकी सहेली भी शिकार बन जाती।

अंजुम के पिता भारत इलेक्ट्राॅनिक्स लिमिटेड में काम करते हैं। उनकी इस बहादुरी के लिए भारत इलेक्ट्रोनिक्स आॅफिसर्स क्लब और उसकी महिला शाखा ने अंजुम को पुरस्कृत किया है।

आसाधारण साहस और बहादुरी के लिए उत्तर प्रदेष की कुमारी अंजुम को
गोडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कारों की विषेष शारीरिक बहादुरी श्रेणी में पुरस्कृत किया जाता है।


गोडफ्रे फिलिप्स ब्रेवरी अवार्ड्स

क्षेत्र: दिल्ली, उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड

श्रेणी: शारीरिक बहादुरी

बहादुरी का संक्षिप्त विवरणः

मुम्बई-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में रसोई इन्चार्ज और आईआरसीटीसी के कर्मचारी, श्री पवन कुमार की सूझबूझ, तुरन्त और बहादुरी भरी कार्यवाही ने 18 अप्रैल 2011 को 150 यात्रियों को मौत के मुँह से सुरक्षित निकाल लिया।

राजधानी एक्सप्रेस के तीन डिब्बों में तड़के भीषण आग लग गयी। आग रसोई घर से शुरू हुई थी। ट्रेन तेज गति से दौड़ी जा रही थी। यात्री दिन के पहले पहर में आराम से सो रहे थे। तभी श्री पवन कुमार को धुएँ का आभास हुआ। वे चैंक कर उठ बैठे, ट्रेन रोकने के लिए चैन खींची और फौरन अग्निशमन उपकरण की ओर हो लिए।

साथ ही, उन्होंने अपने साथियों को लोगों को उठाने के लिए कहा। जैसे ही ट्रेन रूकी वे रसोईघर की ओर हो लिए और आगे बुझाने में लग गए। उनका आत्म-विश्वास देखकर कुछ और लोग भी साथ हो लिए। आग बुझा दी गयी और सभी लोगों को सुरक्षित नीचे उतार लिया गया। इस आग में ट्रेन के 3 डिब्बे जल कर पूरी तरह तबाह हो गए।

अपनी जान की परवाह न कर अद्वितीय सूझबूझ और बहादुरी का परिचय देते हुए 150 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित बचाने के लिए दिल्ली के श्री पवन कुमार को गोडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कारों की शारीरिक श्रेणी में विशेष पुरस्कार प्रदान किया जाता है।

गाॅडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कार

क्षेत्र    ः    दिल्ली, उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड
श्रेणी    ः    सामाजिक बहादुरी

सामाजिक कार्यों का संक्षिप्त विवरण:
मोहम्मद शरीफ गरीब और जरूरतमंद लोगों के मसीहा हैं। उन्होंने अपना जीवन अस्पतालों में गरीब मरीजों की सेवा में समर्पित कर दिया है। पेशे से साइकिल मैकेनिकल, मोहम्मद शरीफ ने दुःख को करीब से महसूस किया है। उनका बेटा मृत्यु से एक माह पूर्व गायब हो गया था। अतः वह उसका अंतिम संस्कार तक नहीं कर सके।

इस दुखद घटना ने उन्हें और अधिक शक्ति दी। उन्होंने फैसला किया कि अब कोई गुमनामी की मौत नहीं मरेगा।

वे अपने काम और लोगों की सेवा में जुट गए। मोहम्मद शरीफ रोज प्रातः 5 बजे उठते हैं और नगर अस्पताल जाकर उन सभी मरीजों को नहलाते हैं जिनकी देखरेख करने के लिए उनके परिवार का कोई सदस्य उपस्थित नहीं होता है। वे इन मरीजों को दवाई आदि देने में नर्स की पूरी सहायता करते हैं। मोहम्मद शरीफ अस्पताल के कर्मचारियों का एक भाग बन चुके हैं।

अस्पताल से निकल कर वे साइकिलों की मरम्मत करने का अपना कार्य करते हैं और अपनी दुकान बंद करने के बाद फिर अस्पताल वापस लौट आते हैं तथा देर रात तक मरीजों की सेवा करते हैं।
मोहम्मद शरीफ ने शहर में ऐसी सभी लाशों का अंतिम संस्कार करने का उत्तरदायित्व भी लिया है जिनका कोई दावेदार नहीं है। उनके लिए मृतक के का धर्म का कोई मतलब नहीं है।
वे अपने इस सामाजिक कार्य के लिए लोगों से चन्दा इकट्ठा करते हैं। रमज़ान महीने में तो वह ज़कात जमा करने के लिए विशेष प्रयास करते हैं।

उत्तर प्रदेष के मोहम्मद शरीफ को गरीब तथा जरूरतमंद रोगियों की निःस्वार्थ सेवा के लिए गाॅडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कारों की सामाजिक बहादुरी श्रेणी में पुरस्कृत किया जाता है।

गाॅडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कार
क्षेत्र    ः    दिल्ली, उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड
श्रेणी    ः    सामाजिक बहादुरी

सामाजिक कार्यों का संक्षिप्त विवरण:
प्रो. अजय सिंह रावत सदा से न्याय के लिए लड़ाई करते रहे हैं। उन्होंने पर्यावरण सुरक्षा के उद्देश्य से भवन निर्माण, खनन और वन माफिया से भी टक्कर ली है।

शिक्षाविद तथा सामाजिक कार्यकर्ता, श्री रावत ने नैनीताल तथा नैनी झील को पर्यावरण की दृष्टि से बर्बाद होने से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की, जिसके परिणामस्वरूप नैनीताल में बहुमंजिली इमारतें बनाने पर रोक लगा दी गई और 499 लोगों को इसके लिए दण्डित भी किया गया। प्रो. रावत के सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप नैनी झील की सफाई की गई और ठण्डी सड़क को पैदल चलने वालों के मार्ग के रूप में तैयार किया गया। यही नहीं, निहाल नदी के पास गैर-कानूनी खनन कार्यों पर भी रोक लगाई गई।

वे अपने लेखों से पर्यावरण सुरक्षा के संबंध में लोगों में निरन्तर जागरूकता लाते रहे हैं। उन्हें वन इतिहास के क्षेत्र में दो राष्ट्रीय फैलोशिप भी प्रदान की गई हैं। श्री रावत अपने छात्रों, वन विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन के सहयोग से वृक्षारोपण के क्षेत्र में भी आगे रहे हैं।

उत्तराखण्ड के प्रो. अजय सिंह रावत को पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी निष्ठा के लिए गाॅडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कारों की सामाजिक बहादुरी श्रेणी में पुरस्कृत किया जाता है।

गाॅडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कार

क्षेत्र    ः    दिल्ली, उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड
श्रेणी    ः    सामाजिक बहादुरी

सामाजिक कार्यों का संक्षिप्त विवरण:
इन्हें उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के रोठा गांव में मदर टेरेसा के नाम से जाना जाता है। मृदु भाषी, कुमारी नीरज ने एक ऐसे स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है जहां न तो कोई अध्यापक था, न ही किसी प्रकार की सुविधा। इस स्कूल को लोग ”अनाथ स्कूल“ के तौर पर जानते थे।

वे गांव की उन गिनी-चुनी लड़कियों में से एक हैं जो कभी स्कूल गईं थीं। गांव वालों की लगातार मांग पर दो वर्ष पूर्व उनके गांव में एक स्कूल खोला गया लेकिन कोई अध्यापक वहां तक नहीं पहुंचा। स्कूल में ताला लगा रहा।

सुश्री नीरज ने कुछ कर गुजरने का फैसला किया। वे आगे बढ़ीं और ताला खोल स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया। इस कार्य में मदद के लिए न तो किसी गैर-सरकारी संगठन और न ही सरकार ने उनका हाथ थामा। फिर भी, नीरज अपने मिशन में आगे बढ़ती रहीं। वे हर रोज जल्दी स्कूल पहुंचती हैं और बच्चों के आने से पहले खुद साफ-सफाई भी करती हैं।
बच्चे खुश हैं। वे उन्हें खुशी से मदर टेरेसा कहते हैं। दरअसल, उन्होंने ही तो बच्चों को मदर टेरेसा के बारे में बताया है।

उत्तर प्रदेष की सुश्री नीरज को शिक्षा के प्रसार के लिए किए जा रहे कार्यों तथा उनकी निःस्वार्थ सेवा भावना के लिए गाॅडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कारों की सामाजिक बहादुरी श्रेणी में विषेष पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाता है।

गोडफ्रे फिलिप्स ब्रेवरी अवार्ड्स

क्षेत्र: दिल्ली, उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड

श्रेणी: सामाजिक बहादुरी

बहादुरी का संक्षिप्त विवरण:

समाज सेवा ही दीपक कुमार का धर्म है। वे स्टेट बैंक आॅफ इण्डिया में स्थायी कर्मचारी हैं और नियमित रूप से रक्त दान कर समाज की सेवा कर रहे हैं। श्री दीपक कुमार 31 अगस्त 1979 से 01 जनवरी 2011 तक 113 बार रक्त दान कर चुके हैं।

श्री दीपक 15 साल की उम्र से ही रक्त दान करते रहे हैं। कहा जाता है कि वे सबसे कम उम्र के रक्त दाता हैं।

वे कई संस्थाओं के सदस्य और लिमका बुक आॅफ रिकाॅर्ड्स, 2004 के राष्ट्रीय रिकाॅर्ड होल्डर भी हैं।

वे अपनी समाज सेवा के लिए कई पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।

रक्तदान द्वारा मानव जाति के प्रति उनकी सेवाओं का सम्मान करते हुए दिल्ली के  श्री दीपक कुमार को गोडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कारों की सामाजिक बहादुरी श्रेणी में पुरस्कृत किया जाता है।

गाॅडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कार
क्षेत्र    ः    दिल्ली, उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड
श्रेणी    ः    माइण्ड आॅफ स्टील
बहादुरी का संक्षिप्त विवरण:

संतोष सिंह नेगी के जन्म से ही अंग छोटे तथा कमजोर थे। उनका जीवन संघर्षों से भरा है। उन्होंने स्वयं को किसी से कम नहीं माना और उच्च शिक्षा प्राप्त कर सम्मान से अपना जीवन व्यतीत किया।

वे 10 वर्ष के थे कि उन्हें अपने परिवार के मुखिया की भूमिका निभानी पड़ी। उनके पिता सेना की ड्यूटी में उनसे बहुत दूर थे और बीमार मां बिस्तर पर थी। उनका एक छोटा भाई भी था।
दो वर्ष पश्चात उनकी माता का देहान्त हो गया और पिता भी सेवानिवृत्त हो गए। नियमित आय का कोई साधन न था, अतः श्री नेगी ने अपने परिवार का पालन करने तथा अपनी तथा अपने भाई की शिक्षा पूरी करने के लिए ट्यूशन देना शुरू किया।

वे बारहवीं कक्षा में ही थे कि उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य इंजीनियरी परीक्षा पास की। लेकिन पैसे के अभाव में इंजीनियरी की शिक्षा प्राप्त नहीं कर सके और बीएससी पाठ्यक्रम में प्रवेश पा लिया। इस दौरान वे अपने परिवार का पोषण करने के लिए ट्यूशन देते रहे।

उन्होंने भौतिकी शास्त्र में एमएससी और फिर बीएड की उपाधि प्राप्त की तथा आकाशवाणी, नजीबाबाद में कार्यक्रम देने लगे। वे राजीव गांधी स्नातकोत्तर छात्रवृत्ति के लिए भी चुने गए।
आज वे राॅयल इंटर काॅलेज, भैराकुण्ड में विज्ञान के प्रोफेसर हैं। उनके छात्रों के परीक्षा परिणाम उनकी योग्यता का प्रमाण है।

उनका भाई पीएचडी कर रहा है। श्री नेगी का सफर अभी समाप्त नहीं हुआ है। वे अर्थशास्त्र में एमए और एमबीए के पाठ्यक्रम में भाग ले रहे हैं तथा आईएएस की तैयारी कर रहे हैं।
उत्तराखण्ड के श्री संतोष सिंह नेगी को अपनी सभी शारीरिक कमजोरियों और कठिनाइयों के बावजूद शान से अपने पैरों पर खड़े होने के लिए गाॅडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कारों के अन्तर्गत माइण्ड आॅफ स्टील पुरस्कार प्रदान किया जाता है।

गोडफ्रे फिलिप्स ब्रेवरी अवार्ड्स
क्षेत्र: दिल्ली, उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड

श्रेणी: अमोदिनी पुरस्कार

बहादुरी का संक्षिप्त विवरण:

गैर-सरकारी संगठन, पहल ने उत्तराखण्ड ने स्वयं सहायता समूह के गठन के क्षेत्र में अपार सफलता प्राप्त करने के साथ-साथ महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने के लिए छोटे-छोटे ऋणों की व्यवस्था करने में भी अपार सफलता प्राप्त की है।

1974-75 में गठित इस गैर-सरकारी संस्था ने शुरू में गदी बस्ती की 10 महिलाओं को 8000 रुपये के ऋण दिलवा कर अपना काम शुरू किया। समय बीतता गया और पहल सफलता की नई-नई सीढ़ीयाँ चढ़ती गयी। इस समय यह छोटी बचत के क्षेत्र में राज्य की सबसे बड़ी संस्था है।

इसके अन्तर्गत 537 स्वयं सेवा समूह काम कर रहे हैं और इसने 6000 महिलाओं को 5 करोड़ से भी अधिक के ऋण दिलवाए हैं।

पहल के अध्यक्ष श्री इस्लाम हुसैन ने यह संस्था पर्यावरण संबंधी मामलों के लिए शुरू की थी। 1994 में इसने महिलाओं के जीवन-यापन पर ध्यान देना शुरू किया और 25 महिलाओं को एचएमटी में नौकरी दिलाई गयी। यह कामयाबी से उत्साहित हो संस्था ने गन्दी बस्तियों की 10-10 महिलाओं के स्वयं सहायता समूह बनाने शुरू किए। इस समय पहल अपने स्वयं सेवा समूहों की संख्या बढ़ाकर अगले 2 सालों में 10,000 करने की योजना पर काम कर रही है।

महिलाआ सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे कार्यों के लिए उत्तराखण्ड की गैर-सरकारी संस्था, पहल को गोडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कारों का अमोदिनी पुरस्कार प्रदान किया जाता है।

गोडफ्रे फिलिप्स ब्रेवरी अवार्ड्स

क्षेत्र: दिल्ली, उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड

श्रेणी: अमोदिनी विषेष पुरस्कार

बहादुरी का संक्षिप्त विवरण:

गुलाबी गैंग उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में महिलाओं को न्याय दिलाने, घरेलू हिंसा से बचाने और समाज की कुरीतियों को दूर करने में महत्त्वपूर्ण योगदान कर रहा है।

गत अनेक वर्षों से यह गैर-सरकारी संस्था रूढ़ीवादी परम्पराओं, जातिवाद, महिला निरक्षरता, घरेलू हिंसा, बाल श्रम, बाल-विवाह व दहेह प्रथा के खिलाफ आवाज उठा रही है।

संस्था की स्थापना पुरुष उत्पीड़न से औरतों को बचाने के लिए की गयी थी। लेकिन अब यह संस्था घर-घर जा कर परिवारों से अपनी लड़कियों को स्कूल भेजने को कहती है और औरतों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

आज गुलाबी गैंग की हजारों महिला सदस्य है। संस्था के उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए अनेक पुरूष भी अभियान में शामिल हो गए हैं। बात चाहे सार्वजनिक वितरण व्यवस्था की हो या वृद्ध महिलाओं को पेंशन की, गुलाबी गैंग को आप सदा आगे पायेंगे।

जहाँ भी किसी पुरूष द्वारा किसी महिला के शोषण की बात सामने आती है, गैंग के सदस्य सामने आकर समझाते-बुझाते हैं और जरूरत पड़ने पर पुरुष की जग हँसाई करने से भी नहीं चूकते।

महिला सशक्तिकरण तथा महिलाओं को अपने अधिकार दिलवाने के लिए चलाये जा रहे अभियान के लिए उत्तर प्रदेश की गैर-सरकारी संस्था, गुलाबी गैंग को गोडफ्रे फिलिप्स बहादुरी पुरस्कारों का विषेष अमोदिनी पुरस्कार प्रदान किया जाता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

रैली के माध्यम से भाजपा ने दिखाई ताकत

Posted on 25 May 2011 by admin

24 मई 2011 गोरखपुर के चम्पा देवी पार्क में प्रदेश भाजपा के आह्वान पर आयोजित महासंग्राम रैली को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि गोरखनाथ की इस पवित्र धरती पर जो जनसमुदाय की भारी भीड़ दिख रही है वह इस बात का प्रमाण है कि जनता भय, भूख और भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा के साथ खड़ी हुई हैै। कांग्रेस ने चुनाव के समय नारा दिया था कि कांगे्रस का हाथ गरीब के साथ वही हाथ आज गरीब के साथ नहीं दिखता बल्कि उनके जेबों पर डांका डाल रहा है। कांगे्रस मां-बेटे की पार्टी बनकर रह गई। कांगे्रस सरकार मंे घोटाले श्रंखलाबद्ध सामने आ रहे हैं। 2जी-स्पेक्ट्रम 1लाख 76 हजार करोड़, कामनवेल्थ गेम 70 हजार करोड़, नेहरू स्टेडियम के नाम पर 480 करोड़ रूपए लूट लिए गए। गडकरी ने पूछा क्या इसमें अकेले कलमाड़ी जिम्मेदार हैं ? यहां हजार कलमाड़ी हैं। भ्रष्टाचार जो भारत की राजधानी दिल्ली से चलकर पूरे देश में फैला है उसके दुल्हा राजा हैं लेकिन बराती तो कांगे्रसी हैं।

24may-gkp-15समाजवादी पार्टी को फैमली पार्टी के रूप में देखा जाता है। बसपा में माया मैडम का एकछत्र राज है। बसपा में सारे मर्द उसके पैर के तले रहते हैं। ये सारे मर्द अपनी बुझदली का राज जनता को क्यों नहीं बताते। माया मैडम की भ्रष्टाचार में किसी से पीछे नहीं है। मुख्यमंत्री ने सरकार बनने से पहले सपा के गुण्डा राज को खत्म करने के लिए जनता से वादा किया था। वह राज तो खत्म नहीं हुआ उल्टे इनके सरकार के मंत्री व विधायक संगीन आरोपों के तहत जेल जा रहे हैं, जा चुके हैं। लक्ष्मी दर्शन के लिए यह देवी व्याकुल रहती है। किसानों के खेत में पानी, घरों में बिजली नहीं है लेकिन किसान भयभीत है, महिलाएं बलात्कार की शिकार हो रही हैं भ्रष्टाचार अपनी चरम पर हैं। भाजपा सत्ता में आने पर रामराज्य की स्थापना करेगी। विकास की राजनीति होगी। गडकरी ने कहा कि गणेश परिक्रमा से किसी को टिकट नहीं मिलेगा बल्कि जनता के बीच कठोर परिश्रम करें दिल्ली,लखनऊ के बजाय गांव व जनता के बीच पार्टी के काम को सरकार की नाकामियों को उजागर करें। होल्डिंस पर चेहरे नहीं कार्यकर्ता और जनता दिखनी चाहिए। मैं भी भाजपा का जमीनी कार्यकर्ता हॅूं अपने हाथों से मेैंने दिवालों पर पोस्टर लगाए हैं और आज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहा हॅू।

रैली को संबोघित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि यू0पी0 की दयनीय दशा सपा, बसपा व कांगे्रस की देन है। भाजपा के शासन में इससे उत्तम प्रदेश के नाम से जाना जाता था। आज भ्रष्टाचार और गुण्डाराज के नाम से जाना जाता है। भाजपा की सरकार बनने पर पांच साल में 10 लाख लोगों को नौकरी दी जाएगी।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश की दोनों सरकार लूटेरी हो गई है। हम रैली माध्यम से कांगे्रस व बसपा को चुनौती दे रहे हैं कि भाजपा की सरकार बनने पर लूट करने वालों को जेल भेजा जाएगा। अगली सरकार भाजपा की बनेगी।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय कटियार ने कहा कि धर्म के नाम पर आरक्षण मांगने वाले राष्ट्रद्रोही हैं। दिग्विजय सिंह आजमगढ़ में आतंकवादियों को क्यों प्रोत्साहित करते रहते हैं सब कांगे्रसियों की मिलीभगत है।

गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केन्द्र की कमजोर सरकार देश की सुरक्षा की लिए खतरा है। देश की सुरक्षा में सेंध लग रही है। वोट बैंक की लालच में मुस्लिम तुष्टिकरण हावी हो रहा है। कश्मीर में उग्रवाद हो या नेपाल में माओवाद दोनों से हमें गम्भीर खतरे हैं। पं0 नेहरू ने देश के आवाम से धोखा किया है जिसके कारण देश का विभाजन हुआ। उन्होंने ललकारते हुए कहा कि अब देश का विभाजन करने वालों की जगह जेल में होगी।

मंच पर राष्ट्रीय महामंत्री संगठन रामलाल जी, प्रदेश प्रभारी नरेन्द्र सिंह तोमर, सहप्रभारी राधे मोहन सिंह, राष्ट्रीय मंत्री किरीट सोमैया, संतोष गंगवार, राष्ट्रीय प्रवक्ता रामनाथ कोविद, पूर्व अध्यक्ष डा0 रमापति राम त्रिपाठी प्रदेश महामंत्री संगठन राकेश कुमार, महामंत्री नरेन्द्र सिंह, डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय, विनोद पाण्डेय, प्रोफेसर रामजी सिंह, सांसद कुसुम राय, उपाध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, महेन्द्र सिंह,अरूण सिंह, विभूतिनारायण सिंह, अष्टभूजा शुक्ला, कमलेश पासवान सांसद, अंजु चैघरी मेयर,देवेन्द्र सिंह क्षेत्रीय मंत्री उपस्थित रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

भारतीय जनता पार्टी को देश के सबसे बड़े राज्य की मुख्यमंत्री की लोकप्रियता हजम नहीं हो रही है

Posted on 25 May 2011 by admin

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा बी0एस0पी0 सरकार पर लगाये गये भ्रष्टाचार के सभी आरोप असत्य एवं बेबुनियाद
बी0एस0पी0 सरकार पर आरोप लगाने से भाजपा के नेता
अपनी सरकारों के कार्यकाल को भी याद करें
बढ़ती महंगाई गरीबी, बेरोजगारी तथा किसानों की दुर्दशा के लिए यू0पी0ए0 सरकार के साथ-साथ तत्कालीन एन0डी0ए0 की सरकार भी बराबर की दोषी

बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा बी0एस0पी0 सरकार पर आज गोरखपुर में एक जनसभा के दौरान लगाये गये आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रवक्ता ने कहा कि बी0जे0पी0 द्वारा राज्य सरकार पर लगाये गये सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। दलित विरोधी, जातिवादी मानसिकता से ग्रसित भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देश के सबसे बड़े राज्य की मुख्यमंत्री की लोकप्रियता एवं उनके नेतृत्व को हजम नहीं कर पा रहे हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि जनता को आज भी अच्छी तरह याद है कि किस प्रकार बी0जे0पी0 के नेतृत्व वाली केन्द्र की तत्कालीन एन0डी0ए0 सरकार ने लाभ कमा रहे केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को औने-पौने दामों पर बेचने के लिए बाकायदा विनिवेश मंत्रालय का गठन किया था और जनता की गाढ़ी कमाई से स्थापित अनेक उपक्रमों को पूंजीपतियों और धन्नासेठों को सौप दिया था। इसके विपरीत बी0एस0पी0 सरकार ने घाटे पर चल रहीं सरकारी चीनी मिलों की बिक्री के सम्बन्ध में भारत सरकार के विनिवेश सम्बन्धी दिशा-निर्देशों को अपनाकर सम्पूर्ण प्रक्रिया का पालन किया और इस दौरान पूरी पारदर्शिता बरतते हुए ओपन बिडिंग के माध्यम से कार्यवाही की गयी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दौरान भी चीनी मिलें घाटे में चल रही थीं, लेकिन उन्होंने इस सम्बन्ध में कुछ नहीं किया।

प्रवक्ता ने कहा कि देश में बढ़ती महंगाई गरीबी, बेरोजगारी तथा किसानों की दुर्दशा के लिए यू0पी0ए0 के साथ-साथ तत्कालीन एन0डी0ए0 की सरकार भी बराबर की दोषी है। उन्होंने कहा कि जहां तक महंगाई लगातार बढ़ने का सवाल है इसके लिए भाजपा अध्यक्ष को प्रदेश सरकार को जिम्मेदार न ठहराकर केन्द्र सरकार को कटघरे में खड़ा करना चाहिए, क्योंकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अच्छी तरह जानते हैं कि महंगाई रोकने में राज्य सरकारों की भूमिका काफी सीमित होती है। इसके बावजूद भी बी0एस0पी0 सरकार ने महंगाई रोकने के लिए अपनी क्षमता के अनुसार कई निर्णय लिये हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा केन्द्र तथा उत्तर प्रदेश की सत्ता में रह चुकी है और उसके नेता अच्छी तरह जानते हैं कि महंगाई के लिए केन्द्र सरकार की नीतियां ही जिम्मेदार होती हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को यदि देश की आम जनता की चिंता होती तो उन्हें नई दिल्ली में केन्द्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मामले में बी0एस0पी0 सरकार कोई भी समझौता नहीं करती और कानून-व्यवस्था खराब करने के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रभावी पैरवी भी सुनिश्चित करती है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 एक जिम्मेदार राष्ट्रीय राजनैतिक पार्टी है और भाजपा अध्यक्ष को यह भी जानकारी होगी कि वह कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर प्रदेश की सत्ता में आई है। इसलिए कानून-व्यवस्था को लेकर वह पूरी तरह से गम्भीर है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था के मामले में भारतीय जनता पार्टी का रिकार्ड दूसरों पर आक्षेप लगाने के लायक नहीं है, क्योंकि बी0जे0पी0 की सरकार के शासनकाल में कई वर्तमान तथा भूतपूर्व विधायकों की जघन्य हत्याएं हुई। उन्होंने कहा कि बसपा पर आरोप लगाने से पहले उन्हें अपनी पूर्व सरकारों के कार्यकलापों को भी स्मरण कर लेना चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गडकरी अक्सर सार्वजनिक तौर पर भाजपा की जन सभाओं में बी0एस0पी0 एवं उसकी मुखिया पर विषवमन करते रहते हैं। इससे साबित होता है कि अपनी पार्टी के लगातार दरकते जनाधार को बचाये रखने के लिए अनाप-शनाप बयानबाजी करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि उनके निशाने पर सिर्फ उत्तर प्रदेश सरकार ही रहती है। उन्होंने कहा कि जहां तक उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी को लेकर बयानबाज़ी की गई है, उस सम्बन्ध में भाजपा के नेताओं को याद नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा कि रोजगार देने के मामले में बी0एस0पी0 सरकार की उपलब्धियां अतुलनीय हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लगभग 88 हजार प्राथमिक शिक्षकों, 1 लाख 09 हजार सफाई कर्मियों तथा 5 हजार उर्दू शिक्षकों की भर्ती की गयी। इसके अलावा पुलिस विभाग में लगभग सवा दो लाख नये पदों की स्वीकृति व इन पदों पर भर्ती का कार्य, कुछ ऐसी उपलब्धियां हैं, जिसके कारण सभी मान रहें हैं कि सरकारी क्षेत्र के माध्यम से लोगों को रोजगार देने की दिशा में  बी0एस0पी0 सरकार के समान पूरे देश में दूसरी मिसाल मिलना मुश्किल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के चलते गैर-सरकारी क्षेत्रों में भी लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार ने पिछली सरकार द्वारा सामान्य वर्ग की भर्ती पर लगाये गये प्रतिबन्ध को हटाकर इन वर्गों के लिए सरकारी नौकरी के अवसर सुलभ कराये तथा वर्षों से रिक्त चले आ रहे अनुसूचित जाति/जन जाति के आरक्षित श्रेणी के बैकलाग के रिक्त पदों को विशेष अभियान चलाकर भरने की कार्यवाही भी पूरी की।

प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश के किसानों की स्थिति को लेकर बी0जे0पी0 के नेता भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहें हैं। बी0एस0पी0 सरकार किसानों के हितों के प्रति पूरी तरह सजग और जागरूक है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

तहसील दिवस के संदर्भो का प्रभावी और समयबृद्व रूप से निस्तारण करें-डी.एम.

Posted on 25 May 2011 by admin

जिलाधिकारी अजय चैहान ने आज एत्मादपुर में आयोजित तहसील दिवस में जन शिकायतों की व्यक्तिगत रूप से सुनवाई की और अधिकारियों को निर्देश दिये कि तहसील दिवस के संदर्भो को निर्धारित समय में निस्तारित करें। उन्होंने निर्देश दिये कि शासन की मंशा के अनुरूप जन शिकायतों के प्रति संवेदनशील रहें। एत्मादपुर में दर्ज 150 शिकायतें प्राप्त हुई जिनमें अधिकांश, पेयजल, चकबन्दी, विद्युत और राजस्व विभाग से सम्बन्धित थी।

जिलाधिकारी ने कई प्रकरणों में शिकायत कत्र्ता लेखपाल, चकबन्दी अधिकारियों और राजस्व विभाग के अधिकारियों को संयुक्त रूप से बुलाकर सुनवाई की और समस्या के निदान हेतु निर्देश दिये। भूमि के नाम और कब्जों के प्रकरणों में तहसीलदार को स्वयं मौके पर जाने के निर्देश दिये। अधिशासी अधिकारी नगर पालिका एत्मादपुर को भी पेयजल व्यवस्था में सुधार हेतु चेतावनी दी।
उन्होंने निर्देश दिये कि तहसील दिवस के पश्चात अधिकारी, स्थल पर जाकर निरीक्षण/सत्यापन करें और स्थल पर ही समस्या का निदान करायें। तहसील दिवस के उपरान्त अधिकारियों ने डा0 अम्बेडकर ग्राम गढी बच्ची जाकर कार्यो का स्थलीय सत्यापन किया।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आर.के. श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी(प्र0) जगदीश, डीएफओ एन.के. जानू सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

जनता को बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम सुलभ करायें-मण्डलायुक्त

Posted on 25 May 2011 by admin

जनता को सुविधाजनक और बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम सुलभ करायें और बसों का संचालन समय सारिणी के अनुरूप सुनिश्चित करायें। आगरा मथुरा सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (उ0प्र0 सरकार का उपक्रम) के निदेशक मण्डल की अध्यक्षता करते हुए मण्डलायुक्त ने यह निर्देश दिये।

मण्डलायुक्त अमृत अभिजात की अध्यक्षता में कमिश्नरी सभागार में आयोजित निदेशक मण्डल की इस द्वितीय बैठक में प्रथम बैठक के कार्यवृत्त को अनुमोदित किया गया । कम्पनी के अध्यक्ष के रूप में मण्डलायुक्त आगरा नामित किये गये है। आगरा-मथुरा सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के निदेशक के रूप में जिलाधिकारी आगरा अजय चैहान तथा राम विशाल मिश्रा नगर आयुक्त को कम्पनी के निदेशक के रूप में अनुमोदन प्रदान किया गया । श्री अभिजात ने निर्देश दिये कि नगरीय वाहनों के जेएनएनयूआरएम के अन्तर्गत संचालन हेतु पी.आर.डी. स्वयं सेवक परिचालक के कार्य हेतु संविदा पर लेलें और वित्त विभाग से परामर्श कर मानदेय  की धनराशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर करायें। भर्ती मे उनका पुलिस वेरीफिकेशन आदि प्रक्रिया पूर्ण करायें। कम्पनी के खाते के संचालन हेतु नीरज सक्सैना क्षेत्रीय प्रबन्धक तथा सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक(वित्त) उ0 प्र0 परिवहन निगम आगरा को संयुक्त रूप से बैंक ट्रांजेक्सन के अधिकृत किया गया साथ ही मासिक व्यय विवरण अनिवार्य रूप से नामित वित्त अधिकारी को भेजने के निर्देश दिये।

आगरा में प्रस्तावित 12 टर्मिनस तथा वर्तमान में संचालित 10 स्टापेजों और मथुरा में संचालित 10 स्टापेजों और मथुरा में संचालित वाहनों के लिए 8 टर्मिनस सहित उक्त कुल 30 स्थानों पर परिवहन निगम के सेवा निवृत कर्मचारियों को निश्चित मानदेय पर रखने पर सैद्वान्तिक सहमति प्रकट की गई। जेएनएनयूआरएम डिपो कार्यालय के लिए फर्नीचर हेतु आगरा के लिए दो लाख तथा मथुरा के लिए एक रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई है।

मार्कोपालों के चालक एवं परिचालकों को यूनिफार्म दिये जाने पर सहमति दी गई। मै0 ग्रीन गैस लिमिटेड के अधिकारियों को जेएनएनयूआरएम बसों के लिए नियमित सीएन जी आपूर्ति हेतु सचेत किया गया।
बसों से आमदनी और व्यय के कम करने के लिए वाहनों तथा बस सेल्टरों/टर्मिनल पर विज्ञापन हेतु टैण्डर जारी करने की अनुमति दी गई । चार्टेड बसों की भांति विद्यालय प्रबन्धकों को बसें लेने के लिए प्रेरित करने, बसों को शादी-विवाह आदि उत्सबों के लिए किराये पर देने पर भी सहमति प्रकट की गई। आयुक्त ने आगरा-फतेहपुर सीकरी के मध्य भी इन सेवाओं के संचालन के निर्देश दिये।

जेएनएनयूआरएम आगरा एवं मथुरा डिपों के लिए आगरा में दो डिपो हेतु पाॅच-पाॅच एकड तथा मथुरा में एक डिपो हेतु पाॅच एकड भूमि उपलब्ध कराने की मांग की गई।
बैठक में डीआईजी असीम अरूण, उपाध्यक्ष आविप्रा रामस्वरूप, नगर आयुक्त राम विशाल मिश्रा, आरटीओ वी.के. सोनकिया कम्पनी सचिव दिलीप दीक्षित, अपर आयुक्त पी.के. अग्रवाल आदि उपस्थित थे। कम्पनी के प्रबन्ध निदेशक, नीरज सक्सैना ने एजेण्डा बिन्दुवार आख्या प्रस्तुत की ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

मा0 मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मद्द योजना हेतु सर्वेक्षण

Posted on 25 May 2011 by admin

नियुक्त अधिकारी वार्ड में निर्धारित स्थल पर 26 मई से 29 मई तक आवेदन पत्र पूर्ण कराये

मा0 मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मद्द योजना के क्रियान्वयन हेतु पात्र व्यक्तियों के चयन हेतु नगर निगम आगरा के 90 वार्डो में सर्वेक्षण हेतु वार्ड वार अधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी है और उन्हें निर्देश दिये है कि अपने सम्बन्धित वार्ड में निर्धारित स्थल पर 26 मई से 29 मई तक प्रतिदिन प्रातः 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक और सांय 4 बजे 6 बजे तक उपस्थित रहकर सर्वेक्षण फार्म/आवेदन पत्र पूर्ण कराकर अपने पर्यवेक्षीय अधिकारी के माध्यम से उप जिलाधिकारी सदर/एत्मादपुर के कार्यालय में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। नियुक्त अधिकारी वार्ड के पार्षद का भी सहयोग इस सर्वेक्षण हेतु ले सकते है। उन्होंने अधिकारियों की तैनाती के आदेश के प्रति समस्त पार्षदों को भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये है।

मुख्य विकास अधिकारी आर. के. श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कमिश्नरी सभागार में सर्वेक्षण हेतु तैनात समस्त अधिकारी तथा कर्मचारियों का वृहद प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया । उन्होंने शासनादेश, सर्वेक्षण हेतु प्रपत्रों, बैंकखाता खुलवाने आदि विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी दी । उन्होंने विभिन्न अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत समस्याओं के समाधान भी दिये। उन्होंने कहा कि यह योजना शासन को प्राथमिकताओं में है अतः किसी भी स्तर पर लापरवाही न करें । सभी कार्य समयबद्व रूप से सम्पन्न कराये।

मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि महामाया गरीब आर्थिक मद्द योजना के अन्तर्गत पात्र व्यक्तियों के प्रार्थना पत्र निर्धारित स्थल पर स्वीकार किये जायेगें। वार्ड अधिकारी स्वयं/ अधीनस्थ कर्मियो के माध्यम से प्राप्त प्रार्थना पत्रों की स्थलीय जांच सुनिश्चित करायेगे। अपर नगर मजिस्ट्रेट स्तर से पर्यवेक्षण किया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

महावीर की चाल सपा और भाजपा मंे चुनावी विसात का टकराव

Posted on 25 May 2011 by admin

जनपद हरदोई की शियासत को दो दशक तक भाजपा की नैया के खेवनहार महावीर सिंह का हृदय परिवर्तन हुआ और वह सपा में शामिल हो गए। कुंवर महावीर सिंह 1991 व 93 मेें भाजपा के टिकट पर विधायक रहे। और एक बार फिर जिलाध्यक्ष की कमान भी संभाली। भाजपा हाईकमान के अति विश्वसनीय साथी कुंवर महावीर सिंह को पराजय के बावजूद 1996 में 2002 में विधानसभा के चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रहे थे। और 2012 में उनकी उम्मीदवारी तय मानी जा रही थी। परंतु कुछ दिन पहले अचानक वह भाजपाई से टाटा करके सपाई बन गए। भाजपा को करारा झटका लगा। वह उबरने की कोशिश कर रही थी। इस हादसे से हालाकिं जिलाध्यक्ष भाजपा राजीव रंजन किसी भी प्रकार के नुकसान से इंकार कर रहे है। जिसकी भरपाई न हो सके। सपा की राजनीति करवट ले रही है लखनऊ से आई खबरों ने हलचल मचा दी। संडीला विधानसभा के सपाई दावेदार पूर्व एमएलसी अवध कुमार बागी एल्पसंख्यक नेता शराफत अली और कंुवर वीरेंद्र सिंह की दावेदारी सम्भावित खतरे की ओर इशारा कर रही है। रणनीतिकार इसे अच्छा नहीं मान रहे है। पूर्व एमएलसी अवध कुमार बागी 1989 में जनता के टिकट पर चुने गए थे वह भी भाजपा सपा और बसपा तीनों दलों की यात्रा कर चुके है। और अब फिर सपाई बनकर राजनीति को दिशा दे रहे है। हालाकिं मुलायम के दौरे पर अपने यहां कार्यालय का उद्घाटन करवाकर अपना दावा मजबूत बता रहे थे। परंतु अब शतरंज की बिसात पर कौन मोहरा कामयाब होगा यह संडीला विधानसभा की जनता तय करेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

तीन सूत्रीय मांग काकेमऊ प्रकरण पर हो कार्रवाई - संदीप पाण्डेय

Posted on 25 May 2011 by admin

विकास खंड ग्राम पंचायत काकेमऊ में मनरेगा के तहत विकास कार्यो पर हुए कार्यो पर गोलमाल प्रकरण की वजह से 25 मई से आमरण अनशन की घोशणा करने की चेतावनी देने वाले मैग्सेसे पुरस्कार विजेता डा. संदीप पाण्डेय ने प्रशासन के सन्मुख तीन सूत्रीय मांग पत्र रखा है। जो एडीएम को जांच रिपोर्ट सौपी गई उसमें पहली जांच जिलाधिकारी द्वारा दूसरी जांच शासन स्तर से अपर आयुक्त ग्राम विकास के स्तर से निश्चित की गई है। संदीप पाण्डेय ने कहा कि डीडीओ जनसूचना अधिकारी द्वारा पूर्व में तीन सदस्यीय अधिकारियों की कमेटी जांच रिपोर्ट दे दी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर 6,90,400 रूपए का भुगतान मजदूरांे पर बिना बैंक के खातों द्वारा लिया गया है। जब कि मस्टररोल में 2,24,500 रूपए के संलग्नक भी लगाए गए हैं। इसी आधार पर शेष धनराशि पर 4,65,900 का प्रमाण भी दिया गया है। रविवार को आशा आश्रम मनरेगा के मजदूरों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर ग्राम विकास आयुक्त के निर्देश पर जिलास्तर से आए तकनीकी सहायक महेश तिवारी धर्मेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि संपर्क मार्गो से निर्माण कार्य 12.5 प्रतिशत का टालरेंश है। जबकि ड्रेन और तालाबों को कोई टालरेंश नहीं है। पूर्व की जांच में काकेमऊ मनरेगा मंे 6 लाख रूपए से अधिक का गोलमाल मिला। जबकि 56,059 रूपए ही दिखाया गया जिससे व्यय राशि 5.1 प्रतिशत होने से गबन की श्रेणी से पृथक कर दिया गया काकेमऊ में संपर्क मार्ग पर 83,000 संपर्क मार्ग के अलावा शेष करीब 11 लाख से अधिक की धनराशि ड्रेन की खुदाई पर बताई जा रही हैं इसलिए संदीप पाण्डेय ने मनरेगा के गोलमाल को सार्वजनिक करने की मांग उठाई। तथा तीसरी मांग में काकेमऊ प्रकरण जांच गैर सरकारी सदस्यों को शामिल किया जाए।जिससे लोगों में विश्वसनीयता कायम हो। गैरसरकारी सदस्यों में हरदोई के राधेश्याम कपूर, पूर्व एसपी अवकाश प्राप्त नसीम,पूर्व आईजी एसआर दानापुरी, सर्तकता विभाग पोष्ट आफिस के देवेद्र दीक्षित तथा विद्युत विभाग के अवकाश प्राप्त इंजीनियर टीपी सिंह का नाम भी इनमें शामिल किया जाएं।इधर केंद्र सरकार से ग्राम विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमिता श्रीवास्तव के पत्र पर प्रदेश की प्रमुख सचिव ग्राम विकास की तरफ से अपर आयुक्त एनके अग्निहोत्री को काकेमऊ प्रकरण की जांच सौपी गई। शासन और प्रशासन दोनों में जांच पक्षकारों अधिकारियों के बयान लेने में तेजी लाने की बात संदीप पाण्डेय ने स्वीकार की है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2011
M T W T F S S
« Apr   Jun »
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031  
-->









 Type in